रविवार, 18 दिसंबर 2022

Atewa ने ops की मांग को लेकर भरी हुंकार

अटेवा व रेलवे संगठन का संयुक्त पेंशन महासम्मेलन 

बीएलडब्लू में जुटे हजारों कर्मचारी व अधिकारी 





Varanasi (dil india live). पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाली आन्दोलन के क्रम में ATEWA/ NMOPS/ IREF/ FRONT AGAINST NPS IN RAILWAY के द्वारा BLW वाराणसी में संयुक्त पेंशन महासम्मेलन किया गया। अध्यक्षता सरबजीत सिंह (अध्यक्ष--IREF) एवं संचालन सुशील कुमार सिंह ने किया।समस्त अतिथियों का स्वागत, बुके, शाल और स्मृति चिन्ह देकर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ATEWA के प्रदेश अध्यक्ष एवं NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि OPS किसी के लिए चंद रुपया होगा किन्तु हम सभी शिक्षकों/कर्मचारियों/अधिकारीयों के लिये जीवन मरण का प्रश्न है, यह बुढ़ापे की लाठी है। उन्होंने बताया कि NMOPS के बैनर तले देशभर में आंदोलन चल रहा है, जिसमें राजस्थान, छत्तीसगढ, झारखण्ड, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश की सरकारें OPS को लागू कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने मुद्दा (OPS) के लिए स्वार्थी है, हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं किन्तु जो पार्टी हमारे मुद्दा (OPS) की बात करेगा, हम सभी शिक्षक/कर्मचारी/अधिकारी उसके साथ रहेंगे। बंधु ने कहा कि OPS के लिए हम सभी वो सब कुछ करेगे जो लोकतांत्रिक रूप से सही होगा। अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल करना ही होगा। सांसद विधायक को चार चार पेंशन और कर्मचारियों को एक भी नहीं, बंधु ने निजीकरण का बिरोध करते हुए कहा कि इससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय होगा। 

    ATEWA के प्रदेश महामंत्री एवं NMOPS के राष्ट्रीय सचिव नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि बुढ़ापा को सुखमय बनाने के लिये OPS बहुत जरूरी है,आप सभी शिक्षक/कर्मचारी/अधिकारी साथियों जो अभी भी गुट गुट मे बटे है वो बुढ़ापे को सुरक्षित रखने के लिए ATEWA/NMOPS के बैनर तले होने वाले हर आन्दोलन मे बढ़चढ़कर हिस्सा लें। 

FRONT against NPS in railway के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड अमरीक सिंह ने कहा कि रेल्वे मे आये दिन हो रहे निजीकरण को बंद किया जाय एवं NPS रद्द कर सभी को पुरानी पेंशन योजना OPS से आच्छादित किया जाय। हम सभी रेल्वे के साथी OPS के लिए हर प्रकार की लड़ाई NMOPS के बैनर तले लड़ने के लिए हरवक्त तैयार है।

IREF के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड मनोज पांडे ने कहा कि NMOPS एवं रेल्वे का मिलन पुरानी पेंशन दिलवा कर ही मानेगा,आप सभी बंधुजी का तन मन धन से सहयोग कीजिये। 

   IREF के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा है कि केन्द्र सरकार अपने अड़ियल रवैया को छोड़कर OPS बहाल करें और निजीकरण को अविलंब बंद करें। 

