रविवार, 1 मई 2022

Bishop house : चांद रात पर सजेगा रोज़ा इफ्तार

 कोरोना काल के बाद फिर बिशप हाउस में आज इफ्तार

पहली बार चांद रात पर होगा रोज़ा इफ्तार


Varanasi  (dil India live )। आज चांद रात है। चांद रात पर मुस्लिम जहां बिशप हाउस में आज रोजा इफ्तार करेंगे, वहीं दूसरी ओर नमाजे मगरिब अदा करने के बाद मरियम के आंगन से चांद का दीदार भी करेंगे। सौहार्द और मेल-जोल की यह बानगी कोरोना काल के बाद इस बार देखने को मिलेगी। कोरोना काल के चलते 2 साल तक रोजा इफ्तार का यह खुशनुमा माहौल बिशप हाउस में नहीं बन पाया था, मगर इस बार फिर से रोजा इफ्तार का आयोजन बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में किया जा रहा है। इस दौरान में सभी मजहब के विशिष्ट लोग मरियम के आंगन में जुटेंगे। लोगों का स्वागत फादर फिलिप डेनिस करेंगे।

शनिवार, 30 अप्रैल 2022

बाल विवाह रोकथाम के लिए निकाली जन जागरूकता रैली


हिमांशु राय
Ghazipur (dil India live )। मिशन शक्ति 4.0 के तहत महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को बाल विवाह रोकथाम को लेकर ब्लॉक स्तर पर स्कूली बच्चों के साथ प्रभात फेरी करने और जागरूकता रैली निकालने के लिए शासन से निर्देश आया था। जिस के क्रम में जनपद के 6 ब्लॉक मरदह, बिरनो, जखनिया, मनिहारी, सदर और देवकली में जागरूकता रैली के लिए विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह करने की परंपरा सालों से चली आ रही है। इसी परंपरा को रोकने और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इस तरह के आयोजन का शासन से निर्देश मिला था। जिस के क्रम में सुनीता सिंह मरदह, सुशील मिश्रा एवं मनीष राय बिरनो, चाइल्ड हेल्पलाइन गाजीपुर जखनिया, प्रियंका प्रजापति प्रभारी सेंटर मैनेजर मनिहारी, नेहा राय महिला कल्याण अधिकारी सदर, गीता श्रीवास्तव संरक्षण अधिकारी देवकली में ड्यूटी लगाई गई थी। इन सभी लोगों ने सुबह 8 बजे बीआरसी पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी के देखरेख में जागरूकता रैली निकाली।

महिला कल्याण अधिकारी नेहा राय ने सदर में खंड शिक्षा अधिकारी नगर अशोक गौतम के देखरेख में जागरूकता रैली निकाली। जो प्राथमिक विद्यालय विशेश्वरगंज से होते हुए मिश्र बाजार के साथ ही अन्य इलाकों में भ्रमण करते हुए और बाल विवाह पर रोकथाम के लिए लोगों को संदेश देते हुए वापस प्राथमिक विद्यालय विशेश्वरगंज पर आकर खत्म हुई। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी नगर अशोक गौतम ने बताया कि आज के रैली का 2 महत्व है। पहला तो बाल विवाह पर रोकथाम के लिए जन जागरूकता करना। साथ ही स्कूल चलो अभियान के तहत बालिकाओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना।

आज है शनि अमावस्या

संकल्प संस्था ने किया खिचड़ी का वितरण



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। आज शनि अमावस्या है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था संकल्प द्वारा शनिवार 30 अप्रैल  को प्रातः कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ़ चौक में श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी वितरण किया गया। जहां श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में खिचड़ी का पारण किया। इस मौके पर संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने बताया कि शनिवार को पड़ने वाली अमवस्या का विशेष महत्व माना जाता है और किसी कार्य को करने के लिये अत्यन्त शुभ तिथि माना जाता है. इस अवसर पर पूजा, तीर्थ, स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है. वही शनि की उपासना करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर विष्णु जैन, लव जी अग्रवाल, रविमोहन अग्रवाल (अंशु), अमित श्रीवास्तव, मनीष आदि का विशेष सहयोग रहा।


