Varanasi (dil india live)। शिवाला स्थित सैयद आलिम हुसैन रिजवी के इमामबाड़े से दुलदुल का कदीमी जुलूस आज दोपहर 3:00 बजे निकलेगा। जुलूस में शामिल अजादार दर्द भरे नौहों पर मातम करते हुए विभिन्न रास्तों से शिवाला घाट पहुंचेंगे। गंगा किनारे पहुंचकर यह जरूर संपन्न होगा। जुलूस से पहले मजलिस होगी। मजलिस में मौलाना नसीर आज़मी कर्बला के शहीदों और असीरों की जिंदगी पर रौशनी डालेंगे। इस दौरान अंजुमन नसीरुल मोमिनीन व अंजुमन गुलज़ारे अब्बासिया नौहाखवानी वह मातम करेंगी।
सोमवार, 19 सितंबर 2022
रविवार, 18 सितंबर 2022
Varanasi के CDO बने Himanshu nagpal
अभिषेक गोयल बने वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष
Varanasi (dil india live). वाराणसी के नए सीडीओ हिमांशु नागपाल बनाए गए हैं। हिमांशु नागपाल वर्तमान में कानपुर में ज्वाइन मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थे।
जबकि वर्तमान में सीडीओ के पद पर कार्यरत अभिषेक गोयल को वाराणसी विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह पद वाराणसी वीडीए उपाध्यक्ष को चंदौली का नया डीएम बनाये जाने के बाद रिक्त हो गया था।
Sultan club ने किया नीट में स्थान पाए bunkar बच्चों का सम्मान
Varanasi (dil india live). सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब वाराणसी द्वारा बड़ीबाजार में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के अध्यक्ष सरदार हाफिज मुईनुद्दीन साहब ने व संचालन बनारस पब्लिक स्कूल के सेक्रेटरी इशरत उस्मानी साहब ने की।इस अवसर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में आल इंडिया में स्थान पाए बुनकर बाहुल्य क्षेत्र के बच्चों को सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक व सरदार बाईसी हाफिज मुईनुद्दीन साहब ने संयुक्त रूप से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस खुशी के मौके पर बुनकर बाहुल्य क्षेत्र में मरीजों की सेवा करने वाले डॉ अज़हर इमाम खां की पुत्री तजल्ली फातिमा ने 720 में 650 अंक पाकर आल इंडिया रैंक में 4539 वां स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से बलिया जिले की रहने वाली तजल्ली फातिमा की माता एसएसपी कार्यालय में कार्यरत हैं। वाराणसी के संत अतुलानंद की होनहार छात्रा ने हाई स्कूल व इंटर वहीं से किया। गरीब बुनकर अब्दुल अलीम बुनकारी करके पाई पाई पैसा इकट्ठा करके अपने पुत्र मुहम्मद सलमान को पढ़ाया, पिता का सपना था कि बेटा डॉक्टर बनकर इंसानियत की सेवा करेगा, जो सबसे बड़ा धर्म है। मदरसा मतलउल उलूम के वरिष्ठ अध्यापक अकील अंसारी के पुत्र मुहम्मद आबिद ने 621 अंक पाकर आल इंडिया रैंक में 12134 स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से जिला गाजीपुर के रहने वाले आबिद ने बनारस के बाल भारती स्कूल से हाई स्कूल और इंटर पास किया। बुनकर हाजी कलाम केला वाले के पौत्र स्वर्गीय नियाज़ के पुत्र नातिक नियाज़ ने 616 अंक पाकर आल इंडिया रैंक 13924 वें स्थान पाकर बुनकर लोगों को आश्चर्य चकित कर डाला। सभी बच्चों की उपलब्धि से पूरा परिवार ही नहीं क्षेत्रवासी भी गदगद हैं। इन बच्चों का बचपन से ही डॉक्टर बनकर समाज सेवा करने का सपना है। संस्था सुल्तान क्लब परिवार इन भावी चिकित्सकों को हार्दिक बधाई के साथ रौशन मुस्तकबिल की दुआ करती है। कार्यक्रम की शुरुआत इरफानुल हक ने कुरआन की तिलावत से किया। स्वागत उप सचिव अब्दुर्रहमान ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर एहतेशामुल हक ने दिया, अंत में मुफ्ती ज़ियाउल इस्लाम ने दुआ कराई।
सम्मान समारोह में बाईसी के सदर सरदार हाफिज मुईनुद्दीन, संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष महबूब आलम व अजय कुमार वर्मा, महा सचिव एच हसन नन्हें, सचिव जावेद अख्तर, उप सचिव अब्दुर्रहमान, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, प्रधानाचार्य मुसर्रत इस्लाम, इशरत उस्मानी, मुख्तार अहमद, खलील खां, मौलाना अब्दुल्लाह, मुहम्मद इकराम, हाफिज मुनीर, डॉ तजम्मुल अहमद, हाजी मुईनुद्दीन, मुमताज़ अहमद के अतिरिक्त मेधावी छात्रों के अभिभावक और गणमान्य लोग उपस्थित थ
