गुरुवार, 23 सितंबर 2021

स्वावलम्बन कैम्प में जुटे लोग

महिलाओं-बच्चों को दी  योजनाओं की जानकारी


वाराणसी,23 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)। मिशन शक्ति  के तहत जिले के सभी विकास खण्डों में बृहस्पतिवार को स्वावलम्बन कैम्प का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं और बच्चों को उनके लिए चलायी जा रहीं योजनाओं  के बारे में जानकारी दी गयी। इसके साथ ही बच्चों और महिलाओं की हितकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनसे आवश्यक औपचारिकताएं भी पूरी करायी गयीं | 

स्वावलम्बन कैम्प में महिला एवं बाल विकास, बेसिक शिक्षा व  स्वास्थ्य  विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में  विस्तार से जानकारी दी। पति की मृत्यु उपरान्त मिलने वाली निराश्रित महिला पेंशन योजना के अलावा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में बताया गया। इसके साथ ही योजना के दायरे में आने वाले लोगों से औपचारिकताएं पूरी करायी गयीं । सेवापुरी में लगे स्वावलम्बन कैम्प में अपनी बेटी दिव्या के लिए कन्या सुमंगला योजना के लिए आवेदनपत्र भरने के बाद बबिता ने बताया कि यह कैम्प उनके लिए काफी लाभकारी रहा। यहां आने से उनकी बेटी का कन्या सुमंगला योजना का फार्म आसानी से भर गया, इसके लिए उन्हें कहीं भटकना नहीं पड़ा। सेवापुरी में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियो को भाजपा के जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा  ने प्रमाणपत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में महिला शक्ति केन्द्र की प्रभारी रेखा श्रीवास्तव के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार, संतोष समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

Airtel यानी 49 में पूरे महीने बात


Airtel का यह प्लान जरूर देगा बजट को राहत

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। Airtel ने सबसे सस्ते प्री-पेड प्लान को रीलॉन्च किया है। यह प्लान 49 रुपये में आता है। जिसे कंपनी ने कुछ वक्त पहले अचानक बंद कर दिया था। इसके बाद 79 रुपये वाला प्लान Airtel का सबसे सस्ता प्री-पेड प्लान बन गया था। हालांकि Airtel की तरफ से दोबार से 49 रुपये को लॉन्च किया गया है। Airtel के 49 रुपये वाले प्री-पेड प्लान में री-लॉन्च के बाद क्या बदलाव हुये हैं।


Airtel का 49 रुपये वाला प्लान  Airtel की तरफ से 49 रुपये वाले प्लान को 28 दिनों की वैधता के साथ पेश किया गया है। इसमें यूजर्स को 100MB डेटा मिलता है। वही डेटा लिमिट खत्म होने के बाद ग्राहकों से 50 पैसे प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज किया जाता है। वही कॉलिंग के लिए 38.52 रुपये का टॉक-टाइम मिलता है। टॉक टाइम लिमिट खत्म होने के बाद ग्राहकों से 2.5 पैसे प्रति सेकेंड के हिसाब से चार्ज किया जाएगा।

बाहर से नहीं आ पायेंगे ज़ायरीन


ऑनलाइन मनेगा बरेली में आला हजरत का उर्स

बरेली 23 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)| उत्तर प्रदेश के बरेली में दो अक्टूबर से शुरू होने वाला आला हजरत का तीन दिवसीय उर्स इस साल भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुये ऑनलाइन ही मनाया जाएगा।

अपर जिलाधिकारी (नगर) महेंद्र कुमार सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि उर्स के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जायगा। उर्स के लिए जो भी आवश्यक तैयारियाँ की जानी हैं, उसके लिए नगर निगम व विद्युत विभाग निर्देशित कर दिया गया है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी आला हजरत उर्स को ऑनलाइन मनाया जाए।

उन्होंने आयोजकों से कहा कि उर्स में बाहर से आने वाले लोगों को पहले से ही सूचना दे दी जाए, जिससे उर्स के समय ज्यादा भीड़ एकत्रित न हो। उर्स के मद्देनजर सड़क का दुरूस्तीकरण एवं चौड़ीकरण का प्रयास किया जा रहा है। उर्स के दौरान कोई समस्या आने पर सम्बन्धित अधिकारी से सम्पर्क के लिये निर्देशित किया गया है। उर्स में पानी, प्रकाश, बैरीकेटिंग, अस्थायी शौचालय, एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था पूर्ण किए जाने को सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि आला हजरत उर्स के समय पुलिस व्यवस्था पूरी तरह सतर्क रहेगी। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की गाइडलाइन के चलते पिछले साल भी लाखों की संख्या में जायरीन आये थे।

