मंगलवार, 5 जुलाई 2022

कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

 कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

- 10 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों में समिति न गठित होने पर नियोजक पर लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

- 10 से कम कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों की पीड़िता डीएम द्वारा गठित स्थानीय समिति में दर्ज करा सकती हैं शिकायत


Varanasi (dil india live) .शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालयों, निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, खेलकूद संस्थानों सहित संगठित व असंगठित क्षेत्र के समस्त कार्यालयों आदि में जहाँ भी 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, चाहे वे सभी पुरूष ही क्यों न हों, वहां पर आंतरिक परिवाद समिति (इन्टरनल कम्प्लेंट्स कमेटी) का गठन करना अनिवार्य है क्योंकि ऐसे कार्यालयों में कभी भी किसी काम के लिए महिलाएं भी आ सकती हैं और उनके साथ भी कोई घटना हो सकती है। ऐसे में वह कार्यालय में गठित आंतरिक परिवाद समिति को अपनी शिकायत कर सकती हैं। ऐसा न करने वाले नियोजकों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकता है ।

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा-4 के अंतर्गत ऐसे सभी संगठन या संस्थान जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं, वह आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के लिए बाध्य हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में त्वरित और समुचित न्याय दिलाना है। निदेशक द्वारा बताया गया कि पीड़ित महिला कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायत आन्तरिक परिवाद समिति में दर्ज करा सकती है। समिति का गठन कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियोजित महिला की अध्यक्षता में होगा, जिसमें दो सदस्य सम्बन्धित कार्यालय से एवं एक सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किये जायेंगे। समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाएं होंगी। ऐसे कार्यस्थल जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है, वहां की पीड़िता द्वारा लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी द्वारा गठित ‘स्थानीय समिति’ (लोकल कमेटी) में दर्ज करायी जा सकती है। यदि कोई नियोजक कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक समिति का गठन न किये जाने पर दोष सिद्ध ठहराया जाता है, तो नियोजक पर 50,000 रुपए तक का अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर पहली दोषसिद्धि पर लगाये गये दण्ड से दोगुना दण्ड नियोजक पर लगाया जा सकता है। निदेशक का कहना है कि विभिन्न विभागों और नियोक्ताओं के साथ ही महिला कर्मचारियों को अभी अधिनियम के बारे में भली-भांति जानकारी नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अधिनियम के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वह किसी आपात स्थिति में समिति के सामने अपनी बात रख सकें। महिला कल्याण विभाग भी समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करता रहता है किन्तु सभी के सहयोग से ही इसे सही मायने में धरातल पर उतारा जा सकता है।

लैंगिक उत्पीड़न क्या है 

महिला कल्याण विभाग की उप निदेशक अनु सिंह का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं को उनकी इच्छा के विरूद्ध छूना या छूने की कोशिश करना जो महिला के सामने असहज स्थिति पैदा करने वाली हो, उसे लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में माना जा सकता है। शारीरिक या लैंगिक सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उम्मीद करना भी लैंगिक उत्पीड़न है। इसके आलावा किसी महिला से कार्य स्थल पर अश्लील बातें करना, अश्लील तस्वीरें, फ़िल्में या अन्य सामग्री दिखाना भी लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में आ सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त कार्यालयों में नियमानुसार गठित समिति द्वारा प्राप्त प्रकरणों की सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को दी जानी चाहिये तथा जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रत्येक जनपद द्वारा वार्षिक रूप में जनपद के विभिन्न कार्यालयों की संक्षिप्त रिपोर्ट का ब्योरा महिला कल्याण निदेशालय को भी भेजा जाना अनिवार्य है। विभाग द्वारा समस्त जनपदों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं।

घटना के 90 दिनों के भीतर की जा सकती है शिकायत 

अधिनियम के तहत लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत घटना के 90 दिनों के भीतर आंतरिक शिकायत समिति या स्थानीय शिकायत समिति में दर्ज करानी चाहिए। शिकायत लिखित रूप में की जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश पीड़िता लिखित रूप में शिकायत करने में सक्षम नहीं है तो समिति के सदस्यों को उनकी मदद करनी चाहिए। यदि शिकायत नियोजक के विरूद्ध है तो वह भी स्थानीय समिति में दर्ज कराई जायेगी। अधिनियम के अनुसार पीडित की पहचान गोपनीय रखी जाना अनिवार्य हैl

