"आओ करें राष्ट्र वंदन हम"- देश हो मेरा सबसे महान
Varanasi (dil India live). नवसाधना कला केन्द्र में 78वें जश्ने आज़ादी गुरुवार को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ धूमधाम से मनाई गई।
जश्ने आज़ादी कार्यक्रम का शुभारंभ भरतनाट्यम और कत्थक विधा में स्वागत नृत्य से हुआ। गीत के बोल "मन की वीणा गाती है स्वागतम, दिल की धड़कन कहती है स्वागतम" थे। इसे मंच पर प्रीति, आराधना, अनुष्का, अनुजा, रेनू, मेघा, अनीशा, अल्मा, खुशबू, निक्की, रिया और सृष्टि ने प्रस्तुत किया। नृत्य का संयोजन प्रोफेसर प्रार्थना सिंह ने किया।
गायन के कलासाधक अनुज, अमन और दुर्गा द्वारा रचित देश भक्ति गीत "ये देश है मेरा वतन, इस मिट्टी से बने, इस पर है जान-निसार।" को मंच पर दुर्गा, अनुज, आशुतोष कुमार पाण्डेय, महिमा जेम्स, अनिकेत जान, अमन, प्रिया सिंह, ग्लोरी और अंजली श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। तबले पर राकेश एडविन ने एवं हारमोनियम पर अनुज ने संगत किया।
भरतनाट्यम के चौथे वर्ष के साधकों ने "आओ करे राष्ट्र वंदन हम" गीत पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति की धारा बहा दीं। इसे कनिष्का, नेहा, आरती, श्वेता, विनिता, साकची, रेखा, अंजलि, बाबी, इंदू और तन्नू ने प्रस्तुत कर देश की एकता व अखण्डता को विभिन्न भाव मुद्राओं के साथ अभिव्यक्त किया, जिसे ढेरों सराहना मिली।नृत्य संयोजन प्रो. मीरा माधवन ने किया।
"भारत माता की जय बोलो, धरती से अंबर तक गूंजे स्वर, हर एक दिल में हो यह अरमान, देश हो मेरा सबसे महान"। गीत के बोलों को गायन के कलासाधक आशीष पीटर, सिस्टर सलीमा मिंज, अजीता, सिस्टर मोनिका, आंचल, प्रीति जॉन, शिवानी, चार्ल्स और अमजीत जोसेफ ने प्रस्तुत कर देश भक्ति की धारा बहा दीं। की-बोर्ड पर संगीत संयोजन आशीष पीटर ने किया।
26/11 की दुखद घटना को कलासाधकों ने मंच पर प्रस्तुत कर यह समझाने की कोशिश की कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। इसका सामना हमें डटकर करना होगा। नाट्य रूपांतरण कैटरीना, फ्लोरेंस, पलक, अर्पिता, पूजा, श्वेता, एलिन, आकांक्षा, शालिनी, क्रिस्टीना, खुशी, सुप्रिया, सिस्टर एलिशा, शोभा, रोनिता, रोशनी, एमिलिना, सुहानी, ज्योति, मोनिका, सिस्टर अंकिता, आकांक्षा और अल्पना ने प्रस्तुत किया। आतंक से सतर्कता का नसीहत देते नाट्य रूपांतरण की सभी ने सराहना की।
झंडारोहण फादर विल्सन अब्राहम ने किया। उन्होंने क्रांतिकारियों को याद करते हुए युवाओं को राष्ट्र के उत्थान और प्रगति के लिए प्रयास करने की नसीहत दी।
प्राचार्य डॉक्टर फादर फ्रांसिस डी'सूजा ने साधकों को अपने साथ-साथ सभी की उन्नति की चाह रखने वालों को वास्तविक तौर पर स्वतंत्र बताया। उन्होंने स्वतंत्रता के मूल भाव को विस्तार से समझाया। साधक आंचल त्रिपाठी ने देश के प्रति गौरव का भाव व्यक्त किया। स्वागत दुर्गा ने, मंच संचालन विनीता व श्वेता ने और धन्यवाद अंजलि ने ज्ञापित किया।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में उदय प्रताप कॉलेज के हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. राम सुधार सिंह, फादर एस. जोसफ, फादर रौज़न, सि. सरला, सि. लुसी, सि. मंजू, प्रो. गोविंद वर्मा, प्रो. आशुतोष मिश्र, प्रो. राकेश एडविन, प्रो. कामिनी मोहन पाण्डेय, प्रो. प्रार्थना सिंह और प्रो. मीरा माधवन उपस्थित रहीं।
उधर, केंद्रीय कारागार वाराणसी परिसर में जेल अधीक्षक की ओर से स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। इसमें नवसाधना कला केंद्र की ओर से देश भक्ति गायन कार्यक्रम और भरतनाट्यम प्रस्तुत किया गया।
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