शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

DAV में पौधरोपण कर मनाया गया आजादी का जश्न




Varanasi (dil India live). डीएवी पीजी कॉलेज में गुरुवार को 78 वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह पौधरोपण कर मनाया गया। महाविद्यालय के प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव एवं कार्यकारी प्राचार्य तथा एनसीसी प्रभारी मेजर प्रो. सत्यगोपाल जी ने सर्वप्रथम तिरंगा फहराया। उसके बाद स्वतंत्रता के उत्सव में आजादी के प्रतीक स्वरूप तिरंगे गुब्बारें हवा में छोड़े गये। तत्पश्चात राष्ट्रगान कर सभी ने तिरंगे को सलाम किया। इस मौके पर  एनसीसी कैडैटों ने प्रबन्धक एवं कार्यकारी प्राचार्य को परेड की सलामी भी दी। तत्पश्चात प्रबंधक ने मैदान में 11 पौधे रोप कर आजादी के उत्सव में सहभागिता की।

इस अवसर पर मुख्य रूप से उपाचार्य प्रो. मिश्रीलाल, डॉ. राहुल, प्रो. अनूप कुमार मिश्रा, प्रो. ऋचारानी यादव, प्रो. संगीता जैन, डॉ. संजय साह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. इंद्रजीत मिश्रा, आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, कुँवर शशांक शेखर, सुनंदन भट्टाचार्य, सुरजीत सिंह सहित महाविद्यालय के समस्त अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र - छात्राएं उपस्थित रहे।


डीएवी इण्टर कॉलेज में भी फहराया तिरंगा

78 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डी.ए.वी. इण्टर कॉलेज, वाराणसी, नित्यानंद वेद विद्यालय एवं मानव शिक्षण संस्थान में भी तिरंगा शान से लहराया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने झण्डा फहराया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर प्रबन्ध समिति के कोषाध्यक्ष हरिवंश सिंह, कार्यकारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार, अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव, नरेंद्र कुमार सिंह, परीक्षित सिंह, डॉ. विवेक कुमार सिंह, शिव प्रकाश वर्मा, राहुल श्रीवास्तव, प्रदीप गुप्त  सहित समस्त अध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

वहीं परिसर में ही स्थित नित्यानंद वेद महाविद्यालय एवं मानव शिक्षण संस्थान में भी स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्री अजीत कुमार सिंह यादव ने झण्डा फहराया। इसके बाद बच्चों में मिठाई वितरण किया गया।

78 वां जश्ने आज़ादी में नवसाधना हुआ शामिल

"आओ करें राष्ट्र वंदन हम"- देश हो मेरा सबसे महान





Varanasi (dil India live). नवसाधना कला केन्द्र में 78वें जश्ने आज़ादी गुरुवार को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ धूमधाम से मनाई गई।

जश्ने आज़ादी कार्यक्रम का शुभारंभ भरतनाट्यम और कत्थक विधा में स्वागत नृत्य से हुआ। गीत के बोल "मन की वीणा गाती है स्वागतम, दिल की धड़कन कहती है स्वागतम" थे। इसे मंच पर प्रीति, आराधना, अनुष्का, अनुजा, रेनू, मेघा, अनीशा, अल्मा, खुशबू, निक्की, रिया और सृष्टि ने प्रस्तुत किया। नृत्य का संयोजन प्रोफेसर प्रार्थना सिंह ने किया।

गायन के कलासाधक अनुज, अमन और दुर्गा द्वारा रचित देश भक्ति गीत "ये देश है मेरा वतन,  इस मिट्टी से बने, इस पर है जान-निसार।" को मंच पर दुर्गा, अनुज, आशुतोष कुमार पाण्डेय, महिमा जेम्स, अनिकेत जान, अमन, प्रिया सिंह, ग्लोरी और अंजली श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। तबले पर राकेश एडविन ने एवं हारमोनियम पर अनुज ने संगत किया।

