गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

Health news: विद्यापीठ का हरपालपुर और सेवापुरी का अर्जुनपुर गाँव कालाजार प्रभावित

कालाजार उन्मूलन : शुरू हुआ सक्रिय रोगी खोज अभियान

सात फरवरी तक चलेगा अभियान, आशा घर-घर जाकर करेंगी स्क्रीनिंग

प्रभावित गाँव के सीमावर्ती में चलेगा अभियान




Varanasi (dil india live). कालाजार उन्मूलन के लिए सरकार बेहद गंभीर है । इसी क्रम में राष्ट्रीय कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में बुधवार से कालाजार संभावित लक्षण वाले मरीजों को खोजने के लिए एक्टिव केस डिटेक्शन (एसीडी) यानि सक्रिय रोगी खोज अभियान शुरू किया गया । यह अभियान सात फरवरी तक चलेगा जिसमें आशा कार्यकर्ता कालाजार प्रभावित क्षेत्रों सहित सीमावर्ती गाँव में घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेंगी । 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है वह कालाजार प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग करें और संभावित व्यक्ति पाये जाने पर ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा प्रभारी को सूचित करें जिससे वहाँ त्वरित कार्रवाई की जा सके और उस इलाके में इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) छिड़काव भी किया जा सके । एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि जनपद में पूर्व से ही संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के जरिये समुदाय को डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया के साथ कालाजार को लेकर जागरूक किया जा रहा है । अभियान में संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों की किट के माध्यम से जांच की जा रही है, पॉजिटिव पाए जाने पर उनको उपचार पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि जल जमाव और दीवारों में नमी होने से कालाजार रोग पाँव पसारने लगते हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि जनपद के दो ब्लॉक के दो गाँव कालाजार से प्रभावित हैं । इसमें काशी विद्यापीठ का हरपालपुर और सेवापुरी का अर्जुनपुर गाँव कालाजार प्रभावित है। इनके आसपास के गाँव जैसे काशी विद्यापीठ के केसरीपुर, खुलासपुर, परमानंदपुर, रहीमपुर, कनईसराय और इस्लामपुर तथा सेवापुरी के बसहुनचक, भीषमपुर, मटुला, तख्खू की बौली और ककरहवाँ में स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए काशी विद्यापीठ में 14 टीमें और सेवापुरी में 6 टीमें तैयार की गईं हैं। एक आशा एक दिन में 50-50 घर कवर करेंगी। नए रोगी फिर से न मिले इसके लिए नियमित रूप से सक्रिय रोगी खोज अभियान के साथ चलाया जा रहा है। वहीं पूर्व में जिस गांव में कालाजार के मरीज मिले हैं वहां कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए आईआरएस छिड़काव नियमित किया जा रहा है। 

दो सालों में नहीं मिला कोई नया मरीज

डीएमओ ने बताया कि जिले के काशी विद्यापीठ ब्लॉक में साल 2008 व 2009 में कालाजार के रोगी पाए गए थे, उसके बाद साल 2017 तक कोई रोगी नहीं मिला। लेकिन साल 2018 में एक, साल 2019 में दो और साल 2020 में एक कालाजार मरीज पाया गया। यह रोगी काशी विद्यापीठ के हरपालपुर और सेवापुर के अर्जुनपुर गाँव में ही पाये गए । इसके बाद अब तक कालाजार का एक भी मरीज नहीं पाया गया। लेकिन सतर्कता बरतते हुये इन गांवों के साथ सीमावर्ती गाँव में समय-समय पर सक्रिय रोगी खोज अभियान और दवा का छिड़काव कर बचाव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कालाजार, बालू मक्खी के काटने होता है जिसको शीघ्र निदान, उपचार और कीटनाशक दवा से छिड़काव से नियंत्रित किया जा सकता है।     

