शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै...
Varanasi (dil India live)। सिक्खों के पाँचवे पातशाह श्री गुरू अरजन देव की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, सहनशीलता और अकालपुरख का भांणा (ईश्वर की रजा) मानने का दृढ विश्वास इस शहादत से शिखर तक पहुँचाता है। जालिम और जुल्म का टाकरा गुरुदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल नहीं मिलती। इसी आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है। गुरू अरजन देव का शहीदी गुरुपर्व गुरुद्वारा गुरूबाग में श्रद्वा-भाव एवं सादगी से मनाया गया। जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई अरविन्दर सिंह नूर (हजूरी रागी श्री दरबार साहिब, अमृतसर) व भाई कमेन्दर सिंह (हजूरी रागी तख्त श्री पटना साहिब) एवं भाई नरेन्दर सिंह (हजूरी रागी गुरुद्वारा, गुर गुरूबाग) तथा भाई रकम सिंह (हजूरी-रागी गुरुद्वारा, नीचीबाग) ने, शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै एवं जपियो जिनि अरजन देव गुरू, फिर संकट जोनि गरब नहि आयो। संगत को गुरुवाणी कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया। शाम का दीवान गुरुद्वारा, गुरूबाग सायं 7:00 बजे से रात 9:30 बजे तक कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया, उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। सोमवार दिन का दीवान प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया, उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। छबील सेवा (प्रातः 9:30 बजे से) गुरुद्वारा गुरूबाग वाराणसी, गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग के अलावा शहर में जगह-जगह कैंट स्टेशन, नदेसर, लाजपत नगर, शास्त्री नगर, गुरूद्वारा भीम नगर, मालवीय मार्केट लहुराबीर, गांधी नगर सिगरा, भेलूपुर, गिरजाघर चौराहा, महमूरगंज वाराणसी में ठण्डें मीठे जल की छबील भी लगाई गयी, जिसमें हजारों संख्या में लोगो ने शर्बत ग्रहण किया। भारी संख्या में संगत ने गुरूघर में हाजिरी भरकर गुरूघर की खुशियों प्राप्त की। गुरूद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह ने गुरूघर में उपस्थित सभी संगत को धन्यवाद प्रदान किया। गुरुद्वारा गुरुबाग के मुख्य ग्रंथी भाई रंजीत सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी वाराणसी की ओर से गुरुद्वारा गुरुबाग में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें काफी लोगों ने रक्तदान किया।
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