मंगलवार, 4 अक्तूबर 2022

Dengue से बचाव के लिए रहें सतर्क

बदल रहा मौसम, रखें अपनी सेहत का खास ख्याल

  • वायरल, सर्दी, जुकाम को न लें हल्के में
  • चिकित्सक की परामर्श पर ही लें दवा  


Varanasi (dil india live). मौसम बदला रहा है। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर है। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। जरा सी भी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। डेंगू, वायरल आदि बीमारियों से बचाव के लिए भी सावधान रहने की जरूरत है। क्यों कि बदलता मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। 
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण शरीर अपने आपको उसके अनुसार ढाल नहीं पाता है। इससे लोग बीमार हो जाते हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए जिला व मंडलीय चिकित्सालय सहित समस्त सीएचसी/पीएचसी पर निःशुल्क जांच व दवा की सुविधा उपलब्ध है। 

मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता व फिजीशियन डॉ आरएन सिंह ने बताया कि वर्तमान में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल आदि मरीजों की काफी संख्या में ओपीडी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी लोगों को परेशान कर रही है। बड़ों के साथ बच्चे भी मौसमी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बीमारी से बचने के लिए कपड़ों को साफ रखना चाहिए तथा साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। मौसम के संक्रमण से लोगों को विशेष रूप से कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। बासी खाने का सेवन बिल्कुल नहीं करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोटीन, आयरन और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार लें। डेंगू से बचाव के लिए कहीं भी ज्यादा दिनों के लिए पानी एकत्रित न होने दें। हर शनिवार-रविवार मच्छरों के स्रोत का नष्ट करते रहें। मच्छर से बचने के लिए दिन के समय बदन को ढकने वाले कपड़े पहनकर ही निकलना चाहिए। शारीरिक परेशानी होने पर नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें। चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा लें ।

     रखें इस बात का खास ख्याल 

  • मौसमी फलों और सब्जियों का प्रयोग करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला ज्यादा लें।
  • ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है। गला खराब हो जाता है इसलिये आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक नहीं खाना चाहिए।
  • बाजार की खाने वाली वस्तुएं, पिज्जा, बर्गर,चाट ,तली भुनी चीजें,खुले फल आदि नहीं खाने चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए ,साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सोमवार, 3 अक्तूबर 2022

pincode की स्वर्ण जयंती पर डाक विभाग करा रहा विशेष क्विज

क्विज में आप 7 अक्तूबर तक ले सकेंगे भाग

डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं और पहलों से भी अवगत कराएगी क्विज प्रतियोगिता

भारत में 15 अगस्त, 1972 को आरम्भ हुई थी पिनकोड प्रणाली


Varanasi (dil india live). पत्रों से हम सभी का नाता रहा है। पत्रों पर लिखे जाने वाले पिनकोड की अहमियत भी खूब है, इसी के माध्यम से विभिन्न स्थानों की लोकेशन चिन्हित की जाती है। भारत में पिन कोड प्रणाली की 15 अगस्त, 1972 को शुरुआत हुई। ऐसे में, 'आजादी का अमृत महोत्सव' काल में डाक विभाग ने पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) की स्वर्ण जयंती के अवसर पर माईगव प्लैटफॉर्म पर एक विशेष प्रश्‍नोत्‍तरी (क्विज) का लाइव आयोजन किया है। 
वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह प्रश्‍नोत्‍तरी, डाक विभाग के उत्पादों और सेवाओं के बारे में नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ विशेष रूप से पिन कोड के उपयोग को प्रोत्साहित करने का भी एक प्रयास है। इसमें किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा  https://quiz.mygov.in/quiz/pincode-quiz/ लिंक पर जाकर भागीदारी की जा सकती है। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह प्रश्‍नोत्‍तरी “आजादी का अमृत महोत्सव” का भाग है जिसमें  7 अक्तूबर, 2022 की रात्रि 11:30 बजे तक प्रतिभागिता की जा सकेगी। डाक विभाग के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस प्रश्‍नोत्‍तरी में भाग नहीं ले सकते। इस समयबद्ध प्रश्‍नोत्‍तरी प्रतियोगिता में प्रतिभागी को 300 सेकंड में 15 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे तथा प्रश्‍नोत्‍तरी, हिन्‍दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। प्रत्येक डाक परिमंडल (राज्य) से सबसे अधिक अंक प्राप्‍त करने वाले 75 प्रतिभागियों को प्रश्‍नोत्‍तरी के विजेताओं के रूप में चुना जाएगा और प्रत्येक चयनित विजेता को डाक-टिकटों का गिफ्ट हैंपर दिया जाएगा। विजेताओं का चयन, दिए गए सही उत्तरों की उच्चतम संख्या के आधार पर किया जाएगा। यदि उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों की संख्या 75 से अधिक होती है, तो उनमें से विजेताओं का चयन, प्रश्‍नोत्‍तरी को पूरा करने में लिए गए समय के आधार पर किया जाएगा। कोई भी प्रतिभागी, प्रतियोगिता में केवल एक ही बार जीत का पात्र होगा। प्रतियोगी को अपना नाम, ई-मेल पता, टेलीफोन नंबर, डाक पता और पिन कोड संबंधी जानकारी देनी होगी।

