मंगलवार, 19 जुलाई 2022

स्कूल-कॉलेजों में मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

16 लाख बच्चों को खिलाई जायेगी कीड़ा निकालने की दवा

एक से 19 वर्ष तक के बच्चों का कृमि संक्रमण से किया जाएगा बचाव     

दवा को उम्र के मुताबिक चबाकर, पीसकर व चूरा बनाकर है खाना


Varanasi (dil india live). बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने के लिए बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान के तहत एक से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी । कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है । स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। एनीमिया को नियंत्रित किया जा सकता है ।

सीएमओ ने बताया कि दिवस के लिए सम्पूर्ण तैयारियाँ कर ली गयी हैं। अभियान के तहत एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। किसी कारणवश दवा खाने से छूट जाने से बच्चों व किशोर-किशोरियों को 25 से 27 जुलाई तक चलने वाले मॉप अप चरण में दवा खिलाई जाएगी। आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस बात का ध्यान रखें कि इस दवा को चबाकर, पीसकर या चूरा बनाकर खिलाई जानी है। उन्होने बताया कि एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि जनपद में 20 जुलाई को चिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 25 से 27 जुलाई तक मॉपअप चरण आयोजित होंगे। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार जिले में 16,37,011 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 

क्या होते हैं कृमि

पेट में कीड़े (कृमि) होने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। बच्चों में नाखून से बाहर की गंदगी उनके पेट में जाती है। इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है। 

लक्षण  

बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन मे कमी, भूख न लगना, खून की कमी (एनीमिया) व पेट मे दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं ।

उपाय 

नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढक कर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियाँ धोएँ, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएँ विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनकर रहें। 

लाभ 

दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है। स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है।

बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पर देखिए कांग्रेस क्या बोली

बैंकिंग कानून संशोधन से देश हो जाएगा कंगाल


Varanasi (dil india live). 19 जूलाई 1969 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा किए गए बैंकों के राष्ट्रीयकरण की वर्षगांठ पर आज महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू  उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंखयक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन एवं कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक देश को बर्बाद कर देगा। निजी बैंक मालिक मेहुल, ललित और माल्या कि तरह पैसा लेकर भाग सकते हैं, अब बैंक की नौकरियो में आरक्षण बन्द हो जाएगा। इस दौरान इन नेताओं ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का एक पोस्टर भी जारी किया।

उक्त नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार सरकारी बैंकों को अपने उद्योगपति मित्रों को दान में देने के लिए बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने जा रही है। जिसके पास हो जाने से बैंकों में सरकार का शेयर 51% से घटकर 26% हो जाएगा, जिससे  बैंकों में जमा आम आदमी का पैसा एक तरफ से उद्योगपतियों का हो जाएगा। उक्त नेताओं ने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1969 में 19 जुलाई को बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर निजी बैंकों के लाभ को राष्ट्र के विकास में लगाने और उनको जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए सरकार की हिस्सेदारी 51% रखी थी। जिससे बैंक जनता के नियंत्रण में रहें लेकिन अब मोदी जी बैंकों मै सरकार की हिस्सेदारी 26% करने और अगले कुछ सालों में पूरी तरह से खत्म करने के लिए कानून ला रहे हैं।जिसमे इन बैंकों का जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के प्रति कोई जवाबदेही नहीं रह जाएगी। निजीकरण से पिछड़े, दलित, आदिवासी, गरीब सवर्णों के बच्चे बैंकों में नौकरी नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग इस कानून के खिलाफ सड़क पर उतर कर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम के नेतृत्व में आर-पार की लड़ाई लड़ेगा।