लक्षण

• बुखार रुक-रुक कर या तेजी से तथा दोहरी गति से आता है

• भूख कम लगती है, शरीर में पीलापन और वजन घटने लगता है 

• स्प्लीन यानि तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ने लगता है 

• त्वचा-सूखी, पतली और शल्की होती है और बाल झड़ने लगते हैं 

• शरीर में खून की कमी बहुत तेजी से होने लगती है

रोकथाम 

• घर को साफ रखना चाहिए। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है। 

• घर में प्रकाश आना चाहिए।

• रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं। 

• कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।

khwaja gharib Nawaz का बड़ा कुल सम्पन्न, लौटने लगे जायरीन



Varanasi (dil india live). Rajasthan (राजस्थान) के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811 वां सालाना उर्स पूरी अकीदत के साथ सम्पन्न हो गया। कल ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह के उर्स पर बड़े कुल की रस्म अदा की गई। बड़े कुल के साथ सालाना उर्स संपन्न हो गया। इसी के साथ काशी से अजमेर उर्स में जियारत करने गए बनारस के लोगों का जत्था अब अपने घरों को लौट रहा है।

इससे पहले अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह पर कल सुबह बड़ा कुल जिसे नवीं का कुल कहा जाता है सुबह आठ बजे खुद्दाम-ए-ख्वाजा ने मजार शरीफ पर कुल की रस्म अदा की और आस्ताना शरीफ के साथ दरगाह परिसर को केवड़े एवं गुलाबजल से गुसल कराया गया। इस दौरान देश में अमन चैन, खुशहाली की दुआओं में लोगों ने हाथ फैलाया।

कुल की रस्म में खुद्दाम ए ख्वाजा ने ही सभी धार्मिक क्रिया पूरी की और फातिहा के बाद खादिमों की अंजुमन की ओर से उर्स संपन्न होने का ऐलान कर दिया गया। बड़े कुल के मौके पर देश दुनिया से आए ख्वाजा के दीवानों की सकुशल घर वापसी के लिए भी दुआ की गई। इतना ही नहीं उर्स के शांतिपूर्वक एवं सफलता के साथ संपन्न होने पर सभी का शुक्रिया अदा किया गया।

पाकिस्तान के 240 जायरीन ने की जियारत 

उर्स मे शरीक होने आये पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 240 सदस्यों का दल भी सायं अजमेर शरीफ उर्स में जियारत करने के बाद रवाना हो गया। पाकिस्तान के दल ने दोनों देशों के बीच मोहब्बत का पैगाम दिया।

बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

Basic teacher सामुदायिक सहभागिता की बन रहे मिसाल



Varanasi (dil india live). प्राथमिक विद्यालय बनपुरवां काशी विद्यापीठ में पुनः दानोत्सव मनाया गया। ज्ञात हो कि हर वर्ष दो बार भव्य रूप से दानोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसके सूत्रधार का श्रेय विद्यालय की ही सहायक अध्यापिका छवि अग्रवाल को जाता है जो अपने नवीन प्रयोगों और तकनीकी दक्षताओं के लिए प्रदेश भर में जानी जाती हैं। विद्यालय के प्रति इनके विशेष लगाव और प्रयासों का ही नतीजा है कि इनका पूर्व विद्यालय पयागपुर आज ज़िले के सुंदर विद्यालयों में गिना जाता है। वर्तमान में बनपुरवा में सहायक अध्यापक के पद पर होते हुए भी अपने विद्यालय के कायाकल्प हेतु आप निरंतर प्रयासरत हैं। समुदाय के सहयोग से इनकी पहल पर इसके पहले भी विद्यालय को झूले , कम्प्यूटर, पंखे, सभी बच्चों के लिए टी शर्ट खेल सामग्री, 32 इंच एलईडी आदि प्राप्त हो चुकी है जो कि विद्यालय के अलुमनी शशांक और रेणु के द्वारा प्रदान की गयी थी।

