शनिवार, 22 अप्रैल 2023

Earthday celebration में बच्चों ने मस्ती संग सेव अर्थ का दिया नारा

विद्यालय में students ने किया पौधारोपण




Varanasi (dil india live). प्राथमिक विद्यालय बनपुरवां काशी विद्यापीठ में पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के सभी छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ छात्रों ने विद्यालय में पौधारोपण किया एवं अन्य कक्षा के छात्रों ने सेव अर्थ थीम पर पोस्टर एवं स्लोगन लिखे। इस मौके पर प्राथमिक कक्षाओं के  सभी बच्चों के लिए मॉडल एवं चार्ट मेकिंग प्रतियोगिता रखी गई थी। आयोजन में विद्यालय के छात्रों ने पृथ्वी संरक्षण की प्रतिज्ञा ली एवं अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। 

कार्यक्रम संयोजक अध्यापिका छवि अग्रवाल ने पृथ्वी संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि विद्यालय के बच्चों को पृथ्वी संरक्षण के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, इस दौरान उन्हें विभिन्न प्रकार के उपाय बताए ताकि ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सके। पृथ्वी के संसाधनों को संरक्षित करते हुए उनका सीमित उपयोग कैसे किया जाए उन्हें यह भी बताया गया कि पृथ्वी के संसाधनों का दोहन सीमित मात्रा में  करना चाहिए और जितना पृथ्वी से हम ले रहे हैं कोशिश करनी चाहिए कि उसे उसी अनुपात में लौटा सके। विद्यालय के बच्चों को पौधारोपण के लिए प्रेरित किया गया। बाल संसद के पर्यावरण मंत्री प्रियांशु ने अपने सभी बाल मंत्रियों के साथ मिलकर फेस पेंटिंग के माध्यम से जागरूकता एक्ट प्रस्तुत किया और नन्हे मुन्नों ने पृथ्वी बचाने का सार्थक संदेश दिया।

Dekho Eid आयी है, कितने रंग लाई है

सबको खुशियां बांटने का पैगाम देती है ईद


Varanasi (dil india live)। अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। जिससे जरुरतमंदों कि मदद हो जाती है।

इस्लामी ग्रंथों में आया है  कि रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है।

दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

  डा. मो. आरिफ

(लेखक चर्चित इतिहासकार हैं)

शुक्रवार, 21 अप्रैल 2023

Eid Mubarak 2023 : घर से बाजार तक दिखी आमदे ईद कि खुशियां

देखो ईद आयी है खुशिया लायी है…

चांद के दीदार संग शुरू हुआ ईद का जश्न 




Varanasi (dil india live) रमज़ान का चांद दिखते ही देश-दुनिया में ईद का जश्न शुरू हो गया। देर रात तक खरीदारों से बाजार गुलज़ार था। इससे पहले  लोगों ने अपने घरों, मस्जिदों, मैदानों से चांद का दीदार किया। बता दें कि बनारस में 29 वीं का चांद होने की पुष्टि शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब ने दारुल कज़ा (शरई अदालत) से की व इश्तेमाई रुइयते हेलाल कमेटी ने मस्जिद लंगड़े हाफिज से चांद दिखने का ऐलान किया। अब शनिवार को ईद मनाया जाएगा। चांद के ऐलान के साथ ही मुस्लिम इलाकों में रौनक छा गई। लोग रमज़ान का रोज़ा कमयाबी से रखने की खुशी में डूबे नज़र आयें। हर तरफ बहार और खुशिया ही खुशियां दिखाई देने लगी। देश भर में करोडो मुसलमान ईद का खैरमखदम करने को बेताब दिखाई दिये। उधर ईदगाहों और मस्जिदों में ईद की तैयारी पूरी हो चुकी है। ईद की नमाज़ जुमे की सुबह 6.30 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जायेगी। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने ईद सकुशल संपन्न कराने कि तैयारियों को लेकर रुट मार्च किया।


सेवईयों को तैयार करने में जुटी ख्वातीन 

घरों में ईद की तैयारियों में ख्वातीन देर रात तक लगी रही, सेवईयों से लेकर तमाम पकवान घरों में तैयार किये जा रहे थे तो वहीं सजने संवरने की भी तैयारी हो रही थी।

