रविवार, 28 अगस्त 2022

Sultan club के चुनाव में जानिए क्या हुआ

सुल्तान के डॉक्टर एहतेशाम फिर अध्यक्ष

जावेद अख्तर सचिव चुने गए 



Varanasi (dil india live)। सामाजिक संस्था " सुल्तान क्लब " वाराणसी के प्रबंधकारिणी का चुनाव रविवार को रसूलपुरा स्थित कार्यालय में चुनाव अधिकारी अब्दुल वफ़ा अंसारी की देख रेख में सम्पन्न हुआ। इस चुनाव में सर्वसम्मति से पुनः डॉ. एहतेशामुल हक को अध्यक्ष व मुस्लिम जावेद अख्तर को सचिव चुना गया। इसके अतिरिक्त महबूब आलम व अजय कुमार वर्मा (चाँद) को उपाध्यक्ष, एच हसन नन्हें को महासचिव , अब्दुर्रहमान को उप सचिव, शमीम रियाज़ को कोषाध्यक्ष, मुख्तार अहमद अंसारी को लेखा परीक्षक और अबुल वफ़ा अंसारी को सलाहकार के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया। कार्यकारिणी सदस्यों में डॉ रियाज़ अहमद, मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, मुहम्मद इकराम, खलील अहमद ख़ां, मौलाना अब्दुल्लाह, हाफिज़ मुनीर, नसीमुल हक व सुलेमान अख्तर निर्वाचित हुए। नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने समाज सेवा व देश हित के कार्यों को और बढ़ चढ़ कर करने की शपथ ली, जिससे संस्था और अग्रसर हो सके। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शाही जामा मस्जिद ज्ञानवापी के इमाम ईदैन मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी ने शुमकानाओं के साथ संस्था के उद्देश्यों और कार्यक्रमों के प्रति सभी को एक जुट हो कर लगन और कर्तव्य निष्ठा के साथ काम करने की सलाह दी और लोगों का आभार प्रकट किया। 

ज्ञात हो कि यह संस्था विगत 27 वर्षों से समाज की निःस्वार्थ भाव से सेवा करती चली आरही है, कई निःशुल्क प्रौढ़ एवं बाल शिक्षा केंद्र का संचालन, वर्ष में कई बार निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन, प्राकृतिक आपदा में राहत पहुंचाने का कार्य, बुनकरों और अशिक्षित लोगों को शिक्षा के लिए जागरूक करना, मतदाता जागरूकता अभियान, महिला सशक्तिकरण, हर घर तिरंगा, अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन, महापुरुषों के जन्म दिन पर कार्यक्रम , स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस का आयोजन, करती रही है।

Health :जमीअतुल अंसार व मानव रक्त फाउंडेशन ने लगाया निःशुल्क शिविर


Varanasi (dil india live). सामाजिक संस्था जमीअतुल अंसार एवं मानव रक्त फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा वितरण शिविर का आयोजन आज़ाद पार्क, पीली कोठी में किया गया। शिविर में वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर प्रदीप चौरसिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बड़ी संख्या में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करके उन्हें निःशुल्क दवा वितरित की। कार्यक्रम का उद्घाटन मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने किया। इस अवसर पर बारिश तथा बाढ़ के प्रकोप के कारण मलेरिया और दूसरी मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किय गया। शिविर के आयोजन में डॉ रियाज अहमद, अब्दुल्लाह एडवोकेट, अबू हाशिम एडवोकेट, इशरत उस्मानी, अब्दुल मुगनी इब्राहीमी, हाजी इश्तियाक अहमद, हाजी अख़लाक अहमद, सरफराज अहमद खान, डॉक्टर मोहम्मद नासिर अंसारी, डॉक्टर अर्सलान अहमद, डॉक्टर एहतेशामुल हक, मुस्लिम जावेद अख्तर, हाजी अब्दुल वहीद, मोहम्मद शाहिद, जुबैर आदिल, जलालुद्दीन, पार्षद अफजाल अहमद, पार्षद जमाल अहमद, मुफ्ती तनवीर अहमद कासमी, मुफ्ती जियाउल इस्लाम कासमी, मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, इरशाद अहमद, अबुल वफा अंसारी, फैयाज अहमद खान, इरफान अहमद, जुल्फिकार अहमद, अखलाक अहमद आदि का विशेष सहयोग रहा।