 कौन कर सकता है शिकायत  

महिला कल्याण विभाग में कार्यरत राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा का कहना है कि - कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अंतर्गत जिस महिला के साथ कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है, वह खुद शिकायत कर सकती है। पीड़िता की शारीरिक या मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह खुद शिकायत कर सके तो रिश्तेदार, मित्र, सह कर्मी, उसके विशेष शिक्षक, मनोचिकित्सक/ मनोवैज्ञानिक, संरक्षक या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो उसकी देखभाल कर रहा हो अथवा ऐसा कोई भी व्यक्ति जो घटना के बारे में जानता है और जिसने पीड़िता की सहमति ली है या राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग के अधिकारी शिकायत कर सकते हैं। यदि दुर्भाग्यवश पीड़िता की मृत्यु हो चुकी है तो कोई भी व्यक्ति जिसे घटना के बारे में पूरी तरह जानकारी हो वह पीड़िता के कानूनी उत्तराधिकारी की सहमति से शिकायत दर्ज करा सकता है। कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न की ऑनलाइन शिकायत shebox.nic.in के माध्यम से भी की जा सकती है ।

डीएवी में कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव

उत्कर्ष स्माल फाइनांस बैंक के लिए 44 अभ्यर्थी उत्तीर्ण 


Varanasi (dil india live). डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थ शास्त्र विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को कैंपस प्लेसमेन्ट ड्राइव का आयोजन किया गया। प्लेसमेन्ट ड्राइव में सामाजिक विज्ञान, कला एवं वाणिज्य संकाय के स्नातक एवं परास्नातक के छात्र - छात्राओं सहित 230 नए पुरातन छात्रों ने आनॅलाइन पंजीकरण कराया था। उत्कर्ष स्माल फाइनांस बैंक की तरफ से दो चरणों में आयोजित परीक्षा में कुल 44 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए, जिनमें से अन्तिम साक्षात्कार के बाद शेष अभ्यर्थियों को दो दिन बाद नियुक्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो. अनूप कुमार मिश्रा ने बताया कि इस कैंपस प्लेसमेन्ट ड्राइव के जरिए युवाओं को पढ़ाई के दौरान ही रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक शुरूआत है, इसके बाद कई अन्य कम्पनियों को भी महाविद्यालय परिसर में आमंत्रित किया जायेगा, जो यहॉ के विद्यार्थियों को सीधे कैम्पस प्लेसमेन्ट उपलब्ध करायेंगी।

इससे पूर्व उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के एचआर एवं प्रशिक्षण प्रमुख रवि रंजन तिवारी, एचआर सर्पोट इन्द्रदेव पाण्डेय, गजय तिवारी, रूपेश सिंह आदि अधिकारियों ने अभ्यर्थीयों को बैंक के कामकाज और अन्य जानकारी दी। प्रतिभागियों को प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह, प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव ने शुभकामना दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। इस अवसर पर डॉ. मयंक कुमार सिंह, डॉ. पारूल जैन, डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. आहूति सिंह आदि विभागीय प्राध्यापक उपस्थित रहे।

सोमवार, 4 जुलाई 2022

पूर्वांचल के प्रत्येक जिले में रीजनल स्टडी सेंटर खोलने को भारत सरकार निरंतर प्रयासरत: डा. फ़रियाद

प्रो. फरियाद व डॉ. शमसुद्दीन को उर्दू बीटीसी शिक्षकों ने किया सम्मानित


Varanasi (dil india live)। उर्दू बी टी सी टीचर्स वेल्फेयर एसोसिएशन वाराणसी ने बड़ी बाज़ार में एक सम्मान समारोह का आयोजन डॉ. एहतेशामुल हक की अध्यक्षता व अब्दुर्रहमान के संचालन में किया। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के जनसंचार  एवं पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष फ्रोफ़ेसर मोहम्मद फरियाद और हैदराबाद उर्दू यूनिवर्सिटी के ही सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ मौलाना शमसुद्दीन अंसारी का उर्दू बी टी सी शिक्षकों ने स्मृति चिन्ह व माल्यार्पण कर सम्मानित किया।

       इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ मुहम्मद फरियाद ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करना सभी के लिए अनिवार्य है। शिक्षा से ही पशु और इंसान में अंतर होता है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद से दूरस्थ शिक्षा प्रणाली प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है। पूर्वांचल के प्रत्येक जिले में रीजनल स्टडी सेंटर खोलने का भारत सरकार निरंतर प्रयासरत है अपने बच्चों को हिंदी अंग्रेजी के साथ उर्दू की भी शिक्षा प्राप्त करानी चाहिए,उर्दू हमारी हिंदुस्तान की भाषा है जिसने उर्दू पत्रकारिता के जरिए आजादी में बड़ा अहम रोल अदा किया है। विशिष्ट अतिथि डॉ शमसुद्दीन ने भी अपने विचार व्यक्त किया।