            आज के महासम्मेलन में अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र राय, महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष रंजना सिंह, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी दानिश इमरान, सह प्रभारी नीतीश प्रजापति, पूर्व संयोजक विनोद यादव, संरक्षक रामचन्द्र गुप्ता, उमेश, चंद्रप्रकाश, बहादुर सिंह, अटेवा वाराणसी के ज़िला संयोजक चंद्रप्रकाश गुप्त, ज़िला सहसंयोजक डॉक्टर एहतेशामुल हक, प्रमोद पटेल, मनबोध यादव, राम हरक चौधरी, ज़िला महामंत्री बी एन यादव, ज़िला कोषाध्यक्ष गुलाब चंद्र कुशवाहा, जफ़र अंसारी, सुरेंद्र प्रताप सिंह, अंजनी सिंह, राजेन्द्र पाल, प्रदीप यादव, सुशील कुमार सिंह, शकील अहमद, अजय यादव, भृगु नाथ ठाकुर, मार्कण्डेय यादव, चिराग अली, अंजना सिंह, अनीता सिंह, हिना, राशिद अनवर, यशोवर्धन त्रिपाठी, अली इमाम, जाबिर, ग्रीश्चंद्र यादव, सफीउर्रहमान, चंदन सिंह, राजकुमार मौर्य, सारिका दुबे, मनीषा चौहान, सीमा यादव, इमरान अंसारी, संदीप यादव, शैलेश कुमार, आनंद पांडेय, राजेश प्रजापति, राम मूर्ति, शिव मुनि, डॉक्टर नजमुस्सहर, सलमा जमाल, देवेंद्र पांडेय, अशोक यादव, सुमैया अंसारी, रहमत अली, राघवेद्र सिंह व आतिफ मोहम्मद खालिद इत्यादि सहित भारी संख्या में शिक्षक कर्मचारी अधिकारी मौजूद थे।

Urdu inqlab ya bagawat की नहीं मुहब्बत की ज़बान

Urdu journalism के दो सौ साल, हुई संगोष्ठी 

हिन्दुस्तानी जुबां है Urdu, किसी एक धर्म से जोड़ना गलत



Varanasi (dil india live). उर्दू पत्रकारिता ही बेहतर हिन्दुस्तान के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभा सकती है। उर्दू हिन्दुस्तानी जुबान है इसे किसी एक धर्म से जोड़ना गलत है। उर्दू पत्रकारिता के दो सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज पराड़कर स्मृति भवन मैदागिन में राइज एंड एक्ट के तहत सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस के तत्वावधान में "उर्दू पत्रकारिता कल और आज" विषय पर आयोजित सेमिनार में ये बातें प्रोफेसर दीपक मलिक ने कहीं। 

      उन्होंने कहा कि उर्दू पत्रकारिता आज के दौर में अहम भूमिका निभा सकती है। उसकी वजह ये है कि उस पर किसी तरह का दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि उर्दू -हिन्दी के भेद से ही समाज टूट रहा है। आजादी से पहले उर्दू सबकी जुबान थी। देश के बंटवारे ने उसे एक खास धर्म की भाषा ज्ञान लिया गया जबकि पाकिस्तान की भाषा उर्दू नहीं है। बीएचयू के प्रोफेसर आर के मंडल ने कहा कि पत्रकारिता भाषा की बंदिशों से स्वतंत्र है।पत्रकारिता की बुनियाद सच्चाई पर है न कि भाषा पर है, इसलिए उर्दू पत्रकारिता को मुसलमानों के साथ जोड़ना सही नहीं है।

 बीएचयू के डॉ अफ़ज़ल मिस्बाही ने कहा कि उर्दू साम्प्रदायिकता की नहीं बल्कि इन्किलाब और मोहब्बत की ज़बान है। वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ गोकरण ने कहा कि उर्दू जनता को जोड़ने वाली और रेशमी एहसास दिलाने वाली ज़बान है। डॉ क़ासिम अंसारी ने कहा कि आज की उर्दू पत्रकारिता में समय के साथ उर्दू के मुश्किल शब्दों के इस्तेमाल को आसान शब्दों में बदलने की ज़रूरत है। वरिष्ठ पत्रकार उज्जवल भट्टाचार्य ने कहा कि हमें इस बात पर गौर करना चाहिए कि वह कौन से कारण हैं जिससे आजादी के दौरान जो उर्दू अखबार मुख्यधारा के हुआ करते थे आज वह संकट में हैं।

