शुक्रवार, 18 मार्च 2022

सुबह होली का रंग जमा, शाम में शबे बरात पर शुरू हुई खास इबादत

बजता रहा होली पर डीजे, मोमिनीन अदा करते रहे शबे बरात की खास नमाज़े


वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। काशी में सुबह होली का रंग जमा, हिंदू भाइयों ने होली खेली तो मुस्लिम जुमे की नमाज अदा करते दिखे। शाम में शबे बरात पर खास इबादत शुरू हुई। एक तरफ होली का डीजे बज रहा था तो वहीं मुस्लिम शबे बरात की खास इबादत में मशगूल दिखें। 
शुक्रवार को काशी कुछ ऐसी ही गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करती दिखाई थी। हर तरफ सौहार्द के फूल बिखरे नज़र आएं। जैसे जैसे रात होती गई शबे बरात पर रात की खास इबादत शुरू हो गई है। मुस्लिम इबादत में मशगूल हो गए हैं। कोई फातेहा पढ़ रहा है तो कोई नफल नमाजें अदा कर रहा है। यही नहीं विरान रहने वाली कब्रिस्तानों में भी जैसे मेला लगा हो। फूल, मालों की दुकान सजी हुईं हैं। जियारत करने वाले अकीदतमंदों का हुजूम जनसैलाब की तरह उमड़ा हुआ है।

यहां हाज़िरी लगाते दिखे जायरीन

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानीटोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग पहुच कर शमां रौशन करते दिखाई दिए। इस दौरान सभी फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते दिखे।

दरअसल शबे बरात वो अज़ीम रात जिस इस रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार की इबादत में मशगुल रहते हैं। सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे। शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करेंगे। घरों में साफ़ सफाई के साथ ही रोशनी की गई है।

घरों में हुई शिरनी की फातेहा

शब बरात पर घरों में शिरनी की फातिहा मोमिनीन कराते हैं। इस दौरान ग़रीबो और मिसकीनों को खाना खिलाया जाता है। पास पड़ोस में रहने वालों को तबर्रुक तक्सीम किया जाता है।

घरो में लौटती है पुरखों की रूह

शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी, किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है, साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैं। 


पीएम मोदी के बनारस का ये है हाल

सीवर जाम से होली खेलने वाले हुए परेशान, शबे बरात पर यहीं से गुजरेंगे आज जायरीन



वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली और शबे बरात के बावजूद काली महाल, फाटक शेख़ सलीम, हंकार टोला औरंगाबाद मार्ग पर सीवर जाम होने से लोगों को भारी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। आलम यह है कि आज जहां हिंदू भाइयों ने इसी रास्ते से होकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होली खेली वही मुस्लिम शबे बरात पर इन्हीं रास्तों से फातेहा वह जियारत करने जाएंगे। होली और शबे बरात पर नगर निगम की तैयारी कितनी सतह पर थी, इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

सीएमओ को मातृशोक

 वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी की मां मालती चौधरी का मंगलवार को निधन हो गया। वह लगभग 92 वर्ष की थीं। 

सीएमओ संदीप चौधरी की माता मालती चौधरी मलदहिया स्थित आवास पर उनके साथ ही रहती थीं। कल शाम उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। उन्हें तत्काल श्री शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पूर्वाह्न दस बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सीएमओं की मां के निधन की जानकारी मिलते ही उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों - कर्मचारियों में शोक व्याप्त हो गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा काफी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे और संवेदना व्यक्त की। स्व. मालती चौधरी का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया। मुखाग्नि डा. संदीप चौधरी ने दी। उनकी अंतिम यात्रा में उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आधिकारी - कर्मचारी व काफी संख्या में गणमान्य लोग शामिल थे। मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली स्व. मालती चौधरी अपने पीछे चार पुत्र व एक पुत्री का भरापुरा परिवार छोड़ गयी हैं।

मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए की बैठक

धर्मगुरुओं ने कहा “बच्चे हमारे देश का भविष्य, इनको स्वस्थ रखना बहुत जरूरी”

विभाग को किया सुनिश्चित, बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण में करेंगे पूरा सहयोग


वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। “बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। इनको स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए जरूरी है उनका नियमित टीकाकरण होता रहे। दो साल तक के बच्चों को 11 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए जनपद में सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसे सफल बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हर वंचित बच्चा टीकाकृत हो, बस आमजन को यही हमारा संदेश है”। 

उक्त विचार मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक के दौरान धर्मसमुदाय के गुरुओं की जुबान से निकले। बैठक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने नेतृत्व में की गयी। इस दौरान डॉ वीएस राय ने धर्मगुरुओ एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों को नियमित टीकाकरण क्यों महत्वपूर्ण है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं मिशन इंद्रधनुष अभियान में टीकाकरण से वंचित रहे दो वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती का टीकाकरण करवाने एवं इसके लाभ तथा आवश्यकता के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। अभियान के तहत जिले में आयोजित होने वाले टीकाकरण सत्र एवं स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस टीकाकरण महाअभियान के तकनीकी पक्ष, वैक्सीन के प्रति संकोच, भ्रांतियां, विरोध के प्रकार, टीके के दुष्प्रभाव से जुड़े सवालों व इसके समाधान पर प्रकाश डाला।     

विभाग ने आशा जताई है कि धर्मगुरुओ एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिये हर घर तक एक प्रेरणा के रूप में संदेश पहुंचेगा और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे। सभी धर्मगुरुओं ने सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान को सफल बनाने के लिए धर्मसभाओं एवं विभिन्न साधनों के जरिए प्रचार-प्रसार करवाने में पूर्ण सहयोग करने के लिए विभाग को सुनिश्चित किया। 