ईद पर रखें लोगों का खास ख्याल

वाराणसी के उलेमा ने लोगों से अपील की है कि लोग अपने पड़ोसियों और गरीबों का ख्याल रखें। ऐसा न हो कि आपके पड़ोस में ईद के दिन कोई भूखा रह जाये। उन्होंने कहा कि ईद की खुशी में इस बात का पूरा ख्याल रखें कि सभी इस दिन खुशी मनायें और वतन से मोहब्बत की दुआ मांगे, भलाई और परोपकारी के रास्ते पर चलें, किसी को बुरा न कहें।

पूरी रात चला एसएमएस का दौर

रमज़ान का एक माह का रोज़ा कामयाबी से पूरा होते ही शहर में ईद मुबारक और ईद से मिलते जुलते तमाम मुबारकबाद मैसेज व एसएमएस लोगों ने अपने मोबाइल से अज़ीज़ों को भेजा। कम्प्यूटर, लेपटाप और स्मार्ट फोन पर ई-मेल के ज़रिये व वाट्स एप, फेसबुक, ईस्टाग्राम व टेलीग्राम से भी लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। ईद की खुशियों में सबसे ज्यादा बच्चे और यंगेस्टर्स डूबे दिखाई दिये जो एक दूसरे को ऐसे पैगाम आदान-प्रदान कर रहे थे।

Alvida alvida mahe ramza alvida

ऐ अल्लाह, मुल्क-ए-हिंदुस्तान को अमन और तरक्की दे...आमीन 

-इमाम साहेबान की अपील: गरीबों को सदका-ए-फित्र व ज़कात जल्द करें अदा








Varanasi  (dil India live )। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदक़े में इस मुल्क में अमन और तरक्की दे, जो लोग परेशानहाल हैं उनकी परेशानी दूर कर, जो बेरोज़गार हैं उन्हें रोज़गार दे, जो बेऔलाद हैं उन्हें औलाद दे, जिसने रमज़ान में रोज़ा रखा इबादत की उसे कुबुल कर जो नहीं रख सकें उन्हें हिदायत दे, की वो आगे अपनी जिंदगी इबादत में गुजारे। अलविदा जुमे को नमाज़ के बाद मस्ज़िदों में जब इमाम साहेबान ने कुछ ऐसी ही दुआएं की तो तमाम लोग...आमीन, कह उठें। इस दौरान इमाम साहब ने कहा कि रब के बताए हुए रास्ते पर चल कर ही हमें कामयाबी मिल सकती है। जो रास्ता नबी ने दिखाया वहीं रास्ता अमन, इल्म, इंसानियत और मोहब्बत का रास्ता है। जो इस रास्ते पर चलेगा वही दीन और दुनिया दोनों में कामयाब होगा। इस दौरान शहर भर की तमाम मस्जिदों में अलविदा नमाज़ पर खुतबा पढ़ा गया, अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था, तेरे जाने से दिल रो रहा है अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा...। 

खुतबे के बाद नमाज अदा की गई। मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शम्सुद्दीन साहब, मस्जिद मुग़लिया बादशाह में मौलाना हाफिज़ हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज़ में मौलाना असदुल क़ादरी, मस्जिद शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, मस्जिद उस्मानिया में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी, मस्जिद लाट सरैया में मौलाना जियाउर्रहमान, ईदगाह मस्जिद पुरानापुल में मौलाना शकील व मस्जिद ईदगाह लाटशाही में हाफ़िज़ हबीबुर्रहमान ने नमाज़ अदा करायी। ऐसे ही बनारस की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज़े अलविदा अदा की गयी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 

अल्लाह का शुक्र किया अदा

इस्लाम धर्म के लोगों ने इस दिन अल्लाह की इबादत के साथ इस बात का शुक्र अदा किया कि उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने का रब ने मौका दिया। अब पता नहीं अगली बार यह मौका मिलेगा या नहीं।

जकात, फितरा अदा करें 

इस दौरान मस्जिदों से इमाम साहेबान ने रोजेदारों से अपील किया कि फितरा, ज़कात देने में जल्दी करें ताकि गरीबों की भी ईद हो जाते।

Ramadan alwida : तेरे आने से दिल खुश हुआ था


Varanasi (dil india live)