बुधवार, 22 सितंबर 2021

कलाम मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के महानगर अध्यक्ष



वाराणसी 22 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। समाजवादी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अनुमति से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की स्वीकृति से, प्रदेश अध्यक्ष अनीश रज़ा ने मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड का महानगर अध्यक्ष अब्दुल कलाम कुरैशी को नियुक्ति किया गया है। 

सपा नेता व मुख्य सचेतक सपा पार्षद दल नगर निगम वाराणसी हारुन अंसारी ने यह जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड अनीस राजा का शुक्रिया अदा किया।

 हम वोट भी बढ़ाएंगे, बुथ भी जिताएंगे

इस अभियान के तहत महानगर के सभी विधानसभाओं में कैंप लगाकर यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ता एवं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, नेता वोट बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। जिसमें पार्षद व पूर्व पार्षदों की भी सहभागिता बनी हुई है एवं लगभग 4000 फार्म आवेदन वोटर आईडी कार्ड के लिए भरे जा चुके हैं। समाजवादी पार्टी पार्षद दल द्वारा भी ऑनलाइन वोटर कार्ड बनवाने के लिए कैंप वार्डो में लगाया जाएगा। 

हो रही थी हल्दी की रस्म, आज होनी थी शादी


मण्डप में पहुंच कर रोका बाल विवाह

मिशन शक्ति’ अभियान में मिली बड़ी सफलता

वाराणसी, 22 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)। दुर्गाकुण्ड क्षेत्र में एक किशोरी के बाल विवाह कराने का प्रयास, चाइल्ड लाइन की सक्रियता से विफल हो गया। फिलहाल किशोरी को एक ‘शेल्टर होम’ में रखा गया है और उसका चिकित्सकीय परीक्षण कराया जा रहा है। इस बाल विवाह को रोकने को प्रदेश में चल रहे ‘मिशन शक्ति’ अभियान में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर पर मंगलवार की दोपहर किसी ने सूचना दी कि दुर्गाकुण्ड क्षेत्र की मलिन बस्ती में रहने वाली लगभग 14 वर्षीय किशोरी का बाल विवाह हो रहा है। सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन के निदेशक मजू मैथ्यू ने जिला बाल कल्याण अधिकारी निरूपमा सिंह से संपर्क  किया। इसके बाद चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम भेलूपुर पुलिस को साथ लेकर दुर्गाकुण्ड मलिन बस्ती पहुंची। इस टीम में अभय, प्रेरणा, आजाद, रामप्रताप, वंदना व राजकुमार शामिल थे। यह टीम जब पुलिस के साथ वहां पहुंची तब वहां मण्डप में किशोरी के हल्दी का रस्म चल रहा था। बाल विवाह के प्रयास को पुलिस के सहयोग से फ़ौरन रोक दिया गया। पूछताछ में पता चला कि कुछ साल पहले  किशोरी के पिता का निधन हो गया। उसकी मां सफाईकर्मी हैं और वह नशे की आदती हैं । इस वजह से किशोरी अपने भाई-भाभी के पास रह रही थी। इस बीच उसकी शादी लंका निवासी युवक से तय कर दी गयी थी। किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। समिति के निर्देश पर उसे महमूरगंज स्थित एक शेल्टर होम में रखा गया है।

 बाल कल्याण अधिकारी निरूपमा सिंह ने बताया कि किशोरी पढ़ी-लिखी नहीं है। न ही उसके पास आयु का कोई  प्रमाणपत्र मिला। फिलहाल उसकी शादी रोक दी गई है। किशोरी के वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए उसका मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है। इसके बाद आगे की करवाई की जाएगी।

 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम

किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका की 18 साल की उम्र होने के बाद ही शादी की जा सकती है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जायेगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होेने पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।

काशी की बेटी श्रुति ने जीता “पब्लिक पीस प्राईज”

श्रुति ने विश्व स्तर पर बढाया काशी और भारत का गौरव

वाराणसी 22 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)| अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर, पब्लिक पीस प्राईज टीम  ने 2020-21 संस्करण के विजेताओं की घोषणा की है। यह पुरस्कार दुनिया का एकमात्र ऐसा सम्मान है जो लोगों की मान्यता पर ध्यान केंद्रित करने और शांति के लिए काम करने वालो के पहल पर केंद्रित है, जो कि जनता द्वारा ही प्रस्तावित, नामित और मंजूर किया जाता हैं।

