गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021

स्पार्कलिंग स्टार द्वारा किये गये कार्यों का डिस्ट्रिक चेयरमैन ने किया मूल्यांकन


इनरव्हील चेयरमैन अर्चना वाजपेयी ने योजनाओं की ली जानकारी


वाराणसी27 अक्टूबर(dil india)। इनरव्हील क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी ने बुधवार को इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार विजिट किया। इस दौरान उन्होने क्लब द्वारा सत्र 2020-21 में सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों में किये गये प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करने के साथ आगामी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार के तत्वावधान में सिगरा स्थित एक होटल में एक समारोह का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम की शुरूआत क्लब डिस्ट्रिक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी एवं प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल को कालर पहनाने के साथ इनरव्हील प्रार्थना से हुई। जिसके बाद दीप प्रज्जवल एवं गणेश वन्दना किया गया। इसीक्रम में क्लब की सेक्रेटरी रोमा जादवानी ने क्लब द्वारा वर्ष पर्यन्त किये गये कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस सत्र में क्लब द्वारा सहयोग, पर्यावरण, स्वच्छता, शिक्षा, जल संवर्धन, सांस्कृति आदि विषयों को लेकर विविध कार्यक्रम आयोजित करते हुए उद्देश्य की ओर अग्रसर किया। प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल ने कहा कि क्लब ने आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से अगली पीढ़ी को भी जोड़ने का सफल प्रयास किया, ताकि उनमें भी सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं संस्कार की विरासत को आगे बढ़ाया जा सकें। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक से सरोकार जोड़ने का होना चाहिए।

क्लब की नयी सदस्याओं से सभी का परिचय कराया गया। इस मौके पर एक युवती की शादी में आर्थिक सहयोग करते हुए उपहार स्वरूप गृहस्ती के सामान दिया गया। ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करते हुए एक छात्रा को मोबाइल फोन एवं नन्हेमुन्हे बच्चों के अध्ययन के लिए स्टडी मेटेरियल प्रदान किया गया। मातृकृपा अनाथालय को सेविंग मशीन प्रदान गया। इस मौके पर इनरव्हील्स का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए होर्डिंग का लोकापर्ण डिस्ट्रीक चेयरमैन ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन वाइस प्रसिडेंट रूपिका अग्रवाल ने किया गया। इस मौके पर वर्तिका अग्रवाल, कृति अग्रवाल, हर्षिका अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, नेहा दास, पूजा, श्रेया अन्य क्लबों की अध्यक्ष व सचिव आदि मौजूद थी।

बुधवार, 27 अक्तूबर 2021

मिशन कर्मयोगी' के तहत लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में ट्रेनिंग कल से


मसूरी ट्रेनिंग पर जायेंगे पोस्टमास्टर जनरल 

वाराणसी 27 अक्टूबर (dil india)। भारत सरकार द्वारा वरिष्ठ सिविल सेवकों के प्रशिक्षण एवं प्रधानमंत्री के 'मिशन कर्मयोगी' योजना को मूर्त रूप देने के क्रम में वरिष्ठ अधिकारियों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसी हेतु भारतीय डाक सेवा के 2001 बैच के वरिष्ठ अधिकारी एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव का नाम भी चयनित किया गया है, जो लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में 28 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2021 तक एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेंगे। इसके साथ ही इसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से 'ग्लोबल एनर्जी एंड क्लाइमेट पॉलिसी' और अमेरिका के मेसाच्युएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 'लीडिंग फ्रॉम दि इमर्जिंग फ्यूचर' विषय पर भी अध्ययन करेंगे। 'दि कॉमन मिड-कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम, 2021-लीडिंग टू लर्न' के अंतर्गत आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण में वर्ष 2000 और 2001 बैच के आईएएस, आईपीएस एवं केंद्रीय सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। 

गौरतलब है कि 2 सितंबर 2020 को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'मिशन कर्मयोगी' योजना को मंजूरी दी गई थी। 'मिशन कर्मयोगी' का लक्ष्य भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर तैयार करना है। इस योजना के माध्यम से जहाँ प्रणाली में पारदर्शिता आएगी वहीं, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के दर्शन को भी सिविल सेवाओं और अन्य के सहयोग से फलीभूत किया जा सकेगा।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

देखिये कांग्रेस ने किसे दे दी शहर की कमान

मेंहदी हसन अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष


वाराणसी 26 अक्टूबर (dil india)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विधायक अजय कुमार लल्लू की संस्तुति पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने सैयद मेहंदी हसन आब्दी को वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

