सोमवार, 18 जुलाई 2022

ईद ए ग़दीर पर मनाई गई खुशिया, सजी महफ़िल



Varanasi (dil india live). हिजरी साल के ज़िल्हिज्जा माह की 18 तारीख को अपने आख़िरी हज से वापसी पर पैग़म्बर ए आज़म ने अपने चचेरे भाई और दामाद हज़रत अली को अल्लाह के हुक्म से अपने बाद हाकिम ओ पेशवा बनाया था। ग़दीर ए ख़ुम नामी जगह जो मक्का और मदीना के बीच स्थित है वहां सवा लाख हाजियो के मजमे में रसूलुल्लाह ने हज़रत अली को अपने दोनों हाथों पर बुलंद करके फ़रमाया जिस जिस का मैं मौला आज से उस उस का अली मौला। ये दिन शिया मुसलमानों के लिए ईद का दिन है।

   इसी ईद की खुशियां मानते हुए शहर में रात ही से महफ़िल का सिलसिला शुरू हो गया था। रवीवार की रात करारा हाउस तेलियानाला में क़सीदा ख़्वानी की महफ़िल हुई जो देर रात तक चली। सोमवार को दिन में 4 बजे बनारस के इमाम ए जुमा मौलाना सैयद ज़फर उल हुसैनी की सदारत में करारा हॉउस पर महफ़िल ए बयान के एहतेमाम हुआ। बयान से पहले शोअरा ए केराम ने अपना मंज़ूम नज़राना ए अक़ीदत पेश किया। महफ़िल को ख़िताब करते हुए मौलाना अक़ील हुसैनी ने ईद ए ग़दीर की फ़ज़ीलत और मौला अली के फ़ज़ाएल बयान किये। महफ़िल की निज़ामत मौलाना अमीन हैदर हुसैनी ने किया। महफ़िल में मौलाना मेहदी रज़ा, मौलाना इश्तियाक अली, मौलाना इक़बाल हैदर, मौलाना करीमी साहब, मौलाना यूसुफ मशहदी, मौलाना ज़ाएर ईमानी साहब समेत हज़ारो की तादाद में मोमिनीन ने शिरकत की। इसी क्रम में दालमंडी, दरगाहे फ़ात्मान, शिवाला, बड़ी बाज़ार, मदनपुरा समेत लगभग सभी शिया बहुल इलाकों में महफ़िल सजाई गई और खुशियां मनाई गई।

जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की फर्जी वेबसाइट

जनसमान्य को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी


Varanasi (dil india live).जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे एवं घटित होने वाली प्रत्येक मृत्यु का पंजीकरण होना बहुत अनिवार्य है। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र से विभिन्न कार्यों में लाभ होता है। पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में सही व स्पष्ट जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है। हाल ही में राज्य स्तर पर कुछ फर्जी वेबसाइट के जरिये फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जनपदों को एक एडवाइजरी जारी कर फर्जी वेबसाइट की सूचना दी है और इसको जन सामान्य में जागरूक करने के लिए समस्त अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है। 

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशनुसार प्रदेश के कई जिलो में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वालों का जाल संज्ञान में लिया गया है। जनसामान्य को जागरूक करने के लिए जारी की गई एडवाईजरी में फर्जी वेबसाइट उल्लिखित है जो इस प्रकार हैं https://crsrgi.in, https://crsorgi-gob.in, birthdeathonline.com, crsgov.org.in, crsigov.com, crsorgigoovi.in, crsorgi-gov.in, crs-gov.co.in । इन फर्जी वेबसाइट पर निजी जानकारी जैसे यूजर आईडी पासवर्ड न डालें। सोशल मीडिया साईटों पर दिये गए फर्जी फोन नंबर पर भी भरोसा न करें। ऑनलाइन पैसे देकर कोई जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र न बनवाएँ। इसके अलावा किसी जन सेवा केंद्र पर भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध नहीं है। 

