शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करता है शोध प्रस्ताव

शोध प्रविधि पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को कला एवं मानविकी में रिसर्च मैथेडोलॉजी पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन उद्धघाटन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आर. पी सिंह ने शोध प्रस्ताव बनाते समय उसके महत्व के दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी शोध प्रस्ताव व्यक्ति के भौतिक अथवा शारिरिक उपस्थिति के बजाए उसके ज्ञान, उसके बौद्धिक स्तर को प्रदर्शित करता है। इस दृष्टिकोण से शोध प्रस्ताव का महत्व स्वयं ही दिखलाई पड़ता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि साहित्य में शोध के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि शोधार्थी सर्वप्रथम अपनी संस्कृति को पहचाने। स्थानीय संस्कृति के अध्ययन बगैर साहित्यिक शोध की गुणवत्ता में सुधार नही महसूस किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी साहित्य में शोध के समय जितने भी वैज्ञानिक और मॉडर्न सिद्धांत है, उन सभी का प्रयोग कर सकते है।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसौदिया ने कहा कि कोई भी शोध  हो उसमे शोध प्रविधि का सर्वाधिक महत्व है। सामान्यतौर पर सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य में ही शोध प्रविधियों पर कार्यशाला आयोजित की जाती है,  इस लिहाज से कला एवं मानविकी पर भी कार्यशाला की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कार्यशाला का लाभ कला वर्ग के शोधार्थियों को मिलेगा।

अध्यक्षता कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्रीलाल ने किया। स्वागत डॉ. पूनम सिंह एवं डॉ. सतीश कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. संगीता जैन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार राम ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, डॉ. विनोद कुमार चौधरी, डॉ. समीर कुमार पाठक, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. तमन्ना शाहीन, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा,डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. हसन बानो आदि थी।

आयुष्मान भारत योजना: 20 जुलाई तक चलेगा पखवाड़ा

जल्दी बनवा लें आयुष्मान कार्ड

जिलाधिकारी ने किया निर्देशित जल्दी बनाए जाएँ शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड  

-अंत्योदय लाभार्थी परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए विशेष प्रयास

-आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संगिनी, कोटेदार, ग्राम प्रधान करेंगे सहयोग

 


Varanasi (dil india live) जिले में 20 जुलाई तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान सभी अंत्योदय लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्देशित किया कि पखवाड़े के दौरान खाद्य एवं रसद विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, आई०सी०डी०एस० विभाग के अधिकारी अपने अधीन कार्यरत क्षेत्रीय कर्मियों द्वारा आशा के साथ समन्वय स्थापित करते हुये सभी अन्त्योदय लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनवाने में मदद करें। सभी कोटेदारों की दुकानों एवं पंचायत भवन पर आशा कार्यकर्ता लाभार्थियों की सूची चस्पा करवाएं जिससे शेष बचे लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड जल्द से जल्द बन सके। शत-प्रतिशत कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थियों को आशा कार्यकर्ता, संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटेदार, ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, पार्षद आदि जन प्रतिनिधि पूर्ण रूप से सहयोग करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं की जाएगी और विभागाध्यक्ष की पूर्णतया ज़िम्मेदारी होगी   

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अब सभी अंत्योदय राशन कार्ड धारक अपने परिवार के सभी सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। जनपद में 49,497 अंत्योदय के लाभार्थी परिवार के सापेक्ष 28,023 परिवारों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। शेष लाभार्थी परिवारों के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए विभाग पूरा प्रयास कर रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का पत्र मिला हो, अंत्योदय कार्ड (लाल राशनकार्ड) धारक, श्रम कार्ड धारक (अक्टूबर 2019 से अक्टूबर 2020 के बीच बने श्रम कार्ड) हो, उज्ज्वला योजना के सूचीबद्ध लाभार्थी योजना का लाभ उठा सकते हैं। वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के पत्र व अंत्योदय-श्रम कार्ड के साथ राशनकार्ड और आधार कार्ड लेकर नजदीकी सरकारी व सूचीबद्ध निजी चिकित्सालय, समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात आयुष्मान मित्र या जनसेवा केंद्र के वीएलई से सम्पर्क कर आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। 

  एसीएमओ डॉ मुईजुद्दीन हाशमी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी किसी को इलाज में दिक्कत आ रही है तो उसके लिए डिस्ट्रिक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (डीआईयू) की टीम से सीएमओ कार्यालय में आकर सम्पर्क कर सकते हैं। आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध जनपद के सरकारी/निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान आने वाली समस्याओं का निराकरण करने में डीआईयू टीम पूरा सहयोग करती है। 