भरतनाट्यम के चौथे वर्ष के साधकों ने "आओ करे राष्ट्र वंदन हम" गीत पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति की धारा बहा दीं। इसे कनिष्का, नेहा, आरती, श्वेता, विनिता, साकची, रेखा, अंजलि, बाबी, इंदू और तन्नू ने प्रस्तुत कर देश की एकता व अखण्डता को विभिन्न भाव मुद्राओं के साथ अभिव्यक्त किया, जिसे ढेरों सराहना मिली।नृत्य संयोजन प्रो. मीरा माधवन ने किया।

"भारत माता की जय बोलो, धरती से अंबर तक गूंजे स्वर, हर एक दिल में हो यह अरमान, देश हो मेरा सबसे महान"। गीत के बोलों को गायन के कलासाधक आशीष पीटर, सिस्टर सलीमा मिंज, अजीता, सिस्टर मोनिका, आंचल, प्रीति जॉन, शिवानी, चार्ल्स और अमजीत जोसेफ ने प्रस्तुत कर देश भक्ति की धारा बहा दीं। की-बोर्ड पर संगीत संयोजन आशीष पीटर ने किया।

26/11 की दुखद घटना को कलासाधकों ने मंच पर प्रस्तुत कर यह समझाने की कोशिश की कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। इसका सामना हमें डटकर करना होगा। नाट्य रूपांतरण कैटरीना, फ्लोरेंस, पलक, अर्पिता, पूजा, श्वेता, एलिन, आकांक्षा, शालिनी, क्रिस्टीना, खुशी, सुप्रिया, सिस्टर एलिशा, शोभा, रोनिता, रोशनी, एमिलिना, सुहानी, ज्योति, मोनिका, सिस्टर अंकिता, आकांक्षा और अल्पना ने प्रस्तुत किया। आतंक से सतर्कता का नसीहत देते नाट्य रूपांतरण की सभी ने सराहना की।

झंडारोहण फादर विल्सन अब्राहम ने किया। उन्होंने क्रांतिकारियों को याद करते हुए युवाओं को राष्ट्र के उत्थान और प्रगति के लिए प्रयास करने की नसीहत दी।

प्राचार्य डॉक्टर फादर फ्रांसिस डी'सूजा ने साधकों  को अपने साथ-साथ सभी की उन्नति की चाह रखने वालों को वास्तविक तौर पर स्वतंत्र बताया। उन्होंने स्वतंत्रता के मूल भाव को विस्तार से समझाया। साधक आंचल त्रिपाठी ने देश के प्रति गौरव का भाव व्यक्त किया। स्वागत दुर्गा ने, मंच संचालन विनीता व श्वेता ने और धन्यवाद अंजलि ने ज्ञापित किया।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में उदय प्रताप कॉलेज के हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. राम सुधार सिंह, फादर एस. जोसफ, फादर रौज़न, सि. सरला, सि. लुसी, सि. मंजू,  प्रो. गोविंद वर्मा, प्रो. आशुतोष मिश्र, प्रो. राकेश एडविन, प्रो. कामिनी मोहन पाण्डेय, प्रो. प्रार्थना सिंह और प्रो. मीरा माधवन उपस्थित रहीं।

उधर, केंद्रीय कारागार वाराणसी परिसर में जेल अधीक्षक की ओर से स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। इसमें नवसाधना कला केंद्र की ओर से देश भक्ति गायन कार्यक्रम और भरतनाट्यम प्रस्तुत किया गया।

सुल्तान क्लब ने स्वतंत्रता दिवस पर फहराया तिरंगा



Varanasi (dil India live)। सामाजिक संस्था " सुल्तान क्लब" की ओर से संजय गाँधी नगर कालोनी, बड़ीबाजार में स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस दौरान संस्थाध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक ने ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ। देश प्रेम से सराबोर नज्मे भी पढ़ी गई। इस अवसर पर डॉक्टर एहतेशामुल हक ने कहा कि देश की एकता अखण्डता को कायम रखने के लिए सभी धर्मों के सम्मान के साथ देश के संविधान को सर्वोपरि रखना होगा। सभी जाति और धर्मों के लोगों ने मिलकर देश को आजादी दिलाई है। हमें देश की आजादी के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीदों का मान रखते हुए देश की तरक्की के लिए काम करना होगा। आतंकवाद व भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए हमेशा सजग रहना होगा।आगे कहा कि  बच्चे देश के भविष्य हैं देश में तरक्की व खुशहाली लाने के लिए हमे सत्य और अहिंसा के रास्ते को अपनाना होगा। कार्यक्रम का संचालन उप सचिव अब्दुर्रहमान जबकि स्वागत उपाध्यक्ष महबूब आलम किया। इस अवसर पर डॉक्टर एहतेशामुल हक,महबूब आलम, जावेद अख्तर, एच. हसन नन्हें, शमीम रियाज, अजय वर्मा, मुहम्मद इकराम, मौलाना अब्दुल्लाह, हाफिज मुनीर आदि रहे।

शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

12 Muharram: कर्बला के शहीदों के तीजे पर निकला अलम सददा

घरो-इमामबाड़ों में हुई फूल की फातेहा, शिया घरों में हुई मजलिसे 






Varanasi (dil India live)। इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत शहीदाने कर्बला का तीजा शुक्रवार को पूरी अकीदत के साथ मनाया गया। इस दौरान जहां अजाखानों व इमामबारगाहों में 12 वीं मुहर्रम पर फूल की मजलिसे हुई वहीं घरों में फातेहा और नज़र दिलाकर लोगो में तबर्रुक तक्सीम किया गया। इस दौरान चना, इलायची दाना, पान, डली और तेल पर फातिहा कराकर अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन व शहीदाने कर्बला को नजराना-ए-अकीदत पेश किया। दोपहर बाद अलग-अलग इलाकों से अलम व अखाड़ों के जुलूस निकले। जुलूस के दौरान फन-ए-सिपहगरी का हैरतअंगेज प्रदर्शन किया गया। बुजुर्गो व बच्चों ने भी बनेठी, लाठी आदि से अपने जौहर दिखाए। भोजूबीर, अर्दली बाजार, नदेसर, जैतपुरा, छित्तनपुरा, चौहट्टा लाल खां, कोयला बाजार, बजरडीहा, नई सड़क, लल्लापुरा, पितरकुंडा, पीली कोठी, सदर बाजार, शिवाला, गौरीगंज, बजरडीहा, नयी सड़क, दालमंडी आदि क्षेत्रों से निकले अलम सद्दे के जुलूस दरगाह फातमान पहुंचे। जुलूस में युवा 10 फीट से लेकर 50 फीट तक के अलम लेकर चल रहे थे, जिन्हें गुब्बारे, फूल-माला, मोती व बिजली के झालरों से आकर्षक रूप में सजाया गया था। नई सड़क चौराहे से दरगाह फातमान तक तिल रखने भर की भी जगह नहीं थी। मुख्य मार्ग के दोनों ओर के मकानों की छतों व बरामदों पर महिलाओं व बच्चों की भीड़ रही। उधर, गौरीगंज से नन्हे खां के इमामबाड़े से दोपहर में अलम का जुलूस निकला। इस जुलूस में शिवाला का अलम का जुलूस भी शामिल हो गया। जुलूस में सैकड़ों लोग कलाम पेश करते हुए चल रहे थे। जुलूस शिवाला घाट पहुंच कर ठंडा हुआ।

तीजा के जुलूस में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ ही साथ स्वयं सेवी संस्थाओं के वालंटियर्स जुलूस में मुस्तैद रहे। नई सड़क पर जुलूस में शामिल लोगों की सहायता के लिए कैम्प लगा हुआ था वहीं जिया क्लब की ओर से शकील अहमद जादूगर के संयोजन में पितरकुंडा चौराहे के पास चिकित्सा शिविर लगाया गया था। ऐसे ही अंजुमन इस्लामिया की ओर से नई सड़क चौराहे पर हाजी मुहम्मद शाहिद अली खां मुन्ना के संयोजन में सहायता व चिकित्सा शिविर लगाया गया।

शिया घरों में फूल की मजलिस सुबह ही शुरू हो गई। लोगों ने फातेहा कराकर तबर्रुक तक्सीम किया। घरों व इमाम बारगाहों में मजलिस आयोजित हुई। इस दौरान मुकीमगंज, अर्दली बाजार, शिवाला, गौरीगंज, चौहट्टा लाल खां, काली महल, चहमामा, दालमंडी, मदनपुरा, पितरकुंडा आदि क्षेत्रों में शिया हजरात के घरों से देर रात तक नौहाख्वानी व मातम की सदा गूंजती रही।