आज के इस कार्यक्रम में वाराणसी एलिट राउंड टेबल से आशीष सिंघानिया, रोहन मधोक, हर्षित, अमित सुरभि मोदी जी के द्वारा विद्यालय के सभी नामांकित 303 बच्चों को डेस्ककिट दान में दी गयीं । कार्यक्रम में आशीर्वचन प्रदान करने महंत श्री शंकर पुरी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान थे। शिक्षा विभाग से ज़िले के मुखिया बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक का भी सानिध्य और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। बच्चों ने अपने बीच आए अतिथियों का स्वागत किया और उपहार पाकर प्रसन्न हुए। अंत में विद्यालय की प्रमुख अनुपम श्रीवास्तव द्वारा जनसमुदाय  के विश्वास और सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया गया। भविष्य में भी उनका सहयोग और स्नेह विद्यालय के लिए बना रहे इसी कामना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

इस पहल की सराहना इसलिए आवश्यक है क्योंकि  आज के समय में हमें संसाधन की उतनी जरूरत नहीं लेकिन विश्वास की है जो उन्होंने विद्यालय के प्रति दिखाया वे विद्यालय आए और बच्चों के लिए सोचा,भविष्य की जरूरतें समझीं और पुनः आने का इरादा किया ।

Ruckmani के 35 माह के तप ने बना दिया tb champion

Xdr tb से स्वस्थ होकर बनीं 300 tb मरीजों की मददगार





Varanasi (dil india live). एक्सडीआर टीबी की मरीज रुक्मिणी 35 माह तक हर रोज कई-कई दवाओं के सेवन और सुबह-शाम के इंजेक्शन की असहनीय पीड़ा से ऊब चुकीं थीं। यहाँ तक कि एक वक्त वह जिन्दगी की आस तक छोड़ चुकी थीं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बेहतर इलाज और परिवार वालों के हर वक्त ख्याल रखने व धैर्य बंधाने से अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इसी असहनीय पीड़ा के दौरान ठान लिया था कि अगर स्वस्थ हो गयी तो कुछ ऐसा करूंगी कि दूसरों को इस तरह के कष्ट से न गुजरना पड़े। अब टीबी चैम्पियन (tb champion) बनकर करीब 300 टीबी मरीजों की ruckmani मददगार बनी हैं। बीमारी से उनको यह सीख मिल ही चुकी थी कि समय से जाँच और उपचार न कराने का नतीजा कितना गंभीर हो सकता है।  

 मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के बाद टीबी के सबसे गंभीर रूप एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के इलाज के दौरान मिली सीख का हवाला देकर वह अब दूसरों को ऐसी गलती न करने की नसीहत देती हैं। टीबी चैम्पियन (tb champion) के रूप में उनकी राह आसान की वर्ल्ड विजन इण्डिया संस्था ने। संस्था ने ट्रेनिंग देने के साथ ही मरीजों की सूची भी सौंपी जिनको सही मायने में संबल की जरूरत थी। अब वह 10-12 मरीजों का प्रतिदिन मनोबल बढाने के साथ ही बताती हैं कि दवा का सेवन नियमित रूप से करना है और साथ में पोषक आहार भी लेना है ताकि जल्दी स्वस्थ बन सकें। समुदाय में भी लोगों को बताती हैं कि दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार बना हो, बलगम में खून आ रहा हो, वजन गिर रहा हो, भूख न लग रही हो तो स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जाँच जरूर कराएँ। 

