शनिवार, 5 जून 2021

कोरोना महामारी के दौर में मानव व पर्यावरण के संबंधों पर पुनर्विचार की जरूरत


प्रकृति का संतुलन बरकरार रखने के लिए वृक्षारोपण जरुरी

पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो आचरण भी शुद्ध रहेगा:पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार 

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण बेहद जरुरी है। वृक्ष न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि जीवन के लिए उपयोगी प्राणवायु भी उपलब्ध कराते हैं।  कोरोना महामारी ने भी यही चेताया है कि पर्यावरण से खिलवाड़ घातक है। ऐसे में सम्पूर्ण धरा और प्रकृति को सुरक्षित व संतुलित रखने हेतु हमें पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग बनाना होगा। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर वाराणसी कैण्ट प्रधान डाकघर कैम्पस में पौधारोपण करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर डाक विभाग के तमाम अधिकारियों - कर्मचारियों ने भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 

पोस्ट मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, कोरोना महामारी के दौर में मनुष्य और पर्यावरण के संबंधों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।  भारतीय परंपरा में पेड़-पौधों को परमात्मा का प्रतीक मान कर उनकी पूजा का विधान बनाया गया  है। पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो आचरण भी शुद्ध रहेगा। पर्यावरण को शुद्ध और प्रदूषण मुक्त रखने में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह एक पौधा अवश्य लगाए। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री  कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर डाककर्मियों  से पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण और उसके चलते पैदा हो रही विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित करके हर डाककर्मी से पौधारोपण द्वारा उनके निवारण में भागीदार बनने का भी आह्वान किया। श्री यादव ने कहा कि हमारी परंपरा में एक वृक्ष को दस संतानों के समान माना गया है, क्योंकि वृक्ष पीढ़ियों तक हमारी सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण और उनके रक्षण के  दायित्व का निर्वाह कर सृष्टि को भावी विनाश से बचाया जा सकता है ।   

इस अवसर पर वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय कुमार वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन,  सहायक डाक अधीक्षक अजय कुमार, जाँच निरीक्षक श्रीकांत पाल,  कैण्ट प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर रमाशंकर वर्मा, राजेंद्र यादव, श्री प्रकाश गुप्ता, राकेश कुमार सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

Plantation is necessary to save the environment - Postmaster General Krishna Kumar Yadav


Varanasi(dil india live). Plantation is very important to save the environment.  Trees not only purify our environment, but also provide fresh air for life.  The corona pandemic has also warned that playing with the environment is fatal.  In such  situation, to keep the entire earth and nature safe and balanced, we have to make people aware of the environment.  The above words were expressed by the Postmaster General of Varanasi Region, Shri Krishna Kumar Yadav while planting saplings in the Varanasi Cantt Head Post Office campus on 'World Environment Day'.  On this occasion, many officials of the Postal Department also gave the message of environmental protection by planting saplings following the covid protocol.

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that there is a need to reconsider the relationship between human being and environment in the era of corona pandemic.  In Indian tradition, trees are worshiped as God.  If the environment is pure, then the behavior will also be pure.  Trees play an important role in keeping the environment clean and pollution free. It is the responsibility of every person to plant a sapling.

On this occasion, Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav also called upon the postal employees to draw their attention towards the increasing pollution in the environment and the anomalies arising due to it, and also called upon every postal employee to become a partner in their redressal by planting saplings.  Shri Yadav said that in our tradition, one tree is considered equal to ten children, because trees serve us for generations.  He said that by fulfilling the responsibility of planting trees and protecting them, the world can be saved from future destruction.

On this occasion, Superintendent of Post Office Varanasi West Division Sanjay Kumar Verma, Assistant Director Ram Milan, Assistant Superintendent of Posts Ajay Kumar,  Investigation Inspector Shrikant Pal, Postmaster of Cantt Head Post Office Ramashankar Verma, Rajendra Yadav, Shri Prakash Gupta, Rakesh Kumar along with many employees were present.