केंद्र स्तर से जन जागरूकता के उद्देश्य से एक वीडियो भी अपलोड किया गया गया है। जिसका लिंक https://www.youtube.com/watch?v=f7TkaspgkrE है। *सीएमओ* ने बताया कि भारत सरकार की सही वेबसाइट https://crsorgi.gov.in है जिसके जरिये राजकीय जिला चिकित्सालयों, नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत कार्यालय, ग्राम पंचायत कार्यालय, ग्राम विकास व पंचायत अधिकारी कार्यालय पर पूर्ण रूप से निःशुल्क जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध है। जन्म-मृत्यु के 21 दिन के अंदर उक्त सभी कार्यालयों पर निःशुल्क प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। लेकिन 21 दिन के बाद 30 दिन के अंदर केवल दो रुपये विलंब शुल्क के साथ आदेशित संबन्धित रजिस्ट्रार को देते हुये प्रमाण पत्र बनेगा। इसके 30 दिन के बाद एक साल के अंदर पाँच रुपये विलंब शुक्ल ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) व शहरी क्षेत्र में डिप्टी सीएमओ या नोडल अधिकारी के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत करने पर प्रमाण पत्र बनेगा। वहीं एक साल के बाद संबन्धित तहसील के एसडीएम को 10 रुपये का हलफनामा देना होगा और वह 10 रुपये विलंब शुल्क के साथ संबन्धित रजिस्ट्रार को आदेशित करेंगे, जिसके बाद ही प्रमाण पत्र बनेगा । 

जन्म पंजीकरण के लाभ

1. स्कूल में प्रवेश के लिए

2. राशन कार्ड में शिशु का नाम बढ़ाने के लिए। 

3. बीमा पालिसी के लिए

4. ड्राइविंग लाईसेन्स के लिए

5. पासपोर्ट बनवाने के लिए

6. सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाओं में प्रवेश के लिए 

7. मतदान का अधिकार एवं चुनाव उम्मीदवारी के लिए

8. स्वयं विवाह का अधिकार प्राप्त करने के लिए

9. बाल विवाह एवं बच्चों के अनैतिक व्यापार के विवादों के निपटाने के लिए।

10. अन्य उद्देश्य जहाँ आयु प्रमाणन की आवश्यकता है।

मृत्यु पंजीकरण के लाभ

1. मृत्यु तिथि का प्रमाण ।

2. उत्तराधिकारी सिद्ध करने के लिए ।

3. सम्पति, बीमा तथा समाजिक सुरक्षा के लाभों पर दावा प्रमाणित करने के लिए ।

गर्भावस्था में है टीबी तो बरतें सावधानीं वर्ना होगी परेशानी

गर्भपात की आशंका संग जान का भी रहता है खतरा 

लक्षण दिखते ही उपचार शुरू होने पर जच्चा-बच्चा हो सकते हैं सुरक्षित


Varanasi (dil india live). जैतपुरा की रहने वाली शबीना (परिवर्तित नाम ) असामान्य थकान, गिरते वजन और मिचली आने से परेशान थी। इन परेशानियों को वह यह समझ कर नजरअंदाज करती रही कि यह सब उसके गर्भवती होने की वजह से हो सकते हैं। हालत जब तेजी से बिगड़े तो उसने जिला महिला अस्पताल में उपचार शुरू कराया। जांच हुई तो पता चला कि वह दो माह से गर्भवती तो जरूर है लेकिन साथ ही उसे टीबी की बीमारी ने भी जकड़ रखा है। कुछ ऐसी ही स्थिति सेनपुरा की पारुल विश्वकर्मा (परिवर्तित नाम ) के साथ हुई। चार माह की गर्भवती पारुल लगातार खांसी आने और तेजी से गिरते वजन से परेशान रही। जांच हुई तो पता चला कि गर्भवती होने के बाद उसे भी टीबी हो चुका है।

यह परेशानी सिर्फ शबीना और पारुल  की ही नहीं उनके जैसी अन्य महिलाओं की भी है, जो गर्भवती होने के साथ-साथ टीबी रोग से भी पीड़ित होती हैं। ऐसी गर्भवतियों के टीबी रोगी होने का पता तभी चल पाता है जब उनकी जांच होती हैं। जिला महिला चिकित्सालय के स्त्री व प्रसूति रोग चिकित्सक डा. मधुलिका पांडेय कहती हैं “दरअसल टीबी व गर्भवस्था के दौरान होने वाली परेशानियों के कुछ लक्षण काफी मिलते-जुलते होते हैं। मसलन गर्भ ठहरने के बाद गर्भवती ने यदि पोषक आहारों पर ध्यान नहीं दिया तो उसका वजन कम होने लगता है। यह स्थिति टीबी की बीमारी होने पर भी होती है। इस रोग से ग्रसित होने पर रोगी कमजोर होने लगता है। आम तौर पर गर्भवती को असमान्य थकान की भी परेशानी होती है। ऐसी परेशानी टीबी रोगी को भी होता है। गर्भावस्था में गिरते वजन, थकान, कमजोरी जैसे लक्षणों के साथ ही तेज बुखार, खांसी को मौसमी बीमारी मानकर गर्भवती इसे नजरअंदाज करने की कोशिश करती हैं, जबकि यह परेशानी उन्हें गर्भावस्था के दौरान हुए टीबी रोग की वजह से भी हो सकते हैं।”