मच्छर जनित बीमारियों पर सीधा होगा वार

वेक्टर सर्विलान्स टीम का किया गया गठन 

  • संक्रामक व आउटब्रेक की स्थिति में पूरे क्षेत्र का करेंगे भ्रमण व निगरानी

  •  मलेरिया विभाग के स्वास्थ्यकर्मियों की एक दिवसीय कार्यशाला




Varanasi (dil India live )। संचारी रोगों पर काबू पाने के लिए विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रहा है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को मुख्य चिकिसा अधिकारी कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में मलेरिया विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की एक दिवसीय एंटोंमोलॉजिकल (कीट वैज्ञानिक) कार्यशाला व प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | इसके साथ ही जनपद स्तरीय वेक्टर सर्विलान्स टीम का गठन किया गया, जो संक्रामक एवं आउटब्रेक की स्थिति में मंडलीय टीम के साथ उस क्षेत्र का भ्रमण कर निगरानी का कार्य करेगी। 

   कार्यशाला में सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडबल्यू), स्वास्थ्य पर्यवेक्षक तथा मलेरिया विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। कार्यशाला में जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे एवं वाराणसी मंडल के जोनल एंटोंमोलॉजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह ने मच्छरजनित बीमारियों से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने इनके प्रकार, पहचान, जीवन चक्र, हाउस इंडेक्स, कंटेनर इंडेक्स, मच्छरों का घनत्व, लार्वा का घनत्व निकालने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इसके साथ ही मच्छर पनपने वाले स्रोतों की खोज तथा उनका निवारण कर लोगों को इन बीमारियों से बचाव के बारे में भी समझाया | 

   वाराणसी व आजमगढ़ मण्डल के लिए मंडलीय टीम का गठन जोनल एंटोंमोलॉजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया है। प्रत्येक जनपद स्तरीय टीम में एक मलेरिया/फाइलेरिया निरीक्षक, एक कीट संग्रहकर्ता और एक स्वास्थ्य पर्यवेक्षक को शामिल किया गया है। डॉ अमित ने बताया कि वेक्टर जनित रोगों का संचरण काल इसी मौसम में होता है जिससे विभिन्न प्रकार के संचारी व मच्छर जनित रोगों का प्रसार होता है। संचरण काल में अधिकांश रोगी ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों से सूचित होते हैं जिनके पर्यवेक्षण एवं सघन निरीक्षण की आवश्यकता होती है। बुखार के रोगियों का समय से पर्यवेक्षण, सघन निरीक्षण एवं सतत निगरानी द्वारा ही वेक्टर जनित रोगों के आउट ब्रेक की स्थिति को रोका जा सकता है।    

  इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया के कारण, लक्षण आदि के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही टीम को मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के बारे में बताया। उन्होने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों से बचने का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में कीटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें जिससे मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं। मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। हर शनिवार व रविवार को लार्वा पनपने वाले स्रोतों का निवारण करें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं। सभी ग्रामीण व शहरी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ वेलनेस सेंटर व चिकित्सालयों पर निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा मौजूद है।

Chand raat: तेरे एक दीदार से होगी चाहने वालो कि ईद

चांद रात कल, दीदार की रहेगी सभी को बेचैनी
Varanasi (dil India live )। रमज़ान की 29 वीं तारीख इतवार चांद रात है। अगर चांद का दीदार हो जाता है तो हिजरी कलैंडर के 10 वें महीने शव्वाल का आगाज़ हो जायेगा और मुस्लिम ईद की खुशियां सोमवार को मनायेंगे। इस दौरान चांद देखने के लिए लोगों में बेताबी रहेगी। चांद देखने के लिए घरों, मस्जिदों-इबादतगाहों की छत और मैदान में रोज़ेदारों की भीड़ जुटेगी। अगर चांद नहीं दिखाई देता है, तो सोमवार चांद रात होगी और मंगलवार को ईद मनायी जायेगी।

चांद दिखे तो यहां करें इत्तेला

अगर आपने 29 वीं रमज़ान का चांद देखा है तो आपकी जिम्मेदारी है इसकी जानकारी उलेमाओं या फिर चांद कमेटी को दें। ताकि ईद का सही ऐलान किया जा सके। क्यों कि उलेमा आपकी तस्दीक पर ही ईद का ऐलान करते हैं। मर्द हो या ख्वातीन ईद का चांद जरूर देखे।