वरिष्ठ पत्रकार केडीएन राय ने कहा कि उर्दू न इंकलाब की भाषा न ही बगावत की, ये मुहब्बत की भाषा है। 

संगोष्ठी का संचालन डॉ.मोहम्मद आरिफ और धन्यवाद तनवीर अहमद  एडवोकेट ने किया। संगोष्ठी में सैयद फरमान हैदर, डॉ रियाज अहमद, आगा नेहाल, कुंवर सुरेश सिंह, रणजीत कुमार, हिदायत आज़मी, डॉ सत्यनारायण वर्मा, डॉ अरुण कुमार, धर्मेंद्र गुप्त साहिल, अज़फर बनारसी, अर्शिया खान, मैत्री भवन के निदेशक, ईसाई धर्म गुरु फादर फिलिप डेनिस,  कलाम अंसारी, आगा निहाल, जितेंद्र कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त किये।

Jain news: सारे जहां से अच्छा Jain dharm हमारा...पर बच्चों ने किया नृत्य



Varanasi (dil india live). श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर भेलूपुर में रविवार को सायंकाल जैन बाल संस्कार पाठशाला द्वारा भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक की पूर्व संध्या पर जैन धर्म पर कई धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। शुभारंभ भगवान पार्श्वनाथ जी चित्र के आगे दीप प्रज्वलन जैन समाज के प्रधान मन्त्री अरूण जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन व डाक्टर के के जैन ने किया। 

आर सी जैन का सम्मान किया गया। 

कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चो द्वारा महामंत्र का पाठ, समूह गीत एवं मनोहारी नृत्य की प्रस्तुतीकरण की गई। सारे जहां से अच्छा जैन धर्म हमारा पर बच्चों ने जैन धर्म का धवज लेकर नृत्य नाटिका की बहुत ही सुंदर प्रस्तुती की। जैन धर्म की प्रश्नोत्तरी व पहेली भी पुछी गॢई।  सभी बच्चो को पुरस्कार एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। 

सर्वाधिक प्रश्नोत्तरी जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ पर आयोजित कर बच्चो में धर्म के प्रति ज्ञानार्जन किया गया। अखिल भारतीय जैन महिला मंडल के सौजन्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। पाठशाला की मुख्य शिक्षिकाए प्रमिला सांवरिया, नीति जैन, रूबी जैन, शैली जैन, शिखा जैन, ऐनी जैन, अरचिता जैन, श्वेता जैन ने इस आयोजन के लिए तैयार कर प्रस्तुती करवाई। 

बच्चो को किरण जैन व राकेश जैन ने पुरस्कार वितरण किया। आयोजन मे प्रमुख रूप से डाक्टर जे के सांवरिया, तरूण जैन, सुधीर पोद्दार विनोद जैन, रत्नेश जैन उपस्थित थे 

शनिवार, 17 दिसंबर 2022

Mafiya mukhtar Ansari को सजा के बाद Ajay rai की सुरक्षा बढ़ाने कि मांग




Varanasi (dil india live). कांग्रेस ने कहा है कि बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की सजा अवधेश राय हत्याकाण्ड के मुख्य गवाह अजय राय कि गवाही के चलते हुई है, क्योंकि मुख्तार अंसारी पर गंगेस्टर के पांच मुकदमे में चार में मुख्तार अंसारी बरी हो गया था। मुख्तार अंसारी एक कुख्यात अपराधी है वह कहीं से भी अपराध को अंजाम दे सकता है। 

वाराणसी के कांग्रेसजनों का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर कचहरी में पुलिस कमिश्नर से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा था। उनकी अनुपस्थिति में प्रतिनिधिमंडल ने डीसीपी मुख्यालय आईपीएस अमित कुमार को पत्र सौप कर अजय राय की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाते हुए उनके आवास व परिवार की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे महानगर उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट, डॉ राजेश गुप्ता, पार्षद अफजाल अंसारी, पार्षद विनय शदे जा, विधि विभाग के जिलाध्यक्ष लोकेश सिंह एडवोकेट, रामजी प्रसाद गुप्ता,कल्पनाथ शर्मा, उजैर अंसारी, किशन यादव शामिल थे।