 इस दौरान मदरसा इसलामिया, हनफ़िया गुसिया, मतलौल उलूम, मदीनातुल उलूम, फ़ारूकीया, हामिदिया रिजविया, अहया उस सुन्ना, मरकज़ी अंसर उल उलूम के धर्मगुरुओं, शिक्षकों एवं अन्य सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पांडे, यूनीसेफ के प्रदीप विश्वकर्मा एवं डॉ शाहिद मुख्य रूप से मौजूद रहे।

बच्चों के लिए लांच होगा कोविड का “कोर्बीवैक्स” टीका

शहरी सीएचसी दुर्गाकुण्ड पर 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चों को टीके की डोज देकर अभियान की होगी औपचारिक शुरुआत

वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। जनपद में 12 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को कोविड टीका “कोर्बीवैक्स” (Corbevax) का बुधवार को लगाया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय के अनुसार बच्चों के टीकाकरण की औपचारिक शुरुआत बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समीप स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दुर्गाकुण्ड से होगी। इसके बाद पूरे जिले की रूपरेखा बनाकर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

कोरोना महामारी के बाद शुरु हुए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में बड़ी सफलता हासिल करने के बाद अब 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूर्व गत तीन जनवरी को 15 से 18 आयु वर्ग के टीकाकारण का अभियान शुरू किया गया था। इसमें भी लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद सरकार ने अब 12 से 14  आयु वर्ग के बच्चों के भी टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। इस आयु वर्ग के बच्चों को “कोर्बीवैक्स” लगाने का निर्णय लिया है। जिसकी पर्याप्त खुराक यहां पहुंच चुकी है। बच्चों को यह टीका कैसे लगेगा इसकी पूरी रूपरेखा तय करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। साथ ही निर्देश दिया कि अभियान में शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा जाए। इस बात का ध्यान रहे कि टीकाकरण से कोई बच्चा छूटने न पाये।

सोमवार, 14 मार्च 2022

शोकसभा में एम्बुलेंस चालक को दी श्रद्धांजलि


वाराणसी,14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एम्बुलेंस चालक सरोज सोनकर के निधन पर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया। बसहीं क्षेत्र निवासी सरोज सोनकर पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में एम्बुलेंस चालक थे। रविवार की शाम अपने आवास पर उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। परिवार के लोग उन्हें लेकर पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सरोज सोनकर के आकस्मिक निधन पर मुख्य चिकित्साअधिकारी कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके मौर्य की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर गत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को इस दुःख की घड़ी में सहनशक्ति देने के लिए र्इश्वर से प्रार्थना की गयी। शोक सभा में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय, डिप्टी सीएमओ डा. सुरेश सिंह, एसीएमओ डा. एके गुप्त के अलावा डा. पीयूष राय, वरिष्ठ चिकित्सक डा. एके पाण्डेय, सहायक मलेरिया अधिकारी के.के. राय, जिला प्रशासनिक अधिकारी शेषमणि समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। शोक सभा का संचालन डीएचईआईओ हरिवंश यादव ने किया।

हर्बल रंगों के साथ मनायें होली की खुशियां

खतरनाक हो सकता है होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग

कोविड प्रोटोकाल का करें पालन

वाराणसी, 14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग आप के लिए घातक हो सकता हैं। इससे त्वचा के झुलसने के साथ ही श्वांस व नेत्र रोग सम्बन्धित बीमारियां भी हो सकती है। लिहाजा होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें और हर्बल रंगों के साथ होली की खुशियां मनायें। 

 यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.संदीप चौधरी का। डा. चौधरी ने कहा कि होली पर सभी को कोविड प्रोटोकाल का भी अवश्य पालन करना चाहिए । खास तौर पर उन लोगो को जो कोविड संक्रमण से गुजर चुके हैं।  ऐसे लोगो के लिए रसायन युक्त रंग काफी नुकसानदायक हो सकता है । जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह कहते हैं कि वर्तमान दौर में होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का अधिकांशतः प्रयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किये जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते है उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता हैं। रसायनों से युक्त रंग लगने के कुछ ही देर बाद त्वचा में तेज जलन, खुजली और दानों या फफोलों का निकलना शुरू हो जाता है। इन रंगों में कुछ ऐसे भी रसायन मिले होते है जिनके प्रयोग से त्वचा के झुलसने का खतरा होता है। अगर ये रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। कई बार सांस के जरिये ये रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते है जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए सभी को केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए। 

 इस तरह करें बचाव

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एके मौर्य  कहते है कि केमिकल युक्त रंगों से बचाव का बेहतर तरीका है कि होली वाले रोज घर निकलने से पहले पूरे शरीर में नारियल का तेल अवश्य लगाये। ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे। इतना करने के बाद भी यदि किसी ने आपकों केमिकल युक्त रंग  लगा दिया है और आपके शरीर के किसी हिस्से में जलन अथवा किसी भी तरह की परेशानी हो तो चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना चाहिए।

 हर्बल रंगों का करें प्रयोग

क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डा. भावना द्विवेदी कहती हैं कि पहले के जमाने में होली हर्बल रंगों से ही खेली जाती थी। लोग टेंसू या फिर अन्य फूलों को भिंगों कर होली खेलने खेलने के लिए रंग तैयार करते थे। इसके साथ ही चंदन, रोली का प्रयोग भी होली खेलने में होता था। ऐसे में होली पर लोगों को केमिकल रंगों से बचते हुए हर्बल  रंगों का प्रयोग करना चाहिए। 

 फूलों की होली भी एक बेहतरीन विकल्प

डा. भावना द्विवेदी कहती है कि फूलों की होली एक बेहतरीन विकल्प है। इसका प्रचलन भी हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेलकर रासायनिक रंगों से बचा जा सकता है।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...