1670 बीमारियों का निःशुल्क इलाज

योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ पूजा जयसवाल बताती हैं कि योजना के तहत इलाज के लिए जनपद के 150 से ज्यादा सरकारी व निजी अस्पताल में पांच लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा है। करीब 1670 बीमारियों का निःशुल्क इलाज आयुष्मान कार्ड धारक योजना के तहत देश के किसी भी बड़े सूचीबद्ध चिकित्सालय में करा सकता है। 

यहाँ बनेंगे आयुष्मान कार्ड

 योजना के जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक नवेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकारी व निजी अस्पतालों तथा जन सेवा केन्द्रों के अलावा आयुष्मान कार्ड सभी कोटेदारों की दुकान पर बनाया जाएगा। पंचायत भवन में सहायक पंचायत आपरेटर बनाएंगे। अब तक जिले में 5.72 लाख लाभार्थियों के सापेक्ष 3.55 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। अभी तक जिले में 1.07 लाख लोगों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क इलाज कराया गया और उनके इलाज में 100 करोड़ से अधिक रुपए खर्च हुए हैं।

Pmfby: 31 जुलाई तक डाकघरों में होगा खरीफ फसलों का बीमा

'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के तहत डाकघरों में होगा पंजीकरण 


Varanasi (dil india live). डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम नई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब डाकघरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटर से 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' का लाभ भी उठाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में डाक विभाग की पहुँच को देखते हुए इससे किसानों को काफी सहूलियत होगी। उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों के माध्यम से 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के ऑनलाइन आवेदन के लिए किसान की खतौनी, आईडी कार्ड (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस) व बैंक पासबुक साथ लाना होगा। खरीफ व रबी फसलों के लिए क्रमशः 2% व 1.5% का प्रीमियम अदा करना होगा। खरीफ फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर करने हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 नियत है। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों और उनके परिवारों को फसल के नुकसान का मुआवजा और साथ ही सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक फसल को सुरक्षा प्रदान की जाती है। यह योजना किसानों के परिवारों और उनके आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मददगार है। इसे ध्यान में रखते हुए, वाराणसी परिक्षेत्र के अंतर्गत वाराणसी, चंदौली, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर और बलिया जनपद के अधीन 1699 डाकघरों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि इसका फायदा अधिकाधिक किसानों तक पहुँच सके और ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना में कवर किया जा सके।

Haj 2022: अराफात की पहाड़ी पर इबादत में मशगूल हैं जायरीन

कोविड के चलते दो साल बाद हज यात्रा पर हैं भारतीय



Varanasi (dil india live). कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 साल तक प्रभावित रहने के बाद इस साल पूरे जोश-ओ-खरोश से हज (Haj) के अरकान अदा किए जा रहे हैं। सऊदी अरब में अराफात के पहाड़ी मैदान में जायरीन हज के अरकान अदा करने के लिए जुटे हुए हैं।

दरअसल इस साल दुनिया भर के 10 लाख मुसलमान हज करने काबा में हैं। हालांकि कोविड से पहले हर साल 25 लाख से ज्यादा जायरीन हज यात्रा करते थे। वो सभी मुसलमानों को जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा करने का हुक्म है जो आर्थिक रूप से मजबूत है। 

नहीं की सुन्नत होती है अदा

हज के दौरान, हज़रत इब्राहीम, हज़रत इस्माईल व पैंगबर हज़रत मोहम्मद (स.) आदि की सुन्नत अदा की जाती है। हज यात्रा के पांच दिन के अययाम के दौरान हज यात्री विभिन्न रस्म अदा करते हैं। इनमें इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के आसपास इबादत करना शामिल है। जुमेरात को मस्जिद हरम के आंगन में हजारों हज यात्रियों ने काबा के आसपास तवाफ (परिक्रमा) किया। हालांकि इस दौरान पिछले दो साल की तुलना में अलग नजारा देखने को मिला है। आज जुमे को अराफात के पहाड़ी मैदान में जायरीन हज के अययाम अदा कर रहे हैं।