पेड़ पौधे मत करो नष्ट, सांस लेने में होगा कष्ट- डॉक्टर एहतेशाम

गौराकला school में शुरू हुआ पौधारोपण अभियान, दर्जनों पौधे लगाए गए

Varanasi (dil India live)। चिरईगांव ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गौराकलां के प्रांगण में शुक्रवार को पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अध्यापक और छात्रों ने मिलकर दर्जनों पौधे लगाए। इस अवसर पर प्रिंसिपल आरती देवी ने कहा कि पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है जो हमारे जीवन के लिए सबसे अहम है। हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर वातावरण को हरा भरा बनाना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जन्मदिन, परिवार में विवाह उत्सव अन्य आयोजनों पर पौधे लगाने चाहिए, और उसकी प्रतिदिन देखभाल करनी चाहिए। अटेवा के ज़िला उपाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक ने कहा कि पौधे हमारे जीवन की अमूल्य निधि है। हमें प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। संतुलन बनाए रखने मे प्रकृति से सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए। बच्चों को कई नारों से जागरूक किया गया।'पेड़-पौधे मत करो नष्ट, सांस लेने में होगा कष्ट'। 'पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ, इस दुनिया को सुंदर बनाओ'। 'पेड़ लगाये जीवन बचाए, इस धरती को स्वर्ग बनाये'। 'इस धरती को चलो हरा भरा बनाये, आओ मिलकर पेड़ लगाये'। पौधा रोपण के बाद संचारी रोग से बचाव व स्वच्छता एवं अधिक नामांकन अभियान पर जोर दिया गया। इस अवसर पर प्रिंसिपल आरती देवी, ग्राम प्रधान राजीव कुमार राजू, अटेवा के डॉ एहतेशामुल हक, रेखा उपाध्याय, सादिया तबस्सुम, अनीता सिंह, शशिकला, प्रमिला सिंह, ज्योति कुमारी, शक्ति कुमारी, रीता, सोनी, आशा, रीना, त्रिलोकी इत्यादि मौजूद थे।

गुरुवार, 18 जुलाई 2024

...हम जिंदा-ए-जावेद का मातम नहीं करते

कर्बला की जंग के बाद चुप का बजा डंका, निकला लुटा हुआ काफिला



 





Varanasi (dil India live)। कर्बला की जंग के वाक़यात पर रौशनी डालने के लिए दालमंडी से गुरुवार को चुप का डंका बजाते हुए लुटा हुआ काफिले का जुलूस निकला। इस मौके पर शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर सलाम और कलाम पेश करते हुए जुलूस में चल रहे थे। दालमंडी स्थित मरहूम डॉ.नाजिम जाफरी के अजाखाने से निकले लुटे काफिले के जुलूस में फरमान हैदर ने पढ़ा, अशरे को भी शब्बीर का जो गम नहीं करते, वो पैरवी-ए-सरवरे आलम नहीं करते, हिम्मत हो तो महशर में पयंबर से भी कहना, हम जिंदा-ए-जावेद का मातम नहीं करते...। जुलूस के कदीमी रास्ते में आलिमों ने तकरीर पेश की। तकरीर में जब उन्होंने लुटे हुए काफिले का मंजर बयान किया तो शिया समुदाय के लोग बिलख उठें। 

