मंगलवार, 30 नवंबर 2021

माहवारी जब हो पहली बार, किशोरियां रखें यह ख्याल

किशोर रखें यह जानकारी, रहें पूरी तरह सतर्क

माहवारी में स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान, रहें सजग 

प्रजनन अंगों की नियमित रूप से करें सफाई

समस्या होने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ से लें सलाह  

वाराणसी 30 नवंबर(dil india live)। मासिक चक्र (माहवारी) एक प्राकृतिक तथा स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया एक किशोरी के शरीर को भविष्य में गर्भधारण के लिए तैयार करती है। किशोरियों से इस सामान्य शारीरिक प्रक्रिया के विषय में बात करना जरूरी होता है, क्योंकि अधिकांश किशोरियों के मन में प्रथम माहवारी (मीनार्की) के बारे में विभिन्न प्रकार की आशंकायें होती हैं। इस मनोस्थिति को परामर्श के द्वारा दूर किया जाता है। यह कहना है *जिला महिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका (एसआईसी) डॉ लिली श्रीवास्तव का। 

       डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि किशोरियों को प्रथम माहवारी (मीनार्की) के बारे में अवश्य जानकारी रखना चाहिये। माहवारी प्रजनन तंत्र के सही प्रकार से एवं स्वस्थ रूप से कार्य करने का संकेत हैं। माहवारी कम से कम 3 से 7 दिन तक रह सकती है, कभी-कभी 2 दिन कम ज्यादा हो सकती है। लेकिन किसी-किसी में यह अधिक दिन अथवा कम दिन भी रह सकती है। यदि माहवारी के दौरान शुरुआती 2-3 दिनों में वह 3 से 4 पैड प्रतिदिन प्रयोग करती हैं अथवा रक्तश्राव अधिक होता है तथा यदि माहवारी 7 दिनों से अधिक रहती है तो यह अधिक रक्तश्राव की स्थिति होती है। ऐसे में अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल के डाक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिये। 

     


 माहवारी (मीनार्की) की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुये वरिष्ठ परामर्शदाता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मधुलिका पांडे ने बताया कि माहवारी लड़कियों के यौन रूप से परिपक्व होने की शुरुआत का संकेत है। यह प्रायः यौन विकास के क्रम में शुरू होती है। तथा इस समय शारीरिक विकास चरम पर होता है। यह प्रक्रिया एक किशोरी के शरीर को भविष्य में गर्भधारण के लिए तैयार करती है। माहवारी स्त्री के प्रजनन अंग जोकि गर्भाशय कहलाता है से नियमित अंतराल पर रक्त तथा ऊतकों का श्राव है। प्रत्येक माह एक डिंब या अंडा हार्मोन के कारण किसी एक अंडाशय में परिपक्व होता है। यदि अंडा शुक्राणु के द्वारा निषेचित नहीं होता तो गर्भाशय कि आंतरिक परतें टूटना शुरू हो जाती हैं, यह टूटी हुई परतें मासिक रक्तश्राव के रूप में बाहर निकलती हैं। यह हर महीने चलता है तथा इसकी अवधि लगभग 20 से 30 दिन की होती है। 

       डा. पांडे ने कहा कि मासिक चक्र सामान्य रूप से लड़की के 10 से 14 वर्ष की आयु के बीच किशोरावस्था में पहुँचने पर आता है, और 45 से 55 वर्ष के बीच रजोनिवृत्ति (मेनोपाँज) होने तक आता रहता है। मासिक चक्र प्रत्येक 21 से 35 दिनों पर आता है आर 3 से 7 दिन तक रहता है जब तक दूसरी बार अंडा बनने की प्रक्रिया नहीं शुरू हो जाती है। मासिक चक्र औसतन 28 से 30 दिन का होता है।  

उन्होने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय में चार डाक्टरों की ओपीडी होती है।  हमारी ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 150 मरीज आते हैं जिसमें 30 फीसदी मरीज अनियमित माहवारी के होते हैं। चिकित्सालय में पिछले तीन महीनों में कुल 33014 मरीजों की ओपीडी की गयी थी। जिसमें अक्टूबर माह में 11338, सितम्बर में 11582 तथा अक्तूबर में 10093 मरीज़ थे। 

