सोमवार, 15 अप्रैल 2024

नीमा के डाक्टरों ने मनाया ईद मिलन

चिकित्सकों की ईद मिलन संग हुई संगोष्ठी




Varanasi (dil India live).  एन आई एम ए वाराणसी द्वारा ईद मिलन एवम एन आई एम ए दिवस शिवपुर स्थित कार्यालय में मनाया गया।इस अवसर पर "बेसिक्स ऑफ ई सी जी" विषयक सी एम ई का आयोजन किया गया।

 डॉ आर के यादव ने एन आई एम ए वाराणसी के इतिहास पर प्रकाश डाला।डॉ मोहम्मद अरशद, डॉ फैसल रहमान ने ईद और रमजान की वैज्ञानिक और सामाजिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला। डॉ एम ए अज़हर एवम डॉ सलिलेश मालवीय के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ एस आर सिंह ने की। सचिव डॉ विनय पांडे ने सभी का स्वागत किया। 

अंत में कोषाध्यक्ष डॉ अनिल गुप्ता ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डॉ अरुण गुप्ता, डॉ योगेश्वर सिंह, डॉ दिनेश कुमार, डॉ जे पी गुप्ता, डॉ मुख्तार, डॉ सगीर अशरफ, डॉ शब्बीर , डॉ शहरयार, डॉ अशफाकुल्लाह, डॉ नियमतुल्लाह, डॉ गुलज़ार, डॉ खुर्शीद, डॉ अरुण कुमार, डॉ प्रियंका, डॉ सुमन बरनवाल, डॉ एहतेशामुल हक समेत सैकड़ों चिकित्सकों की उपस्थिति रही।

रविवार, 14 अप्रैल 2024

Athar jamal lari को बसपा ने उतारा मोदी के खिलाफ

वाराणसी में बसपा ने खेला मुस्लिम कार्ड, लारी को बनाया उम्मीदवार 




Varanasi (dil India live). वाराणसी में बसपा ने मुस्लिम कार्ड खेल कर सपा के वरिष्ठ नेता रहे अतहर जमाल लारी को मोदी के खिलाफ मैदान में उतारा है। इस बात की पुष्टि जिलाध्यक्ष एडवोकेट रवि कुमार ने की। उनके उम्मीदवार बनने से राजनीतिक विशेषज्ञ अजय राय का खेल बिगड़ता देख रहे  हैं। हालांकि अतहर जमाल लारी पुराने समाजवादी नेता हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने कभी उन्हें बनारस से चुनाव मैदान में उतारा था। कई चुनाव लड़ चुके अतहर जमाल लारी कई बार जीत के नजदीक रहें मगर जीत नहीं सकें। इस बार उनका दावा है कि लोग मोदी योगी युग से उब चुके हैं। इसलिए चुनाव में उन्हें ही जीत मिलेगी।

घनश्याम चन्द खरवार ने किया ऐलान 

बहुजन समाज पार्टी 77 लोकसभा सीट वाराणसी में बहन कुमारी मायावती के निर्देश पर घनश्याम चन्द खरवार (पूर्व सासंद लोकसभा, पूर्व सांसद राज्यसभा, मुख्य मंण्डल प्रभारी वाराणसी, आजमगढ, अयोध्या, देवीपाटन मण्डल) ने रविन्द्रपुरी के पैराडाईज होटल से चुनाव का आगाज करते हुए अतहर जमाल लारी को 77 लोकसभा वाराणसी का प्रत्याशी घोषित किया। मंण्डल प्रभारी रामचंद्र  गौतम, पूर्व विधान परिषद सदस्य, मंण्डल प्रभारी शिवबोध राम  वाराणसी जनपद के जिला अध्यक्ष एडवोकेट  रवि कुमार,  जिला प्रभारी सुरेंद्र प्रधान, जिला प्रभारी रमेश चंद्र शास्त्री, जिला महासचिव अनिल खरवार, विधानसभा अध्यक्ष राजकुमार समेत तमाम लोग इस दौरान उपस्थित रहे।