Hazrat munawar Shah के उर्स में गूंजी अमन की दुआएं


Varanasi (dil india live). दशाश्वमेध थाना अंतर्गत देवकी नंदन हवेली, रामापुरा स्थित हजरत मुनव्वर शाह बाबा का सालाना उर्स पुलिस प्रशासन के निर्देशन में बाबा के चाहने वालों या यू कहे की कमेटी व मुहल्ले वालों की देख रेख में मनाया गया। उर्स में मजार पर गुस्ल व संदलपोशी करके मजार कमेटी के लोगों द्वारा बाबा की मजार पर चादर गागर पेश किया गया। चादर गागर चढ़ाने के बाद  दुआख्वानी में मुल्क में अमन की सदाएं गूंजी।

उर्स का आयोजन काशी क्षेत्र की वरिष्ठ भाजपा नेत्री हुमा बानो की ओर से किया गया। जिसमें पीर शफीक अहमद मुजददीदी द्वारा दुआ ख्वानी की गई। जिसमें मुल्क की तरक्की एवं मुल्क में अमन व चैन कायम रहने की दुआ की गई। दुआ ख्वानी में देश के प्रिय प्रधानमंत्री व वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट से पुनः भव्य जीत और अधिक वोटों से हासिल करने के लिए भी हाथ उठाया गया। उर्स में  डा. गुफरान जावेद, महफूज खान, लुबना बेगम व मोहम्मद फैय्याज आदि लोग मौजूद थे।

Eid miladunnabi पर मरकज़ी दावते इस्लामी निकालेगी जुलूस

मरकजी दावते इस्लामी ने किया यह खास ऐलान 


Varanasi (dil india live). हज़रत खाकी शाह  रहमतुल्ला अलैह शिवाला में हाफिज मोहम्मद जावेद अख्तर के बगीचे में जुलूस मुहम्मदी सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के सिलसिले में अहम मीटिंग मौलाना अब्दुल हादी खान हबीबी रिजवी, की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में संस्था के मेंबर्स व आशिक ए रसूल सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एकत्रित हुए, और निर्णय लिया गया कि हर साल की तरह इस साल भी जश्ने आमदे रसूल सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम को बहुत ही सुंदरता के साथ मनाया जाएगा और जुलूस को इस तरह अपने पुराने मार्गों से मंजिल तक पहुंचया जाए ताकि किसी को रास्ते भर कोई कष्ट न हो, जुलूस को उसके सम्मानजनक और शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाए। 

नहीं रहेगा डीजे व घोड़ा 

निर्णय लिया गया कि जुलुसे मोहम्मदी में डीजे और बाइक व घोड़े गाड़ी आदि कतई न लाएं। सारे लोग पैदल, रास्ते भर दुरूद व सलाम और नात शरीफ़ पढ़ते हुए चलें। लाउड स्पीकर को उचित साउंड के साथ प्रयोग करें। जुलूस ए मोहम्मदी सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम में सम्मिलित होने वाले अन्य लोग व संगठन अपने अपने संगठन से कुछ विशिष्ट जिम्मेदार का चुनाव कर लें जो संगठन प्रतिभागियों को अच्छी तरह रास्ते भर उन पर नज़र रखें। 