नवनियुक्त अध्यक्ष मेहंदी हसन ने शीर्ष नेतृत्व का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जिस विश्वास से मुझे यह जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने दी है मैं हर संभव प्रयास करूंगा कि निष्ठा, ईमानदारी और लगन से पार्टी को मजबूत करने के लिए अल्पसंख्यकों को कांग्रेस से जोड़ने का भरपूर प्रयास करूंगा। अध्यक्ष बनने पर पूर्व मंत्री अजय राय, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, ओकास अंसारी, हसन मेहंदी कब्बन शाहिद तौसीफ, शफक रिज़वी, स्वालेह अंसारी, तौफीक़ कुरैशी ने बधाई देते हुए कहा कि मेहदी हसन के अध्यक्ष कांग्रेस अल्पसंख्यक काफी मजबूत होगा।

प्रियंका के भरोसे कांग्रेस




कांग्रेस के बेस वोट पर सपा, बसपा, भाजपा का कब्जा

  • छह सीएम दिया फिर भी ब्राह्मण लीडरशीप नहीं
  • मुस्लिम बाबरी मस्जिद प्रकरण के लिए मानता है कांग्रेस को खलनायक
  • दलित-पिछड़े पहले ही हो चुके हैं कांग्रेस से दूर

वाराणसी 26 अक्टूबर (dil india)। सियासत में जब जाति समूहों का ट्रेंगल बनता है तब सरकार बनती है। कम से कम यूपी की सियासत तो यही कहानी बयां करती है। उत्तर प्रदेश की सियासत में जब मायावती ने कदम रखा तो केवल दलित वोटरों के बूते वो कुछ खास नहीं कर सकी। तब उन्होंने जाति समूहों का टेंगल बनाया, भाईचारा कमेटियों का गठन किया। मायावती ने मुस्लिम और ब्राहृाणों को एकजुट कर उनका 60 फीसदी वोट अपने पाले में कर बसपा की सरकार बना दी। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यादव वोटों को सहेजा, साथ में मुस्लिम और ब्राहमणों को अपने पाले में किया और यूपी की सियासत उनके कब्जे में हो गयी।


मायावती और मुलायम ने जिन वोटरों को अपने पाले में किया था वो किसी और का नहीं बल्कि कांग्रेस का ही परम्परागत वोट था। आज कांग्रेस अपने परम्परागत वोटरों को नहीं सहेज पा रही। नतीजतन यूपी की सियासत में जिस कांग्रेस ने 6 ब्राहमण मुख्यमंत्री दिये। जिसका 80 के दशक में जलवा होता था वो कांग्रेस तीन दशक तक यूपी में हाशिए पर पहुंच गयी। राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ मानते हैं कि परम्परागत वोटरों को सहेजने के लिए कांग्रेस ने कोई ठोस काम नहीं किया। एक के बाद एक पुराने नेता पार्टी छोड़कर जाते गये या फिर उपेक्षित होकर चुपचाप घर बैठ गये। धीरे-धीरे ब्राहमण लीडरशीप भी खत्म हो गयी इसका खामियाज़ा चुनाव दर-चुनाव हार के तौर पर भुगतना पड़ा। बेस वोट दूसरे दलों में चले जाने से 3 दशक तक कांगे्रस सत्ता के गलियारे से दूर रही। पार्टी का संगठन भी महज़ नाम का ही रह गया। जो पुराने नेता थे वो अपने को उपेक्षित देखकर खुद दूसरे दलो में चले गये या फिर चुपचाप बैठ गये। आज़ादी के पहले से कमलापति त्रिपाठी कुनबे का कांग्रेस में न सिर्फ दबदबा था बल्कि यूपी में कांग्रेस मतलब ही कमलपति तित्रपाठी कुनबा माना जाता था मगर हाल में ही इस कुनबे के चश्मो-चिरागं ललितेश पति त्रिपाठी ने अपनी उपेक्षा से परेशान होकर दल को छोड़ दिया। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा।  