polio vaccine सुरक्षित और असरदार
svm hospital से हुआ polio अभियान का शुभारंभ
बूथ दिवस पर 2.43 लाख बच्चों को पिलाई गई polio की खुराक
घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाएंगी पल्स पोलियो की टीम
Varanasi (dil india live). पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया । चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत के भी हर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है । इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।
उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने भेलूपुर स्थित एसवीएम राजकीय चिकित्सालय से पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं । उन्होंने बताया कि 19 से 23 सितंबर तक घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पोलियो की दवा पिलाएंगी । जिले में रविवार को आयोजित बूथ दिवस पर 1808 बूथों पर 2,43,711 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। डीआईओ ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए सीएमओ कार्यालय की तरफ से समस्त उप जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जिला पूर्ति अधिकारी, नगर निकायों से संबंधित अधिकारियों, जिला पंचायती राज अधिकारी, एनडीआरएफ़, एनएसएस व अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं से सहयोग करने के लिए कहा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद के समस्त ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बूथ दिवस पर बच्चों को पोलियो की खुराख पिलाई गईं । पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है । पल्स पोलियो का ड्रॉप जन्म के समय ही दिया जाता है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलाया जाता है । इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है । भारत सरकार के नेशनल हेल्थ पोर्टल पर 23 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पोलियो के दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण अपरिवर्तनीय पक्षाघात (आमतौर पर पैरों में) में बदल जाता है। ऐसे पक्षाघात पीड़ित में से पांच से दस फीसदी की मौत हो जाती है । ऐसे में इस जटिल बीमारी के प्रति संपूर्ण प्रतिरक्षण अति आवश्यक है ।
इस अवसर पर चिकित्साधीक्षक डॉ क्षितिज तिवारी, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ एके पांडे, डिप्टी डीआईओ डॉ यतीश भुवन पाठक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के डॉ जयशीलन व डॉ सतरुपा, यूनिसेफ के प्रदीप श्रीवास्तव व डॉ शाहिद और यूएनडीपी की रीना वर्मा संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।
स्वस्थ है दोनों बच्चे
भेलूपुर निवासी संजय का सरकारी टीकों में पूर्ण विश्वास है। उनका बड़ी बेटी श्रद्धा चार साल की है जबकि छोटा बेटा वेदान्त लगभग दो साल का है । उनका कहना है कि उन्होंने अपने दोनों बच्चों को पोलियो की सभी ड्रॉप पिलवाई है और सभी प्रकार के टीके सरकारी टीकाकरण केंद्र से ही लगवाए हैं। इससे उनके दोनों बच्चे स्वस्थ हैं । पोलियो के ड्रॉप के कारण कभी भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा । सभी लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलानी चाहिए और नियमित टीकाकरण भी कराना चाहिए।
अभियान: एक नजर में
• लक्षित मकान – 7.46 लाख
• लक्षित लाभार्थी बच्चे – 5.68 लाख
• पर्यवेक्षक – 364
• गृहभ्रमण टीम – 1265
• ट्रांजिट टीम – 36
• मोबाइल टीम – 36
शनिवार, 17 सितंबर 2022
Chehhellum की पूर्व संध्या पर दर्द भरे नौहों संग निकला जुलूस