    इस अवसर पर उर्दू बीटीसी टीचर्स वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष अली इमाम, बेबी फातमा, कोषाध्यक्ष महबूब आलम, महामंत्री मुहम्मद ज़फ़र अंसारी, रहमत अली, नौशाद अमान अंसारी, शकील अहमद,सुल्तान क्लब के सचिव जावेद अख्तर, एच हसन नन्हें,प्रधानाचार्य अबुल वफ़ा अंसारी,हाफिज मुनीर,शमीम रियाज़,इरफान इत्यादि उपस्थित थे।

रविवार, 3 जुलाई 2022

ठेकेदार सहित दो आरोपियों को शासकीय धन गबन करने के आरोप में किया गिरफ्तार

आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणासी ने किया गिरफ्तार


Varanasi (dil india live).आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणासी ने दो अलग अलग मामलों में सरकारी तंत्र के साथ मिलकर शासकीय धन गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ठेकेदार राजू चौरसिया जैतपुरा के ईश्वरगंगी का रहने वाला है, जिसे निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने गाज़ीपुर के भदौरा ब्लॉक अंतर्गत परमेन शाह का तालाब, सेवराई चीर पोखरा, माँ कामख्या धाम गहमर और देवकली देव् स्थल पर पर्यटन विकास और सौंंदर्यरीकरण के नाम पर राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ मिलकर करोडों का गबन करने के जुर्म में औसानगंज जैतपुरा से आज दोपहर में गिरफ्तार किया है। 

दूसरे आरोपी कोटेदार सुरेश प्रसाद यादव निवासी बैरिया बलिया को थाना दोकटी, बलिया पर पंजीकृत बलिया खाद्यान्न से सम्बंधित मामले में निरीक्षक अरविंद सिंह ने पुलिस लाइन वाराणासी के पास से गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार करने वाली टीम

-निरी. सुनील कुमार वर्मा, निरी. विंध्यवासिनी मणि त्रिपाठी, निरी. महेश पण्ड, निरी. अरविंद सिंह, मुख्य आरक्षी शशिकांत सिंह, विनीत सिंह, विनोद यादव, सरफराज अंसारी, राज सिंह यादव शामिल थे।

हड्डियों में जकड़न और दर्द की न करें अनदेखी, हो सकता है ‘बोन टीबी’

सही समय से उपचार न होने पर अपाहिज होने का भी खतरा

सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है मुफ्त उपचार की सुविधा

क्षय रोगी को हर माह मिलता है 500 रूपये पोषण भत्ता भी



Varanasi (dil india live). पहड़िया की रहने  वाली अर्चना (52 वर्ष) कई वर्ष से हाई शुगर से पीड़ित हैं। इधर छह माह से एक हाथ की कोहनी के पूरा न खुलने को लेकर वह परेशान थीं। उनका वह हाथ ऊपर उठाना भी मुश्किल था। पड़ोसी चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने कुछ दवाएं लिखने के साथ ही उन्हें शुगर कंट्रोल करने की सलाह दी। पर रोग कम होने की बजाय बढ़ता ही गया। जोड़ों में असह दर्द के साथ ही भूख लगना भी बंद हो गया और वजन तेजी से गिरने लगा। पं.दीन दयाल चिकित्सालय में दिखाने और वहां के चिकित्सक की  सलाह पर जब उन्होंने जांच करायी तो पता चला कि उन्हें ‘बोन टीबी’ है। कुछ ऐसा ही हुआ चौकाघाट के रहने वाले 60 वर्षीय राधेश्याम विश्वकर्मा के साथ। उन्हें भी पहले से शुगर था, दोनों घुटनों में अचानक जकड़न भी आ गयी। दर्द इतना की उनका उठना बैठना भी मुश्किल हो गया। उन्हें भी पहले यही लगा कि यह सब शुगर की वजह से है पर जब उन्होंने पं.दीन दयाल चिकित्सालय में जांच कराया तो पता चला कि उन्हें भी ‘बोन टीबी ’ है। 

यह कहानी सिर्फ अर्चना और राधेश्याम की ही नहीं ऐसे तमाम अन्य लोगों की है जो कोहनियों के न खुलने, घुटनों के न मुड़ने अथवा हड्डियों की अन्य समस्या को वह शुगर बढ़ने के कारण मान लेते हैं, जबकि ऐसे लोगों को यह समस्या ‘बोन टीबी’ के कारण भी हो सकती है। सही समय से उपचार न होने से मरीज के अपाहिज होने का खतरा रहता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह बताते हैं कि  वैसे तो टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों, श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। लेकिन कुछ मामलों में यह नाखून व बालों को छोड़कर शरीर के अन्य किसी भी अंग में भी हो सकता है। हड्डियों में होने वाले टीबी को मस्कुलोस्केलेटल टीबी भी कहा जाता है। वह बताते है कि टीबी दो तरह की होती हैं। पहला पल्मोनरी टीबी और दूसरा एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी। जब टीबी फैलता है, तो इसे एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस (ईपीटीबी) कहा जाता है। ईपीटीबी के ही एक रूप को हड्डी व जोड़ की  टीबी के नाम से भी जाना जाता है। बोन टीबी हाथों के जोड़ों, कोहनियों और कलाई ,रीढ़ की हड्डी, पीठ को भी प्रभावित करता है। 

