गुरुवार, 1 जून 2023

Medical news: गर्भवती में यह लक्षण दिखते ही करायें उपचार

गर्भावस्था में ‘जेस्टेशनल डायबिटीज’ का खतरा ज्यादा 

 • अनदेखी से गर्भवती व गर्भस्थ को भी हो सकता है नुकसान 


Varanasi (dil india live). केस-1 गर्भावस्था के सातवें महीने में सेनपुरा की रहने वाली शालिनी को घरेलू कामकाज के दौरान चक्कर आया। उसने अपने आप को संभालने का बहुत प्रयास किया पर बिस्तर पर गिर कर वह बेहोश हो गयी। हालांकि कुछ पल बाद ही उसे होश आ गया पर उसकी यह हालत देख परिवार के लोग घबरा गये।  डाक्टर को दिखाया और जांच कराया तो पचा चला कि वह गर्भावस्था के दौरान होने वाले जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावस्था के दौरान होने वाले शुगर की बीमारी ) से अब पीड़ित हो चुकी है।

 केस-2 रमाकांत नगर कालोनी की रहने वाली रागिनी पहली बार मां बनने वाली है। गर्भावस्था के छठे माह में उसे अत्यधिक प्यास लगने और बार-बार पेशाब होने की शिकायत हुई। शुरू में रागिनी से इसे सामान्य रूप में लिया पर इस समस्या के कारण जब उसे पूरी रात जगना पड़ने लगा तो वह चिकित्सक के पास पहुंची। उसका हाल जानने के बाद जब चिकित्सक ने उसके खून की जांच करायी तो पता चला कि उसे भी जेस्टेशनल डायबिटीज हो चुका है।

रागिनी और शालिनी ने गर्भ ठहरने के पहले माह में अपने खून की जांच करायी थी तब उनकी रिपोर्टं ठीक आई थी। हालांकि रिपोर्ट में शुगर होने का जिक्र नहीं था लेकिन शुगर ने उन्हें कब जकड़ लिया पता ही नहीं चला।


पंडित दीनदयाल चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आरती दिव्या बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई हार्मोनल असंतुलन के दौर से गुजरना पड़ता है। ऐसे ही हार्मोनल असंतुलन से ही कुछ ऐसी गर्भवतियों में ब्लड शुगर काफी बढ़ जाता है, जिन्हें गर्भधारण करने से पहले शुगर नहीं होती है। गर्भधारण के बाद होने वाली शुगर को ही गर्भकालीन मधुमेह या जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। अधिकांश को गर्भावस्था के 24-28 सप्ताह के बीच चलता है। आजकल ओपीडी में हर माह दो-तीन जेस्टेशनल डायबिटीज के मामले आते हैं।

 गर्भावस्था में डायबिटीज के खतरे

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज का होना मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक होता है। इसके कारण बच्चे में जन्मगत विकार की आशंका अधिक रहती है। साथ ही प्रसव के समय मां के साथ-साथ शिशु के जान को भी खतरा रहता है। गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर अधिक बढ़ा होने पर गर्भवती को हाई ब्लड प्रेशर का भी खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं गर्भपात अथवा समय से पूर्व प्रसव की भी आशंका बढ़ जाती है। डॉ. आरती बताती हैं कि आमतौर पर जेस्टेशनल डायबिटीज गर्भावस्था के बाद अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कुछ मामलों में गर्भवती को प्रसव के बाद आगे चलकर डायबिटीज होने का खतरा बन जा जाता है। इतना ही नहीं समय से उपचार न होने पर यह बीमारी होने वाले शिशु के लिए भी खतरनाक हो सकती है उसे भी भविष्य में  डायबिटीज होने की आशंका रहती है। 