कल्बे आशिक है अब पारा पारा,

अलविदा अलविदा माहे रमजान।

तेरे आने से दिल खुश हुआ था,

और ज़ोके इबादत बडा था,

आह,अब दिल पे है गम का गलबा,

अलविदा अलविदा माहे रमजान।

नेकिया कुछ न हम कर सके हे,

अह इस्सियाहे में दिन कटे है,

हाय गफलत में तुझको गुज़ारा,

अलविदा अलविदा माहे रमजान।

कोई हुस्न अमल न कर सका हूँ,

चाँद आसू नज़र कर रहा हूँ

यही है मेरा कुल असासा,

अलविदा अलविदा माहे रमजान।

जब गुज़र जायेंगे माह ग्यारा,

तेरी आमद का फिर शोर होगा,

है कहा ज़िन्दगी का भरोसा,

अलविदा अलविदा माहे रमजान।

बज्मे इफ्तार सजती थी कैसी,

खूब सहेरी कि रोनक भी होती,

सब समां हो गया सुना सुना,

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

याद रमजान की तड़पा रही है

आंसू की जरहे लग गयी है,

कह रहा है हर एक कतरा,

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

तेरे दीवाने सब के सब रो रहे है,

मुज़्तरिब सब के सब रो रहे है,

कौन देगा इन्हें अब दिलासा,

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

मैं बदकार हूँ मैं हूँ काहिल,

रह गया हूँ इबादत में गाफिल,

मुझसे खुश होके होना रवाना,

हमसे खुश होके होना रवाना,

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

वास्ता तुझको प्यारे नबी (स.अ.व.) का,

हशर में मुझे मत भूल जाना,

हशर में हमें मत भूल जाना,

रोज़े महशर मुझे बकशवाना,

रोज़े महशर हमें बकशवाना,

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

तुमपे लाखो सलाम माहे रमज़ा।

तुमपे लाखो सलाम माहे गुफरान।

जाओ हाफिज खुदा अब तुम्हारा,

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा।

अलविदा अलविदा माहे रमज़ा....।

गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

Bishop House में सजी इफ्तारी, सौहार्द और मिल्लत कि दिखी तस्वीरें

फिज़ा में बुलंद हुई मुल्क की तरक्की की दुआएं






Varanasi (dil India live)। कैंटोंमेंट स्थित बिशप हाउस परिसर में जैसे ही अज़ान कि सदाएं बुलंद हुई, अल्लाह हू अकबर, अल्लाह...। अजान के बाद काशी के धर्मगुरुओं और रोजेदारों ने एक ही दस्तरखान पर रोजा इफ्तार किया। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के लोग मौजूद रहे। सभी ने काशी की गंगा-जमुनी तहजीब की इस रवायत को देखकर रमजान के मुकद्दस महीने में अल्लाह से मिल्लत व सलामती की दुआएं मांगी।

इससे पहले बिशप हाउस में सजाए गए दस्तरखान पर ईसाई धर्मगुरु ने अपने हाथों से रोजेदारों के लिए थालियां परोसीं। अजान होने के बाद रोजेदारों के साथ सभी ने रोजा इफ्तार किया। रोजेदारों ने खजूर, शर्बत, जूस, खजूर, कटलेट आदि से इफ्तारी की। नमाज मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने अदा करायी। उन्होंने मुल्क हिन्दुस्तान में अमन, मिल्लत और सौहार्द की दुआएं मांगी। 

स्वागत बिशप यूजीन जोसेफ ने किया तो शुक्रिया फादर फिलिप डेनिस व फादर थामस ने कहा।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एके लारी, नुरुल हसन खां, गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग के ग्रंथी भाई धर्मवीर सिंह, डा. अफज़ल मिस्बाही, ज़ुबैर आदिल, हाफिज तहसीन रज़ा, ग़ालिब, मौलाना आखिर नोमानी, सैयद फरमान हैदर, डॉ. मो.आरिफ, फादर गेब्रियल, मुनीजा रफीक, मो. इस्माइल रज़ा, परमजीत सिंह अहलूवालिया, प्रमोद जी, राजेश सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

बुधवार, 19 अप्रैल 2023

Congress minority k डॉ मुनीर जिला एवं अब्दुल हमीद नए महानगर अध्यक्ष



Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने वाराणसी रामनगर निवासी डॉ मुनीर नजमी सिद्दिकी को वाराणसी जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष एवं अब्दुल हमीद डोडे को वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग का महानगर अध्यक्ष बनाया है।

इनकी नियुक्ति पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल, राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय, जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, महानगर उपाध्यक्ष प्रसाद हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव आसान मेहंदी कब्बन ने बधाई दी।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...