10 लाख हज यात्रियों को मिली इजाजत कोविड-19 के चलते जहां साल 2020 और 2021 में हजयात्री पाबंदियों का कड़ाई से पालन करते दिखे थे, इस बार उतनी सख्ती दिखाई नहीं दे रही है। कई हज यात्री बिना मास्क के यात्रा करते दिख रहे हैं।साथ ही सामाजिक दूरी का पालन भी इस बार बहुत कम दिखाई दे रहा है। इस साल सऊदी सरकार ने केवल 10 लाख विदेशी और घरेलू यात्रियों को हज की अनुमति दी है, जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका है या कोरोना से संक्रमित नहीं हैं।

हज यात्री की उम्र केवल 18 से 65 वर्ष कोरोना को देखते हुए सऊदी सरकार ने इस साल कुछ नियम भी बनाए हैं इनमें एक नियम यह है कि केवल 18 से 65 वर्ष की आयु के यात्रियों को हज की अनुमति है। अधिकारियों के अनुसार 85 प्रतिशत हज यात्री विदेशी हैं। 2020 में जब कोविड-19 अपने चरम पर था तब केवल 1,000 सऊदी निवासियों को हज की अनुमति मिली थी।

काबा गए इतने भारतीय हज जायरीन

इस बार उत्तर प्रदेश से कुल 8,701 आजमीन हैं, पश्चिम बंगाल (5,911), जम्मू और कश्मीर (5,281), केरल (5,274), महाराष्ट्र (4,874), असम (3,544), कर्नाटक (2,764), गुजरात (2,533) हैं। बिहार (2,210), राजस्थान (2,072), तेलंगाना (1,822), मध्य प्रदेश (1,780), झारखंड (1,559), तमिलनाडु (1,498), और आंध्र प्रदेश से 1,201 आजमीन।इसके अलावा, दिल्ली (835), हरियाणा (617), उत्तराखंड (485), ओडिशा (466), छत्तीसगढ़ (431), मणिपुर (335), पंजाब (218), लद्दाख (216), लक्षद्वीप द्वीप समूह से 159 हज यात्री होंगे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (114), त्रिपुरा (108), गोवा (67), पुडुचेरी (52), हिमाचल प्रदेश (38), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (34), और चंडीगढ़ 25 यात्रियों को चयनित किया गया है।

गुरुवार, 7 जुलाई 2022

वाराणसी में मौलाना आज़ाद विवि के सब रिजनल सेंटर का हुआ शुभारंभ

यूजी, पीजी संग डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी होंगे संचालित


Varanasi (dil india live)। केन्द्रीय विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल करने की चाह रखने वाले युवाओं को अब बनारस में बीएचयू के अलावा एक और प्लेटफार्म मिल सकेगा। यहीं नहीं उन्हें अब बनारस में रहकर ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय की डिग्री मिल सकेगी। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद ने बनारस में अपना सब रिजनल सेंटर खोला है। बुधवार रात्रि को पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के पीछे विश्वविद्यालय के सब रिजनल रिजनल सेंटर का शुभारंभ हुआ।मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. सैयद एैनुल हसन और आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह व काशी विद्यापीठ के वीसी प्रो. आनंद त्यागी ने सेंटर का उद्धघाटन किया।

        इस अवसर पर वीसी प्रो. सैयद एैनुल हसन ने कहा कि बनारस जैसे सांस्कृतिक और शैक्षणिक राजधानी के केन्द्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का सेंटर खुलने से निश्चित तौर पर युवा वर्ग लाभान्वित होगा। इसके अलावा उर्दू भाषा की उच्चतम शिक्षा भी उन्हें प्राप्त हो सकेगी।

सेंटर की विशेषताओं से परिचित कराते हुए विवि के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद फरियाद ने बताया कि हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपना 25वां सिल्वर जुबली वर्ष मना रहा है। वीसी प्रो. सैयद एैनुल हसन ने इस मौके पर विश्वविद्यालय का एक सेंटर बनारस में खोलने का निर्णय लिया। इस सब रिजनल सेंटर से एमए उर्दू, एमए इंग्लिश, एमए इस्लामिक स्टडीज, बीए, बीकॉम की डिग्रियों के साथ ही जर्नलिज्म एण्ड मॉस कम्युनिकेशन, टीच इंग्लिश जैसे डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे। इसके अलावा सेंटर से उर्दू भाषा में दक्षता और फंशनल इंग्लिश जैसे दो सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित होंगे।