Aditya Kumar तेलियाबाग चर्च के पादरी बनाएं गए





Varanasi (dil India live). पादरी आदित्य कुमार तेलियाबाग चर्च के नए पादरी बनाए गए हैं। अब तक सेंट पॉल चर्च सिगरा में सेवा दे रहे पादरी आदित्य कुमार इससे पहले भी तेलियाबाग चर्च के पादरी रह चुके हैं। तेलियाबाग चर्च के पादरी शशि प्रकाश का ट्रान्सफर सेंट जांस चर्च इलाहाबाद हो गया है। रविवार को पादरी शशि प्रकाश ने मसीही विधि-विधान से आराधना कराकर पादरी आदित्य कुमार को तेलियाबाग की ऐतिहासिक चर्च का कार्यभार सौंपा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंच कर तेलियाबाग चर्च के नए पादरी को बधाई दी।


धीरे धीरे बदल रहा है निज़ाम

मोरिस एडगर दान के बिशप बनने के बाद से चर्च आप नार्थ इंडिया में चल रही अस्थिरता का जहां दौर थमता दिखाई दे रहा है वहीं बेहतर निज़ाम भी होता दिख रहा है। ईसाई प्रॉपर्टियों की बिक्री, लूट खसोट, पादरियों का वेतन रोके जाने आदि जैसी समस्याएं पूर्व बिशप पीटर बलदेव के कार्यकाल में बढ़ गई थी। मसीही समुदाय ही नहीं पादरी और पुरोहित भी संकट के दौर से गुज़र रहे थे। अब जबकि निज़ाम बदल रहा है तो लोगों को पुनः अच्छे दिन दिखाई देने लगे हैं। पादरी आदित्य कुमार का पुनः तेलियाबाग चर्च में चार्ज लेना अच्छे दिन का आगाज़ माना जा सकता है। 

BSP नेता रिजवान अहमद के आशियाने पर लगी आग से मचा हड़कंप



Varanasi (dil India live). भेलूपुर थाना क्षेत्र में गौरीगंज के फीलखाना में बसपा नेता रिजवान अहमद और उनके भाइयों की साड़ी की गदी में शनिवार की रात करीब सवा दस बजे भीषण आग लग गई। आग की लपटें इतनी भीषण थीं कि उन्हें बुझाने में दमकल की पांच गाड़ियों को तकरीबन दो घंटे लग गए। हालांकि तब तक लाखों रुपये की साड़ियां और टेंट आदि का सामान राख हो चुका था, गनीमत थी कि सभी लोग सुरक्षित बचा लिए गए। फायरब्रिगेड कर्मियों ने बताया कि लोगों की मदद से मक़ान से 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। समाचार के संबंध में बताया गया है कि गौरीगंज में बसपा नेता और कैंट से विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे रिजवान अहमद का ब्रॉड वे होटल के पीछे मकान और टेंट का कारोबार है। रिजवान अहमद के साथ ही उनके भाई अरमान और रुखसार का चार मंजिला मकान भी है। मकान के नीचे भू-तल पर साड़ी की दुकान है। प्रथम तल पर परिवार रहता है। दूसरे और तीसरे तल पर आफिस, बनारसी साड़ी की गद्दी और गोदाम है। चौथी मंजिल पर दो कमरे हैं। दूसरी मंजिल पर रात में शार्टसर्किट से गोदाम में आग लग गई। साड़ियों में आग तेजी से फैली जो तीसरे और चौथे मंजिल तक जा पहुंची। मौके पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत, एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्र, भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार आदि देर रात तक वहां डटे हुए थे। 

इस भीषण आग के चलते आसपास के मकान के लोगों ने भी अपने अपने घरों को खाली करके सुरक्षित जगहों पर जा पहुंचे। इस दौरान आग बुझाने तक तमाम लोग वहां डटे हुए थे। भीषण आग से तमाशबीन की भारी भीड़ भी फीलखाना क्षेत्र में डटी हुई थी।


गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

ईद की नमाज में तालीम हासिल करने पर दिया गया ज़ोर

नमाज़ के साथ क़ौमी यकजहती का सप्ताहव्यापी त्योहार ईद शुरू 

बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम दें तभी हमारी ईद और हमारी जीत:  मौलाना अजहरुल कादरी 








Varanasi (dil India live )। देश-दुनिया में मुकद्दस रमजान का 30 वां रोजा मुकम्मल करने के बाद गुरुवार को लाखों मुसलमानों ने ईद की खुशियां मनायीं। यूं तो खुशियों का आगाज ईद के चांद के दीदार के साथ ही हो गया था मगर ईद का जश्न ईदुल फित्र कि नमाज़ अदा करने के बाद अपने शबाब पर पहुंच गया। मज़हबी शहर वाराणसी में तो ईद का मज़ा और रंग ही और शहरों से जुदा था। यहां सभी मज़हब के लोग मिलजुल कर एक साथ ईद का जश्न मनाते है। दिल इंडिया लाइव कि देखें रिपोर्ट…