अधिकार सेना वाराणसी नगर निकाय चुनाव में उतारेगी प्रत्याशी

अधिकार सेना की वाराणसी जिला कार्यकारिणी का गठन


Varanasi (dil india live). अधिकार सेना पार्टी के संयोजक अमिताभ ठाकुर ने पार्टी की वाराणसी जिला ईकाई का गठन किया है। कार्यकारिणी में कुल 27 सदस्य रखे गए हैं। व्यवसायी प्रभात मिश्रा को अधिकार सेना का वाराणसी का जिला अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि आयुर्वेदिक डॉक्टर वैद्य आनंद पाण्डेय तथा व्यवसायी अमरीश ओझा को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। महासचिव शिक्षक विनय प्रकाश तथा पत्रकार राम सुन्दर मिश्र को बनाया गया है, जबकि समाजसेवी अमरनाथ चौबे तथा समाजसेवी नीरज कुमार यादव को महामंत्री बनाया गया है। बैंकिंग सेवा के मनोज शर्मा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है जबकि पत्रकार संजय सैदपुरी तथा मनीष श्रीवास्तव को पार्टी का जिला प्रवक्ता बनाया गया है। अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह तथा प्रदीप कुमार सिंह को पार्टी का विधिक सलाहकार बनाया गया है। पत्रकार  मनीष श्रीवास्तव, आरटीआई एक्टिविस्ट कुलदीप बरनवाल, पत्रकार कृष्णा पंडित, शिक्षक अमित राय, व्यवसायी विकास शुक्ला व वीरेंद्र कुमार चौरसिया तथा युवा छात्र सुमित पाठक को पार्टी का सचिव बनाया गया है। अमिताभ ने कहा कि अधिकार सेना अन्याय, अत्याचार एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ आम नागरिकों के अधिकारों के लिए बनी है और उस दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकार सेना आगामी नगर निकाय चुनाव में वाराणसी में अपने प्रत्याशी उतारेगी।

जनता की समस्याओं के समाधान के लिए हुई जनसुनवाई

भाजपा द्वारा रोहनिया में किया गया समस्याओं का समाधान


Varanasi (dil india live). भाजपा जिला कार्यालय में स्थित जनसुनवाई केंद्र में  जिला मीडिया सह प्रभारी अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में जनसमस्याएं सुनी गई। कार्यालय में लगभग 6 शिकायतें आईं। इसमें पारिवारिक, जमीन व विद्युत संबंधी मामले शामिल रहे। कुछ शिकायतों को मौके पर ही निस्तारित कर दिया। शेष शिकायतों व जनसमस्याओं को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के माध्यम से संबंधित विभागों को सात दिनों में निस्तारण करने के लिए मोहलत दी । साथ ही कृत कार्रवाई से जनसुनवाई केंद्र को अवगत कराने के लिए कहा गया । 

कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान जिला मीडिया सह प्रभारी अरविंद मिश्रा ने लोगों की समस्याओं का संज्ञान लेकर उनको संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रेषित कर दिया । वहीं इस दौरान नागरिक समस्याओं के अलावा जमीन से जुड़े कई विवाद भी सामने आए । जनसुनवाई के दौरान संबंधित मामलों को विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया गया । 

सुनवाई के दौरान सहयोग के लिए संगठन की ओर से जिला मीडिया सह प्रभारी अरविंद मिश्रा, महामंत्री प्रवीण सिंह गौतम,जिला मंत्री फौजदार शर्मा, मंडल अध्यक्ष सुधीर वर्मा तथा शिकायत कर्ताओं में नरेश वर्मा, सतीश कुमार, वैभव तिवारी आदि शामिल रहे ।

सोमवार, 18 जुलाई 2022

ईद ए ग़दीर पर मनाई गई खुशिया, सजी महफ़िल



Varanasi (dil india live). हिजरी साल के ज़िल्हिज्जा माह की 18 तारीख को अपने आख़िरी हज से वापसी पर पैग़म्बर ए आज़म ने अपने चचेरे भाई और दामाद हज़रत अली को अल्लाह के हुक्म से अपने बाद हाकिम ओ पेशवा बनाया था। ग़दीर ए ख़ुम नामी जगह जो मक्का और मदीना के बीच स्थित है वहां सवा लाख हाजियो के मजमे में रसूलुल्लाह ने हज़रत अली को अपने दोनों हाथों पर बुलंद करके फ़रमाया जिस जिस का मैं मौला आज से उस उस का अली मौला। ये दिन शिया मुसलमानों के लिए ईद का दिन है।

   इसी ईद की खुशियां मानते हुए शहर में रात ही से महफ़िल का सिलसिला शुरू हो गया था। रवीवार की रात करारा हाउस तेलियानाला में क़सीदा ख़्वानी की महफ़िल हुई जो देर रात तक चली। सोमवार को दिन में 4 बजे बनारस के इमाम ए जुमा मौलाना सैयद ज़फर उल हुसैनी की सदारत में करारा हॉउस पर महफ़िल ए बयान के एहतेमाम हुआ। बयान से पहले शोअरा ए केराम ने अपना मंज़ूम नज़राना ए अक़ीदत पेश किया। महफ़िल को ख़िताब करते हुए मौलाना अक़ील हुसैनी ने ईद ए ग़दीर की फ़ज़ीलत और मौला अली के फ़ज़ाएल बयान किये। महफ़िल की निज़ामत मौलाना अमीन हैदर हुसैनी ने किया। महफ़िल में मौलाना मेहदी रज़ा, मौलाना इश्तियाक अली, मौलाना इक़बाल हैदर, मौलाना करीमी साहब, मौलाना यूसुफ मशहदी, मौलाना ज़ाएर ईमानी साहब समेत हज़ारो की तादाद में मोमिनीन ने शिरकत की। इसी क्रम में दालमंडी, दरगाहे फ़ात्मान, शिवाला, बड़ी बाज़ार, मदनपुरा समेत लगभग सभी शिया बहुल इलाकों में महफ़िल सजाई गई और खुशियां मनाई गई।

जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की फर्जी वेबसाइट

जनसमान्य को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी


Varanasi (dil india live).जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे एवं घटित होने वाली प्रत्येक मृत्यु का पंजीकरण होना बहुत अनिवार्य है। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र से विभिन्न कार्यों में लाभ होता है। पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में सही व स्पष्ट जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है। हाल ही में राज्य स्तर पर कुछ फर्जी वेबसाइट के जरिये फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जनपदों को एक एडवाइजरी जारी कर फर्जी वेबसाइट की सूचना दी है और इसको जन सामान्य में जागरूक करने के लिए समस्त अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है। 

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशनुसार प्रदेश के कई जिलो में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वालों का जाल संज्ञान में लिया गया है। जनसामान्य को जागरूक करने के लिए जारी की गई एडवाईजरी में फर्जी वेबसाइट उल्लिखित है जो इस प्रकार हैं https://crsrgi.in, https://crsorgi-gob.in, birthdeathonline.com, crsgov.org.in, crsigov.com, crsorgigoovi.in, crsorgi-gov.in, crs-gov.co.in । इन फर्जी वेबसाइट पर निजी जानकारी जैसे यूजर आईडी पासवर्ड न डालें। सोशल मीडिया साईटों पर दिये गए फर्जी फोन नंबर पर भी भरोसा न करें। ऑनलाइन पैसे देकर कोई जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र न बनवाएँ। इसके अलावा किसी जन सेवा केंद्र पर भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध नहीं है। 

केंद्र स्तर से जन जागरूकता के उद्देश्य से एक वीडियो भी अपलोड किया गया गया है। जिसका लिंक https://www.youtube.com/watch?v=f7TkaspgkrE है। *सीएमओ* ने बताया कि भारत सरकार की सही वेबसाइट https://crsorgi.gov.in है जिसके जरिये राजकीय जिला चिकित्सालयों, नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत कार्यालय, ग्राम पंचायत कार्यालय, ग्राम विकास व पंचायत अधिकारी कार्यालय पर पूर्ण रूप से निःशुल्क जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध है। जन्म-मृत्यु के 21 दिन के अंदर उक्त सभी कार्यालयों पर निःशुल्क प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। लेकिन 21 दिन के बाद 30 दिन के अंदर केवल दो रुपये विलंब शुल्क के साथ आदेशित संबन्धित रजिस्ट्रार को देते हुये प्रमाण पत्र बनेगा। इसके 30 दिन के बाद एक साल के अंदर पाँच रुपये विलंब शुक्ल ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) व शहरी क्षेत्र में डिप्टी सीएमओ या नोडल अधिकारी के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत करने पर प्रमाण पत्र बनेगा। वहीं एक साल के बाद संबन्धित तहसील के एसडीएम को 10 रुपये का हलफनामा देना होगा और वह 10 रुपये विलंब शुल्क के साथ संबन्धित रजिस्ट्रार को आदेशित करेंगे, जिसके बाद ही प्रमाण पत्र बनेगा । 

