शुक्रवार, 14 जून 2024
या रब काबा के मुसाफिरों का हज आसानी से मुकम्मल करा दे... आमीन
गुरुवार, 13 जून 2024
kaba में हज के अय्याम शुरु, काशी में हो रही दुआएं
इसरा की ओर से जुमे की नमाज के बाद होगी मस्जिदों में खुसूसी दुआएं
Varanasi (dil India live). काबा में हज के अय्याम शुरु हो चुके हैं काशी में घर घर दुआएं हो रही है। लौंग दुआ कर रहे हैं की या परवरदिगार हज जायरीन हंसी खुशी मुक़द्दस हज का सफर पूरा करके लौटे। जुमे की नमाज के बाद खुसूसी दुआएं भी होगी। इसरा के जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुक खां ने दुआ का खुसूसी एहतमाम किया है। उन्होंने कहा कि बनारस सहित उत्तर प्रदेश व हिन्दुस्तान से ही नहीं बल्कि सारी दुनिया के हज जायरीनों को अपने मुकद्दस पाक घर खान-ए-काबा में हज बैतुल्लाह से रब ने सरफराज करने के लिए बुला लिया है। इस खुशी के मौके पर इंडियन सोसाइटी फार सोशल रिव्योलुशन एण्ड एक्शन- इसरा (ISSRA) वाराणसी (यू०पी०) ने 14 जून बरोज-जुमा को बनारस सहित पूर्व के वाराणसी इम्बारकेशन प्वाइन्ट से सम्बन्धित जिलों में इज्तेमाई दुआख्वानी का प्रोग्राम रखा गया, जिसमें नमाजे जुमा के बाद खुसूसी तौर पर पूरी दुनिया भर के हाजियों का हज बखैरियत मुकम्मल होने एवं अपने मुल्क बखैरियत वापसी एवं मुल्क में अमनो-अमान व मुल्क की खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआ की जाएगी। इस मौके पर आवाम व हाजियों के अजीज और खुसूसी तौर पर मसाजिद के इमाम से गुजारिश कि गई है कि अपनी मस्जिदों में बाद नमाजे जुमा पूरी दुनिया के हज जायरीन के हज का अरकान बखैरियत मुकम्मल होने व हज कुबूल होने व उनके मुल्क बखैरियत वापस होने एवं मुल्क में अमनो अमान व मुल्क की खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआ कराएं।
Eid-ul-azha 17 को, सज गई बकरा मंडी
बकरा मंडी में उमड़ा रहा खरीदारों का हुजूम
रेवड़ी तालाब में बकरा खरीदने अजहरी मैदान में जुटी भीड़ |
मो. रिजवान
Varanasi (dil India live)। ईद-उल-अजहा यानी बकरीद इस बार 17 जून को मनाया जाएगा। बकरीद के पर्व पर कुर्बानी के लिए वाराणसी में बेनिया बकरा मंडी व रेवड़ी तालाब के अजहरी मैदान में बकरा मंडी सज गई है। मंडी में दस हजार से लेकर 80 हजार तक के बकरे सजे हुए हैं। यहां खरीदारी और बिक्री करने प्रदेश भर से व्यापारी और खरीदार आ रहे हैं। जो लोग बकरा खरीद रहे हैं वो अपने बकरों के साथ सेल्फी भी लेते दिखाई दे रहे हैं। भीषण गर्मी का असर बकरा मंडी में भी दिखाई दे रहा है। दोपहर में मंडी में सन्नाटा रह रहा है। खरीददारी करने वाले सूरज डूबने के बाद ही बकरा मंडी का रुख़ कर रहे हैं। जिसे सौदा पट जा रहा है वो हंसी खुशी अपने साथ बकरा घूमाते फिराते ले जाते दिखाई दे रहे हैं। शाम में मंडी में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।
इस साल अभी बाजार में न तो दुमबा आया है और न ही करिश्माई (अल्लाह या मुहम्मद लिखा) बकरा। हालांकि पिछले साल बरबरा नस्ल बकरा बकरा मार्केट में छाया हुआ था। उसकी पीठ पर एक तरफ मुहम्मद और दूसरी तरफ अल्लाह लिखा हुआ था। आजमगढ़ के पी कुमार बरबरा नस्ल के उस करिश्माई बकरे को लेकर पहुंचे थे।
बुधवार, 12 जून 2024
post office का इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का आफर आपको भी आएगा पसंद
इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में मात्र ₹549 में होगा 10 लाख का दुर्घटना बीमा-पीएमजी
Varanasi (dil India live)। महंगे प्रीमियम पर बीमा करवाने में असमर्थ लोगों के लिए डाक विभाग का इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक एक विशेष दुर्घटना सुरक्षा बीमा लेकर आया है, जिसमें वर्ष में महज 549 और 749 रुपए के प्रीमियम के साथ लाभार्थी का क्रमशः 10 और 15 लाख रुपए का बीमा होगा। एक साल खत्म होने के बाद अगले साल यह बीमा रिन्यू करवाना होगा। इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में लाभार्थी का खाता होना अनिवार्य है। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। डाक विभाग इसके लिए 13 जून को वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर, गाज़ीपुर, बलिया ज़िलों में विशेष अभियान चलायेगा।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरंस ग्रुप पर्सनल एक्सीडेंट के मध्य हुए एक एग्रीमेंट के तहत 18 से 65 वर्ष आयु के लोगों को यह निजी दुर्घटना बीमा सुरक्षा मिलेगी। इसके तहत, दोनों प्रकार के बीमा कवर में दुर्घटना से मृत्यु, स्थाई या आंशिक पूर्ण अपंगता, अंग विच्छेद या पैरालाइज्ड होने पर क्रमशः 10 और 15 लाख रुपए का कवर मिलेगा। साथ ही साथ इस बीमा में दुर्घटना से हॉस्पिटल में भर्ती रहने के दौरान इलाज हेतु 60,000 रुपए तक का आई.पी.डी खर्च और ओ.पी.डी में 30,000 रुपए तक का क्लेम मिलेगा। इस बीमा में डॉक्टर से पोषण संबंधी सलाह एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए 4 परामर्श की सुविधा होगी| वहीं, दोनों प्रीमियम बीमा में उपरोक्त सभी लाभों के अलावा दो बच्चों की पढ़ाई के लिए एक लाख तक का खर्च, दस दिन अस्पताल में रोजाना का एक हजार खर्च, किसी अन्य शहर में रह रहे परिवार हेतु ट्रांसपोर्ट का 25,000 रूपए तक का खर्च और मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए 5,000 तक का खर्च मिलेगा।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में लाभार्थी का खाता होना अनिवार्य है। प्रीमियम खाता मात्र ₹200/- में प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ग्राहक का आधार नंबर एवम मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। ग्राहक का खाता बिना किसी दस्तावेज के दिए केवल बायोमेट्रिक के आधार पर तुरंत खुल जाता है एवं साथ ही साथ दुर्घटना बीमा का भी लाभ बिना किसी दस्तावेज जमा कराए लिया जा सकता है। प्रीमियम खाता में किसी भी प्रकार का डोर स्टेप चार्ज नहीं देना होगा, तथा इसके साथ ही बिजली बिल भुगतान और कैशबैक भी प्राप्त किया जा सकता है। घर बैठे आईपीपीबी एप के माध्यम से सुकन्या, पीपीएफ, आर डी, पीएलआई आदि का ऑनलाइन भुगतना भी संभव है।
वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजीव कुमार ने बताया कि इस दुर्घटना बीमा सुविधा में पंजीकरण के लिए लोग अपने इलाक़े के डाकिया या नजदीकी डाकघर में संपर्क कर सकते हैं।
गर्मी की तल्खी से पारा देखिए कहां जा पहुंचा
सड़कों पर सन्नाटा, आम जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
मंगलवार, 11 जून 2024
श्रद्धापूर्वक मनाया गया गुरू अरजन देव का शहीदी गुरू पर्व
शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै...