शनिवार, 27 अगस्त 2022

Ya Husain: दरे हुसैन हर मर्ज़ की दवा: मौलाना शरर नकवी

सच्चाई और हक पर चलने का नाम है इमाम हुसैन

varanasi (dil india live). अर्दली बाजार में स्वर्गीय अली अब्बासअली टीटी के इमाम बारगाह में अशरे की 8 वी मजलिस को खिताब करते हुए हिंदुस्तान के नामचीन मौलाना सैयद शरर नकवी लखनऊ ने कहा कि अगर सच्चे हुसैनी हो तो अपने सजदे से मस्जिदों को रोशन करो, इससे दुनिया और आखिरत दोनों सवर जाएगी। इमाम हुसैन की शहादत से मुसलमानों को इबरत हासिल करनी चाहिए। दरे हुसैन पर हर मर्ज की दवा है।जरा हुसैन पर आने और जाने की कोई पाबंदी नहीं है। इमाम हुसैन ने अपने किरदार से साबित कर दिया कि इस्लाम में दोस्त दुश्मन नहीं देखा जाता बल्कि इंसानियत देखी जाती है। इंसान की जान बचाना ही हमारा असली मकसद है।

पेशखानी नबील हैदर सोज़खानी तफसीर बनारसी नौहाखानी शमशाद ने किया। आए हुए अजादारो का शुक्रिया अख्तर अब्बास ने किया। मजलिस में शिरकत करने वाले प्रमुख लोगों में हाजी मोहम्मद अब्बास ,हाजी अबुल हसन, एजाज अब्बास,हसन मेंहदी कब्बन, फिरोज़ नकवी, मेराज रिज़वी ,बेला हैदर रहे।

Private hospitals माह के अंत तक करा लें पंजीकरण व नवीनीकरण: डीएम

उपचार से पहले पता कर लें कि hospital पंजीकृत है या नहीं : सीएमओ

जनपदवसियों से की अपील पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही करायें उपचार



Varanasi (dil india live)। जिले में अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर पर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण करा लें। साथ ही जनपदवासियों से अपील की है कि सरकारी चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही उपचार कराएं।

  जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद के ऐसे संचालक प्रबन्धक जिन्होंने अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में चिकित्सा प्रतिष्ठान का नवीनीकरण या पंजीकरण नहीं कराया है, तो वह 31 अगस्त 2022 तक समस्त आवश्यक मानकों के प्रपत्रों सहित ऑनलाईन आवेदन करते हुये नवीनीकरण या पंजीकरण अवश्य करा लें। निर्धारित अवधि तक नवीनीकृत/पंजीकरण न कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों को निर्देशित किया जाता है कि चिकित्सा प्रतिष्ठान में भर्ती मरीजों को मानवीय एवं चिकित्सीय दृष्टिकोण के आधार पर अन्य वैध चिकित्सा प्रतिष्ठान में भर्ती व संदर्भित करने के साथ ही चिकित्सा प्रतिष्ठान का संचालन भी बन्द कर दें। सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत/नवीनीकृत कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त अवैध रूप से चिकित्सा प्रतिष्ठानों का संचालन पाये जाने पर उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जायेगी। 

  सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा पंजीकृत व योग्य चिकित्सकों से मिले इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है। जिले में कुल 582 चिकित्सा प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं । इनमें शहरी क्षेत्र में 370 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 212 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल हैं। इसमें 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले 35 निजी चिकित्सालय सम्मिलित हैं। 

  सीएमओ ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था है। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही जाना चाहिए। उपचार कराने के लिए जाने से पहले सभी को यह देखना चाहिए कि वह जहां उपचार कराने जा रहे हैं वह पंजीकृत है अथवा नहीं। चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी बिना पंजीकृत चिकित्सा संस्थान में अपना इलाज कराता है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।

Shiksha mantri का महिला टीचर्स ने किया स्वागत

महिला शिक्षक संघ ने किया नई शिक्षा नीति का स्वागत 


Varanasi (dil india live). प्रदेश शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के वाराणसी दौरे के अवसर पर महिला शिक्षक संघ के वाराणसी मंडल और चंदौली इकाई के पदाधिकारियों ने औपचारिक शिष्टाचार भेंट की, महिला शिक्षक संघ ने मंत्री को आश्वस्त किया कि नई शिक्षा नीति एवं निपुण लक्ष्य के क्रियान्वन में हर संभव योगदान करने के लिए संघ तत्पर है, और प्रतिबद्ध भी, साथ ही शिक्षा मंत्री को महिला शिक्षकों की चुनौतियों और समस्याओं से अवगत कराया।