दरअसल सूबे में 80 के दशक तक अधिकांश समय कांग्रेस की ही सरकारें रही है। कांग्रेस ने 6 ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए। 25 जून 1988 को नारायण दत्त तिवारी तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वो 5 दिसम्बर 1989 तक  इस पद पर थे। तिवारी कांग्रेस के यूपी में आखिरी सीएम थे। उसके बाद कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं बना। यूपी में वर्तमान में ब्राह्मणों की अनुमानित संख्या तकरीबन 8-10 फीसद है। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने ब्राह्मण नेता को सीएम के रूप में पेश करने की अंदरखाने में तैयारी चल रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ब्राह्मणों के मुद्दे हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।फिर क्या वजह है कि दूसरे दलों में घुटन महसूस करने वाला ब्राह्मण कांग्रेस से नहीं जुड़ पा रहा है? यह एक अहम सवाल है जिसका जवाब किसी के पास फिलहाल नहीं है। अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी मिशन 2022 में क्या गुल खिला पाती हैं।

औरंगाबाद हाउस की उपेक्षा

पिछले दिनों प्रियंका बनारस में थी। वो औरंगाबाद हाउस नहीं गयी, और न ही वहां से कोई उनकी रैली में आया। देश की आज़ादी के बाद से पहली बार ऐसा हुआ। सियासदां मानते हैं कि अगर प्रियंका वहां चली जाती तो बात बन जाती मगर वो नहीं गयीं। 

टीएमसी में ललितेश की इंट्री

कमलापति त्रिपाठी के चश्मो चिराग ललितेशपति ने आखिरकार टीएमसी ज्वाइन कर लिया। वो पिता राजेशपति त्रिपाठी के साथ ममता बैनर्जी से मिले और टीएमसी की सदस्यता ले ली।

प्रियंका पर ही भरोसा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के यूपी का प्रभारी बनाये जाने के बाद पार्टी किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा में ज़रूर बनी हुई है। खासकर कानून व्यवस्था, उत्पीड़न और किसानों के मुद्दे पर तो वो लगातार आंदोलन कर रही है मगर राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रियंका जो कर रही है उससे कांग्रेस चर्चा में आयी है मगर जब तक बेस वोट को सहेजने के लिए कांग्रेस में कोई ठोस प्रयास नहीं होगा तब तक कांग्रेस कम से कम यूपी में कोई कमाल नहीं कर पायेगी। आखिर अकेली प्रियंका पर कितना भरोसा किया जा सकता है। 

जाने विशेषज्ञ की राय 

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ डा. मो. आरिफ कहते हैं कि प्रियंका ने हाल के वर्षो में कांग्रेस में नयी जान फूंकी है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।  हां ज़रूरत है कि मुहल्ले-मुहल्ले टीम बनाकर बेस वोट वापस पाने के लिए युद्धस्तर पर कांग्रेस को काम करना होगा। ठीक वैसे जिस तरह से आम आदमी पार्टी के लोग वोटर्स के बीच जाकर काम कर रहे हैं। वो कहते हैं कि कभी कभी बड़े को छोटे से भी नसीहत लेनी पड़ती है। आप से यहां अगर नसीहत ली जाये तो कोई बुरा नहीं है। डा. आरिफ कहते हैं कि भाजपा का अगर कोई ठोस विकल्प है तो वो आज भी कांग्रेस ही है।

सोमवार, 25 अक्तूबर 2021

काशी को पीएम मोदी ने दी परियोंजनाओं की सौगात





5189 करोड़ से निर्मित 28 परियोजनाएं हुई लोकार्पित

वाराणसी 25 अक्टूबर (dil india)। देश के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आजअपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को पांच हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देन पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री के हाथों 5189 करोड़ की लागत से निर्मित 28 परियोजनाएं लोकार्पित हुईं। प्रधानमंत्री ने रिंग रोड फेज दो, दो सेतु व पार्किंग के साथ 28 परियोजनाएं दोपहर को लोकार्पित कीं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी दोपहर एक बजे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मेहदीगंज में जनसभा को भी संबांधित करने पहुंचे और योजनाएं जनता को लो‍कार्पित कीं।