         इस मौके पर आईआईअी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी, सीआरपीएफ 95वीं बटालियन के कमाडेंट अनिल वृक्ष, नेशनल इंटर कालेज के प्रबंधक हाजी मकबूल हसन, अध्यक्ष हाजी एखलाक अहमद, प्रोफेसर आफताब अहमद अफ़ाकी, डायट प्रवक्ता डॉक्टर नगमा परवीन, मौलाना नसीर सेराजी, वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी, उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक,महामंत्री जफर अंसारी, कोषाध्यक्ष महबूब आलम, अतहर बनारसी,बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के अध्यक्ष सरदार हाफिज मुईनुद्दीन, मदरसा मतलउल उलूम के प्रबंधक हाजी मंजूर अहमद,रहमत अली, वशिष्ठ नारायण सिंह,  सेंट अल हनीफ के प्रबंधक हाजी वसीम, प्रो संजय, वरिष्ठ अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी, फरमान हैदर, प्रो अज़ीज़ हैदर, सेंटर के असिस्टेंट रिजनल डायरेक्टर डॉ.मौलाना मोहम्मद शमसुद्दीन, डॉ. जिनेश, मौलाना कारी शकील अंसारी, डॉक्टर मौलाना तारिक, बेबी फातमा, शकील अंसारी, नौशाद अमान, अब्दुर्रहमान, डॉ अर्चना सिंह, डॉ ज्योतिमा, डॉ शगुफ्ता, प्रशांत गुप्ता, मनोज कुमार, मोहम्मद इरशाद सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

बुधवार, 6 जुलाई 2022

पहले ‘मिस्टर स्मार्ट’ बने चिरईगांव के दिलीप कुमार

कहा: स्मार्ट जोड़ा वही, जो प्लान करे सही

चिरईगांव पीएचसी के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर हुआ पहला ‘मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन’

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मण्डल के वाराणसी जिले से चिरईगांव को चुना गया

परिवार को सीमित व खुशहाल रखने में पुरुषों की सहभागिता व ज़िम्मेदारी बेहद जरूरी: सीएमओ


Varanasi (dil india live). परिवार नियोजन में जितनी ज़िम्मेदारी महिलाओं की है उससे कहीं ज्यादा ज़िम्मेदारी व सहभागिता पुरुषों की भी है। जब परिवार के सभी कार्यों में पुरुष आगे हैं तो फिर परिवार को सीमित रखने व खुशहाल बनाने में पुरुष इतने पीछे क्यों हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता व जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने नई पहल शुरू की है। मंडल के वाराणसी जिले के चिरईगांव ब्लॉक को परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत 'मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन' के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर पहला ‘मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन’ का आयोजन किया गया, जिसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले दिलीप कुमार को ‘मिस्टर स्मार्ट’ चुना गया। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी मंडलों के प्रमुख एक-एक जनपद के एक-एक ब्लॉक को पायलट के रूप में लिया गया है। चिन्हित ब्लॉक से कुछ स्वास्थ्य उपकेंद्रों को चुना गया है जहां मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का आयोजन कर ‘मिस्टर स्मार्ट’ को चुना जाना है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अमित सिंह ने बताया कि वाराणसी जनपद से चिरईगांव ब्लॉक को चुना गया है। यहां परिवार नियोजन की स्थाई एवं अस्थाई साधनों की सुविधा एवं उपलब्धता बेहतर स्थिति में है। सरकार की ओर से परिवार नियोजन के लिये विभिन्न साधन निःशुल्क मुहैया कराये जा रहे हैं। उन्होने बताया कि सम्मेलन में करीब 21 जोड़ों के साथ परिवार नियोजन से जुड़ी जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें सभी गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिलीप कुमार को मिस्टर स्मार्ट बनाकर प्रथम पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही गुरुदयाल पटेल को द्वितीय व अजय कुमार राय को तृतीय पुरस्कार दिया गया।  ग्राम प्रधान की ओर से पुरस्कार वितरण का कार्य किया गया।   

इस मौके पर दिलीप कुमार ने कहा कि उनके दो बच्चे हैं। शादी के दो साल बाद पहला बच्चा हुआ और दूसरा बच्चा उसके पाँच साल बाद। अब उन्हें तीसरे बच्चे की चाह नहीं है। उन्होने कहा – हमने पत्नी का पूरा साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव, सिफ़्सा के संजय श्रीवास्तव एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) डॉ मानसी गुप्ता ने स्थाई साधन (महिला व पुरुष नसबंदी) तथा अस्थाई साधन (अंतरा, छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, ईसीपी, कंडोम आदि) यानि बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि स्वस्थ व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