संघ का नेतृत्व मंडल अध्यक्ष सुनीता तिवारी ने किया। वाराणसी जिले की अध्यक्ष छवि अग्रवाल ने टीम का परिचय दिया और बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों के बारे में मंत्री जी को अवगत कराया। टीम से मीडिया प्रभारी शुचिता पाण्डेय व अंकिता श्रीवास्तव महा मंत्री दीप्ती मिश्रा,व वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति अग्निहोत्री, इरा सिंह एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहीं।

गुरुवार, 25 अगस्त 2022

Health care:3609 आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगी पाठशाला, 50 हजार लाभार्थी जुड़े

पोषण पाठशाला में आहार  की सही शुरुआत पर चर्चा 

विशेषज्ञों ने दी स्तनपान के साथ अर्धठोस ऊपरी आहार की सटीक जानकारी

विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्व समूहों व कुपोषण प्रबंधन के बारे में भी हुई चर्चा





Varanasi (dil india live).बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से संभव अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा पर जन समुदाय को जागरूक करने के लिए गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे से एक बजे तक वर्चुअल राज्य स्तरीय पोषण पाठशाला आयोजित हुई। इस बार के पोषण पाठशाला में ‘ऊपरी आहार की सही शुरुआत’ के विषय पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। राज्य स्तरीय विशेषज्ञ टीम ने लाभार्थियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जानकारी दी। इसके साथ ही सवालों के जवाब दिए।

      गुरुवार को एनआईसी वाराणसी पर आयोजित पोषण पाठशाला वर्चुअली कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), मुख्य सेविका एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने प्रतिभाग किया। राज्य स्तरीय पोषण पाठशाला में विशेषज्ञ आईआईटी मुंबई से प्रोफेसर डॉ रूपल दलाल, एसजीपीजीआई लखनऊ की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य, महाराष्ट्र से पोषण विशेषज्ञ दीपाली फरगड़े  और कंसल्टेंट देवाजी पाटिल द्वारा मिली जानकारी जनपद के लिए सहायक सिद्ध होगी जिससे वह अपने अपने क्षेत्र में लाभार्थियों को उपही आहार के संदर्भ में सटीक जानकारी दें पांएगी। 

    जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि जनपद में कार्यरत 3609 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। इसमें 50,916 लाभार्थियों ने पाठशाला का लाभ उठाया। पाठशाला लाभार्थियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए काफी उपयोगी रही। डॉ रूपल दलाल का सत्र काफी लाभदायक रहा। उनके द्वारा विभिन्न पोषण खाद्य सामाग्री, सूक्ष्म पोषक तत्व समूह और उसके फायदे के बारे में जानकारी दी गयी। पोषण के प्रथम हजार दिन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। छह माह तक सिर्फ स्तनपान के बाद दो वर्ष तक अर्ध ठोसाहार उचित मात्रा में देने को लेकर ज़ोर दिया। प्रतिदिन के आहार में 40 पोषक तत्वों को शामिल करने के बारे में बताया गया। प्रोटीन, सिस्टीन, सल्फर, मिथियोनीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस,पोटेशियम, जिंक, ओमेगा -3, जीवनसत्व अ व आयरन समृद्ध आहार, बीज व अन्य पोषक आहार सहित कुपोषण प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। 

   डीपीओ ने बताया कि संभव अभियान के अंतर्गत प्रतिमाह वर्चुअल पोषण पाठशाला के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान के साथ अर्धठोस ऊपरी आहार के संबंध में जानकारी प्रदान कर सकें। पाठशाला के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण के संदर्भ में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी आसानी से मिल जाती है।

लाभार्थियों ने सीखा

1- काशी विद्यापीठ ब्लॉक के मुड़ादेव तृतीय आंगनबाड़ी केंद्र पर पाठशाला से जुड़ी अनीता (26) ने बताया कि उनका बच्चा आठ माह का है छह माह तक स्तनपान के बाद ऊपरी आहार की जानकारी आज उन्हें मिली है ठीक उसी तरह से वह अपने बच्चे का ख्याल रख रही हैं। वह आंगनबाड़ी दीदी पुष्पा की ओर से बताई जा रहीं बातों का भी पूरा ध्यान रखती हैं। 

2- लाभार्थी सरिता (23) को पोषण पाठशाला के जरिए पता चला कि छह माह बाद ही ऊपरी आहार शुरू करना है जबकि उन्होंने अपने आठ माह के बच्चे को अभी कुछ दिन पहले से ही ऊपरी आहार देना शुरू किया है। इसकी वजह से उनका बच्चा कमजोर है। सरिता ने कहा कि आज मिली जानकारी से अब वह अपने बच्चे को समय से ऊपरी आहार देंगी और आंगनबाड़ी दीदी की भी सलाह मानेंगी।