बुधवार, 14 दिसंबर 2022

Ganga jamuni तहजीब के लिए कवि गोष्ठी व मुशायरों की खास जरूरत: Haji ishtiyaq

दुनिया तुली थी हम को बनाने पे देवता

पर हम किसी भी हाल में पत्थर नहीं हुए... अंकिता 

साहित्यिक संस्था अदब सराय की काव्य गोष्ठी वह मुशायरा सम्पन्न 




Varanasi (dil india live). अदब सराय बनारस के तत्वाधान में मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हाजी इश्तियाक अहमद साहब के पितरकुंडा स्थित आवास पर लखनऊ से तशरीफ लाए प्रख्यात आर्थोपेडिक सर्जन और शायर डॉक्टर अहमद अयाज़ और उनकी पत्नी मशहूर नाविल निगार व शायरा रिफ़अत शाहीन के सम्मान में एक मुशायरे का आयोजन किया गया। सदारत बुज़ुर्ग शायर और लेखक शाद अब्बासी ने की जबकि मुख्य अतिथि बेंगलुरु से तशरीफ लाये जमील बनारसी थे।तमाम मेहमानों की गुलपोशी संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक अहमद और ज़मज़म रामनगरी, डॉक्टर शाद माशरिकी, आलम बनारसी ने शाल पहना कर किया। संचालन की जिम्मेदारी ज़मज़म रामनगरी ने बड़ी खूबसूरती से अदा की।इस मौके पर शहर ए बनारस के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता लेखक व शायर खलीकुज़्ज़मां खलीक को उनकी रचनाओं में सत्य निष्ठा एवं आम आदमी से जुड़ी समस्याओं को निर्भय एवं प्रखरता से छन्दबद्ध करने के सम्मान'' में मरणोपरांत ''अज़मत ए बनारस अवॉर्ड 2022'' पेश किया गया। 
संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक़ अहमद ने इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में कहा कि अगर इस मुल्क में हमारी सदियों से चली आ रही सर्वधर्म सम्भाव एवं गंगा जमुनी तहज़ीब को जन जन तक पहुँचाना है तो हमें इसी तरह की छोटी छोटी कवि गोष्ठियों एवं मुशायरों के माध्यम से देशभक्ति करुणा एवं एकता और भाई चारगी का पैगाम आम करना होगा,अपने घरों में उर्दू की पत्रिका और उर्दू अखबार मंगाया जाए।आज की ये शेअरी नशिस्त इसी सिलसिले की एक कड़ी है।इस शेअरी नशिस्त में जिन शायरों और कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया उनके नाम व अशआर  इस प्रकार हैं।