पर्यावरण दिवस पर जागरूक हुई काशी

आक्सीजन देते पेड़ को हमें बचाना होगा: अनिल जैन


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। विश्व पर्यावरण दिवस पर श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी के परमानंदपुर परिसर में पर्यावरण स्नेही एवम् नेपाल द्वारा पर्यावरण योद्धा सम्मान से सम्मानित, पीपल नीम तुलसी अभियान से जुड़े मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक डा ओपी चौधरी ने सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले और भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त देव वृक्ष पीपल का रोपण किया और रक्षा सूत्र बांधकर बकस्वाहा जंगल, छतरपुर, मध्य प्रदेश की रक्षा करने के संकल्प को दुहराया। 

महाविद्यालय के प्रबंधक श्री अनिल कुमार जैन ने सचल भाष के माध्यम से वृक्षों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पेड़ पौधे या समूची प्रकृति हमारे स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। आज हम इस महामारी के दौर में जितना अधिक प्रकृति के नजदीक रहेंगे, उतना ही ज्यादा महफूज रहेंगे। प्राचार्या डा कुमकुम मालवीय ने भी दूरभाष पर ही अपना संदेश दिया और कहा की प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारा पुनीत दायित्व है। डा मालवीय ने मुक्त कंठ से डा ओपी चौधरी के पर्यावरण के संरक्षण के सतत प्रयास की सराहना भी किया। पीपल नीम तुलसी अभियान के संस्थापक अध्यक्ष पटना (बिहार) निवासी डा धर्मेंद्र कुमार सिंह जो इस समय बकस्वाहा जंगल को कटने से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासरत हैं। सम्पूर्ण पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि समस्त भारत वर्ष में आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बकस्वाहा जंगल बचाओ अभियान के तहत यह कार्य किया जा रहा है।

1.सभी पर्यावरण योद्धा अपने क्षेत्र में वृक्षों पर रक्षा सूत्र बांधेगे।

2.11 बजे से INDIA WITH BUXWAHA FOREST ट्विटर पर ट्रेंड होगा।

3.पोस्ट कार्ड अभियान की शुरुआत।

4.शाम को बकस्वाहा जंगल बचाने के लिए अपने अपने घरों पर दीप प्रज्ज्वलित किया जायेगा।

वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ ही डा ओ पी चौधरी ने बताया कि बकस्वाहा जंगल मध्य प्रदेश के छतरपुर जनपद में है,जो 362 एकड़ में फैला हुआ है, उसको हीरे की खदान के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 50 वर्ष की लीज पर दे दिया है।हीरे की खदान के लिए 2.15 लाख पेड़ काटे जायेंगे जिसका विरोध पूरे देश के पर्यावरण प्रेमी कर रहे हैं। आज का यह कार्यक्रम उसी कड़ी में आयोजित किया गया है। वैसे महाविद्यालय में प्रतिवर्ष वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है। इस अवसर पर छविनाथ, सुनील, शमशेर, शिवधनी, इजहार, बेचू राम,चंद्रकांत आदि उपस्थित रहे, सभी ने एक सुर से पर्यावरण संरक्षण हेतु अपनी प्रतिबद्धता दुहराई।

बुधवार, 2 जून 2021

एक दिन का वेतन क्यों दें शिक्षक



वेतन कटौती न हो, विरोध में उतरा शिक्षक संघ

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजिकृत1160) के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया कि मृतक शिक्षको के आश्रितों के सहायतार्थ कार्यरत शिक्षको के एक दिन के वेतन की कटौती की जो बातें की जा रही है वो बिल्कुल निराधार और गलत व खिलाफ कानून है। पंचायत चुनाव में कोरोना महामारी से संक्रमित होकर दिवंगत हुए शिक्षकों शिक्षा मित्रों अनुदेशकों एवम कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार सरकारी नॉकरी एवम बीमार कर्मियों को 2 लाख रुपये की मांग यह संगठन दिनांक २३ मई को तथा इसके पूर्व भी कर चुका है। सरकार की अपील पर गत वर्ष शिक्षको ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया।इसके अतिरिक्त कोविड 19 से बचाव के लिए माह जनवरी 2020, जुलाई 2020 व जनवरी 2021 से मंहगाई भत्ता की किस्तो की धनराशि का भुगतान भी रोक दिया गया है इस प्रकार बेसिक शिक्षको के अनावश्यक रूप से रोके गए महंगाई भत्ते की क़िस्त तकरीबन 22000 करोड़ से अधिक सरकार के कोष में आज़ भी जमा है।

