सोमवार, 24 जनवरी 2022
शिवपुर से लड़ेंगे ओम प्रकाश राजभर!
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर
वाराणसी 24 जनवरी(dil india live)। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। यह जानकारी सोमवार को सुभासपा के प्रदेश महासचिव चंदन विश्वकर्मा ने दी। उन्होंने कहा की शिवपुर विधानसभा में विकास कार्य न के बराबर हुए हैं सुभासपा कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इस बार शिवपुर विधानसभा 386 से चुनाव लड़े और क्षेत्र का विकास करें। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर विधायक हैं। जिन्होंने ना के बराबर काम किया।
सुभाष घई अपनी निर्मित फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों पर कर रहे राज
आज मनाया जा रहा सुभाष घई का जन्मदिन
(24 जनवरी जन्म दिन पर खास)
मुंबई 24 जनवरी(dil india live)। बॉलीवुड में सुभाष घई को एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों पर राज किया। नागपुर में 24 जनवरी 1945 को जन्में सुभाष घई बचपन के दिनों से हीं फिल्मो में काम करना चाहते थे। अपने इसी सपने को साकार करने के लिये सुभाष घई ने पुणा के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया में प्रशिक्षण लिया और अपने सपनो को पूरा करने के लिये मुंबई आ गये।
अपने करियर के शुरूआती दौर में सुभाष घई ने कुछ फिल्मों में अभिनय किया लेकिन बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके। बतौर निर्दशक सुभाष घई ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘कालीचरण’ से की। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा की दोहरी भूमिका थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी।
वर्ष 1978 में सुभाष घई ने एक बार फिर से शत्रुध्न सिन्हा को लेकर ‘विश्वनाथ’ बनायी। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा ने एक तेज तर्रार वकील की भूमिका निभायी थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा का बोला गया यह संवाद ..जली को आग कहते है बुझी को राख बनते है जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते है..दर्शको के बीच आज भी लोकप्रिय है।
वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘कर्ज’ सुभाष घई के करियर की एक और सुपरहिट पिल्म साबित हुयी। पुनर्जन्म पर आधारित इस फिल्म में ऋषि कपूर, टीना मुनीम, सिमी ग्रेवाल,प्राण, प्रेम नाथ और राज किरण ने मुख्य भूमिकायें निभायी थी। इस फिल्म में सिमी ग्रेवाल ने नेगेटिव किरदार निभाकर दर्शको को रोमांचित कर दिया था। कर्ज टिकट खिड़की पर सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म विधाता सुभाष घई के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार, शम्मी कपूर, संजीव कुमार और संजय दत्त जैसे मल्टी सितारों को एक साथ पेश किया। फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये।
वर्ष 1982 में सुभाष घई ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी मुक्ता आटर्स की स्थापना की जिसके बैनर तले उन्होंने वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘हीरो’ का निर्माण-निर्देशन किया। इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने फिल्म इंडस्ट्री को जैकी श्राफ और मीनाक्षी शेषाद्री के रूप में नया सुपरस्टार दिया।
वर्ष 1986 में सुभाष घई ने सुभाष घई ने दिलीप कुमार को लेकर अपनी महात्वाकांक्षी फिल्म ‘कर्मा’ का निर्माण किया। दिलीप कुमार, नूतन, जैकी श्राफ, अनिल कपूर, नसीरउद्दीन साह, श्रीदेवी, पूनम ढिल्लो और अनुपम खेर जैसे सुपर सितारों से सजी इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने दर्शको के बीच देशभक्ति की भावना का संचार किया।
वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म ‘रामलखन’ भी सुभाष घई के करियर की सुपरहिट फिल्मों में शामिल की जाती है। वर्ष 1991 में सुभाष घई ने दिलीप कुमार और राजकुमार को लेकर अपनी महात्वकांक्षी फिल्म ‘सौदागर’ का निर्माण किया। दिलीप कुमार और राजकुमार वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म ‘पैगाम’ के बाद दूसरी बार एक दूसरे के आमने सामने थे। सौदागर में अभिनय की दुनिया के इन दोनों महारथियों का टकराव देखने लायक था। इसी फिल्म के जरिये सुभाष घई ने मनीषा कोइराला और विवेक मुश्रान को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। इस फिल्म के लिये सुभाष घई को सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्देशक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।
इसके बाद सुभाष घई ने वर्ष 1993 में संजय दत्त को लेकर ‘खलनायक’, वर्ष 1997 में शाहरूख खान को लेकर ‘परदेस’ और वर्ष 1999 में ऐश्वर्या राय को लेकर ‘ताल’ जैसी सुपरहिट फिल्मों का निर्माण किया। परदेस के जरिये सुभाष घई ने महिमा चौधरी को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। 2000 का दशक सुभाष घई के करियर के लिये अच्छा साबित नहीं हुआ। इस दौरान बतौर निर्देशक उनकी यादें, किसना और युवराज जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी जो टिकट खिड़की पर बेअसर साबित हुयी।