इस वर्ष, महामारी की अनिश्चितताओं के बावजूद, स्थानीय टीमों द्वारा प्रस्तावित और समर्थित 9 लोग नामांकन के बाद फाइनलिस्ट के रूप में नामांकित हुए थे। ये सभी इन 5 देशों कनाडा, कोलंबिया, भारत, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) और पाकिस्तान से चुने गए है।

बड़े गर्व की बात है कि इस पुरस्कार के लिए दुनियाभर से इन 9 चयनित लोगो में से 2 लोग भारत के है जिनमे से एक श्रुति नागवंशी बनारस की बेटी ने भी यह पुरस्कार जीत कर बनारस को विश्व पटल पर गौरान्वित किया है। 

ये सभी प्रतिभागी विभिन्न पीढ़ियों और संस्कृतियों से आते हैं। ये चुने गए शांतिदूत अपने समुदायों में टूटे हुए बंधनों का पुनर्निर्माण कर रहे हैं | गलतफहमी, असमानता और तनाव जो कभी-कभी सदियों पुराने होते हैं। वे शब्दों, रंगमंच, मानवाधिकार शिक्षा के माध्यम से ये कार्य कर रहे है।

श्रुति नागवंशी को यह पुरस्कार उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया है।



बताते चले कि श्रुति नागवंशी एक महिला और बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं और ग्रामीण महिलाओं सहित भारत में हाशिए के समूहों के लिए लगातार पैरवी कर रही हैं | वह मानवाधिकारों पर जननिगरानी समिति (पीवीसीएचआर) की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं साथ ही सावित्री बाई फुले महिला पंचायत, एक महिला मंच की संस्थापक हैं | इन्होने महिलाओं और अन्य समूहों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की पहल की है | सभी मानव जीवन और और उनके सम्मान के लिए दृढ़ विश्वास से उन्हें प्रेरित कर, शांति और न्याय के लिए आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हिंसा के हजारों पीड़ितों के जीवन को मानवीय गरिमा दिलाने और यातना मुक्ति के लिए लगातार काम कर रही है ।

काशी में नारी शक्ति की मिसाल बन चुकी हैं यह महादानी

करके रक्तदान इन्होंने बचाया दूसरों की जान

  •  श्रुति, श्वेता व ज्योति भी संकट में आती हैं जरूरतमंदों  के काम



 वाराणसी  सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)  रक्तदान कर दूसरों की जिंदगी बचाने  में उन्हें बड़ा  सुकून मिलता है। उनका मानना है कि रक्तदान से बड़ा दुनिया  में कोर्इ दान नहीं होता। इसी सोच को लेकर रश्मि अब तक 24 बार रक्तदान कर दूसरों की जान बचा चुकी हैं । रश्मि की ही तरह श्रुति, श्वेता व ज्योति भी रक्तदान करने वाली महादानियों में शामिल हैं। काशी में नारी शाक्ति का मिसाल बन चुकी ये महिलाएं संकट में फंसे लोगों के लिए रक्तदान कर उन्हें नई जिंदगी देने का वह  काम करती हैं।


 सहेली पर संकट ने बनाया रक्तदाता 

सुंदरपुर की रहने वाली रश्मि सिंह पेशे से अध्यापिका हैं। पांच वर्ष पूर्व हुए एक वाकये का वह जिक्र करती हैं जिसने उन्हें रक्तदाता बना दिया। वह बताती हैं-‘तब उनकी शादी नहीं हुर्इ थी। कालेज के दिनों की एक सहेली को डेंगू हो गया था। उसे देखने के लिए उस रोज वह अस्पताल गयी थीं। सहेली की जान बचाने के लिए डाक्टर ने फौरन ब्लड चढ़ाने के लिए बोला था लेकिन उसके परिवार में कोर्इ भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जो खून देने की स्थिति में हो। तब खून के अभाव में सहेली की सांस थमती देख उन्होंने निर्णय लिया कि वह खुद रक्तदान कर उसकी जान बचायेंगी। सहेली के लिए रक्तदान करने के साथ ही उन्होंने रक्तदान के महत्व को जाना और संकल्प लिया कि अब वह दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए बराबर रक्तदान करती रहेंगी। तब से वह हर तीसरे माह रक्तदान करती हैं। कोरोना काल में भी यह सिलसिला नहीं थमा। 