शिक्षको द्वारा अपने कर्त्तव्यो का सत्यनिष्ठा से पालन करने के साथ कोरोना महामारी में निरंतर आर्थिक रूप से सहयोग भी किया है किंतु दुख का विषय है कि जिन शिक्षको ने कोरोना जैसे भयंकर महामारी में तन मन धन से अपने जान की बाज़ी लगाकर सरकार के कार्यो में जनता के बीच निरंतर  सहयोग करने का काम किया।ऐसे वैश्विक महामारी में यह जानते हुए की संक्रमण से मृत्यु होना संभावित है बावजूद उसके उन्हें बिना किसी युक्तियुक्त सुरक्षा सामग्री  पंचायत के चुनाव में लगाया गया परिणामस्वरूप अब तक तकरीबन 1630 से ज्यादा शिक्षकों की मृत्यु भी हो गयी है तथा अभी भी निरंतर कोरोना से मरने की सूचना अन्य जनपदों से प्राप्त हो रहीं है जो दुर्भाग्यपूर्ण है दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा एलानिया तौर पर दिनांक 19/5/2021 को मात्र 03 शिक्षको की कोरोना से मृत्यु होने का बयान तमाम मीडिया चैनलों पर दिया गया जो अत्यंत दुःखद शर्मनाक और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की नापाक कोशिश है, जिसे कामयाब नही होने दिया जाएगा।सरकार द्वारा कोष में जमा धनराशि के बावजूद मृतक पीड़ित परिवार को अभी तक मुआवजा की धनराशि उपलब्ध नही कराई है जो कष्टप्रद है उन्होंने आगे कहा कि कतिपय स्वयंभू संगठन द्वारा दिवंगत शिक्षकों शिक्षा मित्रों अनुदेशकों व कर्मचारियों के हित को दर किनार करने की साजिश के साथ प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के एक दिन के वेतन कटौती का फरमान बिना किसी अध्यापक की सहमति के जारी करना किसी भी दशा में न्याय संगत और समीचीन नही है ऐसे संघठनों का इतिहास रहा है कि पहले संघर्ष की घोषणा की जाती है और बाद में शिक्षक हित को ताक पर रखकर संघर्ष को गुपचुप तरीके से वापस लेने की प्रक्रिया अपनाते हुए शिक्षको की  भावनाओ के साथ खिलवाड़ किया जाता है जो किसी भी दशा में सर्वमान्य नही है और न ही किसी भी दशा में होने का सवाल ही उठता है उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई शिक्षक स्वेच्छा से अपने  शिक्षक परिवार की मदद कर रहे है तो ये उनकी अपनी मर्ज़ी है किन्तु कोई भी शिक्षक अपने वेतन से ऐसे किसी के उदघोष पर इस प्रकरण में अपने एक दिन के वेतन की कटौती पर सहमत नही है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की हठ धर्मिता गलत और तुगलकी आदेश के अनुपालन में ही प्रदेश में 1630 से ज्यादा कर्मी  काल के गाल में समा गए है उनको कमपनसेट करने आर्थिक सहायता मुआवजा एवम योग्यतानुसार आश्रित परिवार के एक सदस्य को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने की वैधानिक रूप से सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व निर्वाचन आयोग की बनती है। प्रदेश अध्यक्ष साहू ने इस आशय का पत्र बेसिक शिक्षा महानिदेशक को लिखकर जनपद के समस्त जिलों के वित्त एवम लेखाधिकारी को शिक्षको के वेतन से इस परिप्रेक्ष्य में किसी भी प्रकार की कटौती न किये जाने के लिए आदेश जारी करने  तथा बिना किसी युक्तियुक्त कारण से विगत 18 माह से शिक्षकों एवम कर्मचारियों पर लागू किये जाने वाले एस्मा कानून को वापस लिए जाने की मांग की है इस आशय का पत्र उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग को भी प्रेषित कर रखा है।

मंगलवार, 1 जून 2021

सोमनाथ आदि ज्योतिर्लिंग मंदिर का प्रसाद भी पाये घर बैठे


डाक विभाग की पहल : ₹ 251 में मँगाये प्रसाद

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों के लिए मंदिरों में जाना मुश्किल है। ऐसे में डाक विभाग ने पहल करते हुए तमाम प्रमुख मंदिरों के प्रसाद को स्पीड पोस्ट द्वारा भिजवाने की व्यवस्था की है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी के बाद अब गुजरात के पाटन में स्थित श्री सोमनाथ आदि ज्योतिर्लिंग मंदिर का प्रसाद भी श्रद्धालु घर बैठे स्पीड पोस्ट से मंगा सकेंगे। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।