Varanasi (dil India live)। सिक्खों के पाँचवे पातशाह श्री गुरू अरजन देव की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, सहनशीलता और अकालपुरख का भांणा (ईश्वर की रजा) मानने का दृढ विश्वास इस शहादत से शिखर तक पहुँचाता है। जालिम और जुल्म का टाकरा गुरुदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल नहीं मिलती। इसी आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है। गुरू अरजन देव का शहीदी गुरुपर्व गुरुद्वारा गुरूबाग में श्रद्वा-भाव एवं सादगी से मनाया गया। जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई अरविन्दर सिंह नूर (हजूरी रागी श्री दरबार साहिब, अमृतसर) व भाई कमेन्दर सिंह (हजूरी रागी तख्त श्री पटना साहिब) एवं भाई नरेन्दर सिंह (हजूरी रागी गुरुद्वारा, गुर गुरूबाग) तथा भाई रकम सिंह (हजूरी-रागी गुरुद्वारा, नीचीबाग) ने, शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै एवं जपियो जिनि अरजन देव गुरू, फिर संकट जोनि गरब नहि आयो। संगत को गुरुवाणी कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया। शाम का दीवान गुरुद्वारा, गुरूबाग सायं 7:00 बजे से रात 9:30 बजे तक कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया, उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। सोमवार दिन का दीवान प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया, उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। छबील सेवा (प्रातः 9:30 बजे से) गुरुद्वारा गुरूबाग वाराणसी, गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग के अलावा शहर में जगह-जगह कैंट स्टेशन, नदेसर, लाजपत नगर, शास्त्री नगर, गुरूद्वारा भीम नगर, मालवीय मार्केट लहुराबीर, गांधी नगर सिगरा, भेलूपुर, गिरजाघर चौराहा, महमूरगंज वाराणसी में ठण्डें मीठे जल की छबील भी लगाई गयी, जिसमें हजारों संख्या में लोगो ने शर्बत ग्रहण किया। भारी संख्या में संगत ने गुरूघर में हाजिरी भरकर गुरूघर की खुशियों प्राप्त की। गुरूद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह ने गुरूघर में उपस्थित सभी संगत को धन्यवाद प्रदान किया। गुरुद्वारा गुरुबाग के मुख्य ग्रंथी भाई रंजीत सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी वाराणसी की ओर से गुरुद्वारा गुरुबाग में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें काफी लोगों ने रक्तदान किया।
रविवार, 9 जून 2024
URS Hazrat लाटशाही बाबा (रह.) Varanasi
फिर लाटशाही बाबा के दर से झोली भर कर लौटे जायरीन
लाटशाही बाबा का तीन दिवसीय उर्स अकीदत और एहतराम संग सम्पन्न
Varanasi (dil India live)। सर्किट हाउस स्थित हज़रत सैय्यद मुख्तार अली शाह शहीद उर्फ लाटशाही बाबा (रह.) का तीन दिवसीय उर्स रविवार को फजर की नमाज के साथ सम्पन्न हो गया। उर्स के दौरान बाबा के दर पर अकीदत का सैलाब उमड़ा हुआ था। शनिवार की रात से रविवार की सुबह तक जायरीन बाबा के दर पर अपनी अकीदत लुटाते दिखाई दिए। आलम यह था कि सर्किट हाउस, कचहरी के साथ सड़क पर पांव रखने भर की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को सूफी जाफर हसनी के उल्फत बीबी के हाता सिथत दौलतखाने से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआएं मांगी। तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, फातेहा व लंगर का दौर चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं व मन्नतें मुराद मांगी। उर्स के दौरान जहां दोनों वर्गों के लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था वहीं उर्स को देखते हुए लगे मेले में सभी ने अस्थाई दुकानों से खरीदारी की। बच्चे झूला वह चरखी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए।
बाबा चेतसिंह के थे सिपहसालार
हज़रत लाटशाही शहीद बाबा (रह.) का असली नाम सैय्यद मुख्तार अली शाह था। बाबा फतेहपुर के रहने वाले थे। हज़रत लाटशाही बाबा सन् 1742 में बनारस आए। आप काशी नरेश के शिवपुर परगना के शहर काजी बने। राजा चेतसिंह ने बाबा के इंसाफ और बहादुरी के चलते अपनी सल्तनत में सिपहसालार बनाया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1782, 1784 व 1786 में राजा चेतसिंह की ओर से जंग लड़ी। जंग में अंग्रेजों ने अपनी हार मानते हुए संधि की। इसके बाद अंग्रेजों की ओर से दूसरा गवर्नर भेजा गया। 1798 में उसने धोखे से जंग छेड़ दी। इस जंग में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए सैय्यद मुख्तार अली शाह लाटशाही बाबा शहीद हो गए। राजा चेतसिंह की ओर से उन्हें लार्ड गवर्नर नियुक्त होने के कारण इनका नाम बाद में लाटशाही बाबा पड़ गया। आज बाबा को मानने वाले देश दुनिया में फैले हुए हैं। उर्स के दौरान बाबा से अकीदत रखने वाले देश के कोने कोने से कचहरी, अर्दली बाजार व पक्की बाजार पहुंचते हैं। उर्स के दौरान इन इलाकों के तक़रीबन सभी घरों में मेहमान होते हैं।
शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण
बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...
-
मुकम्मल की कुरान तो हाफिज साहेब को मिला इनाम में Varanasi (dil India live). अमूमन मस्जिदों में मुक़द्दस रमजान की खास नमाज़ तरावीह मुकम्मल कर...
-
सुल्तान ने 275 लोगों का किया स्वास्थ्य परीक्षण निःशुल्क दवा वितरित की गई व 25 गुमशुदा बच्चों को अभिभावकों से मिलाया गया Varanasi (dil India...
-
असामाजिक तत्वों से समाज का सभी वर्ग संयुक्त रुप से करे मुकाबला : हाफिज़ उबैदुल्लाह सांप्रदायिक तत्व देश के विकास में हैं बाधक, ऐसे तत्वों के...