बड़ागांव ब्लॉक के कूंडी गांव की रुक्मिणी घरेलू कामकाज निपटाकर हर रोज दोपहर 12 बजे क्षय रोगियों की सूची लेकर बैठ जाती हैं। फोन पर शंकाओं का समाधान करने के साथ ही बीच में दवा छोड़ने वाले क्षय रोगियों या किसी तरह की दिक्कत का सामना कर रहे मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाती हैं। इस तरह रुक्मिणी क्षय रोगियों के संपर्क में तो रहती ही हैं विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर भी लोगों को जागरूक करती हैं। महिलाओं के समूह में बैठक कर क्षय रोग से बचाव और उपचार के बारे में भी समझाती हैं। एक वर्ष के भीतर लगभग 300 क्षय रोगियों से उन्होंने सम्पर्क किया है। इनमें 167 पुरुष, 126 महिलाएं व सात बच्चे शामिल हैं। इनमें 55 क्षय रोगी पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। क्षय रोगियों को समझाने में कई बार दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। वह बताती हैं कि बड़ागांव के ही ग्राम चिरई के अवनीश कुमार (18 वर्ष) जब दवा खाते थे तो पेट में दर्द होने लगता था। इस वजह से वह दवा बीच-बीच में बंद कर देते थे। समझाने पर लगातार दवा की और अब हालत में सुधार है। ऐसी ही स्थिति बसनी (बड़ागांव) के अजय पाण्डेय (42 वर्ष) की भी रही। दवा बीच में छोड़ने की वजह से उन्हें एमडीआर टीबी हो गयी। समझाया तो अब लगातार दवा खा रहे हैं।

 रुक्मिणी अपनी बीमारी को याद कर बताती हैं कि बीए -बीटीसी करने के बाद यूपीटेट की परीक्षा पास कर अध्यापिका बनना चाहती थी। इसके लिए प्रयासरत ही थी कि अक्टूबर-2017 में खांसी, बुखार व कमजोरी से परेशान रहने लगी। शुरू में निजी चिकित्सक से उपचार कराया पर लाभ नहीं मिला। छह माह तक चली दवा के बाद निजी डाक्टर ने दिल में छेद बताया और आपरेशन की बात कही। इससे घबरा गयी और बीएचयू के सर सुन्दर लाल चिकित्सालय पहुँची। जांच के बाद यह साफ हो गया कि दिल में छेद नहीं है। अप्रैल 2018 में बलगम जांच में पता चला कि टीबी का बिगड़ा रूप एमडीआर है। 15 दिन तक अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराया। लगभग 14 माह (अप्रैल 2018 से मई 2019) तक एमडीआर की दवा खाई लेकिन सांस लेने में दिक्कत, पैरों में तेज दर्द और कमजोरी बनी रही। जून 2019 में एक दिन अचानक हालत बिगड़ी तो अस्पताल में पुनः भर्ती करना पड़ा। अब टीबी का सबसे बिगड़ा रूप एक्सडीआर हो चुका था। महीने भर अस्पताल में रहने के बाद छुट्टी मिली। दवा के साथ ही हर रोज सुबह-शाम इंजेक्शन लगता था। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद तक कानों में सीटी बजने की आवाज आती थी जिससे घबरा जाती थी। इच्छा होती थी कि दवा बंद कर दें लेकिन पति तपन कुमार के साथ ही ससुराल व मायके के लोग समझाते थे। तब उनकी इकलौती बेटी आराध्या महज दो वर्ष की थी। उसे  मायके में छोड़ना पड़ा। लगातार चल रहीं दवाओं के बीच होने वाली परेशानियों से ऊब चुकी थी। लगता था कि शायद नहीं बचूंगी। जून 2019 से फरवरी 2021 तक लगभग 21 माह एक्सडीआर की दवा चली। फरवरी 2021 में पूरी तरह ठीक हो गई और इसके साथ ही दवा बंद हो गयी। रुक्मिणी बताती हैं कि अप्रैल 2018 में निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये पोषक आहार के लिए मिलना शुरू हुआ जो फरवरी 2021 तक मिला। इस तरह 35 माह में 17500 रुपये पोषक आहार के लिए मिले।