बनारस में दर्जन भर ईदगाहों और 500 से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुजारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोजी-रोटी, देश की तरक्की और अमन के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस दौरान मस्जिद टकटकपुर में ईद की नमाज से पहले इमाम मौलाना अजहरुल कादरी ने तकरीर करते हुए नमाजियों के दिलों को झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने को नबी का दीवाना, उनका गुलाम, उनकी सुन्नतों पर अमल करने वाला तो कहते हैं मगर उनकी तालीम की नसीहतों को भूल गए हैं। प्यारे नबी ने कहा है कि कामयाबी चाहते हो तो तालीम हासिल करो क्यों न तुम्हें चीन तक जाना पड़े। इसके बावजूद न हम दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं और न ही दुनियावी। उन्होंने कहा कि जो क़ौम अपने तालीमी मेयार को महफूज नहीं रख पाती वो धीरे धीरे अपना वजूद खो देती है। हमारी पहचान क्या थी और आज हम क्या हो गए हैं इस पर गौर करें। अपने बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम जरुर दें तभी हमारी ईद और हमारी जीत है। उन्होंने लोगों से वोट देने की भी गुजारिश की।

 मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का सैलाब नमाज अदा करने उमड़ा हुआ था। सुबह 6.30 बजे से 10.30 बजे के बीच ईद की नमाज मोमिनीन ने अकीदत के साथ अदा की। मस्जिदों व ईदगाहों के आसपास मेले जैसा माहौल दिखा। नमाज पूरी होते ही एक-दूसरे से गले मिलकर सभी ने ईद की मुबारकबाद दी। बड़ों ने छोटों को ईदी दिया तो वे चहक उठे। गरीबों और मिसकीनों का भी लोगों ने ईद पर खास ख्याल रखा।  

अदा हुई नमाज़े ईदैन

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मस्जिद लाट सरैया में मौलाना जियाउर्रहमान ने नमाज अदा करायी तो खानकाह शक्कर तालाब में मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, शाही मस्जिद ढाई कंगूरा में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, शाही मुगलिया मस्जिद बादशाहबाग में मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज में मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, सदर इमामबाड़े में मौलाना जफरुल हुसैनी, ईदगाह विद्यापीठ में मुफ्ती शमीम, मस्जिद टकटकपुर में मौलाना अजहरुल कादरी, मस्जिद उल्फत बीबी में मौलाना कारी साकिब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, जामा मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शमशुद्दीन साहब ने नमाज अदा करायी।

मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर, खोजित कुआं में मौलाना वकील अहमद मिस्बाही, ईदगाह मस्जिद लाटशाही में हाफिज हबीबुर्रहमान, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक, मस्जिद नगीना में हाफिज सैफुल मलिक, मस्जिद सुल्तानिया में अब्दुल्लाह सऊद अत्तारी, मदनपुरा अल्लू की मस्जिद में मौलाना शकील, ऊंची मस्जिद में मौलाना एहसन कमाल, ढोमन की मस्जिद में कारी फराज अहमद, मस्जिद बरतला में अयाज महमूद व हाफिज मो. ताहिर ने मस्जिद याकूब शहीद में नमाज अदा करायी। ऐसे ही ईदगाह दायम खां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी, मस्जिद नईबस्ती गौरीगंज, मस्जिद हबीबिया गौरीगंज, आलमगीर मस्जिद धरहरा, मस्जिद कुश्ताबेगम, शिवाला, मस्जिद मदीना, मस्जिद गौसिया, मस्जिद ताराशाह, मस्जिद छित्तनपुरा इमलिया तले, मस्जिद नूरैन समेत शहर और आसपास की मस्जिदों में ईदुल फितर की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। इसी के साथ ईद का सप्ताहव्यापी महापर्व शुरू हो गया। 

