बुधवार, 21 सितंबर 2022

Mirzapur news: Jansewa Kendra से बरामद हुआ अवैध सिलेंडर





Ap tiwari 

Mirzapur (dil india live)। तहसील दिवस एवं आईजीआरएस पोर्टल पर अवैध रिफिलिंग किए जाने की शिकायत पर बुधवार को एसडीएम चुनार की टीम ने तहसीलदार चुनार नुपूर सिंह के नेतृत्व में जमालपुर क्षेत्र के मनउर गांव में सड़क किनारे दुकानों पर छापा मारकर बड़ी संख्या में खाली एवं भरा गैस सिलेंडर बरामद किया।

           तहसील टीम के छापेमारी में कुल 43 गैस सिलेंडर, 201 पासबुक, कार में गैस भरने वाला एक यंत्र और गैस सिलेंडर कटिग करने वाली बसुरी बरामद किया। मनउर सड़क पर सागर गैस सर्विस के नाम से और जन सेवा केंद्र चला रहे दीलिप की दुकान से 17 भरा और 10 खाली गैंग्स सिलेंडर बरामद किया गया। बगल में ही मंगरू उर्फ धर्मराज सिंह की दुकान से टीम ने 10 सिलेंडर बरामद किया, जिसमें 4 एचपी 4 इंडेन और 2 कामर्शियल गैस जिसमें 1 एचपी का और 1 इंडेन का बरामद किया। मंगरू उर्फ धर्मराज के बगल में विकास बीज भंडार का वीडियोग्राफी कराकर ताला तुड़वाकर 6 गैस सिलेंडर बरामद किया।

    तहसीलदार चुनार नुपूर सिंह ने बताया कि तहसील दिवस में पड़े प्रार्थना पत्र और आईजीआरएस की शिकायत पर एसडीएम के निर्देश पर छापेमारी कर अवैध रूप से दुकानो में रखे गैस सिलेंडर को बरामद किया गया है। जब्त कागजातों की जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी।

   जांच टीम ने सप्लाई इंस्पेक्टर जमालपुर सुनील कुमार, सीखड़ रविंद्र यादव, नारायनपुर काशीनाथ शामिल रहे। इस दौरान थानाध्यक्ष मनोज कुमार और चौकी इंचार्ज शेरवा मानवेंद्र सिंह सुरक्षा व्यवस्था संभालने हुए थे।

मंगलवार, 20 सितंबर 2022

Rashtriya poshan mah: आयुर्वेद से एनीमिया के बचाव की मिली जानकारी

किशोरियों-महिलाओं को किया जागरूक, दी गई जानकारी 

बाजार कालिका आंगनबाड़ी केंद्र पर हुई जन जागरूकता बैठक, निकली पोषण रैली




Varanasi (dil india live). जिले में आज कल राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रतिदिन पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी विविध जन जागरूक गतिविधियां की जा रही हैं। इसमें बच्चे, किशोरियां व महिलाएं बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को सेवापुरी के आंगनबाड़ी केंद्र बाजार कालिका पर जन जागरूकता के उद्देश्य से बैठक की गई। इसमें महिलाओं और कंपोजीट विद्यालय की छात्राओं को पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आयुर्वेद को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही पोषण रैली भी निकाली गई।

   यह कार्यक्रम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग व आयुष - आयुर्वेद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इसमें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सेवापुरी के चिकित्सक डॉ त्रिभुवन राम और डॉ विनोद सहित प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) लालिमा पाण्डेय और मुख्य सेविका अनुराधा सिंह ने किशोरियों और महिलाओं को आयुर्वेद से एनीमिया (खून की कमी) का बचाव, पौष्टिक आहार के खानपान, सूक्ष्म पोषक तत्व, साफ-सफाई, स्वच्छता प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि आंवले का जूस, लाल चुकंदर का जूस, अनार, सेब, आयरन युक्त हरी पत्तेदार सब्जियां आदि के नियमित सेवन से एनीमिया को दूर किया जा सकता है। उन्होने कहा कि प्रतिदिन कम से कम पांच खाद्य समूह अपने भोजन में अवश्य शामिल करें। किशोरियां सप्ताह में कम से कम एक बार आयरन की गोली अवश्य खाएं। साथ ही योग और शारीरिक व्यायाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