Oral health : छह माह से अधिक का मुंह में छाला है खतरे की घंटी

जबड़े का न खुलना  हो सकता है खतरनाक

मुंह व दंत रोगों के प्रति रहें सावधान, सरकारी चिकित्सालयों में करायें निःशुल्क निदान


Varanasi (dil india live).अगर आप का जबड़ा पूरी तरह नहीं खुलता है या फिर मुंह में छह माह से अधिक का छाला है तो सावधान हो जाये। यह खतरे की घंटी है। सरकारी अस्पतालों में इसका निःशुल्क उपचार होता है। ऐसे लक्षणों की अनदेखी से मुंह में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

पं. दीन दयाल चिकित्सालय में दंत रोग विभाग की प्रभारी डा. निहारिका मौर्य बताती हैं कि उनकी ओपीड़ी में हर हफ्ते एक-दो ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें जबड़ा पूरी तरह न खुलने या फिर मुंह के अंदर छाले के ठीक न होने की शिकायत होती है। इनमें अधिकांश उपचार से ठीक हो जाते  हैं, जबकि कई ऐसे भी होते हैं जिनमें कैंसर के भी लक्षण होते हैं। वह बताती है कि ऐसे ही गंभीर मरीजों में शामिल रहे  65 वर्षीय महेश यादव (परिवर्तित नाम )। उनका जबड़ा लगभग दो माह से पूरी तरह नहीं खुल रहा था। हालत यह हो गयी थी कि भोजन भी उनके मुख में किसी तरह जा पाता था। स्थिति जब बदतर हो गयी तब वह उपचार कराने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के दंत रोग विभाग में पहुंचे। बताया कि वह गुटखा खाने के लती हैं और उनका जबड़ा पूरी तरह जकड़ गया है। जांच हुई तो पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है। उन्हें बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया। डा. निहारिका ने बताया कि कुछ ऐसी ही स्थिति जगधारी (48 वर्ष) (परिवर्तित नाम ) की रही। खैनी के लती जगधारी के गाल में आठ माह से छाला निकाला था। तमाम उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो रहा था। उपचार शुरू कराया तो पता चला कि उन्हें गाल का कैंसर है, उन्हें भी बीएचयू रेफर कर दिया गया। 


डा. निहारिका बताती हैं कि ‘आम तौर पर लोग दंत अथवा मुंह में हुए रोगों को प्रति बेहद लापरवाह होते हैं। वह चिकित्सक के पास तब जाते हैं जब उनकी पीड़ा असहनीय हो जाती है अथवा रोग गंभीर हो चुका होता है। यदि लोग मुख व दंत रोगों के प्रति थोड़ी सी भी सावधानी बरतें तो उपचार से वह पूरी तरह ठीक हो सकते है लेकिन लापरवाही से यह परेशानी कैंसर में भी तब्दील हो सकता है। डा. निहारिका की माने तो सुपारी व गुटखा का सेवन से दांत तो खराब होते ही है, यह मसूड़ोें में भी घाव करता है। इससे जबड़े में जकड़न शुरू हो जाती है। शुरुआती दौर में उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है लेकिन अधिक समय तक इस जकड़न का रहने से कैंसर भी हो सकता है। वह कहती है मुंह के अंदर हुए छाले को भी गंभीरता से लेना चाहिए। यह छाला अगर छह माह से अधिक पुराना है और उपचार से भी ठीक नहीं हो रहा है तो वहां कैंसर होने की आशंका भी हो  सकती है।

पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक  डा. आर के सिंह कहते हैं-मुख रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही ‘नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम चलाया जा रहा है। सरकार भी इसे लेकर काफी गंभीर है। मुंह व दंत रोगों की पहचान व समय रहते उपचार के लिए सभी को सजग रहना चाहिए।

बचाव ही सबसे बेहतर उपाय

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के जिला सलाहकार डा. सौरभ प्रताप सिंह कहते हैं-मुख व दंत रोगों का सबसे बड़ा कारण तम्बाकू उत्पादों का सेवन है। लिहाजा तम्बाकू उत्पादों का सेवन तत्काल बंद करना ही, मुख व दंत रोगों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही दांतों की नियमित सफाई व मसूड़ों की मसाज जरूर करना चाहिए। बावजूद इसके रोग का जरा भी लक्षण नजर आये तो तत्काल उपचार शुरू करायें। सभी सरकारी चिकित्सालयों में इसके निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।

इन लक्षणों की भी न करें अनदेखी

जबड़े  से खून का रिसाव

मुंह में दर्द व सूजन

दांतों का क्षरण

मुंह से बदबू आना

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...