 गर्भावस्था में टीबी से जच्चा-बच्चा को खतरा

डा. मधुलिका बताती हैं कि “गर्भावस्था में टीबी का समय से उपचार न होने से यह गर्भवती के साथ-साथ गर्भस्थ के लिए भी खतरनाक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान टीबी गर्भवती के शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। उसका वजन तेजी से गिरने के साथ ही उसमें खून की इतनी कमी हो जाती है कि प्रसव के दौरान उसकी जान को भी खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं टीबी से ग्रसित गर्भवती के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास ठीक से नहीं हो पाता है।  ऐसी महिलाओं का गर्भपात होने अथवा समय से पूर्व प्रसव की भी आशंका रहती है। समय से पूर्व हुए नवजात काफी कमजोर अथवा अविकसित होते हैं, ऐसे में जन्म लेने के कुछ ही देर बाद उनकी मौत का भी भय होता है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान असामान्य लक्षण दिखते ही गर्भवती की तत्काल जांच करानी चाहिए। टीबी रोगियों की जांच व उपचार सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त है। साथ ही उन्हें पोषक आहार के लिए हर माह 500 रुपये दिए जाते है। है। लिहाजा गर्भावस्था में टीबी होने पर घबराने की जरूरत नहीं। सही समय से उपचार कराना चाहिए ताकि गर्भवती व उसके होने वाले शिशु को किसी तरह का खतरा न रहे।” 

 इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

दो सप्ताह से अधिक की खांसी

खांसी में बलगम के साथ खून का आना

लगातार  बुखार का आना

गर्दन की ग्रंथियों में सूजन

रात में सोते समय पसीना आना

कम काम करने के बाद भी थकावट

पुरानी पेंशन के मुद्दे को पुनः गरमाएगी अटेवा



Varanasi (dil india live). अटेवा पेंशन बचाओ मंच वाराणसी की आवश्यक बैठक उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ कार्यालय पीडब्लूडी परिसर वाराणसी में सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अटेवा पुनः पुरानी पेंशन के मुद्दे को गरमाएगी। इसके लिए कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई।

     आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला कार्यकारिणी के पुनर्गठन एवं सदस्यता अभियान पर विस्तार से चर्चा की गयी। जिला कार्यकारिणी में विभिन्न पदो के लिए कई शिक्षकों/कर्मचारियों के नामो पर विस्तार से विचारकर इसकी सूची प्रदेश नेतृत्व को भेज दी गई है जहाँ से अनुमोदन होते ही जिला की नई कार्यकारिणी घोषित कर दी जायेगी। पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई को नई धार देने के लिए संगठन को मजबूत बनाने, जिले के प्रत्येक विद्यालय एवं हर विभाग में सदस्यता अभियान चलाकर सबको जोड़ने का निर्णय लिया गया।

      आज की बैठक में जिला संरक्षक-श्री रामचन्द्र गुप्ताजी,जिला अध्यक्ष विनोद यादव, जिला उपाध्यक्ष-डॉ एहतेशामुल हक, जिला कोषाध्यक्ष-चंद्रप्रकाश गुप्त, जिला संगठन मंत्री-जफ़र अंसारी, सुरेन्द्र प्रताप सिंह, नगर अध्यक्ष-गुलाब चंद कुशवाहा, अंजनी सिंह, प्रमोद कुमार पटेल, रामअवध, विनोद कुमार मौर्या, अजय कुमार यादव, मिथिलेश कुमार पटेल, राममूर्ति यादव, शिवमनी यादव, श्याम बाबु विश्वकर्मा, शैलेश कुमार, शशांक रंजन, चिराग अली, कुलदीप सिंह, अरित्र राय, अरूप कुमार सहित अनेक शिक्षक/कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक-विनोद यादव एवं संचालन जिला मंत्री बीएन यादव ने किया। 