माहवारी से पूर्व सामान्य बदलाव 

कुछ किशोरियाँ मासिक रक्तश्राव शुरू होने से कुछ दिन पहले असहज महसूस करती हैं। उनमें निम्न लक्षण हो सकते हैं जैसे स्तनों में दर्द, सिर दर्द, थकान, बदहजमी, कमर में दर्द तथा पेट का निचला हिस्सा भरा हुआ महसूस होना। किशोरियों को आश्वासन दें की चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ये लक्षण हर महीने हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण होते हैं। तथा एक बार मासिक चक्र शुरू होने पर स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। उन्हें आराम करने की सलाह दें।  

मासिक चक्र से संबन्धित समस्यायें

इसमें मुख्यतः अधिक या अल्प रक्तश्राव, माहवारी के दौरान दर्द, आरटीआई/एसटी आई, पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओडी), 16 वर्ष तक माहवारी न आना, माहवारी हर माह न आना या ज्यादा दिन पर आना  इत्यादि हैं।

 उपाय

उपर्युक्त समस्या होने पर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। पीसीओडी (ओवरी में गांठ होना) की समस्या होने पर अल्ट्रासाउंड कराना चाहिये। डाक्टर की परामर्श के अनुसार किशोरियों को गर्भाशय के कैंसर से बचने के लिए ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका जरूर लगवाना चाहिए। किशोरियों को समझाएँ की मासिक चक्र का क्रम शुरुआती कुछ वर्षों के बाद सामान्य हो जायेगा। ज्यादा समस्या होने पर किशोरियों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर स्त्री रोग विशेषज्ञ को अवश्य दिखाना चाहिए। 

माहवारी के दौरान स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

माहवारी के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता से किशोरियों को आराम एवं आत्मविश्वास महसूस होगा। इस दौरान नियमित स्नान करें। कब्ज से बचने के लिए नियमित ज्यादा पानी पिएँ तथा स्वास्थ्यवर्धक व पोषक आहार का सेवन करें। पौष्टिक आहार न लेने पर एनीमिया की संभावना बन सकती है। ऐसे में अपने ख़ून, सीरम प्रोलैक्टिन तथा टीएसएच की भी जांच करायें।   

स्वच्छता बनाए रखने के लिए किशोरियाँ मुलायम सूती पैड या सैनिटरी पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं। सूती कपड़े में सोखने की अच्छी क्षमता होती है। कपड़े या पैड को दिन में 2 से 3 बार आवश्यकतानुसार बदलना चाहिए। कपड़े तथा अन्तः वस्त्रों को साबुन तथा पानी से अच्छी तरह से धोकर धूप में सुखाना चाहिए। पैड का प्रयोग करने के पश्चात उसे एक कागज में लपेटकर नष्ट करना चाहिए। प्रजनन अंगों को नियमित रूप से साफ करना चाहिये।      

शिवपुर निवासी लाभार्थी 27 वर्षीय रीता मौर्या ने बताया की हमें पिछले 4-5 महीनों से अनियमित माहवारी तथा सफ़ेद पानी आने की समस्या थी। डॉ पांडे को दिखाया, उन्होने सावधानी के बारे में बताया और ख़ून की जांच कराई तथा दवा लिखा। अब मुझे कोई समस्या नहीं है। कपसेटी निवासी 23 वर्षीय नेहा पाल ने बताया कि मुझे पिछले 3 महीनों से अनियमित माहवारी की समस्या थी। डाक्टर को दिखाकर दवा लिया। अब मुझे काफी आराम है।

सोमवार, 29 नवंबर 2021

दरिंदगी के विरोध में "आप" का जोरदार विरोध प्रदर्शन

फाफामऊ और सनबीम की छटना पर जताया विरोध


वाराणसी 28 नवम्बर (dil india live)। आम आदमी पार्टी ने वाराणसी में जहाँ एक ओर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए फाफामऊ की घटना के विरोध में ACM चतुर्थ के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा तो वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी आवास पर धरना देते हुए थाना कैंट प्रभारी राजेश सिंह के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए वाराणसी के सनबीम स्कूल में हुए घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।