 गर्भावस्था में डायबिटीज के लक्षण

 डॉ. आरती बताती है कि वैसे तो सभी महिलाओं में गर्भकालीन मधुमेह के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन लक्षण ऐसे जरूर होते हैं जिनके दिखते ही उन्हें इस दिशा में सतर्क हो जाना चाहिए। किसी गर्भवती को बार-बार पेशाब आना,अत्यधिक प्यास लगना, थकान, जी मिचलाना, धुंधला दिखना, मूत्राशय और त्वचा का संक्रमण जैसी परेशानियां जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण हो सकते है। लिहाजा  ऐसे लक्षण नजर आते ही गर्भवती को तत्काल किसी चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए,  ताकि समय रहते उपचार से इस बीमारी के बड़े खतरे से बचा जा सकता है।

 उपलब्ध है जांच की सुविधा

डॉ.आरती के अनुसार पं.दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग के अलावा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जेस्टेशनल डायबिटीज से सम्बन्धित जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा प्रत्येक माह की एक, नौ 16 व 24 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर भी मिलने वाली सुविधाओं का लाभ गर्भवती ले सकती हैं।

Jain trithankar सुपार्श्वनाथ के जन्म कल्याणक पर निकली भव्य शोभायात्रा






Varanasi (dil india live)। जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर श्री 1008 सुपार्श्वनाथ के जन्म कल्याणक पर गुरुवार को विधि-विधान के साथ मनायी गई। तीर्थंकर के जन्म कल्याणक के अवसर पर धार्मिक माहौल में भगवान पार्श्वनाथ की जन्म स्थली भेलूपुर से गुरुवार को प्रातः 7:30 बजे शोभायात्रा प्रारंभ होकर विजया तिराहा, रविन्द्रपुरी, शिवाला होते हुए भदैनी जैन घाट पर स्थित भगवान सुपार्श्वनाथ की जन्म स्थली श्री दिगम्बर जैन मन्दिर पंहुची। भगवान के जन्म कल्याणक पर शोभायात्रा पंहुचने से पूर्व मन्दिर में जन्म कल्याणक से सम्बंधित पूजन-पाठ कार्यक्रम हुए। 

श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में निकली भव्य शोभायात्रा में जैन धर्म पताका के साथ ही 'अंहिसा परमो धर्मः' लिखा बैनर कलश गाड़ी, रजत नालकी शोभायमान थी। बैन्ड पार्टी धार्मिक धुने बजा रही थी। महिलाए भजन कीर्तन करते हुए चल रही थी। 

शोभायात्रा के शिवाला पंहुचने पर कई संस्थाओ एवं स्याद्वाद महा विद्यालय के छात्रों ने स्वागत किया। महिलाओ के समूह द्वारा 108 दीपों से भगवान की महाआरती की गई। माता आनन्दमयी अस्पताल के पास से तीर्थंकर के विग्रह को रजत नालकी में विराजमान कराया गया।

भक्तगण पालकी को कन्धे पर लेकर चल रहे थे जो जन्म स्थली तक गये। मन्दिर पहुंचने पर भक्तो ने विधि-विधान से 108 कलशों से अभिषेक एवं पूजन पाठ, आरती किया। तत्पश्चात भक्तगण स्याद्वाद विद्यालय परिसर स्थित मन्दिर गये ज़हां तीर्थंकर का विधिवत दर्शन-पूजन एवं प्रक्षाल किया गया। सायंकाल जन्म स्थली मन्दिर में दीप दान भक्तो ने किया। 

आयोजन में प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधानमंत्री अरुण जैन, प्रोफ़ेसर अशोक जैन, प्रोफ़ेसर कमलेश जैन, डॉक्टर जे.के.सावरिया, विनोद जैन, तरूण जैन, विमल कुमार जैन, रत्नेश जैन, सुधीर पोद्दार, बह्मचारी आकाश जैन, सुरेंद्र जैन, सौरभ जैन, प्रिंसु जैन, विनय जैन, आशा रनी , उषा जैन, प्रमिला सावरिया उपस्थित थे।

nima ने लगाया Varanasi में तंबाकू निषेध के बैनर

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31 मई)