क़ौमी यकजहती का दिखा नज़ारा 



गंगा-जमुनी शहर बनारस की तस्वीर पेश करने में सफल रहा। लोहता, लालपुर, कोटवा, बाबतपुर, रामनगर, मिल्कीपुर आदि में भी ईद की खुशियां धूमधाम से मनायी गयीं। ईद की नमाज सकुशल संपन्न होने पर वाराणसी कमिशनरेट की पुलिस ने वाराणसी की अमनपसंद आवाम की सराहना की। ईद जैसे ग्लोबल पर्व पर सेवइयों की घुलन ने हर एक को अपने आगोश में ले लिया, हर आमो-खास ईद के रंग में रंगा नजर आया। ईद की नमाज अदा कर लौटे लोगों ने दूसरे वर्ग के लोगों को ईद की दावत दी। मुस्लिम घरों में दावतों का शुरू हुआ सिलसिला देर रात तक चलेगा। हिंदू-मुस्लिमों ने गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। कई जगहों पर ईद पार्टी रखी गयी थी। पार्टी में शामिल होने वालों के हिसाब से मीनू तैयार किया गया था। कुछ मुस्लिम घरों में गैर-मुस्लिमों के लिए सेवइयों के साथ शाकाहारी सब्जी और पूड़ी का इंतजाम था। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन शकील अहमद बबलू, पूर्व विधायक हाजी समद अंसारी के दौलतखाने पर ईद मिलने बड़ी तादाद में लोग जुटे तो दूसरी ओर शिवाला स्थित आलमीन सोसायटी के अध्यक्ष परवेज कादिर, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहब जमा, लल्लापुरा में बारह के सरदार मो. हाशिम, कटेहर में चौदहों के सरदार मकबूल हसन, मदनपुरा में बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो, सपा नेता अतहर जमाल लारी, एस. जावेद, हाजी नासीर जमाल, मो. जफरुल्लाह जफर, हाजी रईस अहमद, बेलाल अंसारी, मुमताज खां पार्षद, मुन्नू इलाहिया, शायर अहमद आजमी, डॉ नबी जान, खालिद अब्बासी, इरफान खान, इमरान अहमद, मो. शाहिद खां, समर गाजीपुरी, सुल्तान क्लब के डा. एहतेशामुल हक, मुमताज खां, हाजी एजाजुद्दीन हाशमी व मो. अजफर गुड्डू आदि के यहां ईद मिलने समाजिक संगठनों व सियासी दलों के लोगों का हुजूम जुटा हुआ था। 

देश की खुशहाली के लिए उठाया हाथ

माहे रमज़ान का रोज़ा मुकम्मल करने के बाद लाखों मुसलमानों ने मज़हबी शहर बनारस में सभी मज़हब के लोगों संग मिलकर ईद की खुशियां मनायी। खुशियों का आगाज़ नमाज़-ए-ईदुल फित्र अदा करने के साथ हुआ। शहर के तकरीबन एक दर्जन ईदगाह और पांच सौ से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुज़ारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोज़ी रोटी, देश की तरक्की और खुशहाली के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस मौके पर मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का जन सैलाब नमाज़ अदा करने उमड़ा हुआ था।

कब्रगाहों पर लगी हाजिरी

ईद की नमाज के बाद लोगों ने शहर के कब्रिस्तानों में जाकर वलियों, बुजुर्गों वो अपने पुरखों के दर पर हाजिरी लगाई और फातेहा पढ़ा। टकटकपुर, हुकुलगंज, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, बजरडीहा, जलालीपुरा, भवनिया कब्रिस्तान, पंजाबी शाह बाबा गौरीगंज, फातमान आदि पर हाजिरी लगाई गई। हजरत बाबा लाटशाही बाबा, चंदन शहीद, हजरत याकूब शहीद, बहादुर शहीद, सरदार शाह बाबा आदि के आस्ताने पर भी अकीतदमंदों का हुजूम उमड़ा।

बुधवार, 10 अप्रैल 2024

चांद के दीदार संग ईद का जश्न शुरू

मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई जमकर आतिशबाजी





Varanasi (dil India live). माह रमजान का महीना रोजेदारों से जुदा हो चुका है। चांद के दीदार संग ईद का जश्न मुस्लिम इलाकों में शुरू हो गया। रोजेदारों की नेकियों के बदले माहे रमजान के बाद मुल्सिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-फित्र गुरुवार को मनाया जाएगा। ईदुलफितर के खैरमकदम के लिए लोगों ने मुस्लिम बहुल इलाकों में जमकर आतिशबाजी की। 