डॉक्टर अहमद अयाज़

यूँही सीने से लगाता नहीं कोई भी अयाज़

ख़ाक छानी है तो ये दश्त हमारा हुआ है

जमील बनारसी बैंगलोर 

जाते हैं हम वहाँ जहाँ इस दिल की क़द्र हो

बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिए हुए

शाद अब्बासी

काम में लाओ नीली आँखें इन से कुछ तहरीर करो

मेरे दिल के सादा वरक पर लिख्खो तो कुछ वक़्त कटे

खालिद जमाल 

ये ज़मीं मेरी भी है ये आसमाँ मेरा भी है

रोज़ ओ शब के खेल में सूद ओ ज़ियाँ मेरा भी है

हबीब बनारसी

क्या कहा हश्र में कोई ना किसी का होगा

ये भी बतलाओ कि हम लोग कहाँ रहते हैं

ज़मज़म रामनगरी

तुझे गुरूर ए सितम है तो वार कर मुझ पर

ये मैं हूँ और ये तू है ये मेरा शाना है

आलम बनारसी

शायद तुम को लज़्ज़त ए गम का अब एहसास हुआ है जो

हम से क़िस्सा पूछ रहे हो फुरक़त के इक इक पल का

डॉक्टर बख़्तियार नवाज़

ज़ख्म खूशबू ख़्वाब मंज़र आईना

ज़िंदगी के रंग सारे देखना

डॉक्टर शाद माशरिकी 

हम ने बदले हुए माहौल में रक्स ए वहशत

सामने से कभी देखा कभी छुप कर देखा

अंकित मौर्या

दुनिया तुली थी हम को बनाने पे देवता

पर हम किसी भी हाल में पत्थर नहीं हुए

नसीम बनारसी

तुम जितना दबाओगे उभरता ही रहेगा

हर जाद ए मुश्किल से गुज़रता ही रहेगा


आयूष कश्यप

वही दरिया कि जिस में तुम ने इक दिन पाँव धोए थे

कभी वो आब ए दरिया फिर नहीं मैला हुआ होगा


नसीर चंदौलवी

कितना आसाँ है मोहब्बत में किनारा करना

ना कोई फोन ना मैसेज ना इशारा करना

शिवांशू सिंह

उदास वक्तों में हँसने वालों इतना ध्यान रहे

बे मौसम बारिश से भी पौधे मारे जाते हैं

   इस अवसर पर बनारस के वरिष्ठ लोगों में जमाते इस्लामी हिंद बनारस के ज़िला अध्यक्ष डॉक्टर अकबर, सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, आज़ाद हिन्द रिलीफ सोसाइटी के अध्यक्ष जुल्फिकार अली, फने सिपहगिरी एसोसिएशन के अध्यक्ष असलम खलीफा, मरियम फाउंडेशन के शाहिद अंसारी इत्यादि मौजूद थे।

मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

Congress ने president को लिखा पत्र

प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति बन्द करने का जताया विरोध 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव ने लिखा पत्र 


Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कक्षा 1 से 10 तक मिलने वाली अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद, 2022 से बन्द कर दिया गया है। सरकार का यह कदम अल्पसंख्यक गरीबों को शिक्षा से रोकने कि एक साजिश प्रतीत होती है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस सरकार ने जून 2006 में अल्पसंख्यकों के कल्याण व विकास के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के माता पिता से स्कूल शिक्षा पर उनके ऊपर पड़ने वाले बोझ को हल्का करने के एवं अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति की शुरुआत की थी। इसे बन्द करने के केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा।

कांग्रेस ने पत्र के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह किया कि सरकार को अपने शिक्षा विरोधी फैसले को वापस लेना चाहिए। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष वाराणसी प्रभारी नईम अहमद प्रधान ने इस मुद्दे पर कहा कि प्री मैट्रिक छात्रवृति के बाद केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद साहब के नाम से कांग्रेस सरकार में शुरू की गई पांच सालों वाली मौलाना आज़ाद फैलोशिप योजना को भी बन्द करने का ऐलान कर दिया है, जबकि यह फेलोशिप योजना 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, जैन, पारसी और सिख छात्रों को दी जाती थी जिसे उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार में शुरू किया गया था। यूजीसी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 और 2021-22 के बीच 738.85 करोड़ रुपये के संचयी संवितरण के साथ 6,722 उम्मीदवारों को फेलोशिप योजना के तहत चुना गया था। बीजेपी सरकार का यह कदम शत प्रतिशत अल्पसंख्यक विरोधी है, अगर सरकार ने मौलाना आज़ाद फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को वापिस ना लिया तो देश में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शोध उम्मीदवार एम फिल और पीएचडी करने जैसी शिक्षा से वँचित हो जायेंगे। इसलिए वित्तीय सहायता के रूप में केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली पांच साल की फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को बीजेपी सरकार को वापस लेना चाहिए।

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

Kangaroo mother care: शिशु व मां के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी

प्री-मेच्योर शिशु , कम वजन के नवजातों की देखभाल का है खास तरीका

 • प्राकृतिक उपचार के इस तरीके में मां और शिशु के बीच बढ़ती है बॉन्डिंग





Varanasi (dil india live). जन्म बाद शिशु का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी होता है। इसमें जरा भी लापरवाही से शिशु के कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की आशंका हो जाती है। खास तौर प्री-मेच्योर शिशु अथवा कम वजन वाले नवजात के प्रति तो और भी अधिक सतर्कता बरतनी होती है। ऐसे ही नवजातों  की देखभाल का एक खास तरीका है “कंगारू मदर केयर”।

जिला महिला चिकित्सालय स्थित एसएनसीयू की प्रभारी व बाल रोग विशेषज्ञ डा. मृदुला मल्लिक उक्त जानकारी देते हुए बताती है कि कई शिशुओं का जन्म समय से पहले ही हो जाता है। ऐसे शिशुओं का वजन सामान्य शिशुओं की तुलना में कम होता है। लिहाजा उन्हें देखरेख की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे शिशुओं के लिए “कंगारू मदर केयर” (केएमसी) बेहद लाभदायक है। यह सिर्फ शिशु ही नहीं उसकी मां के लिए भी लाभदायक होता है। प्राकृतिक उपचार के इस तरीके में मां और शिशु के बीच बॉन्डिंग भी बढ़ती है ।

 क्या है कंगारू मदर केयर

डा. मृदुला मल्लिक बताती हैं कि कंगारू मदर केयर नवजातों के उपचार का एक प्राकृतिक तरीका है। जिस तरह मादा कंगारू अपने बच्चे को छाती से लगाकर उसे दूध पिलाने के साथ उसका ख्याल रखती है ठीक उसी तरह कंगारू मदर केयर में भी शिशु को मां की छाती से बीचोबीच लगाकर रखने की सलाह दी जाती है, ताकि मां और शिशु का स्किन टू स्किन’ सम्पर्क बना रहे। वह बताती हैं कि इसके लिए माताओं को ऐसे कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है जिनमें उनके शरीर से शिशु का शरीर सीधे स्पर्श करता रहे। मां के शरीर से शिशु के स्पर्श हो जाने के बाद शिशु के पीठ वाले हिस्से को कवर करने को कहा जाता है ताकि मां के शरीर की गर्मीं से शिशु को गर्माहट दी जा सके।

कंगारू मदर केयर से लाभ

डा. मृदुला के अनुसार ढाई किलो से कम वजन वाले शिशु को केएमसी की सलाह दी जाती है। कम वजन के नवजात को  निमोनिया होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। सर्दियों में यह खतरा और अधिक होता है। इसलिए इस समय भी कंगारू मदर केयर अपनाने की सलाह दी जाती हैं। ऐसा करने से शिशु को मां के शरीर का स्पर्श मिलने की वजह से गर्माहट मिलती है।  कंगारू मदर केयर में शिशु मां की छाती से चिपका होता है। इस प्रक्रिया में शिशु और मां की बॉन्डिंग इतनी ज्यादा मजबूत हो जाती है कि दोनों एक दूसरे की जरूरत को बखूबी समझते हैं। इससे वह न केवल वह प्री मैच्योर डिलीवरी की समस्याओं से ऊबर पाता है बल्कि धीरे-धीरे उसका वजन नियंत्रण में आ जाता है। वह बताती है कि केएमसी करते समय यह जरुर ध्यान देना चहिये कि यह एक से डेढ़ घंटे से कम की न हो । इस प्रक्रिया को दिन-रात में जितना अधिक हो सके करना चाहिए। घर का कोई स्वस्थ सदस्य भी केएमसी दे सकता है। 

 यहां करें सम्पर्क 

डा. मृदुला कहती है कि कंगारू मदर केयर अपनाने से पहले डाक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय के एसएनसीयू  कक्ष में इसे अपनाने की जानकारी  निःशुल्क दी जाती है।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...