इस तरह मंगवाये प्रसाद

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की भाँति श्री सोमनाथ ट्रस्ट ने भी कोरोना महामारी के समय श्रद्धालुओं को घर बैठे प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए भारतीय डाक विभाग से समझौता किया है। इस समझौते के तहत कोई भी श्रद्धालु मैनेजर, श्री सोमनाथ ट्रस्ट, प्रभास पाटन, जिला- जूनागढ़, गुजरात - 362268 को 251 रूपये का ई-मनी ऑर्डर कर स्पीड पोस्ट द्वारा प्रसाद मँगा सकता है। इस  ई-मनीऑर्डर पर "प्रसाद के लिए बुकिंग' अंकित करना होगा। तदोपरांत श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा द्वारा संबंधित श्रद्धालु को 400 ग्राम का प्रसाद का पैकेट स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा जायेगा।  इस प्रसाद में 200 ग्राम बेसन लड्डू, 100 ग्राम तिल की चिक्की और 100 ग्राम मावा की चिक्की रहेगी। यह प्रसाद स्पीड पोस्ट के माध्यम से श्रद्धालु के घर पर शीघ्रता से वितरित किया जायेगा।

जानिये भाजपा ने डा. जावेद के साथ क्या किया

डॉ. जावेद बने अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व हज कमेटी ऑफ इण्डिया के पूर्व सदस्य डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की लग्न और पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए पार्टी ने उन्हे इसका सिला दिया हैं। उन्हे भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है। 

डॉ. जावेद ने बी.एच.यू. से सांख्यिकी विषय में एम.एस.सी. और पी.एच.डी. किया है। विद्यार्थी जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में वो सक्रिय रहे। तत्पश्चत अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र का प्रभारी, प्रदेश प्रशिक्षण प्रभारी, प्रदेश महामंत्री, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य की जिम्मेदारी निभाई। भाजपा काशी क्षेत्र की कार्यकारिणी के सदस्य के दायित्व को तीन वर्षों तक निभाया। पिछले कई लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के संचालन के लिए बनी कमेटियों में भी रहने का अवसर उन्हें मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के लिए भी डॉ. जावेद ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया। 2016-2020 तक कुल चार वर्षों के लिए मुसलमानों के लिए देश की सबसे बड़ी कमेटी यानी हज कमेटी ऑफ इण्डिया के सदस्य का भी जिम्मेदारी का पूरी


दायित्व निभाया। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य के रूप में भी तीन साल तक काम किया। अपनी उच्च शिक्षा, साफ सुथरी ईमानदार छवि व इस्लाम की मूल भावनाओं के साथ काम करने के कारण वाराणसी समेत पूर्वांचल के मुसलमानों के बीच अच्छी लोकप्रियता रखते हैं। डॉ. जावेद वाराणसी के बजरडीहा स्थित अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय का संचालन भी पिछले 18 वर्षों से कर रहे हैं। इनके मनोनयन पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व एम.एल.सी. लक्ष्मण आचार्य, मंत्रिद्व्य डॉ. नीलकंठ तिवारी व रवींद्र जायसवाल, एम.एल.सी. अशोक धवन, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, क्षेत्रिय अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा समेत बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बधाई व शुभकामनाएं दी है एवं अच्छे भविष्य की कामना की है।

सोमवार, 31 मई 2021

जि‍लाधि‍कारी ने जारी की नयी गाइडलाइन्‍स

वाराणसी में अब शाम 4 बजे तक खुल सकेंगी ये दुकानें 


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। जि‍लाधि‍कारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी जि‍ले के सम्पूर्ण क्षेत्र के लि‍ये नये आदेश जारी कर दि‍ये हैं। इसमें वि‍भि‍न्‍न दुकानों और प्रति‍ष्‍ठानों को शाम चार बजे तक खोलने की अनुमति‍ दी गयी है। इन आदेशों के अंतर्गत 

 1. जनसामान्य व उनके वाहनों का आवागमन व जनसामान्य का मेडिकल कारण या सामान खरीदने के अलावा घर से बाहर निकलना प्रतिबन्धित किया जाता है। 