मंगलवार, 31 जनवरी 2023

Mother Halima central school में मौसिक़ी ‘आहंगे हयात’ में गायकों ने दिखाया जौहर


Varanasi (dil india live). मदर हलीमा सेंट्रल स्कूल में हुए मौसिक़ी प्रोग्राम ‘आहंगे हयात’ में कई गायक ने अपना जौहर दिखाया। हेमलता ने कई ग़ज़लें पेशकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। गायक प्रियांशू शिवांश, एजाज़ुल्लाह ख़ान ने अपनी प्रस्तुति से तालियाँ बटोरी। उत्कर्ष गिटार और सोमेनदास तबले पर सहभागिता की।कार्यक्रम की चीफ गेस्ट सुचरीता गुप्ता ने दर्शकों की माँग और ख़्वाहिशों को पूरा करते हुये दो बेहतरीन ग़ज़लें पढ़कर इस प्रोग्राम को बुलन्दी बख़्शी। बनारस घराने की वरिष्ठ गायिका को सुनकर श्रोतागण अभिभूत हुये। कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ़ ऑनर प्रोफ़ेसर आभा सक्सेना और डॉ. शबनम रहीं। मदर हलीमा फ़ाउंडेशन के प्रबंधक नोमान हसन ने आगंतुकों का स्वागत किया। डॉ शबनम ने  विदुषी सुचारिता गुप्ता पर स्वलिखित पुस्तक मदर हलीमा लाइब्रेरी को भेंट की जबकि ख़ूबसूरत संचालन इमरान हसन ख़ान ने किया। कार्यक्रम का संयोजन शालिनी सिंह, अबुज़र सिद्दीक़ी, और मनीषा ने किया।

इस मौक़े पर उर्दू साहित्यकार अब्दुस्समी के अतिरिक्त अश्फ़ाक अहमद, मक़सूद ख़ान, इरफ़ान हसन, रिज़वान हसन, डॉ खन्ना, नीता चौबे, डॉ फ़ैज़ान, ख़ुर्शीद आलम, इंतिसाब आलम, एकराम, सैयद अरशद, क़मरूद्दीन, आसिफ़ अली, सुबहान हसन के साथ ग़ज़ल के शौक़ीन पुरुष महिलाएँ बड़ी संख्या में मौजूद रहीं।

Ops की मांग और nps का विरोध

"अटेवा" पेंशन बचाओ मंच कि बैठक 



Varanasi (dil india live)। "अटेवा" पेंशन बचाओ मंच वाराणसी जिला कार्यकारिणी की आवश्यक बैठक वरुणापुल स्थित, उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ कार्यालय पीडब्लूडी वाराणसी में ज़िला संयोजक चंद्र प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता व जिला महामंत्री बी एन यादव के संचालन में संपन्न हुई।

     जिसमें सभी पदाधिकारियों ने एक जुट होकर पेंशन बहाली तक संघर्ष करने का निर्णय लिया, सभी ब्लाकों में गठन और महिला विंग के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की गई। आने वाले दिनों में और जोश व खरोश से अटेवा के शिक्षक कर्मचारी अत्यधिक संघर्ष करने को तैयार हैं। Nps आने वाले दिनों का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने वाला है, जो बाजार आधारित है। सांसद विधायक,एक साथ चार चार पेंशन का सुख ले रहे हैं, शिक्षक कर्मचारी अधिकारी 30 से 40 वर्ष सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे में कुछ हाथ नहीं लगता। देश के 5 राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। जो यह अटेवा की मेहनत का ही परिणाम है।

       बैठक में विशेष रूप से अटेवा के ज़िला संरक्षक रामचंद्र गुप्त, पूर्व ज़िला संयोजक विनोद यादव, जिला महामंत्री बी एन यादव, जिला सहसंयोजक डॉक्टर एहतेशामुल हक, ज़िला मंत्री जफर अंसारी, जिला संगठन मंत्री अजय यादव, जिला सोशल मीडिया प्रभारी सुरेंद्र प्रताप सिंह, संदीप यादव, सारिका दूबे, अंजनी सिंह, इमरान अंसारी, अश्वनी कुमार, राजेश प्रजापति, बी एन ठाकुर, ओमप्रकाश शर्मा, राजेश कुमार इत्यादि थे।

सोमवार, 30 जनवरी 2023

कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनायी गयी राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि

रैली, नुक्कड नाटक व गोष्ठियों संग “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान” शुरू