रविवार, 17 जुलाई 2022

Sant kabir handlum award: ऐसे करें आवेदन

संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार के लिए करें जल्दी



Varanasi (dil india live)। उ०प्र० शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा एवं बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना का संचालन/क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना अन्तर्गत बुनकरों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित करने के उददेश्य से परिक्षेत्रीय स्तर एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार प्रदान किया जाता हैं। 

     उक्त जानकारी देते हुए सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग अरूण कुमार कुरील ने बताया कि परिक्षेत्रीय पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार 20,000/- नकद, शील्ड प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम, द्वितीय पुरस्कार 15,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम एवं तृतीय पुरस्कार 10,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण- पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान किया जायेगा। परिक्षेत्र स्तर पर चयनित विजेताओं में से राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयन किया जायेगा। जिसमें प्रथम पुरस्कार 1,00,000/- नकद, शील्ड प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम, द्वितीय पुरस्कार 50,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम तृतीय पुरस्कार 25,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान किया जायेगा। राज्य स्तरीय पुरस्कार चार श्रेणियां निर्धारित की गयी हैं।

श्रेणी-1 अंतर्गत राज्य स्तरीय हथकरघा पुरस्कार की चार श्रेणियाँ निर्धारित साड़ी, ब्राकेड, ड्रेस मैटेरियल। श्रेणी-2 अंतर्गत सूती दरी, ऊलेन दरी, आसनी एवं दरेट। श्रेणी-3 अंतर्गत वेडशीट, वेड कवर, होम फर्नीशिंग। श्रेणी-4 अंतर्गत स्टोल, स्कार्फ, गमछा व अन्य है। हथकरघा पर कार्य कर रहे बुनकर/बुनकर सहकारी समितियों/स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्कृष्ट

एवं कलात्मक नमूने जैसे-सूटिंग, शर्टिग, दो-दो मीटर, साड़ी फुल साईज की, तौलिया, बेडशीट, बेडकवर, शाल, दरी आदि पूर्ण साइज का हो ताकि उत्पादों की गुणवत्ता का सम्पूर्ण निरीक्षण आदि सम्भव हो सकें। सैम्पल/नमूने का पूर्ण विवरण (वार्प, वेफ्ट, रंग डिजाइन तथा तकनीकी) आदि अंकित करना अनिवार्य होगा। जिन हथकरघा बुनकरों को विगत तीन वर्षो में पुरस्कृत किया जा चुका है वह इसके लिए पात्र नहीं होगें ।

पुरस्कार हेतु चयन में डिजाइन वीवींग, तकनीक एवं उत्पाद विविधता आदि योग्यताओं तथा रंगो के तालमेल आदि को ध्यान में रखकर पुरस्कार हेतु सैम्पल का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा किया जायेगा। जनपद वाराणसी, मीरजापुर, चन्दौली, सोनभद्र, जौनपुर एवं सन्त रविदास नगर (भदोही) के बुनकर, जो अपना सैंम्पल पुरस्कार हेतु प्रेषित करना चाहते है वे आवेदन पत्र एवं सैम्पल प्रस्तुत करने की पात्रता (व्यक्तिगत बुनकर, समिति का बुनकर, मास्टर बुनकर एवं व्यक्तिगत बुनकर संयुक्त रूप से 4 डिजाइनर एवं बुनकर संयुक्त रूप से) के आधार पर उपरोक्तानुसार पूर्ण विवरण के साथ 19.09.2022 तक सहायक आयुक्त, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, रथयात्रा, वाराणसी के कार्यालय में जमा कर सकते है।