नीमा ने चलाया तंबाकू निषेध के लिए जागरुकता मुहिम


Varanasi (dil india live). प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगभग 30 स्थानों पर, चिकित्सकों के प्रतिष्ठानों चौराहों, कालोनियों में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर समाज में जागरूकता लाने के लिए नैशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन ने मुहिम चलाई। इस मौके पर नीमा वाराणसी की ओर से बड़े आकार में बैनर लगा 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस धूमधाम से मनाया गया।

इस कड़ी में डॉ आर के यादव, डॉ समीर राठौर, डॉ विनय पाण्डेय व डॉ अनिल गुप्ता के नेतृत्व में एक दिन पूर्व संध्या काल में, बैनर का अनावरण, नीमा भवन शिवपुर में किया गया। बैनर पर लिखा था "जिसने दिया तम्बाकू को निमंत्रण, समझो आ गया मौत का आमंत्रण" से बैनर पर वाक्य से, जनता को आगाह किया गया। 

शहर के सम्मानित चिकित्सकों डॉ  अरुण गुप्ता, डॉ योगेश्वर सिंह, डॉ ए के सिंह, डॉ एम ए अजहर ,डॉ कैलाश त्रिपाठी, डॉ जे पी गुप्ता, डॉ एस आर सिंह, डॉ सलिलेष मालवीय, डॉ प्रेमचंद गुप्ता, डाॅ  मुख्तार अहमद, डॉ सगीर अशरफ, डॉ एहतेशामुलहक, डाॅ एस आर गुप्ता आदि के सहयोग से यह, मानव के जीवन के लिए अभिशाप, तम्बाकू का सेवन के बिषय को समाज में जागरूकता फैलाया गया ।

सोमवार, 29 मई 2023

Muslim's 2024 में congress को करेंगे वोट: शाहनवाज़ आलम

मुसलमानों के कांग्रेस में आते ही सपा समाप्त हो जाएगी: शाहनवाज़ आलम



Varanasi (dil india live). हाल में बीते निकाय चुनावों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों ने एंटी सपा वोटिंग की। पूर्वांचल में भी मुसलमानों की पहली पसंद अब कांग्रेस बन रही है। 2024 में मुसलमानों के कांग्रेस में आने के बाद सपा खत्म हो जाएगी। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने मुगलसराय के दुलहीपुर में आयोजित बैठक में कही। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमानों को समझ में आ गया है कि जब तक वो पूरी तरह कांग्रेस को वोट करते थे तब तक भाजपा के सिर्फ दो सांसद होते थे। जब से मुसलमान सपा और बसपा में गए भाजपा मजबूत होती गयी। आज सपा और बसपा के कारण ही भाजपा सत्ता में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की रणनीति रही है कि केंद्र में भाजपा की सरकार रहे ताकि मुसलमान डर के कारण विधानसभा चुनाव में सपा को वोट देते रहें। इसी रणनीति के तहत अपने जातिगत समर्थकों का वोट भाजपा में ट्रांसफ़र कराने के लिए 2019 में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि वो मोदी जी को दुबारा प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इसके बाद सपा-बसपा और आरएलडी के गठबंधन के बावजूद वो मुस्लिम बहुल सीटों रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, सम्भल, सहारनपुर, बिजनौर जीत पायी। जबकि बदायूं और कन्नौज जैसी सजातीय बहुल सीटें भी मुलायम सिंह यादव के परिवार के लोग हार गए। 

बैठक में प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, शाहिद तौसीफ, डॉ सुल्तान खान, शाहजमा खान, हाजी ओकास अंसारी, अनवर सादात, मोहम्मद यासीन, मोहम्मद शकील, मोहम्मद बशीर, दानिश परवेज, मकसूद हसन, असगर अली, उषा यादव, टीजा एलियट, जैगम अब्बास, फैयाज उद्दीन अंसारी, अशफाक अंसारी, मोहम्मद शहजादे, मोहम्मद नसीम अंसारी, कमाल अंसारी, जहीरूद्दीन अंसारी, मोहम्मद सोहेल आदि लोग शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सैयद आले अब्बास, संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष शाहिद तौसीफ व धन्यवाद ज्ञापन मुहम्मद आफताब ने किया।

