सोमवार, 30 मई 2022

सोनभद्र में बनेगा विरसा मुंडा केंद्र

नजरिया बदलें तभी आदिवासियों का कल्याण : फादर एक्का



Varanasi (dil India live) । नजरिया बदले बिना आदिवासी समाज का कल्याण असंभव है. आदिवासियों को समझने के लिए आदिवासी नजरिया होना जरूरी है। बिना इसके आदिवासी समाज का निर्माण नहीं हो सकता।

तरना स्थित नवसाधना केन्द्र में 'प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण' कार्यक्रम के अंतिम दिन नई दिल्ली स्थित भारतीय सामाजिक संस्थान के फादर  विनसेंट एक्का ने उक्त बाते कही। उन्होंने कहा कि देश में 705 आदिवासी समुदाय है लेकिन यह इस समाज का दुर्भाग्य है कि उनकी पूरी गिनती तक नहीं है। देश में आदिवासी समाज करीब 20 फीसदी है पर सरकारी गणना में सिर्फ़ 8.02 फीसदी ही बताया जाता है।

उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों के स्वशासन का मुद्दा सबसे अहम है। विडम्बना देखिए कि साल 1996 में उनके विकास और उत्थान के लिए बना कानून आज तक लागू नहीं हो सका है। फादर एक्का ने कहा आदिवासियों के बीच डिलिस्टिंग का मुद्दा सबसे अहम होता जा रहा है। देश के कई राज्यों में अपनी पहचान बचाए रखने के लिए आदिवासी समाज आंदोलनरत है।हमेशा से सरकार और आदिवासी समाज में एक दूसरे को समझने को लेकर मतभेद रहा है। सरकार जिसे आवश्यक समझती है वह इस समाज को गैरजरूरी लगता है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि हम इस समाज के विकास के लिए अपना नजरिया बदले।

राइज एंड एक्ट और  सेंटर फार हार्मोनी एंड पीस व भारतीय सामाजिक संस्थान की तरफ़ से आयोजित इस शिविर में बदली परिस्थिति में 'सामाजिक कार्यकर्ताओं की क्या भूमिका हो' इस पर समूह चर्चा हुई। चर्चा में आशा ट्रस्ट के वल्लभाचार्य पांडेय ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय के मुद्दों को उठाने पर बल दिया। प्रतिभागियों में असम के वरिष्ठ पत्रकार सैयद रबिऊल हक, एके लारी, उड़ीसा की पुष्पा, यूपी के अंकेश कुमार, अर्शिया खान, शमा परवीन, हरिश्चन्द्र, राम किशोर और विकास मोदनवाल आदि ने अपने-अपने विषय पर विचार व्यक्त किये।

समारोह में देश के अन्य राज्यों से आये प्रतिभागियों का यूपी चैप्टर की तरफ की तरफ से अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ़ ने किया। 'प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण' कार्यक्रम के अंतिम दिन ये तय हुआ कि जनपद सोनभद्र में डेढ़ एकड़ भूमि पर  विरसा मुंडा के नाम पर एक अध्ययन केंद्र बनाया जाएगा। केन्द्र का शिलान्यास 15अगस्त को होगा।

इस बात की जानकारी देते हुए आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ़ ने बताया कि सोनभद्र जनपद के नगवा ब्लॉक के ग्राम तेनुडाही के रहने वाले रामजतन खरवार ने विरसा मुंडा के लिए जमीन देने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि केन्द्र का निर्माण वहां रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रामजनम ,अयोध्या और कमलेश कुमार की देखरेख में किया जाएगा।

उन्होंने बताया सेन्टर फार हारमोनी एंड पीस की तरफ से  संजय सिंह के संपादन में जनपद  कुशीनगर के कसया से साझी विरासत की प्रतिनिधि पत्रिका 'सदभावना सागर' का प्रकाशन जल्द ही शुरू किया जाएगा।

Bishop Varanasi: 2015 में आज ही बिशप बने थे बिशप यूजीन जोसेफ

बिशप बनने के सात वर्ष पूरा होने पर सभी दे रहे हैं बधाई

वाराणसी धर्म प्रांत के तीसरे धर्माध्यक्ष हैं बिशप यूजीन जोसेफ 

Varanasi (dil India live)। आज ही के दिन 30 मई 2015 में पोप फ्रांसिस ने फादर यूजीन जोसेफ को वाराणसी का नया बिशप नियुक्त किया था। इस घोषणा के बाद जहां वाराणसी धर्म प्रांत को तीसरा बिशप मिल गया था वहीं फादर यूजीन जो बिशप राफी मंजली के इलाहाबाद तबादले के बाद से प्रशासक के अस्थाई पद पर आसीन थे। वो फादर से बिशप यूजीन हो गये थे।

