सोमवार, 27 मार्च 2023

Kashi में चोलापुर से शुरू होगी ‘tb मुक्त पंचायत’ की मुहिम

पहले पंचायत को करेंगे टीबी मुक्त, तब होगा काशी क्षय मुक्त: सीएमओ



Varanasi (dil india live). जनपद में अब ‘टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान चलेगा। इसकी प्रक्रिया, योजना और रणनीति तेज कर दी है। यह पहल काशी में हुए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय टीबी सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद की गई है।  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस मुहिम को लेकर सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रवीण भारती पवार ने भी इस बात पर ज़ोर दिया था और आग्रह किया था कि हम सभी लोग देखें कि उनके ग्राम पंचायत में कोई भी टीबी मरीज नहीं होना चाहिए। यदि कोई टीबी का मरीज पहचान में आए तो तुरंत नजदीकी आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जाने को कहें। इस कार्य में क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता और ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य उनका पूरा सहयोग करें। हर बैठक में इसके साथ ही उन्हें जागरूक करते हुये जांच के लिए प्रेरित करें जिससे गाँव टीबी मुक्त हो और देश भी टीबी मुक्त हो सके।  

         सीएमओ ने कहा कि वाराणसी में प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त पंचायत को हकीकत बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पहले हम सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करेंगे, तब काशी क्षय मुक्त कहलाएगा। उन्होंने जनमानस से अपील की है कि किसी भी मरीज का पता चलने पर उसे तुरंत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ले जाएं और जांच कराकर सम्पूर्ण उपचार कराएं। उपचार के दौरान टीबी मरीज को हर माह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे उसके बैंक खाते में भेजें जाते हैं।  

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत जनपद ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शुरुआत में चोलापुर ब्लॉक के सभी 89 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसके बाद जल्द ही सभी ब्लॉकों और शहरी क्षत्रों पर यह अभियान शुरू किया जाएगा। चोलापुर में तीन अतिरिक्त पीएचसी, 13 आयुष्मान भारत - हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और 37 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। यहाँ 20 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), 27 एएनएम और 206 आशा कार्यकर्ताएं तैनात हैं। ग्राम प्रधान और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से वृहद स्तर पर समुदाय को जागरूक करने के साथ ही टीबी की सघन स्क्रीनिंग के अभियान चलाया जाएगा। सभी संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों की सूची तैयार की जाएगी। तत्पश्चात सभी का बलगम एकत्रित कर जांच की जाएगी। जांच में पुष्टि होने पर उन्हें निक्षय पोर्टल पर नोटिफ़ाई करते हुये उपचार शुरू किया जाएगा। यदि बलगम की जांच निगेटिव आती है तो उसका एक्सरे किया जाएगा। 

         डॉ पीयूष ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए पिरामल फ़ाउंडेशन विभाग का सहयोग कर रही है। सीएचओ और ग्राम प्रधान एक साथ टीबी मुक्त पंचायत में कार्य करेंगे। हर बैठक में वह टीबी के बारे में जागरूकता फैलाएँगे जिससे टीबी के प्रति सामाजिक मिथक व भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

Ramadan Mubarak -4

Ramadan हमें हक़ की जिन्दगी जीने की दिखाता है राह


Varanasi (dil india live)। रमजान हिजरी कलैंडर का 9 वां महीना है। रमजान वो महीना है जिसके आते ही फिज़ा में नूर छा जाता है। चोर चोरी से दूर होता है, बेहया अपनी बेहयाई से रिश्ता तोड़ लेता है, मस्जिदें नमाज़ियों से भर जाती हैं। लोगों के दिलों दिमाग में बस एक ही बात रहती है कि कैसे ज्यादा से ज्यादा इबादत की जाये। फर्ज़ नमाज़ों के साथ ही नफ्ल और तहज्जुद पर भी लोगों का ज़ोर रहता है। अमीर गरीबों का हक़ अदा करते हैं, पास वाले अपने पड़ोसियों का, कोई भूखा न रहे, कोई नंगा न रहे, इस महीने में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है। पता ये चला कि हक़ की जिन्दगी जीने की रमज़ान हमे जहां तौफीक देता है। वहीं गरीबो, मिसकीनों, लाचारों, बेवा, और बेसहरा वगैरह की ईद कैसे हो, कैसे उन्हें उनका हक़ और अधिकार मिले यह रमज़ान ने पूरी दुनिया को दिखा दिया, सिखा दिया। यही वजह है कि रमज़ान का आखिरी अशरा आते आते हर साहिबे निसाब अपनी आमदनी की बचत का ढ़ाई फीसदी जक़ात निकालता है। और दो किलों 45 ग्राम वो गेंहू जो वो खाता है उसका फितरा देता है।