जन्म पंजीकरण के लाभ

1. स्कूल में प्रवेश के लिए

2. राशन कार्ड में शिशु का नाम बढ़ाने के लिए। 

3. बीमा पालिसी के लिए

4. ड्राइविंग लाईसेन्स के लिए

5. पासपोर्ट बनवाने के लिए

6. सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाओं में प्रवेश के लिए 

7. मतदान का अधिकार एवं चुनाव उम्मीदवारी के लिए

8. स्वयं विवाह का अधिकार प्राप्त करने के लिए

9. बाल विवाह एवं बच्चों के अनैतिक व्यापार के विवादों के निपटाने के लिए।

10. अन्य उद्देश्य जहाँ आयु प्रमाणन की आवश्यकता है।

मृत्यु पंजीकरण के लाभ

1. मृत्यु तिथि का प्रमाण ।

2. उत्तराधिकारी सिद्ध करने के लिए ।

3. सम्पति, बीमा तथा समाजिक सुरक्षा के लाभों पर दावा प्रमाणित करने के लिए ।

गर्भावस्था में है टीबी तो बरतें सावधानीं वर्ना होगी परेशानी

गर्भपात की आशंका संग जान का भी रहता है खतरा 

लक्षण दिखते ही उपचार शुरू होने पर जच्चा-बच्चा हो सकते हैं सुरक्षित


Varanasi (dil india live). जैतपुरा की रहने वाली शबीना (परिवर्तित नाम ) असामान्य थकान, गिरते वजन और मिचली आने से परेशान थी। इन परेशानियों को वह यह समझ कर नजरअंदाज करती रही कि यह सब उसके गर्भवती होने की वजह से हो सकते हैं। हालत जब तेजी से बिगड़े तो उसने जिला महिला अस्पताल में उपचार शुरू कराया। जांच हुई तो पता चला कि वह दो माह से गर्भवती तो जरूर है लेकिन साथ ही उसे टीबी की बीमारी ने भी जकड़ रखा है। कुछ ऐसी ही स्थिति सेनपुरा की पारुल विश्वकर्मा (परिवर्तित नाम ) के साथ हुई। चार माह की गर्भवती पारुल लगातार खांसी आने और तेजी से गिरते वजन से परेशान रही। जांच हुई तो पता चला कि गर्भवती होने के बाद उसे भी टीबी हो चुका है।

यह परेशानी सिर्फ शबीना और पारुल  की ही नहीं उनके जैसी अन्य महिलाओं की भी है, जो गर्भवती होने के साथ-साथ टीबी रोग से भी पीड़ित होती हैं। ऐसी गर्भवतियों के टीबी रोगी होने का पता तभी चल पाता है जब उनकी जांच होती हैं। जिला महिला चिकित्सालय के स्त्री व प्रसूति रोग चिकित्सक डा. मधुलिका पांडेय कहती हैं “दरअसल टीबी व गर्भवस्था के दौरान होने वाली परेशानियों के कुछ लक्षण काफी मिलते-जुलते होते हैं। मसलन गर्भ ठहरने के बाद गर्भवती ने यदि पोषक आहारों पर ध्यान नहीं दिया तो उसका वजन कम होने लगता है। यह स्थिति टीबी की बीमारी होने पर भी होती है। इस रोग से ग्रसित होने पर रोगी कमजोर होने लगता है। आम तौर पर गर्भवती को असमान्य थकान की भी परेशानी होती है। ऐसी परेशानी टीबी रोगी को भी होता है। गर्भावस्था में गिरते वजन, थकान, कमजोरी जैसे लक्षणों के साथ ही तेज बुखार, खांसी को मौसमी बीमारी मानकर गर्भवती इसे नजरअंदाज करने की कोशिश करती हैं, जबकि यह परेशानी उन्हें गर्भावस्था के दौरान हुए टीबी रोग की वजह से भी हो सकते हैं।”

 गर्भावस्था में टीबी से जच्चा-बच्चा को खतरा

डा. मधुलिका बताती हैं कि “गर्भावस्था में टीबी का समय से उपचार न होने से यह गर्भवती के साथ-साथ गर्भस्थ के लिए भी खतरनाक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान टीबी गर्भवती के शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। उसका वजन तेजी से गिरने के साथ ही उसमें खून की इतनी कमी हो जाती है कि प्रसव के दौरान उसकी जान को भी खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं टीबी से ग्रसित गर्भवती के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास ठीक से नहीं हो पाता है।  ऐसी महिलाओं का गर्भपात होने अथवा समय से पूर्व प्रसव की भी आशंका रहती है। समय से पूर्व हुए नवजात काफी कमजोर अथवा अविकसित होते हैं, ऐसे में जन्म लेने के कुछ ही देर बाद उनकी मौत का भी भय होता है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान असामान्य लक्षण दिखते ही गर्भवती की तत्काल जांच करानी चाहिए। टीबी रोगियों की जांच व उपचार सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त है। साथ ही उन्हें पोषक आहार के लिए हर माह 500 रुपये दिए जाते है। है। लिहाजा गर्भावस्था में टीबी होने पर घबराने की जरूरत नहीं। सही समय से उपचार कराना चाहिए ताकि गर्भवती व उसके होने वाले शिशु को किसी तरह का खतरा न रहे।” 

 इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

दो सप्ताह से अधिक की खांसी

खांसी में बलगम के साथ खून का आना

लगातार  बुखार का आना

गर्दन की ग्रंथियों में सूजन

रात में सोते समय पसीना आना

कम काम करने के बाद भी थकावट

38000 Students को राहत देने की टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया की मांग

कामिल व फाज़िल मदरसा छात्रों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाए-हाजी दीवान साहेब ज़मा - मदरसा नियमावली से अगे बढ...