जी हां आज वही दिन है जब  वैटिकन से घोषणा हुई थी कि वाराणसी के नये धर्माध्यक्ष बिशप यूजीन बना दिए गए हैं। तब नई दिल्ली स्थित देश के कैथोलिक बिशप सम्मेलन के मुख्यालय व वाराणसी के बिशप हाउस में इसकी सूचना मिलते ही खुशी की लहर दौड़ गई थी। आज उन्हें बिशप बनाए जाने के सात वर्ष पूरा होने पर न सिर्फ मसीही समुदाय बल्कि सभी उन्हें विश कर रहे हैं।

कौन हैं बिशप यूजीन जोसेफ

बिशप का जन्म 31 जुलाई, 1958 को राजकमंगलम, नागरकोइल, तमिलनाडु में हुआ था। कार्मेल स्कूल, नागरकोइल से स्कूली शिक्षा के बाद, उन्होंने सेंट थेरेसा के माइनर सेमिनरी, अजमेर और फिर सेंट चार्ल्स सेमिनरी, नागपुर, महाराष्ट्र से शिक्षा लिया। उन्हें 10 अप्रैल 1985 को वाराणसी सूबा के लिए एक पुजारी नियुक्त किया गया था। उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, वाराणसी से अंग्रेजी में मास्टर डिग्री और टाउनसेंड स्कूल ऑफ बिजनेस, न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट में मास्टर्स की शिक्षा प्राप्त किया। वह अंग्रेजी, हिंदी और तमिल के जानकार है।

एक पुरोहित के रूप में वे सेंट थॉमस पैरिश, शाहगंज में सहायक पादरी और सेंट थॉमस इंटर कॉलेज में थे, माइनर सेमिनरी के वाइस-रेक्टर। वह सेंट जॉन इंटर-कॉलेज के प्रिंसिपल भी थे, अवर लेडी ऑफ लूर्डेस पैरिश, गाजीपुर के पुरोहित भी रहे। वे क्षेत्रीय ग्रामीण केंद्र के निदेशक और नव साधना कॉलेज, वाराणसी के प्राचार्य, सेंट मैरीज अस्पताल, वाराणसी के निदेशक और डायोसीज़ के एजुकेशन सोसाइटी के विक्टर महासचिव व वाराणसी के सेंट मैरी स्कूल ऑफ नर्सिंग के संस्थापक निदेशक समेत  विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2015 में वाराणसी धर्म प्रांत के बिशप बनाते गये। वो 2016 में रोम की यात्रा पर गए तो उन्हें ईसाई धर्म के दुनिया के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस से मुलाकात करने और उनका आशीष पाने का सुअवसर प्राप्त हुआ।

रविवार, 29 मई 2022

World yoga: योग करने जुटे बेसिक स्कूल के बच्चे

योग प्रशिक्षण शिविर: बेहतर जीवनचर्या के लिए योग पर ज़ोर 


Varanasi (dil India live)। बेसिक शिक्षा परिषद जनपद वाराणसी द्वारा आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर में आज प्राथमिक विद्यालय ठठरा (प्रथम ) सेवापुरी वाराणसी के प्रांगण में प्रधानाध्यापिका रेनू गुप्ता की देख रेख में योग शिविर का आयोजन किया गया। योग ट्रेनर स्वप्ना कपूर और स्कूल की अध्यापिकाका नीलम केशरी ने बहुत ही बेहतरीन योग ट्रेनिंग का संचालन किया।

स्वप्ना कपूर ने बताया कि हमारे व्यस्त दैनिक जीवन और गलत खानपान की वजह से हमें अनेक प्रकार की बीमारियां घेर लेती है। जिसका एकमात्र और सटीक उपचार हम योग के माध्यम से कर सकते हैं। हमें नियमित आधा घंटा समय योग के लिए निकालना चाहिए जिससे हमारा तन और मन दोनों शुद्ध और निरोग बनेंगे। कुल 560 छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों ने इस योग प्रशिक्षण शिविर का लाभ उठाया। प्रशिक्षण के उपरांत स्कूल की हेड मास्टर ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।प्रशिक्षण में राजेश कुमार मौर्य, गोपी वर्मा, अनवरुद्दीन अंसारी, अमृता वर्मा, सीमा यादव, ईशा केशरी, खुशी केशरी, शिवानंद दुबे, रोशनी, तन्नू विश्वकर्मा, आंचल, मधु आदि उपस्थित रहे।