सैकड़ों साल कदीमी इस लुटे काफिले के जुलूस में अलम, दुलदुल व परचम भी शामिल था। जुलूस के आते नई सड़क पर चारों ओर लोगों का मजमा ज़ियारत करने उमड़ा दिखा। जुलूस में परचम के पीछे दो लोग चुप का डंका, बजाते हुए दरगाहे फातमान की ओर बढ़े। इस मौके पर तमाम लोग दुलदुल, अमारी की जियारत कर रहे थे। आयोजन में सैयद आलीम हुसैन, अब्बास मुर्तजा शम्सी, समर शिवालवी, मुनाजिर हुसैन मंजू, नायाब रज़ा, सलमान हैदर, सैफ जाफरी, सिराज वगैरह कलाम पढ़ते हुए चल रहे थे। मुज्तबा जाफरी व डा. मुर्तज़ा जाफरी के संयोजन में निकले जुलूस में कर्बला के शहीदों का लुटा हुआ काफिला नई सड़क, फाटक शेख सलीम, पितरकुंडा, लल्लापुरा होकर होकर दरगाहे फातमान पहुंचा। जहां उलेमा ने तकरीर में कहा कि कर्बला में यजीद ने मोर्चा तो जीत लिया मगर जंग वो हार गया, आज पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का नाम सबसे ज्यादा रखा जा रहा है मगर यज़ीद का नामलेवा कोई नहीं है। यजीद था और इमाम हुसैन हैं।

अज़ादारी जनाबे जैनब की देन

दालमंडी में ख्वातीन की मजलिस को खिताब करते हुए मोहतरमा नुजहत फातेमा ने कहा कि कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनकी बहन जनाबे ज़ैनब व उम्मे कुलसुम, उनके बेटे इमाम ज़ैनुल आबदीन व चार साल की छोटी बहन जनाबे सकीना ने ज़ालिम यज़ीद के जुल्म के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि बहादुरी से सामना किया। दर्दनाक जुल्म सहते हुए कर्बला के बाद इमाम हुसैन के मिशन को दुनिया तक कामयाबी से पहुंचाया। यहां डा. नसीम जाफरी ने शुक्रिया अदा किया।

बुधवार, 17 जुलाई 2024

Muharram 10: यौमे आशूरा पर बोल मोहम्मदी या हुसैन...की सदाओं संग कर्बला में दफन हुई ताजिया

जंजीर और कमा का मातम देखकर कांप उठे लोग 

मस्जिदों में शहादतनामा, मोमीनीन ने रखा रोज़ा 



















Varanasi (dil India live)। इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की शहादत के गम में शहर कि बल खाती गलियों-मुहल्लों से लेकर सूदूर ग्रामीण इलाकों से तकरीबन 1000 से अधिक ताजियों का जुलूस बुधवार को निकला। इससे पहले घरों में कुरानख्वानी और फातिहा हुई। इमामबाड़ों और अजाखानों में नौहाख्वानी और मजलिसें हुईं। बोल मोहम्मदी या हुसैन...की सदाओं संग कर्बला में दफन होने के लिए ताजिया का जुलूस कर्बला पहुंच कर दफन हुआ, तो दूसरी ओर शहर भर की शिया अंजुमनों ने जंजीर और कमा का मातम किया, जिसे देखकर तमाम लोग कांप उठे। इस दौरान सुन्नी मस्जिदों में कर्बला के शहीदों की याद में शहादतनामा पेश किया गया, और मोमीनीन ने नफल रोज़ा रखा, शाम में अज़ान की सदाओं पर रोज़ा खोला गया।

इससे पहले शहर और ग्रामीण इलाकों से सुबह 10 बजे के बाद से ही नौवीं मुहर्रम पर इमाम चौक पर बैठाए गए ताजियों का जुलूस उठाया जाना शुरू हो गया जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ कर्बला पहुंचा। लल्लापुरा, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, दालमंडी, नई सड़क, रामापुरा, बजरडीहा आदि इलाकों के ताजिये दरगाहे फातमान लेकर जाकर ठंडे किए गए। उधर बड़ी बाजार, दोषीपुरा, कज्जाकपुरा, जलालीपुरा, कोयलाबाजार, पीलीकोठी, पुरानापुल आदि इलाकों के ताजिये सदर इमामबाड़ा लाट सरैया व तेलियानाला घाट में ले जाकर ठंडे किए गए। कुछ ताजिये शिवाला घाट और भवनिया कब्रिस्तान में दफन हुए।शिवपुर, बीएचयू, लंका आदि इलाकों से भी ताजिये कर्बला पहुंचकर ठंडे हुए। दरगाहे फातमान मार्ग पर खासी भीड़ देर रात तक उमड़ी रही। ताजिये के साथ ढोल, ताशा बजाते और युवा लाठी, डंडे आदि के जरिये फन-ए-सिपाहगिरी का करतब दिखाते हुए चल रहे थे।