वहीं पोषण रैली के माध्यम से ‘साफ-सफाई पर ध्यान दें, भोजन संक्रमण रहित रखें’, ‘माँ-बच्चे की सेहत का उपचार-सही उपचार उचित व्यवहार’, ‘स्वस्थ संतुलित आहार, ऊर्जा दे शरीर को अपार’, फल सब्जी अनाज का सेवन बढ़ाएं, फास्टफूड से बचें व शरीर को सेहतमंद बनाएं’ आदि संदेश दिये गए। अंत में आयुष विभाग द्वारा सभी को लोहासव एवं अश्वगंधा चूर्ण दिया गया। 

   इस मौके पर स्कूल की अध्यापिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा विश्वकर्मा, शशिकला सिंह, नुसरत जहां, मंजू सिंह, माधुरी देवी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

Professor ramyatna shukl नहीं रहे

संस्कृत व सनातन जगत के वृहद स्तंभ थे प्रो. रामयत्न शुक्ल 


Varanasi (dil india live)। प्रो. रामयत्न शुक्ल अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज उनका निधन हो गया। उनके निधन पर धर्मसंघ पीठाधीश्वार स्वामी शंकर देव चैतन्य ब्रह्मचारी ने दुख प्रकट किया। उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो. रामयत्न शुक्ल के निधन से संस्कृत और सनातन जगत की अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई कठिन है। काशी आगमन के बाद प्रो. रामयत्न शुक्ल प्रथम बार धर्मसंघ शिक्षा मंडल में प्रवेश लिए और वहीं, उन्होंने संस्कृत की शिक्षा प्राप्त किए। अपने जीवन काल के बाल्यावस्था व वृद्धावस्था का लम्बा समय इसी प्रांगण में उनका व्यतीत हुआ था। प्रो. शुक्ल धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज के अनन्य शिष्यों में रहे और उनपर धर्मसम्राट की विशेष कृपा रही। वहीं, धर्मसंघ महामंत्री जगजीतन पांडेय ने कहा कि प्रो. रामयत्न शुक्ल देश ही नहीं अपितु विश्व स्तर के मूर्धन्य विद्वान थे। उनसे ज्ञान व शिक्षा प्राप्त करने के लिए देश-दुनिया के मनीषी भी काशी आते रहे हैं। वह संस्कृत और शिक्षा जगत के वृहद स्तंभ रहे।

World Alzheimer's day (21 September)

भूलने की समस्या है तो करायें  Alzheimer's की जांच, पायें निदान

 • बुढ़ापे  में तेजी से कमजोर होती यादाश्त इस गंभीर बीमारी का है संकेत

 • 65 वर्ष की उम्र के बाद इस रोग के होने का रहता है अधिक खतरा


Varanasi (dil india live). यदि आप की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और आप भूलने की समस्या से परेशान है तो आपको अल्जाइमर रोग हो सकता है। बुढ़ापे में तेजी से कमजोर- होती यादाश्त इस गंभीर बीमारी का संकेत है। 65 वर्ष की उम्र के बाद इस रोग के होने की सम्भावना  अधिक रहती  है। समय पर उपचार शुरू न होने पर यह रोग इस कदर बढ़ता है कि व्यक्ति अपने परिवारजनों को भी नहीं पहचानपाता। यहां तक कि वह खुद की भी पहचान भूल जाता है। यह कहना है *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी* का । उन्होंने बताया कि न्यूरो से जुड़ी इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये ही दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को "वर्ल्ड अल्जाइमर-डे"  मनाया जाता है।

शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय के मानसिक/ मनोरोग विभाग के *वरिष्ठ चिकित्सक डा. रविन्द्र कुशवाहा* बताते है कि दिमाग में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी के कारण अल्जाइमर के समस्या की शुरुआत होती है। दरअसल प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी से ब्रेन में कुछ ऐसे अवांछित तत्व एकत्र होने लगते है जो धीरे-धीरे मेमोरी के सेल्स को नष्ट करना शुरू कर देते हैं। नतीजा होता है कि व्यक्ति की यादाश्त कमजोर होती जाती है और वह अल्जाइमर का शिकार हो जाता है। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया बीमारी का ही एक प्रकार है जो अधिकांशतः बुजुर्गो में होता है। ऐसे ही बुजुर्गो में शामिल हैं सेवानिवृत्त बैंककर्मी रामचरण शर्मा ( परिवर्तित नाम) । रामचरण शर्मा के पुत्र संजय बताते है कि 67 वर्षीय उनके पिता जी  की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनके भूलने की समस्या गंभीर होती जा रही थी। चश्मा, पर्स खुद कहीं रखकर उसे भूलने की बात तो सामान्य रही पर जब दामाद के साथ घर आयी बेटी को जब वह पहचान नहीं सके तब हम सभी को यह एहसास हो गया कि उनकी यादाश्त तेजी से कमजोर हो रही है। शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में दिखाने पर पता चला कि वह अल्जाइमर रोग के शिकार हो चुके हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति  ईश्वरगंगी की रहने वाली 70 वर्षीय अपर्णा घोष ( परिवर्तित नाम) की भी रही । पड़ोस में स्थित मंदिर से घर लौटते समय अक्सर ही वह रास्ता भूल जाती थी। पड़ोसियों की नजर जब भटकती हुई अपर्णा घोष पर पड़ती थी तब वह उन्हें उनके घर पहुंचाते थे। परिजनों ने जब उनका उपचार मण्डलीय चिकित्सालय में शुरू कराया तब पता चला कि वह भी अल्जाइमर से पीड़ित हैं। उपचार शुरू होने के बाद अपर्णा व रामचरण की हालत में अब काफी सुधार है ।

 मनोचिकित्सक डा. रविन्द्र कुशवाहा कहते हैं कि मण्डलीय चिकित्सालय के मानसिक/ मनोरोग विभाग की ओपीडी में हर माह ऐसे चार-पांच बुजुर्ग आते हैं जो अल्जाइमर रोग के शिकार होते हैं। वह बताते है कि यह ऐसा रोग है जिसका लक्षण दिखते ही उपचार शुरू कर देना चाहिए वर्ना उपचार जितनी देर से शुरू होगा मरीज की यादाश्त उतनी ही जा चुकी होगी। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि अल्जामर से जा चुकी यादाश्त को लौटाया नहीं जा सकता लेकिन शेष रह गयी यादाश्त को दवाओं से रोका जा सकता है। ऐसे मरीजों के साथ उपचार के साथ-साथ परिजनों की सहानुभूति भी जरूरी होती है। लिहाजा 65 वर्ष की उम्र में पहुंच चुके बुजुर्गो में यदि अल्जाइमर के लक्षण नजर आ रहे हो तो शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय के मानसिक/ मनोरोग विभाग (कक्ष संख्या -दस) में प्रत्येक  सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक लगने वाली ओपीडी में सम्पर्क कर इसका उपचार कराया जा सकता है। 

 यह है अल्जाइमर के लक्षण

रखी हुई चीजों को भूल जाना

कुछ भी याद करने, निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होना

रात में नींद का न आना 

डिप्रेशन में रहना और हमेशा भयभीत रहना

एक ही सवाल को बार-बार दोहराना

कपड़ों का उल्टा-सीधा पहनना

चिड़चिड़ापन और परिजनों पर गुस्सा करना

दैनिक कार्यो को भी भूल जाना

Karbala k shahido की याद में निकला दुलदुल


Varanasi (dil india live). शहीदाने कर्बला की याद में सोमवार की शाम अलग अलग इलाकों से तीन जुलूस निकाले गए। इसमें शिवाला का ऐतिहासिक जुलूस भी शामिल था। सैय्यद आलिम हुसैन रिजवी के इमामबाड़े से दुलदुल का यह जुलूस निकाला गया। जुलूस हजरत खाकी शाह बाबा (रह.) चौराहे पर जब पहुंचा तो वहां मुख्य मार्ग पर मौलाना नसीर आजमी (मुंबई), मौलाना अकील हुसैनी व सैयद फरमान हैदर ने तकरीर की। इस दौरान कर्बला के मसायब सुनकर लोगों की आंखें नम हो गईं। अंजुमन गुलजारे अब्बासिया ने नौहाखवानी वह मातम किया।

