शनिवार, 24 जून 2023

बकरा मंडी में दुमबे का जलवा



29 जून को अकीदत के साथ मनायी जाएगी बकरीद
Mohd Rizwan
Varanasi (dil India live)। ईदुल अजहा यानी बकरीद 29 जून को पूरी अकीदत के साथ मनायी जाएगी। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। बेनिया समेत कई जगहों पर जानवरों की खरीदारी हो रही है। बेनिया बकरा मंडी देर रात तक गुलजार है। बकरा मंडी में जुमे कि रात जब व्यापारी अरबी नस्ल का दुमबा लेकर पहुंचा तो लोगो का मजमा दुमबे कि ओर मुखातिब हो गया। व्यापारी ने 1 लाख 80 हजार दाम बताया जबकि कि 1लाख 30 हजार तक कि बोली लगी। समाचार लिखे जाने तक दुंबा बिका नहीं था।
दरअसल बकरीद को कुर्बानी और त्याग के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद तीन दिन होती है, इस दौरान आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। मौलाना अजहरुल कादरी बताते हैं कि बकरीद पर जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल कर रहे होते हैं। इसके चलते इस पर्व का अपना अलग ही महत्व है।  इस साल 29 जून को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है। दुनिया भर के मुसलमान ईद की तरह कुर्बानी पर भी गरीबों का खास ख्याल रखते हैं। कुर्बानी के सामान का तीन हिस्सा बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। दो हिस्सों में एक खुद के लिए और दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। मुसलमानों का विश्वास है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई। अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा जिसमें वो पास हो गये।

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