शनिवार, 28 मई 2022

Urs hazrat mukhtar ali shah

हज़रत लाटशाही बाबा के उर्स में उमड़ा जनसैलाब 

कोरोना काल के बाद उर्स में झूम के पहुंचे जायरीन 



Varanasi (dil India live)। सर्किट हाउस स्थित दरगाह हज़रत सैय्यद मुख्तार अली शाह उर्फ लाटशाही शहीद बाबा (रह.) के तीन दिवसीय उर्स में शनिवार को अकीदत का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से देर रात तक बाबा के दर पर अपनी अकीदत लुटाते दिखाई दिए। आलम यह था कि सर्किट हाउस, कचहरी के साथ सड़क पर पांव रखने भर की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को उल्फत बीबी के हाते से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआएं मांगी। तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, फातेहा व लंगर का दौर चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं मांगी। उर्स के दौरान जहां दोनों वर्गों के लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था वहीं उर्स को देखते हुए लगे मेले में सभी ने अस्थाई दुकानों से खरीदारी की। बच्चे झूला वह चरखी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए।

राजा चेतसिंह के थे सिपहसालार 

हज़रत लाटशाही शहीद बाबा (रह.) का असली नाम सैय्यद मुख्तार अली शाह था। बाबा फतेहपुर के रहने वाले थे। हज़रत लाटशाही बाबा 1742 में बनारस आए। आप काशी नरेश के शिवपुर परगना के शहर काजी थे। राजा चेतसिंह ने बाबा के इंसाफ और बहादुरी के चलते अपनी सल्तनत में सिपहसालार बनाया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1782, 1784 व 1786 में राजा चेतसिंह की ओर से जंग लड़ी। जंग में अंग्रेजों ने अपनी हार मानते हुए संधि की। इसके बाद अंग्रेजों की ओर से दूसरा गवर्नर भेजा गया। 1798 में उसने धोखे से जंग छेड़ दी। इस जंग में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए सैय्यद मुख्तार अली शाह लापरवाही बाबा शहीद हो गए। राजा चेतसिंह की ओर से उन्हें लार्ड गवर्नर नियुक्त होने के कारण इनका नाम बाद में लाटशाही बाबा पड़ गया। आज बाबा को मानने वाले देश दुनिया में फैले हुए हैं।

Cdo Varanasi से मिले शिक्षक

गर्मी की छुट्टी में ड्यूटी न लगाने की किया पुरजोर मांग 

शिक्षकों ने अपनी समस्याएं मुख विकास अधिकारी से की साझा 


Varanasi (dil India live)। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल ( पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ जनपद वाराणसी के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों से आए दिन अन्य गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने के संदर्भ में पत्रक दिया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा प्रतिनिधि मंडल की बातो को ध्यान से सुना गया तथा इस संदर्भ में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात कर आवश्यक दिशा निर्देश देने का आश्वासन दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी से चुनाव ड्यूटी के कारण रोके गए वेतन के संदर्भ में भी बात किया गया। इस पर सीडीओ द्वारा अवगत कराया गया की वेतन भुगतान से संबंधित आदेश कर दिया गया है।

प्रतिनिधि मंडल में जूनियर तथा प्राथमिक के संयुक्त  पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। जिसमें विनोद कुमार उपाध्याय अध्यक्ष जूनियर शिक्षक संघ, रविन्द्र कुमार सिंह प्रांतीय उपाध्यक्ष व अध्यक्ष काशी विद्यापीठ, प्रतिमा कुमारी प्रांतीय उपाध्यक्ष, रविन्द्र नाथ यादव अध्यक्ष चिरईगांव व जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष वाराणसी, संतोष कुमार सिंह अध्यक्ष सेवापुरी, बाबूलाल अध्यक्ष नगर क्षेत्र, वीरेन्द्र कुमार सिंह संयुक्त मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ, संजय सिंह, प्रशांत कुमार उपाध्याय जूनियर शिक्षक संघ, नागेश त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे।

शुक्रवार, 27 मई 2022

Haj 2022: हज की तीसरी किश्त जल्द करें जमा


Varanasi (dil India live). हज कमेटी आफ इंडिया ने हज की तीसरी और आखरी किस्त जमा करने का ऐलान कर दिया है। हज खिदमतगार हाजी अदनान खां ने बताया कि लखनऊ से जाने वाले हुज्जाज किराम से पर हाजी 1,89,350/- (एक लाख नवासी हज़ार तीन सौ पचास रूपया) 31मई तक जमा करना लाज़मी है l इसलिए हज की किश्त जमा करने में जल्दी करें।