आप के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने प्रयागराज के फाफामऊ और वाराणसी में हुए घटना की जोरदार निंदा करते हुए कहा हैं कि उत्तर-प्रदेश में निरंतर बढ़ते अपराध ने आमजन को दहशत में डाल दिया हैं। फाफामऊ में जिस पर दरिंदगी की गयी हैं और उस घटना के पूर्व पीड़ित परिवार के प्रति प्रशासन का रवैया खेदपूर्ण हैं और मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अपराधियों के हौसले बुलंद है। लहरतारा स्थित सनबीम स्कूल में मासूम के साथ हुए दरिंदगी ने सम्पूर्ण वाराणसी को कलंकित करने का काम किया हैं, इस पर स्कूल प्रबंधन पर  कठोर कार्यवाही करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द की जाये और प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज किया जाये, फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई करते हुए 06 माह के अंदर दोषी को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिये। प्रदेश सचिव कृष्ण कांत तिवारी ने कहा दलित परिवार के चार ब्यक्ति  की नृसंश हत्या कर दी गई जिसमे एक16 वर्ष की लड़की की बलात्कार कर हत्या कर दी गयी आगे से ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी व्यवस्था की जाएं। जिला अध्यक्ष कैलाश पटेल ने कहा कि योगी सरकार में वंचित शोषित समाज और गरीब तबके  के खिलाफ दरिंदगी हैवानियत और गुंडागर्दी की खुली छूट मिली है 24 नवम्बर की प्रयागराज के फाफामऊ की घटना वाराणसी सनबीम की घटना ताजा प्रमाण है

जिला मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडे ,ने कहा कि प्रयागराज का फाफामऊ  कांड और वाराणसी की घटना हाथरस से भयभीत वीभत्स है अफसोस की बात है कि अब तक मुख्यमंत्री या उनके किसी मंत्री ने पीड़ित परिवार से मिलना जरूरी नहीं समझे। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करते हुए 6 माह के अंदर दोषी को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए इसके साथ ही फाफामऊ कांड और वाराणसी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पार्टी रविवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला सचिव अखिलेश पांडे, दीनानाथ सिंह वीरेंद्र प्रताप , विजय कुमार, माया शंकर पटेल, गुलाब सिंह राठौर, रोशन कुमार बरनवाल ,रेखा जायसवाल, विनोद जायसवाल, अर्चना श्रीवास्तव, जेपी दुबे, मनीष गुप्ता,  अब्दुल रकीब एडवोकेट हैप्पी, महफूज, राजीव भारद्वाज, हुसैन, डा. आसिफ खान, सरोज शर्मा, रोहित मौर्य, पल्लवी वर्मा, सेतु पति त्रिपाठी, अमर सिंह पटेल, नियाज अहमद, सत्यपाल, रमेश पटेल, गोपाल पांडे, नियाज भाई आदि मौजूद थे।

रविवार, 28 नवंबर 2021

साहित्यिक संघ ने किया डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' का सम्मान

'गंगेश' 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित


वाराणसी 28 नवंबर (dil india live)। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 वें अधिवेशन के अवसर पर कमलाकर चौबे आदर्श इण्टर कालेज ईश्वरगंगी के सभागार में ख्यातिलब्ध कथाकार प्रो.कमलेश्वर के कर-कमलों से डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' को 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित किया गया। साथ में कथाकार धर्मेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद थे। पता हो कि गाजीपुर के नंदगंज निवासी साहित्यकार डॉक्टर गजाधर शर्मा गंगेश मशहूर साहित्यकार हैं। उनकी साहित्यिक सेवा को देखते हुए कमलाकर चौबे आदर्श इंटर कॉलेज ईश्वरगंगी में उन्हें यह सम्मान दिया गया। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 अधिवेशन में उनका सम्मान होने पर गाजीपुर के साहित्यिक जगत में खुशी की लहर दिख रही।