रविवार, 28 मई 2023

Urs hazrat Syed mukhtar ali shah उर्फ लाटशाही baba

Hazrat लाटशाही baba के उर्स में अकीदतमंदों का उमड़ा जनसैलाब 





Varanasi (dil india live). सर्किट हाउस स्थित hazrat Syed mukhtar ali shah उर्फ लाटशाही शहीद बाबा (रह.) के तीन दिवसीय उर्स में शनिवार को अकीदत का सैलाब उमड़ पड़ा। बाबा के आस्ताने पर जहां एक ओर सूफियाना कलाम गूंज रहा था, वहीं दूसरी ओर सर्किट हाउस के पीछे झूला,चरखी आदि पर बच्चों का हुजूम मस्ती करता दिखाई दिया। सैकड़ों कि तादाद में सजी अस्थाई दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। उर्स में आए हुए तमाम लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने के बाद खरीददारी करके लौटता दिखाई दिया।

उर्स में जायरीन का हुजूम 

बाबा के उर्स में सुबह से देर रात तक जायरीन का हुजूम फातेहा पढ़ने और बाबा कि जियारत के लिए उमड़ा हुआ था। आलम ये था कि सर्किट हाउस, कचहरी आदि के आसपास सड़क पर पांव रखने तक की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को उल्फत बीबी के हाते से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआ मांगी। सूफी मोहम्मद जाफर हसनी ने उर्स में आए हुए लोगों का खैरमकदम किया।

तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, तकरीर व नातिया मुशायरे व लंगर का दौर समाचार लिखे जाने तक चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं मांगी।

शुक्रवार, 26 मई 2023

Dr Renu shahi ने दिया नेपाल में live demonstration

अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में डॉ. रेणु संग चार भारतीय चित्रकारों ने किया शिरकत 




Varanasi (dil india live). छ:वी अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी 2023 का आयोजन नेपाल में किया गया। चीबहाल आर्ट इंस्टिट्यूट, सुनाकोठी, ललितपूर, नेपाल के द्वारा होटल आर्ट काठमांडू में हुई इस प्रदर्शनी का उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के कर कमलों द्वारा फीता काटकर किया गया। प्रदर्शनी में कुल 38 कलाकारों की प्रतिभागिता रही। जिसमें भारत से चार कलाकारों की कृतियों को सम्मिलित किया गया था। यहां पर उदयपुर से ममता जयपुर से डॉक्टर रेणु शाही, नवल किशोर मिश्र और धनमेष की कृतियां प्रदर्शित हुयी थी। डॉक्टर शाही को एक अतिथि चित्रकार के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने संस्था की ओर से आयोजित कला शिविर में कई चित्रो के चित्रण किये तथा पेंटिंग का live demonstration देकर वहां के कलाकारों एवं कला रसिक लोगों के बीच भारत का गौरव बढ़ाया। डॉक्टर रेणु जयपुर के ललित कला महाविद्यालय में चित्रकला विषय की सहायक आचार्य है तथा कला इतिहास भी पढ़ाती है। उनके इस गुण से प्रभावित हो, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के केंद्रीय ललित कला संकाय में भारतीय लघुचित्र परंपरा व कला एवं सौंदर्य पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित गया l  प्रदर्शनी एवं कला कार्यशाला का आयोजन 18 se 22 मई तक रहा l 24  मई को Art and  Aesthetics फोरम नेपाल द्वारा इन्हें 'भारतीय सौंदर्यशास्त्र' पर  चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया। वर्तमान में यह जयपुर में निवास कर रही है, परतुं उनकी आत्मा में काशी बसा हुआ है। यही कारण है कि वो अपने चित्रों में काशी के मंदिरों एवं घटों को चित्रित करती है। नेपाल में भी इन्होंने काशी के प्रति अपने प्रेम को चित्र धरातल पर प्रदर्शित किया। इनकी कला शिक्षा वाराणसी से ही हुयी है l तथा जीवन का एक लंबा समय भी यहां बिताया है।