COVID: बिना प्रीकोशनरी डोज़ लगे आए मैसेज तो घबराएं नहीं

स्वास्थ्य विभाग दूर करेगा समस्या, लग सकेगी प्रीकोशनरी डोज़

Varanasi (dil india live). COVID से बचाव के लिए प्रीकोशनरी डोज़ को लगवाने में आ रही तकनीकी समस्या के कारण जनपदवासियों को बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन समस्याओं को पूर्ण रूप से दूर कर तत्काल प्रभाव से लाभार्थियों का प्रीकोशनरी डोज़ लगाना सुनिश्चित कर रही है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी का । सीएमओ ने बताया कि इस समस्या को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग ने एक स्थायी तरीका ईजात किया है जिससे बिना प्रीकोशनरी डोज़ लगे आ रहे मैसेज की समस्या को शिकायत प्रबंधन इकाई के जरिये दूर किया जा सके और जल्द से जल्द लगाई प्रीकोशनरी डोज़ जा सके।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण लोगों के पास बिना प्रीकोशनरी डोज़ लगे मैसेज आ रहा है जिसमें प्रदर्शित हो रहा है कि उन्हें प्रीकोशनरी डोज़ लग चुकी है। इस समस्या को दूर करने के लिए उन्होने कोविन पोर्टल (cowin.gov.in) पर जाकर ग्रीवांश (शिकायत) वाले विकल्प चुनकर वहाँ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के मेल आईडी (diovns@gmail.com) और फोन नंबर (9415820479) पर संपर्क कर अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही कोविन पोर्टल पर जाकर रिवोक के विकल्प को चुनकर प्रीकोशनरी डोज़ के गलत मैसेज को हटा सकते हैं। कोविन पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज कर वन टाइम पासवर्ड (ओपीटी) की सहायता से उसे वेरीफ़ाई करें। इसके बाद रेज़ इश्यू का विकल्प चुनकर अपने नाम का विकल्प चुनें। प्रीकोशनरी डोज़ गलत है तो उसे रिवोक कर वहाँ से हटा दें। इसके बाद आपका प्रीकोशनरी डोज़ का स्टेटस अपडेट हो जाएगा और प्रीकोशनरी डोज़ लगवा भी सकेंगे। 

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी व टीकाकरण प्रभारी डॉ एके पांडे* ने कहा कि कोविड टीकाकरण या बच्चों के नियमित टीकाकरण से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा तत्पर है। शिकायत का पता चलते ही शीघ्र-अतिशीघ्र उसका निदान किया जा रहा है जिससे उन्हें कोविड व अन्य संक्रमित बीमारियों से बचाया जा सके।

शनिवार, 16 जुलाई 2022

एएमयू के बजट में कटौती किए जाने से कांग्रेसियों में रोष

बजट को 100 करोड़ करने को सौंपा पत्रक


Varanasi (dil india live). सरकार द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बजट कम किए जाने से कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने विरोध जताया है। इस संबंध में आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम के आवाहन पर पूरे प्रदेश सहित वाराणसी में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन के नेतृत्व में जिला अधिकारी  के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री मानव संसाधन मंत्रालय को 4 सूत्री ज्ञापन भेजा। जिलाधिकारी के शहर के बाहर होने के कारण अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम को ज्ञापन दिया गया।

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बजट 62 करोड़ से घटाकर सवा 9 करोड़ कर दिया गया, बजट में कटौती 2018 से अनवरत जारी है।

महानगर उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वैश्चिक रैंकिंग 801 है, भारत सरकार की अपनी रैकिंग ये 10 वे स्थान पर है। सरकारी विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में अलीगढ़ विश्वविद्यालय चौथे स्थान पर है। जो इस विश्वविद्यालय के शानदार शैक्षणिक स्तर को प्रमाणित करता है।

ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेसजनों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बजट को बढ़ाकर 100 करोड़ किए जाने की मांग की। यूपीए सरकार द्वारा प्रस्तावित अलीगढ़ विश्वविद्यालय के 5 कैंपस में से सिर्फ 3 कैंपस मुर्शिदाबाद किशनगंज मल्लपुरम ही संचालित है जो काफी दयनीय स्थिति में है यह पर्याप्त बजट मुहैया कराया जाए

मौजूदा वाइस चांसलर का कार्यकाल पूरा हो चुका है। नए कुलपति की नियुक्ति प्रकृति प्रक्रिया प्रारंभ की जाए, शिक्षकों के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए सहित 4 सूत्री मांग पत्र दिया गया और सभी मांगों पर अभिलंब विचार कर पूरी करने की मांग की गई।

प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, शाहिद तौसीफ,  अशोक सिंह एडवोकेट, विनोद सिंह कल्लू, तौफीक़ कुरैशी, मेंहदी हसन आब्दी, कल्पनाथ शर्मा, आशीष पाठक, कल्पनाथ  वैभव त्रिपाठी, अब्दुल करीम आदि थे

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...