नबी के दौर से है चांद की रवायत 

चांद देखने की रवायत इस्लाम में सैकड़ों साल कदीमी है। जब नबी-ए-करीम (स.) ने मक्का से मदीना हिजरत किया और अपने नबी होने का ऐलान किया था। तभी हिजरी सन् की शुरुआत चांद देखकर हुई। इसलिए चांद के दीदार से ही इस्लामी हिजरी महीने का आगाज़ होता है। चांद देखने का सवाब भी है। नबी-ए-करीम (स.) फरमाते हैं कि पांच महीने का चांद देखना वाजिबे केफाया है। इसमें शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़ीकादा और जिल्हिज्जा शामिल है। यानी जिसने, इन महीनों का चांद देखा उसके नाम और आमाल में नेकिया लिखी जायेगी। हिजरी माह 29 या 30 का होता है। इस्लाम में 28 या 31 तारीख का कोई वजूद नहीं है। इसलिए हर साल अंग्रेजी कलैंडर से तकरीबन 10 दिन कम हो जाता है और ईद कभी गर्मी में तो कभी बरसात और सर्दी में पड़ती है।


ईद की खरीदारी में काटन का तड़का

गली-मुहल्लों से लेकर मॉल तक पहुंची ईद की खरीदारी


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live )।  मोमिनीन ने आज सहरी करके 28 वां रोज़ा मुकम्मल करेंगे। अलविदा जुमा सम्पन्न होने के बाद अब सुबह से ही बाज़ार में भारी भीड़ उमड़ी हुई है। बनारस के सभी बाज़ार खरीदारों से गुलज़ार हैं। गली मुहल्लों से लेकर मॉल तक में ईद की खरीदारी अपने शबाब दिखाई दे रही है।बाजार के ब्रांडेड वस्त्र ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। यूथ में ब्रांडेड कपंनियों के कपड़ों की खरीदारी करने को ज्यादा उत्सुकता दिख रही हैं। आयशा सूट घर, के इसार अख्तर बताते हैं कि लेडिज कपड़ो की खरीदारी दोपहर से लेकर रात तक हो रही है। भीषण गर्मी के चलते सभी का ज़ोर काटन पर है। लडकियों की पहली पंसद पटियाला सूट, पैंट, पलाजो, गाउन फ्राक, शरारा कमिज, लहंगा चोली आदि की अत्यधिक डिमांड है। 

दरअसल अलविदा जुमे का मतलब ही होता है कि अब रमज़ान रुख्सत हो रहा है और ईद आएगी। यही वजह है कि अलविदा जुमा बीतते ही तमाम मोमिनीन ईद की तैयारियों को अब अंतिम रुप देने में लग जाते हैं। ज्यादातर लोग दोपहर में एसी मार्केट का रुख कर रहे हैं। जैसे ट्रेंड, स्पेंसर्स, वी मार्ट, विशाल मेगा मार्ट, जालान आदि में भीड़ उमड़ रही है तो शाम में परम्परागत बाज़ारों का रोज़ेदार रुख कर रहे हैं। रोज़ा खोलने के बाद से देर रात तक दालमंडी, नई सड़क, दशाश्वमेध, चौक, गुरुबाग, अर्दली बाज़ार आदि में लोगों की भी ड़ जुट रही है। यहीं नहीं भीषण गर्मी के चलते काफी ऐसे लोग हैं जो भीड़ और गर्मी से बचने के लिए गली-मुहल्लों से ईद की खरीदारी कर रहे हैं। जैसे बड़ी बाज़ार, पीलीकोठी, मदनपुरा की गलियांं, बजरडीहा, अर्दली बाज़ार की गलियों में खरीदारी करते दिख जा रहे हैं। बाज़ार ही नहीं गली-मुहल्लों में भी ईद की रौनक है। इसको लेकर युवा वर्ग कुर्ता पाजामा, कालीदार कुर्ता पाजामा, खान ड्रेस की अधिक डिमांड है। 

Eid Mubarak: मेल-जोल व खुशियां बांटने का नाम है ईद

 



Varanasi (dil India live )। अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। इस्लाम कहता है कि रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है।

खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                           डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार}

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...