हृदयाघात उपचार परियोजना, मृत्यु को कम करने में निभाएगा अहम भूमिका: पार्थ सारथी सेन शर्मा

प्रदेश के 8 जनपदों में शुरू होगा स्पोक एंड हब मॉडल

बीएचयू ट्रामा सेंटर में हुई आईसीएमआर स्टेमी केयर प्रोजेक्ट की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला

टीएसयू मेडिकल हेल्थ के कार्यकारी निदेशक समेत आईसीएमआर-आईजीएमसी विशेषज्ञ, आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर ने की चर्चा

विभिन्न जनपदों के सीएमओ व वाराणसी के चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों को स्टेमी केयर के बारे में दी गई जानकारी



Varanasi (dil india live). चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार विभाग एवं आईएमएस बीएचयू के संयुक्त सहयोग से वाराणसी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुए आईसीएमआर के हृदयाघात उपचार परियोजना (स्टेमी केयर प्रोजेक्ट) को प्रदेश के आठ अन्य जनपदों में शुरू किया जाएगा। वाराणसी में यह प्रोजेक्ट बीएचयू के हृदयरोग विभाग के प्रोफेसर व स्टेमी केयर प्रोजेक्ट के प्रधान अन्वेषक डॉ धर्मेन्द्र जैन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में चल रहा है। वाराणसी के जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य केन्द्रों में ईसीजी और थ्रंबोलिसिस थेरेपी की व्यवस्था की गई है। वाराणसी के इसी मॉडल को प्रदेश के आठ जनपदों कानपुर नगर, गोरखपुर, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, झाँसी, अलीगढ़ एवं प्रयागराज में शुरू किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट हृदय रोग से होने वाली मृत्यु में कमी लाने में अहम भूमिका निभाएगा। 

उक्त बातें शुक्रवार को बीएचयू ट्रामा सेंटर सभागार में आयोजित हुई आईसीएमआर स्टेमी केयर प्रोजेक्ट पर प्रदेश स्तरीय बैठक व प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य हृदयाघात के मामलों को त्वरित स्वास्थ्य लाभ देने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सक व नर्स को विस्तृत जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए स्पोक (जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य केंद्र) एंड हब (मेडिकल कॉलेज) सेंटर को मजबूत करना होगा। सेंटर पर ईसीजी, जांच, निदान, इंजेक्शन, थ्रंबोलिसिस थेरेपी सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा। जिला चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले हृदयाघात के मरीजों का सम्पूर्ण उपचार करना सुनिश्चित होना चाहिए। मेडिकल कॉलेजों में हृदय रोग विशेषज्ञ 24 घंटे सातों दिन टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से जुड़े रहें। इससे किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो सके। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात सभी चिकित्सक, सिस्टर व नर्स को प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है। इस प्रोजेक्ट में किसी भी स्तर पर मानव संसाधनों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बीएचयू के प्रो डॉ धर्मेन्द्र जैन और सीएमओ डॉ संदीप चौधरी को वाराणसी में शुरू किए गए प्रोजेक्ट के सफल संचालन के लिए उत्साहवर्धन किया। विभिन्न जनपदों से आए सीएमओ, चिकित्सक व नर्स को यह परियोजना जल्द से जल्द शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर बीएचयू के कुलगीत से किया गया। इस दौरान बीएचयू के कुल सचिव प्रो वीके शुक्ला ने कहा कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के सहयोग और मार्गदर्शन से बीएचयू के इस प्रोजेक्ट को पूरे प्रदेश में सम्पूर्ण रूप से सफल बनाया जाएगा। बीएचयू का हृदयरोग विभाग इसके लिए तत्पर है। उन्होंने बीएचयू के प्रोफेसर डॉ धर्मेन्द्र जैन व सीएमओ डॉ संदीप चौधरी को धन्यवाद दिया। शुभारंभ के दौरान आईएमस बीएचयू के निदेशक प्रो डॉ एसके सिंह, आईएमएस बीएचयू के डीन प्रो डॉ अशोक कुमार, बीएचयू ट्रामा सेंटर के प्रो डॉ सौरभ सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत किए। 