शहर की स्थि‍ति के अनुसार चौक व चौराहों से जुलूस सुंदरता से ले जाएं और किसी को मार्ग में कष्ट न हो। जुलूस में सम्मिलित होने वाले आशिकाने रसूल ज्यादा से ज्यादा  सफेद कपड़े इमामा (पगड़ी) व खुशबू लगाकर तैयार होकर चलें, और रास्ता भर इधर उधर सैर सपाटा से बचें, ताकि आपके हर हर कदम से इश्के रसूल व मुहब्बते रसूल अभिव्यक्त होता रहे।

रविवार, 2 अक्तूबर 2022

Ghandhi shastri jyanti ki dhum

विद्यालय खानपुर में गांधी, शास्त्री जयंती


Varanasi (dil india live)। राष्ट्रीय पर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिवस कम अपोजिट विद्यालय खानपुर विकासखंड चिरईगांव जनपद वाराणसी में धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद वाराणसी के जिलाध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह एवं चिरईगांव विकासखंड के प्रधान संघ के अध्यक्ष एवं ग्राम सभा खानपुर के प्रधान लाल बहादुर सिंह द्वारा संयुक्त रुप से झंडोत्तोलन का कार्यक्रम एवं महापुरुष द्वय के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी  अपनी अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया तथा उक्त लोगों को  महामानव पुरुष होने की संज्ञा दी गई। तथा उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया

International older persons day पर हुआ वृद्धजनों का सम्मान

अटेवा ने किया सेवानिवृत्त शिक्षक, कर्मचारियों व अधिकारियों का सम्मान 

बिना पेंशन के बुढ़ापा बहुत कष्ट दायक




Varanasi (dil india live)। अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच वाराणसी द्वारा वरुनापुल स्थित पी डब्लू डी डिप्लोमा संघ सभागार में अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर "शहीद डॉ0 राम आशीष सिंह स्मृति सम्मान" देकर सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारीयों को सम्मानित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक चंद्रप्रकाश गुप्त एवं संचालन पूर्व जिला संयोजक विनोद यादव ने किया।

     अटेवा मंच वाराणसी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारीयों मे प्रमोद कुमार सिंह, रामचंद्र गुप्ता, जसराज सिंह, शिवनारायण, लालजी, रमाशंकर शास्त्री, इंद्रावती, मृदुला गुप्ता, मोहम्मद जमाल अहमद खान, मोहम्मद शकील अंसारी, रमाशंकर यादव, कान्ता प्रसाद को अंगवस्त्रम के साथ स्मृति चिन्ह देकर माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

 सम्मानित सदस्यों ने एक स्वर से कहा कि NPS केवल धोखा है, इसे समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) अविलम्ब लागू करनी चाहिये अन्यथा NPS में रिटायर्ड शिक्षक, कर्मचारी,अधिकारी का बुढ़ापा बहुत कष्टदायक है।NPS से रिटायर्ड सदस्यगण ने कहा कि विना महगाई भत्ता के इतनी कम पेंशन मिल रही है कि जीवन जीने की अभिलाषा ही खत्म हो गयी है। 

    आज इस सम्मान समारोह में अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष- सत्येन्द्र राय,प्रदेश महिला विंग अध्यक्षा- रंजना सिंह, पूर्व जिला संयोजक-विनोद यादव, ज़िला महामंत्री बी एन यादव, नियमित वर्क चार्ज कर्मचारी संघ (PWD) जिला अध्यक्ष उमेश बहादुर सिंह, नीतीश प्रजापति, ज़िला सहसंयोजक एहतेशामुल हक, प्रमोद पटेल, जफ़र अंसारी, अजय यादव, गुलाब चंद कुशवाहा, अंजनी कुमार सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, मिथिलेश कुमार, शशांक रंजन, शैलेष, बी एन ठाकुर, संदीप यादव, सारिका दुबे, राजेश पटेल, राममूर्ति, शिवमुनि, शकील अंसारी, विनोद यादव, धर्मेंद्र कुमार सहित भरी संख्या में शिक्षक,कर्मचारी,अधिकारी उपस्थित रहे। 

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शनिवार, 1 अक्तूबर 2022

Post Card ने पूरा किया 153 साल का सफर

1 अक्टूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी हुआ था पहला पोस्टकार्ड

  • विभिन्न आंदोलनों का गवाह है पोस्टकार्ड
  • पोस्टकार्ड का क्रेज आज भी बरकरार, वाराणसी परिक्षेत्र में गत वर्ष डाकघरों से बिके 3.20 लाख पोस्टकार्ड
  • शादी-ब्याह, शुभकामनाओं में पोस्ट कार्ड की रही है अहम भूमिका 