सदका-ए-फित्र ईद की नमाज़ से पहले हर हाल में मोमिनीन अदा कर देता है ताकि उसका रोज़ा रब की बारगाह में कुबुल हो जाये, अगर नहीं दिया तो तब तक उसका रोज़ा ज़मीन और आसमान के दरमियान लटका रहेगा जब तक सदका-ए-फित्र अदा नहीं कर देता। रब कहता है कि 11 महीना बंदा अपने तरीक़े से तो गुज़ारता ही हैतो एक महीना माहे रमज़ान को वो मेरे लिए वक्फ कर दे। परवरदिगारे आलम इरशाद फरमाते है कि माहे रमज़ान कितना अज़ीम बरकतों और रहमतो का महीना है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि इस पाक महीने में कुरान नाज़िल हुआ।इस महीने में बंदा दुनिया की तमाम ख्वाहिशात को मिटा कर अपने रब के लिए पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर रोज़ा रखता है। नमाज़े अदा करता है। के अलावा तहज्जुद, चाश्त, नफ्ल अदा करता है इस महीने में वो मज़हबी टैक्स ज़कात और फितरा देकर गरीबों-मिसकीनों की ईद कराता है।अल्लाह ने हदीस में फरमया है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। यह महीना नेकी का महीना है इस महीने से इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवर दिगारे आलम, तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने कि तौफीक अता कर... आमीन।

                 मौलाना हसीन अहमद हबीबी 

(शाही इमाम, मुगलिया मस्जिद, बादशाह बाग, वाराणसी)

रविवार, 26 मार्च 2023

Ramadan Mubarak -3

समुद्र की मछलियां भी करती हैं रोजेदारों के लिए दुआएं


Varanasi (dil india live)। फरमाने रसूल Hazrat Mohammad (स.) है कि रमजान अल्लाह का महीना है और उसका बदला भी रब ही देंगा। यही वजह है कि रमजान का रोज़ा बंदा केवल रब की रज़ा के लिए ही रखता है। रोज़ा वो इबादत है जो दिखाई नहीं देती बल्कि उसका पता या तो रब जानता है या फिर रोज़ा रखने वाला।

रमजान में जब एक मोमिन रोज़ा रखने की नियत करता है तो वो खुद ब खुद गुनाहों से बचता दिखायी देता हैं। उसे दूसरों की तकलीफ़ का पता भूखे प्यासे रहकर रोज़ा रखने पर कहीं ज्यादा होता है। रमजान का अन्य महीनों पर फजीलत हासिल है। हजरत अबू हुरैरा (रजि.) के अनुसार रसूल अकरम (स.) ने इरशाद फरमाया, कि माहे रमजान में पांच चीजें विशेष तौर पर दी गयी है, जो पहली उम्मतों को नहीं मिली थी। पहला रोजेदार के मुंह की महक अल्लाह को मुश्क से ज्यादा पसंद है। दूसरे रोजेदार के लिए समुद्र की मछलियां भी दुआ करती हैं और इफ्तार के समय तक दुआ में व्यस्त रहती हैं। तीसरे जन्नत हर दिन उनके लिए आरास्ता की जाती है। अल्लाह फरमाता है कि करीब है कि मेरे नेक बंदे दुनिया की तकलीफें अपने ऊपर से फेंक कर तेरी तरफ आवें। चौथे इस माह में शैतान कैद कर दिये जाते हैं और पांचवें रमजान की आखिरी रात में रोजेदारों के लिए मगफिरत की जाती है। सहाबा ने अर्ज किया कि शबे मगफिरत शबे कद्र है। फरमाया- नहीं, ये दस्तूर है कि मजदूर का काम खत्म होने के वक्त मजदूरी दी जाती है। एक बार अल्लाह के रसूल (स.) ने रमजान उल मुबारक के करीब इरशाद फरमाया कि रमजान का महीना आ गया है, जो बड़ी बरकतवाला है। हक तआला इसमें तुम्हारी तरफ मुतव्ज्जो होते हैं और अपनी रहमते खास नाजिल फरमाते हैं। गलतियों को माफ फरमाते हैं। दुआ को कबूल करते हैं। बदनसीब है वो लोग जो इस माह में भी अल्लाह की रहमत से महरूम रहे, रोज़ा नहीं रखा, तरावीह नहीं पढ़ी, इबादत में रातों को जागे नहीं। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदके में तमाम मुसलमानों को रमज़ान कि 

मौलाना साकीबुल क़ादरी (प्रबंधक मदरसातुननूर, वाराणसी) 