आईसीएमआर नई दिल्ली की डॉ मीनाक्षी शर्मा ने स्टेमी केयर प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से यह प्रोजेक्ट देश के नौ आकांछिय जनपदों में पायलट के रूप में चलाया जा रहा है। इसके साथ ही मोबाइल मेडिकल एंबुलेंस कुछ जनपदों में संचालित की जा रही है। स्पोक एंड हब सेंटर सभी नौ आकांछिय जनपदों में संचालित किया जा रहा है, जिसमें वाराणसी जनपद भी शामिल है। इसकी सफलता के बाद यह प्रोजेक्ट विभिन्न राज्यों के कई जनपदों में शुरू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में यह प्रोजेक्ट प्रथम चरण में आठ जनपदों में शुरू किया जाएगा। इसके बाद अन्य जनपदों में भी इसको शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हृदयाघात के लक्षण, उपचार व बचाव के बारे में समुदाय को जागरूक करने के लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा। लुधियाना, शिमला में इसी तरह का कार्यक्रम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए मजबूत हेल्थ नेटवर्क का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट मूल्यांकन के उद्देश्य से नहीं बल्कि अनुसंधान के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।

मेडिकल हेल्थ उत्तर प्रदेश टीएसयू जे कार्यकारी निदेशक डॉ वसंत कुमार एन ने प्रदेश में स्टेमी केयर प्रोजेक्ट की भविष्य योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गैर संचारी रोग (एनसीडी) के कारण प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक मृत्यु हो रही है, जिसमें दिल का दौरा पड़ने (हार्ट अटैक) से होने वाली मृत्यु कि संख्या लगभग दो लाख है। इसी की रोकथाम के लिए यूपी के चिन्हित नौ जनपदों में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। केजीएमयू लखनऊ के प्रो डॉ एसके द्विवेदी ने सीने में होने दर्द एवं उसके निदान के बारे में विस्तृत चर्चा की। आईजीएमसी शिमला के प्रो डॉ पीसी नेगी ने शिमला जनपद में संचालित किए जा रहे स्पोक एंड हब कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा इसी मॉडल को अपनाए जाने पर बल दिया।  

कार्यशाला का संचालन कर रहे प्रो डॉ धर्मेंद्र जैन ने स्टेमी केयर प्रोजेक्ट के स्पोक एंड हब के लिए डाटा एंट्री एप व व्हाट्सएप ग्रुप के बारे में जानकारी दी। इस एप और व्हाट्सएप ग्रुप से आईसीएमआर, आईएमएस के विशेषज्ञ, चिकित्सक सहित सभी चिकित्सा इकाइयों के चिकित्सक व स्टाफ जुड़े रहेंगे। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने हृदयाघात (स्टेमी) के निदान ईसीजी की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हार्ट इंडिया चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सिंह ने एक्यूट कोरोनारी स्निड्रोम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सीनियर रिसर्च फैलोशिप डॉ पायल सिंह ने स्टेमी प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन, रोगियों के सहमति पत्र, चेकलिस्ट आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी।  

इस मौके पर एनसीडी वैज्ञानिक डॉ रूपा एस, डॉ सुयश त्रिपाठी, प्रो डॉ ओएम शंकर, विभिन्न जनपदों के सीएमओ, नोडल अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा, समस्त डिप्टी सीएमओ व एसीएमओ, डॉ शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी, डॉ अतुल सिंह, डॉ सौरभ सिंह, अधीक्षक, एमओआईसी, स्टाफ नर्स एवं अन्य अधिकारी ने प्रतिभाग किया।

SOS Hermann माइनर की टीम टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट में चैम्पियन

Varanasi (dil India live)। टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट 2024 सीजन प्रथम का आयोजन टेथ्रीपॉन ओवरसीज और मिलन इण्टरप्राइजेज के तत्वाधान में एच०...