जायरीन की हुई ट्रेनिंग 

25 May 2022 को सिटी गर्ल्स इंटर कालेज काज़ी सदुल्लाह पुरा  वराणसी मे वर्ष 2022 के हज के मुबारक सफर पे जाने वाले हज यात्रियों को कोई परेशानी न हो इसके लिए एक कैंप पूर्वांचल हज सेवा समिति के बैनर तले लगाया गया।
इस हज ट्रेनिंग कैंप कि शुरुआत तिलवते क़ुरान पाक़ मौलाना अब्दुल वहाब ने किया। इस प्रोग्राम कि सदारत करते हुए हाजी मो. ज़ुबैर ने कहा कि पूर्वांचल हज सेवा समिति हाजी सहेबान कि हर संभव मदद के लिए तय्यार है l घर से हज हाउस तक वहां से एयरपोर्ट तक और फिर वहां से मक्का और मदीना मे रहने और हज के दौरान् क्या सावधानियां बरतनी है उसके बारे में ऑडियो और वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से मास्टर हज ट्रेनर अदनान खां के द्वारा हज के सफर के सम्बंध में जानकारी दी गई।
इस मौके पर पूर्वांचल हज सेवा समिति के हाजी अब्दुल अहद, डॉ अमीन, अहमद अली पप्पू, शम्शुल आरफीन, तारिक हसन खां, अख्तर हुसैन, तलत, अयाज़, रेयाज़ अहमद राजू,आसिफ, हाजी बाबू,ईसरार  अहमद, हाजी इम्तियाज़ इसके अलावा पप्पू मेडिकल, ओवेस्, सूफियांन, सोहेल्, इबाद आदि हाजियों कि खिदमत मे लगे रहे l

मंगलवार, 24 मई 2022

Ghazipur news: किराए पर चलने वाले उपकेंद्र को जल्द मिलेगा अपना भवन


Himanshu rai

Ghazipur (dil India live). उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा गांव के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा देने के लिए ग्रामीण इलाकों में उप केंद्र बनाए गए हैं। यहां पर एएनएम के माध्यम से टीकाकरण व अन्य कार्यक्रम चलाए जाते हैं। लेकिन जनपद में बहुत सारे उपकेंद्र ऐसे भी हैं जो किराए के मकान में सालों से चल रहे हैं। ऐसे ही उपकेंद्रों में से 24 उपकेंद्र को बनवाने के लिए उनके जमीन की स्वीकृति व बजट का आवंटन कर दिया गया है। जिसका निर्माण कई संस्थाओं के द्वारा जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने बताया कि इसके अलावा 20 और नए उपकेंद्र की मांग शासन से की गई है। जिसका लिस्ट शासन को भेजा जा चुका है। जिसके जमीन का चिन्हांकन आने वाले दिनों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्रों पर परिवार कल्याण के कार्यक्रम,प्रसव, फैमिली प्लानिंग, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच एवं अन्य कार्य निशुल्क किए जाते हैं।

24 किराए पर चलने वाले उपकेंद्र जिनके लिए जमीन चिन्हित कर लिया गया है उनमें बाराचवर ब्लॉक का माटा, कटारिया मोहम्मदाबाद ब्लाक का परसा, शाहबाज कुली ,रेवतीपुर ब्लॉक का सुहवल पश्चिमी, तेजमल राय पट्टी ,सादात ब्लाक में बहरियाबाद, रायपुर, भीमापार, करंडा ब्लॉक का सहेडी, कासिमाबाद ब्लाक का दुधौड़ा, बरेसर, सुभाकरपुर का सकरा ,फतेहपुर अटवा, जमानिया ब्लॉक का भागीरथपुर, ढढ़नी भानुमलराय, देवकली ब्लाक का कुर्बान सराय ,तराव ,सैदपुर ब्लॉक का डहरा कला, बिशुनपुर मथुरा ,बिरनो ब्लॉक का हरखपुर, हरिहरपुर और मनिहारी ब्लॉक का टड़वा गांव शामिल है।

इसके अलावा अन्य 20  उपकेंद्र के लिए जो शासन को लिस्ट भेजी गई है। जिनका आने वाले दिनों में जमीनों का चिन्हांकन होगा। उसमें बाराचवर ब्लॉक का नारायणपुर ,डेहमा, भदौरा ब्लाक का दिलदारनगर टू, देवकली ब्लाक का पौटा, जेवल, गोड़उर का अमरुपुर ,लौवाडीह, अवथही, पलिया, जखनिया ब्लॉक का हरदासपुर कला, सोनहरा, खेताबपुर, खानपुर रघुवर ,करंडा ब्लॉक का पुरैना, मरदह ब्लाक का बरेंदा, मोहम्मदाबाद ब्लाक का नवापुरा ,ब्रह्मदासपुर, हरिहरपुर कोठिया, गौरा गांव शामिल है।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...