 2. जनपद वाराणसी में समस्त प्रकार की दुकान, शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स, माॅल, व्यापारिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान, धार्मिक प्रतिष्ठान जो नीचे उल्लिखित श्रेणी से बाहर हैं, बंद रहेंगे। किसी भी तरह की सार्वजनिक व धार्मिक गतिविधियां प्रतिबंधित रहेगी। 

 3. इस दौरान दूध, सब्जी, ब्रेड, बेकरी के सभी उत्पादों के आउटलेट, भोजन सामग्री की दुकानें, अनाज-गल्ले की रिटेल दुकानें, मिठाई की दुकानें, आबकारी दुकानें, सब्जी मण्डी/फल मण्डी व इनकी फुटकर दुकानें आदि अपरान्ह 04.00 बजे तक सोशल डिस्टेंसिंग के पालन तथा सेनेटाइजर एवं मास्क के प्रयोग की अनिवार्यता के साथ खोली जा सकती हैं। 4. जनपद में चल रहे निर्माण कार्यों से सम्बन्धित विद्युत, हार्डवेयर एवं बिल्डिंग निर्माण सामग्री की दुकानें अपरान्ह 04.00 बजे तक सोशल डिस्टेंसिंग के पालन तथा सेनेटाइजर एवं मास्क के प्रयोग की अनिवार्यता के साथ खोली जा सकती हैं। 5. जनपद में इलेक्ट्रानिक दुकानें, इलेक्ट्रिक दुकानें, घड़ी की दुकानें व मोबाईल की दुकानें अपरान्ह 04.00 बजे तक सोशल डिस्टेंसिंग के पालन तथा सेनेटाइजर एवं मास्क के प्रयोग की अनिवार्यता के साथ खोली जा सकती हैं। 6. आगामी बोर्ड परीक्षा के दृष्टिगत जनपद में स्टेशनरी की दुकानें व कॉपी-किताब की दुकानें अपरान्ह 04.00 बजे तक सोशल डिस्टेंसिंग के पालन तथा सेनेटाइजर एवं मास्क के प्रयोग की अनिवार्यता के साथ खोली जा सकती हैं।7. मेडिकल दुकानें, मेडिकल आपूर्ति, सर्जिकल दुकानें, चश्में की दुकानें, मेडिकल टेस्ट व ब्लड टेस्ट जांच करने वाली लैब, ब्लड कलेक्शन सेंटर एवं उनके आफिस, निजी व सरकारी मेडिकल व प्राइवेट प्रैक्टिस वाले क्लीनिक, अस्पताल, एम्बुलेंस, हॉस्पिटल को होने वाली सामग्रियों की आपूर्ति, आपात चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्ति व अन्य मेडिकल सेवाएं इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगी। मेडिकल सप्लाई की आवश्यकताओं के दृष्टिगत सभी कुरियर, ई-काॅमर्स, ट्रांसपोर्ट आफिस, गोदाम व उनके कर्मचारी व वाहन इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। 8. पेट्रोल पम्प, गैंस एजेंसी, आक्सीजन गैस के वेंडर्स/सप्लायर्स, न्यूज पेपर वेंडर इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।9. औद्योगिक गतिविधियां, सरकारी निर्माण कार्य, सरकारी कार्यालय इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। 

 10. इस दौरान आवागमन के सरकारी व निजी साधनों, टैक्सी, आटो, ई-रिक्शा आदि पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। 11. बीज व खाद की दुकानें, कीटनाशक दवाओं की दुकानें, कृषि यन्त्रों से सम्बन्धित दुकानें, कोटे की उचित दर की दुकानें व गेहूॅं क्रय केन्द्र इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। 

 12. दूरसंचार सेवाएं, डाक सेवा, प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया तथा इंटरनेट सेवा से जुड़े व्यक्ति इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। 13. इस दौरान यात्रीगण, मरीज, कोविड टेस्ट कराने वाले व्यक्तियों तथा वैक्सीनेशन कराने वाले व्यक्तियों के आवागमन व इनके वाहनों/टैक्सी/आटो/व ई-रिक्शा पर प्रतिबंध नहीं होगा। 14. सरकारी कर्मचारीगण अपने कर्मचारी पहचान पत्र के साथ और सभी शहर से गुजरने वाले मालवाहक वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। बस स्टैैंड, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट के यात्रीगण अपनी टिकट के साथ प्रतिबंध से मुक्त होंगे। 