शामे गरीबां की मजलिस

शाम में जुलूस के बाद देर शिया समुदाय की ओर से शाम-ए-गरीबां की मजलिसें होगी। दरगाहे फातमान, दालमंडी, पितरकुंडा, काली महाल, गौरीगंज व शिवाला में मजलिस को उलेमा बेताब करते हुए शहीदान-ए-कर्बला का जिक्र करेंगे। उधर, मरकजी सीरत कमेटी की ओर से नई सड़क स्थित खूजर वाली मस्जिद में जिक्र शोहदा-ए-कर्बला कार्यक्रम हुआ जिसमें उलेमा ने कर्बला के वाक़यात पर रौशनी डाली।

नफिल रोजा रखकर पेश की अकीदत-

सुन्नी समुदाय ने इमाम हुसैन की शहादत की याद में घरों में फातिहा और दुआख्वानी की। नफिल रोजा रखकर अकीदत पेश की। मगरिब की नमाज के बाद रोजा खोला गया।

जुलूस में जंजीर का मातम-

शिया समुदाय ने मजलिस, मातम व जुलूस निकाल कर कर्बला के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश किया। जगह-जगह से अंजुमनों ने अलम, ताबूत दुलदुल का जुलूस उठाया। अजादारों ने कमा, जंजीर से मातम किया। जोहर की नमाज के बाद शहर की सभी अंजुमनों के जुलूस उठने लगे। अंजुमन हैदरी नई सड़क, अंजुमन जौव्वादिया कच्चीसराय, अंजुमन मातमी जौव्वादिया पितरकुडा, अंजुमन गुलजारे अब्बासिया व अंजुमन कासिमिया अब्बासिया ने गौरीगंज व शिवाला से अलम, दुलदुल का जुलूस उठाया। इस दौरान बड़े संग बच्चे भी सीनाजनी, खंजर, कमा से मातम कर रहे थे। खूनी मातम देख जियारतमंदों की आंखें नम हो गईं।

उधर, अर्दली बाजार इमामबाड़े से अंजुमन इमामिया के कमा व जंजीरी मातम देखकर सभी की आंखें नम हो गईं। इस दौरान काफी भीड़ रही। अर्दली बाजार से दसवीं मोहर्रम पर  अलम, ताबूत, दुलदुल का जुलूस यौम-ए अशूरा को उल्फत बीबी हाता स्थित मास्टर जहीर हुसैन के इमामबारगाह से उठा। तकरीर अबूल हसन साहब ने पेश किया। जुलूस में अंजुमन इमामिया के नेतृत्व में लोग नौहाखानी, मातम और सीनाजनी करते हुए चल रहे थे। जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होता हुआ नदेसर, अंधरापुल, लोहा मंडी,पिशाचमोचन के रास्ते देर शाम फातमान पहुंच कर ठंडा हुआ़। जुलूस में इरशाद हुसैन "शद्दू ", जैन, दिलशाद, ज़ीशान,फिरोज़, जफर अब्बास, दिलकश. मिसम, अयान, शाद, अमान, अलमदार हुसैन, अद्दनान, अरशान आदि ने सहयोग किया। सैय्यद फरमान हैदर ने बताया कि 11 वीं मुहर्रम को लुटे हुए काफिले का जुलूस दालमंडी में हकीम काजिम के इमामबाड़े से जुमेरात को सुबह 11 बजे से उठेगा।

उधर परवेज़ कादिर खां की अगुवाई में उठा दूल्हे का कदीमी जुलूस सकुशल संपन्न हो गया। इस दौरान जुलूस 60 ताजिया को सलामी और 72 अलाव पर दौड़ने के बाद शिवाला स्थित इमाम बाड़ा दूल्हा कासिम नाल पहुंच कर ठंडा हुआ। शाम में पुनः पानी वाला दूल्हा निकला जौ आसपास के इलाकों में होकर वापस शिवाला घाट पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ। परवेज़ कादिर खां ने अवाम और पुलिस प्रशासन को शुक्रिया कहा।

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...