Varanasi (dil india live). सोशल मीडिया में खोई युवा पीढ़ी का पाला भले ही पोस्टकार्ड से न पड़ा हो, पर एक दौर में पोस्टकार्ड खत भेजने का प्रमुख जरिया था। शादी-ब्याह, शुभकामनाओं से लेकर मौत की ख़बरों तक तो इन पोस्टकार्डों ने सहेजा है। तमाम राजनेताओं से लेकर साहित्यकार व आंदोलनकारियों ने पोस्टकार्ड का बखूबी प्रयोग किया है। अपना वही पोस्टकार्ड 1 अक्टूबर, 2022 को वैश्विक स्तर पर 153 साल का हो गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, दुनिया में पहला पोस्टकार्ड  एक अक्तूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी किया गया था।

इसके पीछे की कहानी के बारे में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि, पोस्टकार्ड का विचार सबसे पहले ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधि कोल्बेंस्टीनर के दिमाग में आया था, जिन्होंने इसके बारे में वीनर न्योस्टॉ में सैन्य अकादमी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. एमैनुएल हर्मेन को बताया।  उन्हें यह विचार काफी आकर्षक लगा और उन्होंने 26 जनवरी 1869 को एक अखबार में इसके बारे में लेख लिखा। ऑस्ट्रिया के डाक मंत्रालय ने इस विचार पर बहुत तेजी से काम किया और पोस्टकार्ड की पहली प्रति एक अक्तूबर 1869 में जारी की गई। यहीं से पोस्टकार्ड के सफर की शुरुआत हुई। दुनिया का यह प्रथम पोस्टकार्ड पीले रंग का था।  इसका आकार 122 मिलीमीटर लंबा और 85 मिलीमीटर चौड़ा था। इसके एक तरफ पता लिखने के लिए जगह छोड़ी गई थी, जबकि दूसरी तरफ संदेश लिखने के लिए खाली जगह छोड़ी गई।  

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारत में पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। हल्के भूरे रंग में छपे इस पहले पोस्टकार्ड की कीमत 3 पैसे थी और इस कार्ड पर ‘ईस्ट इण्डिया पोस्टकार्ड’ छपा था।  बीच में ग्रेट ब्रिटेन का राजचिह्न मुद्रित था और ऊपर की तरफ दाएं कोने में लाल-भूरे रंग में छपी ताज पहने साम्राज्ञी विक्टोरिया की मुखाकृति थी। अंदाज़-ए-बयां का यह  माध्यम लोगों को इतना पसंद आया कि साल की पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे।

गौरतलब है कि डाकघरों में चार  तरह के पोस्टकार्ड मिलते रहे हैं - मेघदूत पोस्टकार्ड, सामान्य पोस्टकार्ड, प्रिंटेड पोस्टकार्ड और कम्पटीशन पोस्टकार्ड । ये क्रमश : 25 पैसे, 50 पैसे, 6 रूपये और 10 रूपये में उपलब्ध हैं। कम्पटीशन पोस्टकार्ड फिलहाल बंद हो गया है। इन चारों पोस्टकार्ड की लंबाई 14 सेंटीमीटर और चौड़ाई 9 सेंटीमीटर होती है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि कम लिखे को ज़्यादा समझना की तर्ज पर पोस्टकार्ड न सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि तमाम सामाजिक-साहित्यिक- धार्मिक -राजनैतिक आंदोलनों का गवाह रहा है।  पोस्टकार्ड का खुलापन पारदर्शिता का परिचायक है तो इसकी सर्वसुलभता लोकतंत्र को मजबूती देती रही है। आज भी तमाम आंदोलनों का आरम्भ पोस्टकार्ड अभियान से ही होता है।  ईमेल, एसएमएस, फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सएप ने संचार की परिभाषा भले ही बदल दी हो, पर पोस्टकार्ड अभी भी आम आदमी की पहचान है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पोस्टकार्ड के प्रति अभी भी लोगों का क्रेज बरकरार है। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 3.20 लाख पोस्टकार्डों की बिक्री हुई थी, वहीं इस साल 51 हजार से ज्यादा पोस्टकार्डों की बिक्री की जा चुकी है।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...