 15. बैंकों, बीमा कम्पनियों, भुगतान प्रणालियों व अन्य वित्तीय सेवा प्रदाता कम्पनियाॅं प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। बैंक/वित्तीय सेवाओं के कर्मचारियों को उनकी आई0डी0 के आधार पर आने-जाने हेतु रोका न जाये तथा बैंक की अवधि में खुले रहने पर उनके कामकाज में बाधा न डाली जाए। 16. केवल ऐसे रेस्टोरेंट/होटल, होम डिलीवरी करने वाली कम्पनियों जैसे स्वीगी और जोमेटो के किचन जो विभिन्न सरकारी विभागों एवं कोविड तथा नाॅन कोविड मरीजों और डाॅक्टरों के खान-पान की सप्लाई आनलाईन आर्डर लेने के पश्चात करते हैं, को आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी के लिए आने-जाने की छूट रहेगी। 17. रोडवेज की बसों में सोशल डिस्टेंन्सिंग के पालन के साथ ही सेनेटाइजर एवं मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा। . 18.विद्युत विभाग के ऐसे कर्मचारी जो मीटर रीडरों द्वारा मौके पर उपभोक्ताओं की रीडिंग कर विद्युत बिल उपलब्ध कराने, बिलिंग सेन्टरों पर कार्यरत कार्मिकों तथा विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से संबंधित है, को कोरोना कर्फ्यू तथा साप्ताहांत कर्फ्यू एवं लाॅकडाउन में प्रतिबंधों से मुक्त किया जाता है। इन कर्मचारियों का विभागीय परिचय-पत्र ही पास माना जाये। यदि किसी भी ऐसे कर्मचारी के पास विभागीय परिचय-पत्र नहीं है, तो सम्बन्धित अधिकारी द्वारा तत्काल इनका विभागीय परिचय-पत्र बनाया जाये। इन समस्त कर्मचारियों द्वारा मास्क, फिजिकल डिस्टेन्सिंग एवं अन्य कोविड प्रोटोकाॅल का अनुपालन करते हुए ही कार्य किया जाये। 19. जनपद में प्रत्येक व्यक्ति मास्क अवश्य लगाएगा तथा 2 गज सोशल डिस्टेन्सिंग का प्रत्येक जगह पालन करेगा। साथ ही महामारी अधिनियम के अन्य प्रावधानों का पालन करेगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की कार्यवाही बढ़ाई जाएगी। यह आदेश महामारी अधिनियम 1897 (अधिनियम संख्याः 3 सन् 1897) व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियिम-2005 के क्रम में जारी किए जा रहे हैं। आदेश में वर्णित प्रतिबन्धों की अवहेलना किये जाने पर महामारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी। 

चॅूंकि स्थिति की गम्भीरता एवं तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए उक्त प्रतिबन्धों को तत्काल प्रभावी किया जाना आवश्यक है और समयाभाव के कारण किसी अन्य पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करना सम्भव नही है, अतएव यह आदेश एक पक्षीय रुप से पारित किया जा रहा है। 


इस आदेश के उल्लंघन का संज्ञान जनपद में तैनात पुलिस उप निरीक्षक स्तर से अथवा उससे वरिष्ठ किसी भी पुलिस अधिकारी तथा तहसीलदार व डिप्टी कलेक्टर से ऊपर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लिया जा सकेगा। 

आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार थानाध्यक्षों/प्रभारी निरीक्षकों/तहसीलदारो/खण्ड विकास अधिकारियों/अधिशासी अधिकारी स्थानीय निकायों एवं जिला सूचना अधिकारी वाराणसी द्वारा किया जायेगा। इस आदेश की एक प्रति प्रत्येक सरकारी कार्यालय एवं नगरीय स्थानीय निकाय के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक जानकारी हेतु अविलम्ब लगाई जायेगी।

हौसले की जीत

बनारस के बुनकर पीरवार की कहानी

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। असलम गरीब है, और वो गरीबी में रहते हुए भी अपनी बच्ची को खूब पढ़ाना चाहता है। उसकी सोच है कि बच्ची उसकी अधिकारी बनाने। किसी भी तरह बड़ी मुश्किल से परिवार का गुज़र बसर होता था, पर असलम यह ठान कर बैठ गया था कि वह अपनी बच्ची को जरुर बड़ा आदमी बनाएगा। किसी भी तरह कम फीस वाले स्कूल में बच्ची का एडमिशन (Admission)  तो करा दिया पर वह फीस देने में असमर्थ रहा।