 बोन टीबी के कारण

किसी क्षय रोग से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी बोन टीबी हो सकता है। टीबी हवा से माध्यम से भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। टीबी रोगी के संपर्क में आने के बाद यह फेफड़ों या लिम्फ नोड्स से रक्त के माध्यम से हड्डियों, रीढ़ या जोड़ों में जा सकता है।

 बोन टीबी के लक्षण

बोन टीबी के लक्षण शुरुआती दौर  में नजर नहीं आते हैं। शुरुआत में इसमें दर्द नहीं होता है लेकिन जब व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हो जाता है, तो उसमें इसके लक्षण दिखाई देने लगते है। इनमें जोड़ों का दर्द, थकान, बुखार, रात में पसीना, भूख न लगना, वजन का कम होना आदि शामिल हैं।

 बोन टीबी का उपचार

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह कहते हैं बोन टीबी का उपचार पूरी तरह संभव है। इसका निःशुल्क उपचार किया जाता है और दवाएं भी सभी सरकारी चिकित्सालयों में मुफ्त दी जाती हैं। इतना ही नहीं निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण के लिए पांच सौ रुपये की धनराशि प्रतिमाह मरीज के खाते में सीधे स्थानान्तरित किये जाते हैं। दवाओं, परहेज और पौष्टिक तत्वों से भरपूर संतुलित आहर लेने से बोन टीबी पूरी तरह ठीक हो जाता है।

शनिवार, 2 जुलाई 2022

बच्चों को दी स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक

भद्रासी आयुष चिकित्सालय में स्वर्णप्राशन शिविर आयोजित

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अभियान

Varanasi (dil india live) . बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग अभियान चला रहा है। इसके तहत शनिवार को भद्रासी स्थित एकीकृत आयुर्वेद अस्पताल में स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 216 बच्चों को स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक दी गयी।

शिविर का उद्घाटन राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रसूति विभाग की अध्यक्ष डा. शशि सिंह ने एक बच्चे को स्वर्णप्राशन की खुराक देकर किया। क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाये जा रहे अभियान के तहत हर माह स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर में बच्चों को स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक दी जाती है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद से जुड़े हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों से लड़ने के लिए एक ऐसा रसायन तैयार किया था जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है। इसे शुद्ध स्वर्णभस्म के निश्चित अनुपात में गाय के घी व शहद के साथ ड्रॉप के रूप में तैयार किया जाता है। स्वर्णप्रशान बच्चों के लिए बेहद ही लाभदायक होता है। यह उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ उनकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार होता है।  इस बात को ध्यान में रखकर ही विभाग की ओर से आज इस शिविर का आयोजन किया गया था ताकि क्षेत्र के अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकें।  शिविर में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. नरेन्द्र कुमार सिंह, डा. जितेन्द्र कुमार पाल, डा. सनातन राय, डा. आनंद कुमार यादव, डा. देवानंद पाण्डेय समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे। शिविर में अपने सात वर्षीय बेटे पंकज का स्वर्णप्रशन कराने आये गोविन्दपुर निवासी संतोष शर्मा ने बताया कि लगातार तीसरे माह उन्होंने बेटे का स्वर्णप्राशन कराया है। इससे उसे काफी लाभ है।

निः शुल्क दंत चिकित्सा शिविर में हुआ दवा का वितरण


Varanasi (dil india live ). बड़ी बाजार स्थित मनोमय डेंटल केयर क्लिनिक में दंत चिकित्सक डाक्टर हिना मेहरा की तरफ से निः शुल्क दंत शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें 125 मरीजों  ने दांतों से संबंधित बीमारी का इलाज कराया, और दंत चिकित्सक ने दांतों में होने वाली सभी तरह की बीमारियों से अवगत कराया। 

इस दौरान डा हीना ने कहा की अपने दांतों का नियमित चैकप कराते रहे ताकि पायरिया, कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचा जा सके। तंबाकू गुटका, सिगरेट इत्यादि के सेवन से भी उन्होंने बचने की हिदायत दी और कहा कि इससे गंभीर बीमारी का खतरा बना रहता है। शिविर में सभी मरीजों को निः शुल्क दावा भी वितरित किया गया। इस अवसर पर मशहूर व्यापारी अमित कपूर मुख्य अतिथि थे।इसके अलावा द मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अबुल वफा अंसारी, क्षेत्रीय सभासद और भारी संख्या में मरीज उपस्थित थे।

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...