30 की उम्र में 24 बार रक्तदान 

रश्मि की उम्र महज 30 वर्ष है। इस उम्र में  अब तक वह 24 बार रक्तदान कर चुकी हैं। उनका खून किसी की जान बचाने में काम आ रहा है, यह सोच कर उन्हें  सुकून मिलता है। रश्मि बताती हैं, ‘शादी के बाद शुरू-शुरू में उनके ससुराल वालों ने उन्हें रक्तदान  से रोकने की कोशिश की पर वह चोरी-छिपे रक्तदान कर ही आती थीं । फिर उन्होंने  ससुरालवालों को समझाया कि यह कार्य कितना पुनीत और जरूरी है। तब वह लोग भी मान गये। अब तो उनके पति भी इस कार्य में उनका सहयोग करते हैं।

मजहब की दीवार ख़त्म करता  है रक्तदान

रश्मि सिंह कहती हैं  - रक्तदान, महादान तो है ही, इसके साथ ही यह जाति और मजहब की दीवार को भी मिटाता  है। जिस समय जान बचाने के लिए रक्त की जरूरत होती है उस समय इन सभी दुश्वारियों से लोग दूर हो जाते हैं । इसलिए रक्तदान इन्सानियत से नाता जोड़ने का भी एक माध्यम है।

 यह  भी हैं  महादानियों में शामिल 

अब तक 12  बार रक्तदान कर चुकी केशव बिहार, नर्इ बस्ती-पाण्डेयपुर की रहने वाली श्रुति जैन की कहानी भी रश्मि सिंह से काफी मिलती जुलती है । तीन वर्ष पहले वह मैदागिन से घर लौट रही थीं। कबीरचौरा के पास हुर्इ दुर्घटना के बाद जुटी भीड़ को देखकर उनके भी पांव ठिठक गये। हादसे में घायल युवक को लोग अस्पताल ले जाने लगे तो पीछे-पीछे वह भी वहां पहुंच गयी। उस युवक का उपचार चल ही रहा था कि वहां उन्हें एक बुजुर्ग लोगों से गिड़गिड़ाते हुए दिखे । अस्पताल में भर्ती इस बुजुर्ग की बेटी की जान बचाने के लिए खून की जरूरत थी। बेटी के प्राण बचाने के लिए वह बुजुर्ग लोगों से मिन्नतें कर रहे थे,  पर सब उनकी बातों को अनसुनी कर दे रहे थे। श्रुति जैन बताती हैं ‘बुजुर्ग की स्थिति भांपकर मैने रक्तदान की अहमियत समझी। उनकी बेटी के लिए उस रोज किये गये रक्दान से जो सिलसिला शुरू हुआ वह आज भी जारी है। अब तो वह बाकायदा रक्तदान शिविरों का आयोजन करती हैं । इसमें उनकी कर्इ सहेलियां बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं।’ श्रुति से ही प्रेरणा लेकर चौक क्षेत्र की रहने उनकी सहेली श्वेता अग्रवाल भी कर्इ वर्ष से रक्तदान कर रहीं हैं। ज्योति, वंदना भी वह नाम हैं  जो लगातार रक्तदान करते हुए महादानियों में शामिल होकर शिव की नगरी काशी में नारी शक्ति की मिसाल बन चुकी हैं ।

 रक्त दान से लाभ

रक्तदान दूसरों की जिंदगी तो बचाता ही है, खुद की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। मण्डलीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रसन्न कुमार कहते हैं रक्दान से कैंसर व मोटापे का खतरा तो कम होता ही है यह दिल की बीमारियों से भी बचाता है। रक्तदान के बाद शरीर की कोशिकाएं ज्यादा लाल रक्त कोशिकाओं के  निर्माण में जुट जाती है जो सेहत को सुधारता है। रक्दान से तुरंत पहले के हेल्थ चेकअप में हीमोग्लोबिन के स्तर का पता तो चलता ही है यदि कोइ संक्रमण होता है तो उसकी भी जानकारी मिल जाती है।

 यहां कर सकते हैं रक्दान

जिले में कुल 12 ब्लड बैंक हैं। इनमें कभी भी रक्तदान किया जा सकता है। किसी हादसे में घायल या अन्य जरूरतमंद को इन ब्लड बैंकों से  रक्त प्राप्त हो जाता है। जिले में कई स्वंयसेवी संस्थाएं भी सक्रिय हैं हो जो समय-समय पर रक्दान शिविरों का आयोजन कर इन सभी ब्लडबैंकों में रक्त जमा कराती हैं। इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी रक्तदान के लिए भी अभियान चलाए जाते हैं।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...