बच्ची का नाम रुकैया अंसारी है , अब वह क्लास 6 में पहुच चुकी है तथा वह हर क्लास में प्रत्येक वर्ष टॉप पे टॉप (1ST Rank) करती गयी, और अपने माता पिता का नाम मोहल्ले में रोशन करती गयी। मोहल्ले में सभी रोकैय्या कि तारीफ़ करते गये, स्कूल के मास्टर भी तारीफ़ करने और इनाम देने से नही चुके जिसके चलते स्कूल में रोकैय्या और अब्बू का बहुत नाम हुआ|

क्लास 6 के बाद रोकैय्या को Drawing बनाने का शोक हुआ, कम उम्र में रोकैय्या Artist (Designer) बन चुकी थी। आर्ट में मन तो उसका अब लगता मगर पढ़ाई में नहीं। पीरणाम यह हुआ कि वो क्लास 10th में टाप नहीं कर पायी और 12th में फेल ही हो गई। अब असलम की समाज में, स्कूल में, जितनी इज्जत बनी थी सब पर पानी फिर गया। असलम की चारो ओर बुराई होने लगी, लोग आपस में बात करने लगे कि “चले थे अधिकारी बनाने” देखो कितनी बुरी तरह से फेल हो गई |

असलम ने रोकैय्या को प्यार से समझाया कि बेटा तुम्हे और मेहनत करने कि जरूरत है, कहते ही असलम बाहर चला गया और रोकैय्या उसी समय Drawing बनाने बैठ गई थोड़ी देर बाद असलम वापस घर आया देखा कि रोकैय्या Drawing बना रही है, असलम को गुस्सा आया रोकैय्या कि कापी ली और फाड़ दी, और बोले कि इसी कि वजह से तुम फ़ैल हो गई |

ये Drawing जीवन में कभी काम नहीं आने वाली, रुकैय्या रोने लगी और असलम बाहर चला गया , एक सप्ताह बाद असलम के घर पर दो अंग्रेज कपल आये। अंग्रेज को विदेश में साड़ी का शो रूम खोलना था जहा हिन्दुस्तानी लोग रहते है, वह साड़ी की खरीदारी करने बनारस आया था,बनारस कि साड़िया विश्व भर में बहुत मशहूर होती है, अंग्रेज असलम से जिस Design कि साड़ी कि मांग कर रहे थे, उसे असलम समझ नही पा रहा था , उसी समय रोकैय्या चाय लेके आती है, असलम बोला कि बेटा तुम इनकी बात समझ पा रही हो ? रोकैय्या बोली “हाँ ” 

अंग्रेज Design बताना शुरू किया ही था कि रोकैय्या ने उसे रोक दिया और अपने बेग में से Drawing कि कापी निकाली , ये देख कर असलम को गुस्सा आया पर चुप था, अंग्रेज बोलता गया , रोकय्या Design Scatch करती गयी | जब Design पूरी हुई तो अंग्रेज बोला “Yes This is” असलम बोला तैयार हो जाएगा, एक माह के अन्दर। अंग्रेज 50,000 हजार रु. असलम को Advance दिया और बोला कि बाकी भुगतान माल पूरा होने पर मिलेगा “ok” असलम बोला “ok”. अंग्रेज कपल वापस चले गये असलम के हाथ में रुपया तो आया ही साथ ही आंखो में आँसू भी छलक पड़े। दरअसल रोकय्या घर की गरीबी से परेशान हुनर सीख पैसा कमाना चाहती थी और उसमें वो सफल भी हो गई।

असलम रुपया लिए बाजार चला गया और करीब 20 Copy Drawaing की रोकैय्या को ला कर दिया और बोला बेटा मै गलत था। मैंने तुम्हारी Drawaing कि कॉपी फाड़ दी, मैंने सोचा था कि तुम्हे अधिकारी बनाऊंगाँ। लेकिन तुम्हे जो बनना है, वो तो तुम कब का बन चुकी मगर मैं ही बेवकूफ था जिसे इतनी देर में पता चला। दोनों की आंखे खुशी और उम्मीद के आंसूओ से भर गये। अब असलम गरीब नही रहा न तो पैसो से, और न ही सोच से।

 (कहानीकार: जफर)

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...