यहां तो पूरा Ramadan ही रहते हैं एतेकाफ

एतेकाफ पर इबादतगुजार करते हैं देश दुनिया में अमन की दुआएं 

Varanasi (dil india live). रमजान की खास इबादतों में शामिल एतेकाफ अमूमन रमजान के आखिरी अशरे में रहा जाता है मगर नबी ने कई बार पूरा रमजान यानी 30 दिन एतेकाफ किया था। नबी कि इसी सुन्नतों पर अमल करते हुए दावते इस्लामी हिंद के मेंबर्स मस्जिद कंकडियाबीर में पूरे रमजान एतेकाफ पर बैठते हैं। इस बार भी दावते इस्लामी इंडिया के मेंबर्स एतेकाफ पर बैठ गए हैं। पूरी मस्जिद इबादतगुजारो से भरी हुई है। एक साथ इबादत,एक साथ जमात से नमाजे अदा करना व एक साथ रोज़ा इफ्तार के साथ ही देश दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआएं करने का नजारा देखते ही बनता है। दावते इस्लामी इंडिया के डा. साजिद अत्तारी बताते हैं कि हर साल दावते इस्लामी इंडिया के लोग एक साथ पहले ही रमजान से एतेकाफ पर बैठ जाते हैं और जब ईद का चांद होता है तो एतेकाफ पूरा करके अपने घरों को लौटते हैं।

क्या है एतेकाफ:

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है। इसी इबादत का नाम एतेकाफ है। सुन्नत है एतेकाफ:

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। 

रमज़ान हेल्प लाइन:

अगर आपके जेहन में भी रमजान को लेकर कोई सवाल है तो फोन करें। इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी देंगे। 

इन नम्बरों पर होगी रहनुमाई

9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483

Nanhe rozedar कलीम की कहानी


Varanasi (dil india live)। बुनकर कालोनी स्थित मदरसा बागे नूर में कक्षा 4 में पढ़ने वाला नन्हा कलीम हस्सान ने शिद्दत कि गर्मी में रोज़ा रख कर मिसाल कायम किया है। बड़ी बाज़ार के रहने वा समाजसेवी शमीम रियाज़ के इकलौता पुत्र कलीम रोजे के साथ ही नमाज़ की भी पाबंदी खुशी खुशी करता है। अपने छोटे छोटे दोस्तों के साथ वो इस कदर खेल-खेल में मस्ती करने लगता है कि रोज़ा भी है ये भूल जाता है। वक्त होने पर नमाज और कुरआन की तिलावत भी पाबंदी के साथ करता है। इफ्तार के दौरान कलीम रब से दुआ मांगता है कि, वालिदैन कि रोजी-रोटी में बरकत हो जाए, मुल्क में हमेशा अमन चैन बना रहे। समाज से तमाम बुराइयां दूर हो जाए।

शनिवार, 25 मार्च 2023

Masjid लाट सरैया में तरावीह मुकम्मल


Varanasi (dil india live). रमजान का पाक महीना चल रहा है सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज हो रही है। इसी कड़ी में आज सरैया स्थित मस्जिद मखदूम शाह बाबा में हाफिज मोहम्मद अहमद ने तीन दिन की तरावीह की नमाज मुकम्मल कराया। सरैया लाट मस्जिद पर भी तीन दिन की तरावीह की नमाज अदा कराई गई। इस मौके पर पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने बताया की  मखदूम शाह बाबा की मस्जिद पर और लाट मस्जिद पर तीन दिन की तरावीह की नमाज बुनकर बिरादराना तंजीम चौदहों के सरदार हाजी मकबूल हसन साहब की सरपरस्ती में पढ़ाई जाती है। आज तीन दिन की तरावीह की नमाज अदा करने के बाद दोनो मस्जिदों में दोनो हाफ़िज़ ने मुल्क की तरक्की और भाई चारगी और अम्नो अमान के लिए वह सभी कि रोजी रोजगार में बरक्कत के लिए दुआएं की।

इस मौके पर मौजूद सरदार मकबूल हसन, शाहिद सलीम, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, पूर्व पार्षद कल्लू, बाऊ भाई, अब्दुल रब, गुलजार, नेसार, जुनैद, मतीन अंसारी सहित दोनो मस्जिदों में हजारों लोगो ने तीन दिन की तरावीह की नमाज मुकम्मल की। 

Mohd Zeeshan रख रहा रमज़ान का रोजा

यह नन्हा रोजेदार रहेगा पूरे महीने रोज़ा 

Varanasi (dil india live)। काजीसादुल्लापूरा बड़ीबाजार के रहने वाले समाजसेवी डॉक्टर एहतेशामुल हक के पुत्र मुहम्मद जीशान ने रमजान का पहला रोजा रख कर सभी को चकित कर डाला। कक्षा 4 में पढ़ने वाला जीशान सुबह सहरी में उठा और अपने माता पिता से कहा कि मैं रोजा रहूंगा। गार्जियन ने बहुत मना किया लेकिन बच्चे की ज़िद के आगे कौन मना करे। जीशान कहता है कि वो पूरे माह का रोज़ा रखेगा। नमाज़ भी मस्जिद में जाकर अदा करता है जिशान। यही नहीं कुरआन की तिलावत करना उसकी दिनचर्या में शुमार है।जीशान ने कहा कि मैं अपने रब से दुआ मांगूंगा और मेरा रब जरूर सुनेगा।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...