वर्ष 2008 में प्रदर्शित फिल्म युवराज की असफलता के बाद सुभाष घई ने फिल्मों का निर्देशन करना बंद कर दिया। सुभाष घई ने वर्ष 2014 में प्रदर्शित फिल्म ‘कांची’ के जरिये बतौर निर्देशक कमबैक किया लेकिन यह फिल्म टिकट खिड़की पर सफल नहीं हुयी। सुभाष घई इन दिनों फिल्म '36 फार्महाउस' को लेकर चर्चा में हैं।यह फिल्म सुभाष घई की ओटीटी पर एक कहानीकार और म्यूजिक कम्पोज़र के रूप में उनकी डेब्यू फिल्म
कांग्रेस के अफसर खां प्रदेश सचिव
भदोही प्रभारी बनाये जाने पर हर्ष
वाराणसी (निष्पक्ष लोकवाणी)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का प्रदेश सचिव व भदोही का अफसर खां को प्रभारी बनाया गया है।
युवा कांग्रेसी नेता अफसर खां को भदोही का प्रमारी बनाये जाने पर कांग्रेस के पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक अजय राय, रामनगर की चेयरमैन रेखा शर्मा, वाराणसी के जिला अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राधवेद्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, ओकास अंसारी, डा. जफरुल्ला जफर, हसन मेहन्दी कब्बन, विजय उपाध्याय, ओम शुक्ला, ओम प्रकाश ओझा, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, विपिन सिंह, जावेद खान, राजेन्द्र गुप्ता, शमशान खान, शान्तनु त्रिपाठी, हरीश पान्डेय आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।
रविवार, 23 जनवरी 2022
निःशुल्क किया मोतियाबिंद का आपरेशन
रोगी की सेवा भगवान की सेवा
वाराणसी 23 जनवरी(dil india live)। कहा जाता है कि रोगी की सेवा ही भगवान की सेवा है। इसे ही जिन्दगी का मूलमंत्र मानकर डा. अनुराग टंडन लम्बे समय से मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। यही वजह है कि रविवार को मौसम खराब होने के बावजूद भी पंजाबी अस्पताल सलारपुर मे सैकड़ो की संख्या में मरीज़ों को दवा व चश्मा के साथ 12 लोगो का नि:शुल्क मोतियाबिन्द का आपरेशन अत्याधुनिक विधि से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस कार्य में डा. अनुराग टंडन और उनके सहयोगी डाक्टर प्रियंका सेठ व सत्यनारायण आदि शामिल थे।
स्वातंत्र्य आंदोलन में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का अहम स्थान -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
डाक विभाग ने मनाई नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती
वाराणसी 23 जनवरी (dil india live)। विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में मनाई गई। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के स्वातंत्र्य आंदोलन में उनके अवदान को याद किया। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, देश के स्वातंत्र्य आंदोलन में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का अहम स्थान रहा है। साहस और पराक्रम के परिचायक, देशभक्ति की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले, आजाद हिंद फौज के संस्थापक, स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा' का आह्वान करके नेताजी ने आजादी को नए आयाम दिए। महात्मा गाँधी जी को पहली बार राष्ट्रपिता के नाम से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ही संबोधित किया था। मातृभूमि के लिए उनका अद्वितीय त्याग, तप, एवं संघर्ष समस्त देशवासियों का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। इस अवसर पर वाराणसी (पश्चिमी) मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, पोस्टमास्टर वाराणसी कैंट आर एस वर्मा, डाक निरीक्षक वी एन द्विवेधी, श्रीकांत पाल, राजेंद्र यादव सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
नेताजी की जयंती पर पुष्पांजालि
वाराणसी (dil india live) । आज़ादी संग्राम में अद्वितीय योगदान देने वाले शेर-ए-हिन्द आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक महान नेताजी सुभाष चंद बोस की १२५वी जयंती के अवसर पर आज़ाद संस्था द्वारा सिगरा स्थित नेताजी की प्रतिमा पर माला एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन भेंट की इस अवसर पर सी आर पी ऍफ़ के जवान पुरे अस्त्र शस्त्र के साथ नेताजी को सलामी प्रदान की। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अखिल आनंद ने बताया की नेतृत्व और देशभक्ति की सच्ची प्रेरणा किसी से मिलती है तो वह नेताजी ही हैं।
इस अवसर पर संस्था ने जिला उपाध्यक्ष के पद पर डॉ. सुभाष चंद्र जी व जिला युथ सचिव व संयोजक के रूप में शशिशंकर पटेल जी को मनोनीत किया। जिला सचिव प्रवीण वर्मा ने बताया की हर वर्ष संस्था द्वारा नेताजी के जन्म जयंती के अवसर पर हम सबके द्वारा पार्क व प्रतिमा की साफ़ सफाई व बच्चो के बीच नेताजी की वीर गाथाएँ सुनाई जाती आई है। इस वर्ष सैनिको के साथ हम आज यह पराक्रम दिवस मना रहे जिला संरक्षक प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, डॉ. पंकज सिंह, अंजलि माहेश्वरी, रवि कुमार, आदि लोग ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि प्रकट की।
'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'
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