मुख्य मार्ग पर अजादारों ने मातम करके खुद को लहूलुहान कर लिया। शिवाला से ही मस्जिद डिप्टी जाफर बख्त से अंजुमन हैदरी चौक ने ताजिया का जुलूस निकाला। दोनों जुलूस शिवाला घाट पर ठंडे किये गए। आलमपुरा स्थित मिर्जा मन्ना के आवास से दुलदुल, अलम व ताबूत का जुलूस निकला। अंजुमन आबिदिया के तत्वावधान में निकले जुलूस में रास्ते भर अंजुमन के लोगों ने जमकर मातम किया। पारम्परिक रास्ते से होता हुआ जुलूस लाट सरैयां स्थित सदर इमामबाड़ा पहुंचकर समाप्त हुआ।

सोमवार, 19 सितंबर 2022

dav pg college में Quiz में विजयी प्रतिभागी हुए पुरस्कृत


Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग के छात्र मंच 'डायलेक्टिका स्टूडेंट फोरम' के तत्वावधान में दो दिवसीय क्विज-2022 का आयोजन 12 एवं 13 सितम्बर को किया गया था। इसमें प्रथम स्थान जिज्ञासा मिश्रा, द्वितीय स्थान आलोक कुमार एवं तृतीय स्थान पर शशि शेखर गुप्ता रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सत्यदेव सिंह ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर  उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा आगे बढ़ने का सबसे बड़ा रास्ता होता है, इसमें हार जीत से आगे सीखने की प्रवृत्ति बढ़ती है जो भविष्य में हमारे काम आती है। 

 इस अवसर पर क्विज संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर सतीश कुमार सिंह, डॉक्टर रामेंद्र सिंह, डॉक्टर संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी आदि उपस्थित रहे। 2 चरणों में संपन्न हुई प्रतियोगिता में लगभग 30 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रथम चरण में 10 छात्र सफल हुए जिसमें से दूसरे चरण में  विजेताओं का चयन किया गया।

Awards:सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र को राज्यपाल करेंगी सम्मानित

वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

  • अभी जिले में हैं 17 निक्षय मित्र, पौष्टिक आहार व उपचार में करेंगे मदद
  • सीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारी भी बने निक्षय मित्र


Varanasi (dil india live).यदि आप निक्षय मित्र हैं, अर्थात आपने किसी टीबी मरीज को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है, तो प्रदेश की राज्यपाल आपके इस सराहनीय कार्य के लिए आपको सम्मानित कर सकती हैं। इस संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारियों को पत्र लिख कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र का विवरण भी मांगा है। दरअसल निक्षय मित्र योजना के तहत कोई भी व्यक्ति टीबी (क्षय) रोग के खिलाफ शुरू की गई राष्ट्रव्यापी जंग में अपना योगदान दे सकता है। ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। 

इस मुहिम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय भी निक्षय मित्र बन गए हैं। इसके साथ ही सीएमओ ने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश ने सम्मलित प्रयासों से पोलियो और कोरोना के खिलाफ जंग जीती है, उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग को जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए बीते दिनों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया गया। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है। 

क्या है निक्षय मित्र योजना

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकेगा, ताकि वह इलाज में उसकी मदद करा सके और उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करा सके। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए आप निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय स्थित जिला क्षय रोग केंद्र पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 17 निक्षय मित्र हैं और संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।   

योजना का उद्देश्य

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के डीपीसी संजय चौधरी व डीपीपीएमसी नमन गुप्ता ने बताया कि इस अभियान को जन-आंदोलन बनाकर आमजन को बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। इसका इलाज आसान और नि:शुल्क है। लोगों को यह भी बताना होगा कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। लेकिन जब रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचने के बाद ही टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...