सीएमओ ने बताया कि मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का उद्देश्य पुरुषों में भी परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता पैदा करना, व्यवहार परिवर्तन करना, मिथक एवं भ्रांतियों को दूर करना एवं महिलाओं के निर्णय में अपनी जिम्मेदारी और सहभागिता सुनिश्चित करना है जिससे उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। सम्मेलन में पूरा जोर परिवार नियोजन की स्थाई और अस्थाई साधन यानी बास्केट ऑफ च्वाइस पर दिया जा रहा है। बुधवार को चिरईगांव के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर सफलतापूर्वक हुए मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी, डीएचईआईओ, एचईओ सहित समस्त स्टाफ की सराहना की।

सम्मेलन में एचईओ डॉ मानसी गुप्ता, ग्राम प्रधान गीतांजलि सिंह, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शत्रुघन सिंह, बीपीएम सरिता, बीसीपीएम अशोक, स्वास्थ्य निरीक्षक (एचआई) अविनाश सिंह, मलेरिया निरीक्षक (एमआई) अनुराग, सीएचओ नम्रता, एएनएम नीरजा, पीएसआई से कृति पाठक व अखिलेश, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

India post bank: डाकघरों में भी आरम्भ हुई एन.ई.एफ.टी सुविधा

बैंक और पोस्ट ऑफिस के बीच लेनदेन हुआ आसान

  •  एन.ई.एफ.टी सुविधा : ये है पोस्ट ऑफिस का आई.एफ.एस.सी कोड  IPOS0000DOP 


Varanasi (dil india live). भारत सरकार ने डाकघर के बचत खाताधारकों के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एन.ई.एफ.टी) की सुविधा आरम्भ कर दी है। इससे किसी भी बैंक के खाते से डाकघर खाते में और डाकघर खाते से बैंक खाते में राशि ऑनलाइन ट्रांसफर हो सकेगी। डाकघर काउण्टर्स, इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के जरिए इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। काउंटर्स के माध्यम से इस सेवा का लाभ लेने के लिए ग्राहकों का डाकघर में बचत खाता होना चाहिए तथा एन.ई.एफ.टी द्वारा राशि ट्रांसफर के लिए ग्राहकों को एक मैंडेट फॉर्म भरकर काउंटर पर देना होगा। 
उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघर खातों में धनराशि के ट्रांसफर के लिए देश के सभी डाकघरों के लिए केवल एक ही आई.एफ.एस.सी कोड  IPOS0000DOP होगा। पूरे भारत के सभी डाकघरों का एक ही आई.एफ.एस.सी कोड होने से ग्राहकों को प्रत्येक डाकघर का अलग से आई.एफ.एस.सी कोड नहीं ढूँढना पड़ेगा। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की सुविधा से लोगों को काफी सहूलियत होगी। डाकघरों के लोक भविष्य निधि (पी.पी.एफ) व सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारक अपने इन खातों में बैंक के जरिये एन.ई.एफ.टी द्वारा घर बैठे राशि जमा कर सकते हैं। एन.ई.एफ.टी में राशि ट्रांसफर करने की न्यूनतम सीमा 1 रुपये तथा अधिकतम सीमा 15 लाख है। इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के तहत एक दिन में अधिकतम 5 ट्रांजैक्शन तथा प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 2 लाख रूपये एवं प्रतिदिन 10 लाख रुपये एन.ई.एफ.टी किये जा सकते हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने आगे बताया कि दस हजार रूपये तक की एन.ई.एफ.टी के लिए खाताधारकों को 2.50 रूपए व जी.एस.टी देना होगा। दस हजार से एक लाख रूपए तक के लिए यह चार्ज बढकर पाँच रूपए व जी.एस.टी होगा। इसके अलावा एक लाख से दो लाख रूपए तक के लिए 15 रूपए व जी.एस.टी और 2 लाख से अधिक की रकम के लिए 25 रूपए व जी.एस.टी देना होगा। इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के तहत यह सुविधा 24 घण्टे मुफ्त में उपलब्ध है। 

गौरतलब है कि वित्तीय समावेशन में डाकघरों की अहम भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अधिकांश लोगों के खाते डाकघरों में खुले हुए हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा पोस्ट ऑफिस में भी एन.ई.एफ.टी सुविधा आरम्भ करने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। 

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...