देश को कुष्ठ रोग से मुक्ति दिलाने का लिया गया संकल्प





Varanasi (dil india live). राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को एंटी लेप्रोसी डे (कुष्ठ निवारण दिवस) के रूप में मनाने के साथ ही देश को कुष्ठ मुक्त बनाने के लिये सोमवार से जिले में ‘स्पर्श’कुष्ठ जागरूकता अभियान’ शुरू हुआ। इस अवसर पर जागुरुकता रैली निकाली गयी और नुक्कड नाटक व गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, इसके उपचार की जानकारी दी गयी। साथ ही देश को कुष्ठ रोग से मुक्त करने का संकल्प भी लिया गया। 

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि ‘स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान’ का उद्देश्य कुष्ठ के लक्षणयुक्त मरीजों को खोजकर व पुष्टि कराकर जल्द से जल्द उनको दवा खिलाने की शुरुआत करना है,  जिससे मरीज को विकलांगता से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य टीम जनपदवासियों को कुष्ठ के बारे में जागरूक भी करेगी।  कुष्ठ निवारण दिवस के अवसर पर जीवन दीप कालेज आफ नर्सिंग की छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाली। रैली को जिला कुष्ठ अधिकारी एसीएमओ डा. एके मौर्या  ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रैली चांदमारी तक गयी और पुनः विद्यालय परिसर में आकर समाप्त हो गयी। रैली में शामिल छात्राएं ‘समाज में जागरुकता लाना है, कुष्ठ को मिटाना है’ नारे लगा रही थीं। बाद में विद्यालय के सभागार में आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए 

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. एके मौर्या ने कहा कि यह न तो पूर्व जन्मों का पाप है और न ही यह छूने से होता है। उन्होंने कहा कि यह रोग एक बैक्टीरिया से होता है और समय से सही उपचार होने पर पूरी तरह ठीक भी हो जाता है। लापरवाही बरतने पर व्यक्ति विकलांग भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश से कुष्ठ रोग खत्म करने के उद्देश्य से ही आज से स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान की शुरुआत की गयी है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर कुष्ठ के मरीजों को खोजेंगी उनका उपचार कराने के साथ ही इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी। गोष्ठी में चिकित्सा अधिकारी डा. अतुल ने भी कुष्ठ रोग के बारे में छात्राओं को जानकारी दी और इस सम्बन्ध में उनके प्रश्नों का जवाब दिया। गोष्ठी के प्रारम्भ में पीपीटी के जरिये कुष्ठ रोग से लोगों को अवगत कराया गया। गोष्ठी का संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य सिबिन केडी ने किया। इसके पूर्व संकट मोचन के समीप स्थित कुष्ठ आश्रम व राजघाट स्थित कुष्ठ आश्रम रहने वाले कुष्ठ रोगियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाओं की किट के साथ ही फल की टोकरियां प्रदान की गयी। किट व फल वितरण में कुष्ठ विभाग के राजकुमार रावत, उदय शंकर, सुरेश मौर्य, रामबचन यादव, प्रभात उपध्याय शामिल रहें।

 नुक्कड नाटक से किया जागरूक

स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत अस्सी घाट पर शाम को नुक्कड नाटक का आयोजन किया गया। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मे कुष्ठ विभाग के कर्मियों एवं आशा कार्यकत्रियों के सहयोग से रचित एवं मंचित इस नाटक के जरिये संदेश दिया गया कि कुष्ठ रोग होने पर झाड़-फूंक नहीं उपचार कराना चाहिए। इसमें कृष्णानंद त्रिपाठी, रवि कश्यप, आशा कार्यकर्ता माधुरी, सुलेखा,लक्ष्मी प्रजापति ,कुसुम देवी, सुमन देवी एवं सांत्वना ने अभिनय किया।नाटक की पटकथा राकेश सिंह ने तैयार की थी और निर्देशन दामोदर सिंह का रहा।

गरजे चेतनारायण: मनमानी कर रहे शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ संघर्ष मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा

कल निकलेगा मण्डलायुक्त कार्यालय तक शिक्षकों का मार्च  Varanasi (dil India live). उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा तदर्थ शिक्षकों के व...