भोजपुरी में किया प्रणाम दी बधाईयां

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने संबोधित करना शुरू किया तो हर हर महादेव का उद्घोष कर हुए काशी से संबंधों को जोड़ा। कहा कि आप लोग इजाजत दें तो बोलना शुरू करुं। हर हर महादेव, बाबा विश्‍वनाथ, माता अन्‍नपूर्णा की नगरी काशी की पुण्‍य भूमि के भाई और भगिनी लोगन के प्रणाम। दीवाली, देव दीपावली, अन्‍नकूट, भैया दूज, प्रकाशोत्‍सव, डाला छठ की आप सभी को शुभकामना। देश के कोने कोने से जुडे हेल्‍थ प्रोफेशनल, मेंडिकल संस्‍थान के लोगों और सभी का आभार। कोरोना की लड़ाई में देश ने 100 करोड़ के पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्‍वनाथ के आशीर्वाद और गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्‍वास से सबको मुफ्त वैक्‍सीन आगे बढ़ रहा है। आप सभी का आदरपूर्वक वंदन। आज ही यूपी को नौ नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे यूपी के करोड़ो समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्‍पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। मानस में सोरठा का उदाहरण दिया। काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान काशी को कष्‍ट और क्‍लेश से मुक्‍त करती है तो स्‍वास्‍थ्‍य से जुडी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्‍या हो सकती है। आज इस मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। एक भारत सरकार का भारत के लिए 64 हजार करोड़ से अधिक का काम काशी से लांच हो रहा है। दूसरा काशी और पूर्वांचल के कार्यक्रम। पहले और यहां के कार्यक्रम को मिला दें तो 75 हजार करोड़ का कार्यक्रम जारी किया गया है। 

काशी की योजनाओं में महादेव का अशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। महादेव की वजह से कष्‍टों से मुक्ति तय है। यूपी सहित देश के हेल्‍थ इंफ्राष्‍ट्रक्‍चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिए तैयारी उच्‍च स्‍तर तक हो। हमारे हेल्‍थ सिस्‍टम में आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मनिर्भरता आए इसके लिए 64 हजार करोड़ से आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर मिशन शुरू करने का मौका मिला है। पांच हजार करोड़ की परियोजना का लोकार्पण किया गया है। सड़क से घाट, गंगा, वरुणा की साफ सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्‍योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व को देश को ऊर्जा और विश्‍वास देने वाला है। काशी सहित आज मैं काशी की धरती से देश के 130 करोड़ जनता को बधाई देता हूं।शरीर को स्‍वस्‍थ करने का निवेश उत्‍तम माना गया है। आजादी के बाद आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा पर ध्‍यान नहीं दिया गया जितनी जरूरत थी। जिनकी लंबे समय तक सरकार रही उन्‍होंने हेल्‍थ सेक्‍टर को विकास की जगह सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्‍पताल नहीं, ब्‍लाक में टेस्‍ट की सुविधा नहीं था। जिला अस्‍पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्‍पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ अलग था। हेल्‍थ केयर सिस्‍टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्‍लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी के लिए दूर का समाधान है। महामारी से निबटने में हम तैयार हों सक्षम हों। इसके लिए हेल्‍थ सिस्‍टम को तैयार किया जा रहा है। बीमारी पकड़ में आए जांच में देरी न हो। लक्ष्‍य है कि गांव से ब्‍लाक जिला रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्‍थ केयर मजबूत हो। हमारे नार्थ ईस्‍ट के राज्‍य हैं उनपर फोकस किया जा रहा है। मिशन के तीन पहलू हैं। डायग्‍नोस्टिक सिस्‍टम के तहत हेल्‍थ और वेलनेस सिस्‍टम के साथ बीमारी डिटेक्‍ट फ्री में किेया जाएगा। समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों के क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा। ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग और अस्‍पताल में सुविधा बढ़ेगी। सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे के लिए तैयार होंगे। रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु हैं। जरूरी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास होगा। 