रमजान की कामयाबी का ईनाम है ईद

Shahar kazi बनारस मौलाना जमील अहमद ने कहा कि रमजान रब का महीना है। ईद रमज़ान की कामयाबी का ईनाम है। इस महीने के बाद पड़ने वाला त्यौहार खुदा के नेक बन्दों की ईद है। इस दिन लोग अल्लाह की बारगाह में अपनी एक माह की इबादतों का शुक्र अदा करते हैं।

जमकर हुई आतिशबाजी

मुस्लिम बहुल इलाकों में चांद की तस्दीक के बाद जमकर आतिशबाजी हुई। लोग अपनी छतों पर पटाखे फोड़ते दिखाई दिए। ख़ुशी से लबरेज लोगों ने अल्लाह से चांद देखने के बाद दुआ की। लोगों ने मुल्क में अमनों अमान की दुआ मांगी और एक दूसरे को बधाई दी।

कड़ी सुरक्षा में संपन्न होगी नमाज

पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी ने ईद की नमाज के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी ईदगाहों पर अतरिक्त सुरक्षा बालों की तैनाती की गयी है। एसीपी रैंक के अफसरों ने सभी ईदगाहों का स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर सुरक्षा के इंतजामों को परखा है। बनारस में तकरीबन पांच सौ मस्जिदों, ईदगाहों और इबादतगाहों में नमाजे ईदुलफितर अदा की जाएगी।

ईद की नमाज का वक्त मस्जिद लाट 

 मस्जिद याकूब शहीद नगवां लंका 8 बजे हाफिज ताहिर, सरैयां सुबह 9:30, ईदगाह पुरानापुल पुल्कोहना 8:30बजे, इमाम मौलाना शकील, ईदगाह गोगा की बाग जलालीपुरा 8:00 बजे, मौलाना नुरुल हसन साहब। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग 8.00 बजे, मौलाना हसीन अहमद हबीबी, ईदगाह शक्कर तालाब अहलेहदीस 7:00 बजे, मौलाना हसन जमील मदनी। ईदगाह मस्ज़िद लंगर नवापुरा 8:15 मौलाना इरशाद रब्बानी, मस्जिद टकटकपुर 8:30, मौलाना अजहरुल कादरी, जामा मस्ज़िद खोज़ापुरा मैदान। इमाम मौलाना जाहिर अहमद समय 7:15, मस्ज़िद शहीद बाबा सरैयां बाजार इमाम हाफिज गुलाम 8:15, मस्ज़िद सुन्नी इमामबाडा सरैया, मौलाना। इक़बाल अहमद सेराज़ी 8:00, इमामबाडा सरैयां शिया, इमाम मौलाना जफ़र हुसैनी 10:00, खानखाह हमीदिया रशिदिया शक्कर तालाब, मौलाना मोईनुद्दीन अहमद फारूकी प्यारे मियां 8:30 बजे, बड़ी मस्ज़िद सरैयां पक्का महाल हाफिज खैरुद्दीन 8:00, मस्ज़िद इमिलिया तल्ले छित्तनपुरा 8:00, मस्ज़िद ढाई कंगूरा जेरेगूलर 8:00, बड़ी मस्ज़िद काज़िसदुल्लापुरा 8:00, मस्ज़िद उस्मानिया 7:45, बड़ी मस्ज़िद सलापुर कबड्डीदुआर 8:00, जामा मस्जिद अगागंज 8:00, जामा मस्ज़िद कमल गडहा मौलाना आज़ाद 8:15, नई मस्ज़िद शिया दोषीपुरा मौलाना जफ़र हुसैन 8:30 बजे, जामा मस्जिद वरुणापुल 8.30 बजे, मस्जिद हाता उल्फत बीबी 8.00 बजे, मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल 8.00 बजे, छोटी मस्जिद डिठोरी महाल 8.15 बजे, मस्जिद पुलिस लाइन परिसर 8.45 बजे, शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार 8.00 बजे, मीनार वाली मस्ज़िद कमालपुरा मौलाना निजाम 8:00, पुरानी मस्ज़िद हटोली शिया दोषीपुरा मेहदी रज़ा 9:00 बजे।

Eid यानी खुशियों का खजाना

सबको खुशियां बांटने का नाम है ईद

 


Varanasi (dil India live ). रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है। दरअसल अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                    डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार हैं

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