Varanasi (dil india live). चेहल्लुम इतवार को मनाया जाएगा। चेहल्लुम की पूर्व संध्या पर वाराणसी में इमाम हसन, इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की याद में अलग-अलग जुलूस उठे। इस दौरान जुलूस मार्ग दर्द भरे नोहों और मातम की सदाओं से गूंज रहा था। इस मौके पर हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर मातम का नजराना पेश किया। इस दौरान उलेमा ने मजलिस में कर्बला में शहीद हुए लोगों को सच्चा मोमिन बताया। कहा कि कर्बला में हुसैनियों ने अपना सिर कटा दिया मगर नाना के दीन को बचा लिया। उसे डूबने नहीं दिया। यही वजह है कि कायनात में केवल कर्बला के शहीद ही ऐसे मोमिन हैं जिनका चेहल्लुम 1400 साल से लगातार मनाया जाता है।
इससे पहलेेेेेे जुलूस की शुरुआत शायर ऋषि बनारसी के शिवाला स्थित इमामबाड़े से हुआ। इसमे अंजुमन क़सीमिया अब्बासिया ने नोहाखवानी व मातम किया। इस जुलूस में ताज़िया अलम ताबूत दुलदुल की ज़ियारत के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे थे। जुलूस से पहले मौलाना मेराज आबिदी ने मजलिस को खिताब किया। क़ासिम अली जानी ने सोज़ख़्वानी की। साहब, प्रिंनस और नासिर रजा ने नोहा पढ़ा।
नोहा और मातम की सदाओं संग जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ शिवाला घाट पर जाकर खत्म हो गया। वहीं, उसके बाद स्वर्गीय सलीम के निवास से अमारी, दुलदुल, आदि का जुलूस उठा। इसकी निगरानी अंजुमन आबिदिया चौहट्टा लाल ख्वां ने की। यह जुलुस सदर इमामबाड़े पर आकर समाप्त हुआ। उसी क्षेत्र से एक जुलूस मुकीमगंज से नवाब एहतेशाम के संयोजन में निकला गया। इसमें अंजुमन नासीरुल मोमेनीन ने नोहा मातम किया। जुलूस भी अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ सदर इमामबाड़े लाठ सरैया गया। अंतिम जुलूस शिवाला में डिप्टी जाफर बख्त के सामने स्वर्गीय हैदर बख्त के निवास से उठाया गया। जुलूस में अंजुमन क़सीमिया अब्बासिया गौरीगंज नोहा पैन किया जिस पर लोग मातम करते हुए चल रहे थे। वाराणसी में काली महाल में मज़ाहिर हुसैन रिज़वी के निवास पर कदीमी ताबूत उठाया गया। दालमंडी में ऐजाज़ हुसैन के निवास पर ताबूत उठाए गए। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि दुनिया से 12 करोड़ लोग इमाम के रौज़े कर्बला में मौजूद हैं। इसमे भारत से भी लाखों लोग पहुंचे हैं। इमाम का 40 रविवार 18 सितंबर यानि 20 सफर के 9 पर मनाया जाएगा।
9 fru का होगा संचालन, Varanasi में बढ़ेंगी स्वास्थ्य सेवाएं
Cm के chc हाथी सहित चार नए एफ़आरयू चिन्हित
Chc चौकाघाट, दुर्गाकुंड व डीडीयू चिकित्सालय के mch विंग हुए fru
Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर जनपद में चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ीकरण करते हुये निरंतर विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में शासन ने जिले के चार सरकारी चिकित्सालयों को नवीन फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफ़आरयू) यानी प्रथम संदर्भन इकाई चिन्हित कर मुहर लगा दी है। इस तरह से अब जिले में नौ एफ़आरयू तैयार हो गए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जनपद में पूर्व से ही पांच एफआरयू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चोलापुर, सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी गंगापुर (पिंडरा), जिला महिला चिकित्सालय और एलबीएस रामनगर संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही अब नए चार एफ़आरयू चिन्हित किए गए हैं। इनमें पहला है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से गोद ली गई सीएचसी हाथी बाजार, दूसरा नगरीय सीएचसी चौकाघाट, तीसरा सीएचसी दुर्गाकुंड और चौथा एमसीएच विंग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय शामिल है। सीएमओ ने कहा कि शासन के निर्देश के क्रम में इन नवीन एफआरयू को सक्रिय रूप से क्रियाशील करने के लिए जल्द ही निर्धारित आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वर्तमान में सीएचसी हाथी बाजार में 50 बेड सहित अन्य सुविधाएं हैं। वहीं सीएचसी चौकाघाट व सीएचसी दुर्गाकुंड में 30-30 बेड और दीनदयाल चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग में 50 बेड सहित अन्य चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इसके अतिरिक्त सीएचसी चोलापुर में 30 बेड, रक्त भंडारण, जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) वार्ड, सिजेरियन प्रसव सुविधा, न्यू बोर्न स्टेबलाइज़ेशन यूनिट (एनबीएसयू) व 24 घंटे सातों दिन चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। यहाँ अप्रैल 2022 से अब तक 58 सिजेरियन प्रसव किए जा चुके हैं। इसी तरह सीएचसी अराजीलाइन में 42 बेड सहित अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। यहाँ वित्त वर्ष में अब तक 27 सिजेरियन प्रसव किए जा चुके हैं। सीएचसी गंगापुर (पिंडरा) में 30 बेड सहित अन्य सेवाएं उलब्ध हैं और यहाँ अब तक 17 सिजेरियन प्रसव किया जा चुके हैं। एलबीएस चिकित्सालय रामनगर में करीब 150 बेड व जिला महिला चिकित्सालय में 180 बेड सहित अन्य सेवाएं 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध हैं।
एफ़आरयू में मिलने वाली सुविधाएं
शासन के निर्धारित मानकों के क्रम में प्रथम रेफरल इकाइयों (एफआरयू) में व्यापक प्रसूती देखभाल सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिसमें सिजेरियन सेक्शन, नवजात शिशु गहन देखभाल, बीमार बच्चों की आपातकालीन देखभाल, परिवार नियोजन सेवाओं की समस्त सेवाएं, सुरक्षित गर्भपात सेवाएं उपचार, रक्त भंडारण इकाई (ब्लड स्टोरेज यूनिट) की उपलब्धता, 24 घंटे सातों दिन चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाएं और रेफरल परिवहन सेवाएं शामिल हैं।
गुरुवार, 15 सितंबर 2022
Ghazipur Medical news : राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम साबित हो रहा वरदान
अब सामान्य बच्चों की तरह चल सकेंगे दिव्या और सत्यम
Himanshu Rai
Ghazipur (dil india live). राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एवं मिरेकल फीट फाउंडेशन के सहयोग से राजकीय मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) गाजीपुर में अब तक 40 से ज्यादा बच्चो का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है। जो क्लब फुट (टेढ़े पंजे) से पीड़ित थे। जिला अस्पताल मे कार्यरत डॉ. प्रभात अग्रहरि द्वारा 4 बच्चो का पोनसेटी मेथड से प्लास्टर लगाया गया और इन बच्चो का जल्द ही (टेनोटामी ) कर उनके टेंडेंट को ढीला किया जायेगा ताकी बच्चे के पैर को प्राकृतिक स्थिती प्रदान किया जा सके।
गाजीपुर जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ० प्रभात अग्रहरि ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है जन्म के समय से ही बच्चो के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। उन बच्चों के पैरों के उपचार के लिये पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाना है और फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद, अधिकांश बच्चों के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन (टेनोटॉमी) की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर अपनी मूल स्थिति पर वापस न आ जाए। फिर बच्चा 4 सालो तक ब्रेस या विशेष प्रकार के जूते पहनता है जो की मिरेकल फीट फाउंडेशन द्वारा नि:शुल्क दिया जाता है
मिरेकल फीट फाउंडेशन के प्रोग्राम एक्जिक्यूटीव आनंद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि 0 से 1.5 साल तक के बच्चे इस नि:शुल्क इलाज का लाभ ले सकते है हमारे संस्था के द्वारा बच्चो के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना तथा ब्रेस ( विशेष प्रकार का जूता ) नि: शुल्क प्रदान किया जाता है।कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि ब्रेसिज़ (विशेष प्रकार के जूते) लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका बच्चा लंबे समय तक विशेष जूते और ब्रेसिज़ आमतौर पर तीन महीने के लिए पूरे समय और फिर रात में पहनाने होते है।
मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत
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