जल्द पूरी होगी घर के पास मुफ़्त इलाज की आस

831 ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ में से 622 चालू

  • अन्य केंद्रों पर भी जल्द ही मिलने लगेंगी जरूरी सुविधाएं
  • चिकित्सीय  परामर्श, जांच व दवाएं मिलेंगी मुफ़्त
  • रोगों की  प्राथमिक स्तर पर पहचान व उपचार  होगा और आसान
  •   गंभीर बीमारियों के मरीज विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास होंगे रेफर


वाराणसी 28  नवम्बर(dil india live)। सरकार का पूरा जोर समुदाय को घर के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पर है | इसके लिए लगातार प्रयास भी जारी हैं। इसी  के तहत वाराणसी मण्डल में 831 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं जो मरीजों की सेहत सुधारने में बहुत ही मददगार साबित होंगे । इन केंद्रों पर बीमारियों की  शुरुआत में ही पहचान करने के साथ ही चिकित्सीय परामर्श, जांच, दवाएं व इलाज मुफ़्त मिलेगा |  वाराणसी मण्डल के इन 831 केंद्रों में से अप्रैल 2020 तक 496 केंद्र खोले  जा चुके थे, जबकि इस वर्ष 126 नये केंद्र खोले गये हैं। इस तरह कुल  622 ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि शेष में भी जल्द ही चिकित्सकीय सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (वाराणसी-मण्डल) डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि वाराणसी मण्डल में  831 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने थे | इनमें वाराणसी में 114, जौनपुर में 158, चंदौली में 165 व गाजीपुर में 185 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुल चुके हैं और वहां मुफ़्त चिकित्सकीय सुविधाएं मिल रहीं  हैं । शेष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी जल्द ही कार्य करने लगेंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी केंद्रों पर  मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी। टीकाकरण और इलाज के अलावा मौसमी बीमारी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, टीबी, चेचक, कुष्ठ, मलेरिया, दिल व टायफाइड समेत अन्य बीमारियों की प्राथमिक स्तर पर पहचान  कर उपचार किया जायेगा । जरुरत पड़ने पर मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास रेफर भी किया जाएगा।

 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर की तैनाती

स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर  अभी तक एएनएम बैठती थीं। अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओ) तैनात किए जा रहे है जो रोगों की प्राथमिक स्तर पर पहचान कर मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास रेफर करेंगे।

जांच की व्यवस्था

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हीमोग्लोबिन जांच, यूरिन द्वारा गर्भ की जांच, ब्लड ग्लूकोज, टीएलसी, डीएलसी, पेरिफेरल स्मेयर, ब्लड ग्रुपिंग, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार की जांच, रैपिड सिफलिस, टायफायड टेस्ट, हेपेटाइटिस आदि जांच की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसका मरीज लाभ उठा सकते हैं।

 यह  भी मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं 

इन केन्द्रों पर  बाल व किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल, संचारी रोगों का प्रबंधन, साधारण बीमारियों का उपचार, गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक व प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल, गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग , रेफरल व फॉलोअप की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी जो आम नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी होंगी। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सिकरौल (शिवपुर) में पत्नी कल्पना को टीका लगवाने आए कादीपुर निवासी अनिल कुमार मौर्या ने बताया कि घर के समीप चिकित्सा सुविधा हो जाने से अब उनके परिवार को काफी लाभ हो रहा है। कांशीराम आवास योजना में रहने वाली धर्मा ने कहा कि इस सेंटर के होने से हमारे जैसे मजदूरों को मुफ्त उपचार की सुविधा मिल रही है।

आगमन संग क्रिसमस का हुआ आगाज

गिरजाघरों में हुई अमन के राजकुमार की आराधना




वाराणसी (dil india live)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन काल की शुरुआत के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।

 दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2021 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है।  चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर राजा ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आज आगमन का पहला इतवार है आज वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी।  लाल गिरजाघर के सेक्रेटरी विजय दयाल ने बताया कि क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार आज था। इसके साथ ही 7 दिसंबर, 14 दिसंबर और 21 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। 

हज़रत गौसे आज़म की फातेहा संग चला लंगर

गौसे पाक की फातेहा में जुटा अकीदतमंदों का हुजुम

वाराणसी (dil india live)। हज़रत सरकार ग़ौसे आज़म की फातेहा और लंगर का दौर इन दिनों मुस्लिम इलाक़ों में जारी है। शहर में कई जगहों पर पीरो के पीर हज़रत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ग़ौसे आज़म की फातेहा और कुरानख्वानी के साथ ही लंगर का दौर चला। अर्दली बाज़ार में हशमतुल्लाह राजू के दौलतखाने पर कुरानख्वानी, फातेहा और मिलाद के बाद शनिवार की देर रात तक सरकार ग़ौसे आज़म का लंगर चखने लोग जुटे हुए थे। इस मौके पर मर्द व ख्वातीन का अलग-अलग इंतज़ाम किया गया था। ऐसे ही शहर के गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, लल्लापुरा, कोयला बाज़ार, नई सड़क, पठानी टोला, जलालीपुरा, सरैया आदि इलाक़ों में सरकार ग़ौसे आज़म की शान में मिलाद, महफिल और फातेहा के साथ ही लंगर का

शनिवार, 27 नवंबर 2021

हड़प्पा निवासियों की संतान हैं भारतीय:- प्रो. बसन्त

16 दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न


वाराणसी, 27 नवम्बर(dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में आयोजित प्राचीन भारतीय संस्कृति के विविध आयाम विषय पर चल रहे 16 दिवसीय राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के समापन सत्र में शनिवार को जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के प्रो वाइस चान्सलर प्रो. दूर्ग सिंह चौहान ने कहा कि संस्कृति के अवशेषों से ही राष्ट्र की पहचान निर्धारित होती है। भारतीय संस्कृति दुनिया में सबसे अलग है जिसमें सामूहिकता का भाव निहित है। संस्कृति के सम्यक विकास के कारण शान्ति की संभावनाएॅ और प्रबल हुई हैं सामूहिक सहअस्तित्व के भाव से ही विश्व का विकास संभव है।

मुख्य वक्ता डेक्कन कॉलेज एण्ड पीजी रिसर्च इन्सट्यिूट, पुणे, महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति प्रो. बसन्त शिन्दे ने कहा कि हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने दुनिया को नगरों के निर्माण की सभ्यता सिखाई। प्रो. शिन्दे ने कहा कि सैन्धव सभ्यता ने विश्व को ईंटों की विशेष व्यवस्था से संयोजन एवं जोड़ने की कला दी, जिसके आधार पर बाद में बड़े भवनों और इमारतों का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास लेखक को सभी प्रकार के श्रोतों का यथासंभव प्रयोग करना चाहिए। किसी विचार के खण्डन के लिए पहले सम्यक अध्ययन तथा वैज्ञानिक विश्लेषण करना आवश्यक होता है। भारतीय संस्कृति के विरासत का सही ढ़ंग से आकलन किया जाये तो भारत की एक विशिष्ट पहचान सम्पूर्ण विश्व में सदियों तक अजर अमर रहेगी। उन्होंने राखीगढ़ी पुरास्थल से प्राप्त अवशेषों के डीएनए विश्लेषण के आधार पर भारतीय लोगों की पहचान निर्धारित करने की कोशिश की तथा यह भी कहा कि समस्त भारतीय लोगों के आदि पूर्वज हड़प्पा निवासी ही थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने किया। संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रशान्त कश्यप ने किया। रिर्पोट वाचन डॉ. सीमा, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर डॉ. ओम प्रकाश कुमार, डॉ. समीर पाठक, डॉ. शोभनाथ पाठक, डॉ. विनय कुमार, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह आदि ऑनलाइन उपस्थित रहे। कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।


(प्रताप बहादुर सिंह)

मीडिया प्रभारी

डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...