सोमवार, 3 जुलाई 2023
Rishi ashram में ख्यातिप्राप्त वक्ता पूज्य राघव ऋषि का गुरुपूजन
Varanasi (dil India live). गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सोमवार को नेवादा स्थित ऋषि आश्रम में ख्यातिप्राप्त वक्ता पूज्य राघव ऋषिजी का गुरुपूजन प्रातः 9 बजे प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर देश व विदेश में फैले हज़ारों ऋषि भक्तों ने श्रद्धापूर्वक गुरुदेव का पूजन किया। 16 प्रदेशों में कार्य कर रही ऋषि सेवा समिति के पदाधिकारियो ने भी इस अवसर पर गुरुपूजन कर श्रद्धानवत हुए। सायं काल 5 बजे से "साधकों के अनुभव" का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ जिसमें लोगों ने गुरुदेव से जुड़कर जीवन के प्रकाशित होने का संस्मरण सुनाया। इस अवसर पर भक्तों को संबोधित करते हुए राघव ऋषि ने कहा कि जिसमे उन्होंने कहा कि जीवन के अँधेरे से गुरुदेव निकालते हैं। स्वामी परमहंस का उदाहरण देते हुए कहा कि द्वार पर खड़े नरेंद्र से पूछा कौन हो ? उन्होंने उत्तर दिया की गुरुदेव यही जानने आया हूँ की कौन हूँ मैं ? परमहंस ने कहा बेटा तेरा विवेक जागृत हुआ है इसलिए तेरा नाम अब विवेकानन्द हुआ । ईश्वर गुरु व मंत्र एकाकार हैं एक के कारण दो स्वतः ही ध्यान में आ जाते हैं गुरुदेव की प्रति समर्पण भावना मनुष्य का सर्वांगीण विकास करती है। आर्थिक विश्लेषण के रूप में दरिद्रता का दुष्चक्र से गुरुदेव की प्रेरणा ही मुक्त करती है गुरुदेव कर्म को प्रोत्साहित करते हैं, परिणामस्वरूप संचय विनियोग व विकास प्रबल होते हैं । भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण भी अपने मनुष्य जीवन में अपने -अपने गुरुदेव द्वारा निर्दिष्ट मार्ग का अनुसरण कर मर्यादा पुरुषोत्तम व लीला पुरुषोत्तम बनें।
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