बैठक में बिजली कि पुरानी व्यवस्था लागू करने कि उठी मांग
Varanasi (Dil India live)। 90 के दशक में जब आर्थिक मंदी आयी थी तब तकरीबन पचास हजार बुनकर अपना कारोबार छोडकर गुजरात, सूरत, अहमदाबाद, पंजाब, दिल्ली, हैदराबाद आदि शहरों की ओर पलायन कर गए थे। मंदी खत्म भी हुई मगर बुनकर जो जहां गए वहीं के होकर रह गए। एक बार फिर वैसे ही हालात सरकार की बेरुखी से पैदा हो गए हैं। बुनकरों को जो फलैट रेट में बिजली दी जाती थी उसकी जगह अब नयी बिजली रेट उनसे लिया जा रहा है जिसके चलते वो बिजली की बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं फलस्वरुप बिजली काट दी जा रही है बुनकर रोजी–रोटी को मोहताज हो जा रहे हैं। एक तरफ बुनकर परेशान हैं दूसरी तरह बिजली कि पुरानी व्यवस्था की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा है।
इसी क्रम में मोहल्ला सरैया में हाजी मोबिन अंसारी के आवास पर फ्लैट रेट बिजली की बिल को कम करने की मांग को ले कर आज "बुनकर एकता जागरूक मंच" के बुनकरों की मीटिंग बुलाई गई जिसकी सरपरस्ती मो. नसरुद्दीन ने की व अध्यक्षता अब्दुल रब अंसारी ने किया। इस मौके पर मंच के सचिव व पार्षद पति हाजी ओकास अंसारी ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार बिजली की बिल का जो नया शासनादेश आया है वो बहुत जटिल है, जो पावरलूम बुनकर दे नही पाएगा । उत्तर प्रदेश के पवरलूम बुनकारो को 2006 के शासनादेश के हिसाब से फ्लैट रेट बिजली पहले मिल रही थी। उसी हिसाब से उत्तर प्रदेश के पावरलूम बुनकरों से अब भी बिजली का बिल लेना चाहिए वरना कपड़ा उद्योग बर्बाद हो जाएगा। अकील अंसारी ने कहा की जिस तरह बिजली विभाग के अधिकारी नया शासनादेश आने के बाद पावरलूम बुनकरों को शोषण कर रहे है पूरा बुनकर समाज डरा और सहमा है। एक महीना भी नहीं बीत रहा है पावरलूम बुनकरों की बिजली काट दी जा रही है। उसके बाद बिजली चालू करने के नाम पर बुनकरों का शोषण हो रहा है। जब की मुख्यमंत्री ने कहा था की पावरलूम बुनकरों को 2006 से सस्ती और अच्छी बिजली देंगे पर नए शासनादेश में 130/ रुपए केवी कि जगह 800/ रुपए केवी कर दिया उसके ऊपर से इडी टैक्स अलग से लग रहा है। बुनकर नेता नेता इद्रीस अंसारी ने कहा की अगर सरकार ने हम पावरलूम बुनकरों को पुरानी 2006 वाली फ्लैट रेट व्यवस्था नहीं देती है तो पावरलूम उद्योग को कुटीर उद्योग है वो खत्म हो जाएगा और बुनकर पूरे प्रदेश से दूसरे प्रदेश में पलायन करने लगेगा। बिस्मिल्ला अंसारी ने कहा की बिजली की को बढ़ी हुई फ्लैट रेट आई है उसे बुनकर जमा नहीं कर पा रहा है उसकी वजह से कितने पावरलूम बंद हो गए। अभी से ही कितने लोग रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में जा रहे है। हम सब उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करते है की बुनकारी की कला को बचाने के लिए जिसमें हिंदू भाई और मुस्लिम भाईयो की बराबर की भागीदारी है। हम सबके इस कुटीर उद्योग को बचाने के लिए पुरानी फ्लैट रेट व्यवस्था सरकार लागू करे।
इस मौके पर अब्दुल रब अंसारी, जुबैर अदील, अब्दुल मतीन, अखलाक अंसारी, हकीमुद्दीन, अबू बकर ने भी अपने विचार रखे। संचालन हाजी मोबिन अंसारी ने किया। इस मौके पर मौजूद अफजल मो. महतो जैनुल बशर, मो. शहाबुद्दीन, मोहम्मद अहमद, हबीबुल्ला महतो, रमजान सरदार, बदरुद्दीन, सगीर अहमद, नसीर अहमद, इकबाल, मो. अमीन अतहर, जावेद सहित तमाम लोग मौजूद थे।
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