730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम

730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्‍त किया जाएगा।तीसरा पहलू रिसर्च संस्‍थानों को सशक्‍त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। 4 नए वायरोलाजो लैब बनेगा। एक राष्‍ट्रीय संस्‍थान भी बनेगा। इसके माध्‍यम से देश के कोने कोने में इलाज से लेकर इको सिस्‍टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था लेकिन हाल क्‍या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है। हम सात साल से बड़े स्‍तर पर काम कर रहे हैं। मैने दिल्‍ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर को लांच किया था और आज यह दूसरा बड़ा हेल्‍थ को लेकर मिशन लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनता है। एक बड़ा अस्‍पताल बनता है तो आसपास शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्‍वास्‍थ्‍य के साथ आर्थिक मिशन भी है जो सभी के लिए सुलभ और सस्‍ता हो यानि होलिस्टिक मिशन भी है। अनेक अभियानों ने देश को बीमार होने से बचाया है। आयुष्‍मान भारत योजना ने गरीबों का मुफ्त इलाज कराया है। हमसे पहले वर्षों तक सरकार में रहे उनके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवा घोटालों और पैसा कमाने का जरिया रहा है। आज गरीब दलित शोषित वंचित और पिछड़ों का दर्द समझती है। पहले जनता का पैसा घोटाले में जाता था आज बड़े प्रोजेक्‍ट में लग रहा है। आज महामारी से देश निपट रहा है और लाखों करोड़ का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर शुरू किया गया है। स्‍टाफ की संख्‍या भी बढ़ेगी। नए मेडिकल कालेज से सीटों में इजाफा होने से गरीब भी चिकित्‍सा क्षेत्र में नौकरी कर सकेगा। देश में डाक्‍टर आगे दस गुना मिलने जा रहे हैं। अधिक डाक्‍टर होंगे तो उतनी ही उपलब्‍धता आसान होगी। अभाव से आगे बढ़कर काम किया जा रहा है। अतीत में देश में या यूपी में जो काम हुआ वैसे काम होता तो काशी की हालत क्‍या होती। काशी को अपने हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, सडक घाट गंगा जाम प्रदूषण सब चलता रहता। काशी का हृदय मन वही है बस प्रयास ईमानादार है। काशी में जितना काम हुआ उतना कई दशकों में नहीं हुआ। रिंग रोड न होने से जाम होता था। नो इंट्री खुलने का इंतजार बनारस वालों की आदत हो गई थी। कहीं भी आना जाना हो ता शहर वालों को परेशान करने की जरूरत नहीं। गाजीपुर तक जुड़ गई है। सर्विस रोड़ भी है। प्रयागराज, लखनऊ, बिहार तक कारोबार को गति मिलेगी। देश में एक समर्पित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर न हो तो विकास की गति सुस्‍त रहती है। अब एयरपोर्ट आने वालों को कालीन बनाने वालों को, विंध्‍याचल दर्शन करने वालों की सुविधा होगी। रेलवे स्‍टेशन पर बने लांज से सुविधा होगी। 

गंगा के लिए चल रहा स्वच्छता अमियान

गंगा की स्‍वच्‍छता के लिए काम किया जा रहा है। आज हम अनुभव भी कर रहे हैं। घरों का गंदा पानी रोकने के लिए रामनगर में सीवज ट्रीटमेंट प्‍लांट काम कर रहा है। 50 हजार आबादी को लाभ मिल रहा है। वरुणा के लिए भी काम हो रहा है। उपेक्षित वरुणा अस्तित्‍व खो रही थी। आज साफ पानी वरुणा में जा रहा है। दोनों किनारे पाथवे रेलिंग बन रहे हैं। काशी व पूर्वांचल के किसानों के लिए सुविधा विकसित हुई है। पैकेजिंग प्रोसेसिंग और पेरिशेबल कार्गो बना है। उससे किसानों को सुविधा मिलेगी। सीएनजी प्‍लांट से खाद भी किसानों को मिलेगी। काशी में बीएचयू का दुनिया में श्रेष्‍ठता तकनीक से हेल्‍थ तक सुविधा तैयार हो रही है। सुवा साथी पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। आवासीय सुविधा तैयार हो रही है। मालवीय जी के विजन को साकार करने में मदद मिल रही है।

हजरत मोहम्मद पूरी दुनिया के लिए आइडियल


उलेमा बोले:नबी के रास्ते पर चलने से संवरेगी जिंदगी

वाराणसी 25 अक्टूबर (dil india) जश्ने ईद मिलादुन्नबी का अज़ीमुश्शान जलसे का आयोजन सरैया में सम्पन्न हुआ। जलसे में जहां नबी की शान में उलमा ने तकरीर की वहीं नातिया शायरों ने अपने नातिया कलाम से लोगों को फैज़याब किया। तकरीर में उलेमा ने हुजूरे अकरम हजरत मोहम्मद (स.) को पूरी दुनिया के लोगों का आइडियल बताया। उलेमा ने कहा कहा कि नबी के बताये हुए रास्ते पर चलने से हम सबकी जिंदगी और आखिरत संवर सकती है। उलेमा ने पांच वक़्त नमाज़ पढ़ने की ताकीद की। कहा कि अपने मुल्क से मोहब्बत और मिल्लत ईमान का हिस्सा है। 

इस मौके पर मेहमान खुसूसी, ओलमाओ और शायरो का "पार्षद" हाजी ओकास अंसारी ने इस्तकबाल किया। इस मौके पर मौजूद शायर हाफिज साहिल रजा, सकलैन वजाहत, कारी अब्दुल रहीम, हाफिज वसीम जुलफी, मौलाना कारी अबु शहमा, मौलाना सलमान जफर, मौलाना मुफती अहमद, मौलाना अजहरुददीन,  मौलाना नसीम अखतर, हाफिज साहिल रजा, रौशन अली, मोहममद आसीफ आदि ने जलसे को खेताब किया। इस अवसर पर वसीम अहमद, मोहममद जाहिद, मोहममद मेराज, एबादुररहमान, अज़हरउद्दिदीन आदि  लोग मौजूद थे।

रविवार, 24 अक्तूबर 2021

जब तक हज नहीं शुरू होगा संघर्ष रहेगा जारी: नौशाद आज़मी


पीएम मोदी से मांगा काशी से काबा की उड़ान

वाराणसी 24 अक्टूबर (dil india)। काशी से काबा की उड़ान वर्ष 2018 से बंद है। कल बनारस में पीएम मोदी आने वाले हैं। पीएम मोदी का बनारस संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में हमारी मांग है कि वो काशी से पूर्वांचल के मुसलमानों के लिए पुनः हज की उड़ान शुरू कराने का ऐलान करे।


सेंट्रल हज कमेटी के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आज़मी ने पीएम मोदी से यह मांग की है। वो एक नीजी कार्यक्रम में शिरकत करने बनारस आये थे। इस दौरान आज़मी ने ऐलान किया है कि जब तक काशी से काबा की उड़ान नहीं शुरु होती है तब तक वो संघर्ष जारी रखेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी से दो बार निर्वाचित सदस्य व केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य और लंबे समय से हज यात्रियों के लिए संघर्ष करने वाले हाफिज नौशाद अहमद आजमी ने कहा कि कोविड के चलते हज यात्री 2020 व 2021 में हज पर नहीं जा सके। एक सवाल के उत्तर में नौशाद आजमी ने कहा कि हमने बहुत संघर्ष के बाद 2007 में वाराणसी से हज की उड़ान शुरू करायी थी। इसके लिए 6 मई 2006 को मोहम्मदाबाद गोहना मऊ में प्रांत का एक ऐतिहासिक हज सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें 25000 से अधिक हज प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। उसके बाद श्री प्रफुल पटेल ने हमसे मुलाकात की और वादा किया कि पूर्वांचल के हजयात्री 2007 में वाराणसी से काबा की उड़ान भरेंगे।

18 अगस्त 2006 को, लोकसभा में सांसद रामजी लाल सुमन ने मांग की कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को बनारस से यात्रा करने की अनुमति दी जाए। श्री इकबाल सरावगी व हाफिज नौशाद आज़मी 9 मार्च, 2007 को तत्कालीन प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह से उनके संसदीय कार्यालय में मुलाकात की और वाराणसी से हज यात्रियों की उड़ान की मांग किया था। प्रधान मंत्री ने आश्वासन दिया कि 2007 से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से  हजयात्री यात्रा करेंगे। 2007 से पहले वाराणसी एयरपोर्ट एक छोटा हवाई अड्डा था। हज की उड़ान के बाद, वाराणसी हवाई अड्डा एक प्रमुख हवाई अड्डा बन गया। नौशाद आज़मी ने कहा कि 2008 में, 5,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने हज और एक प्रमुख सऊदी एयरलाइंस की उड़ान के लिए यात्रा की। लेकिन आज यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 2018 में जो हज नीति तैयार की उसमें देश भर से केवल 9 जगहों को ही हज के लिए चयन किया गया। जबकि 21 इम्बारकेशन प्वाइंट पहले थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी से काबा की उड़ान खत्म कर दी गई। उन्होंने कहा कि हज का पहला काफिला 2007 में हवाई अड्डे से निकल रहा था। जब उद्घाटन समारोह हुआ, तो एक कांग्रेसी सांसद ने पूरे वाराणसी और हवाई अड्डे के रास्ते में अपने नाम का पोस्टर बैनर यह कहते हुए लगवाया कि उन्होंने अपना वादा पूरा किया। जो पूरी तरह से झूठ था। काफिला चला गया, मीडिया के बाहर खड़े लोगों ने मुझसे पूछा, "आपने पूरी मेहनत की है। आपको आमंत्रित नहीं किया गया है। मीडिया के लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। इंडिया टुडे ने इस इशू को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया।,

हाफिज नौशाद आज़मी को नाराज़गी है कि बनारस शहर के बुद्धिजीवियों और मुस्लिम सामाजिक संगठनों से उन्होंने सांसद की निंदा नहीं की और उनकी सेवाओं को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। आज आज़मी ने एक बार फिर पीएम मोदी ने गुज़ारिश की है कि वो काशी से काबा का ऐतिहासिक सफर शुरु करायें। इस अवसर पर  आल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री वहीदुल्लाह खां सईदी भी मौजूद थे।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...