शनिवार, 30 अक्तूबर 2021

किशोरी से ब्याह रचा रहा दूल्हा मण्डप छोड़कर भागा


डेढ़ माह के भीतर रोकवाया  दूसरा बाल विवाह 
चाइल्ड लाइन की सक्रियता से मिशन शक्ति  को मिली  बड़ी सफलता

वाराणसी 30 अक्टूबर (dil india)। चाइल्ड लाइन की सक्रियता से चोलापुर क्षेत्र में एक किशोरी के बाल विवाह कराने का प्रयास  विफल हो गया। बाल विवाह रोकने को पहुंची टीम को देख दूल्हा और बाराती मण्डप से भाग निकले।  प्रदेश में चल रहे ‘मिशन शक्ति’’ अभियान के तहत इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। चाइल्ड लाइन ने डेढ़ माह के भीतर यह दूसरा बाल विवाह होने से रोका है। गत 21 सितम्बर को भी चाइल्ड लाइन  ने शहर के दुर्गाकुण्ड इलाके में हो रहे बाल विवाह को रोकने में सफलता हासिल की थी।

चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर शुक्रवार को किसी ने सूचना दी कि चोलापुर के कैथोर गांव की रहने वाली 15 वर्षीया  किशोरी का बाल विवाह हो रहा है। सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन के निदेशक मजू मैथ्यू ने जिला बाल कल्याण अधिकारी निरूपमा सिंह से संपर्क  किया। इसके बाद चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम चोलापुर पुलिस को साथ लेकर कैथोर गांव पहुंची। इस टीम में आजाद, रामप्रताप व बाल संरक्षण इकार्इ के रामकिसुन शामिल थे। यह टीम जब पुलिस के साथ वहां पहुंची तब पता चला कि किशोरी की शादी के लिए पूरा परिवार चंदवक (जौनपुर) क्षेत्र में नदी के किनारे स्थित बैरहवां बाबा मंदिर गया हुआ है। यह जानकारी मिलते ही टीम के लोग उक्त मंदिर पर पहुंचे। टीम को आता देख दूल्हा और बाराती वहां से भाग निकले। किशोरी और उसके परिजनों को दानगंज पुलिस चौकी लाकर पूछताछ की गयी तो पता चला कि किशोरी उम्र अभी महज 15 साल है। उसके माता-पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ  हैं । उसके चाचा-चाची ने  शादी सुल्तानीपुर गांव की रहने वाली एक महिला के माध्यम से राजस्थान में तय कर दी थी। वहीं से दूल्हा व बाराती आये थे।

किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय ने परिजनों के लिखित आश्वासन पर कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे, किशोरी को घर ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही किशोरी पर निगरानी रखने का निर्देश दिया।

 क्या है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम

किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका का  18 साल  के होने के बाद ही किया जा सकता  है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जायेगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होने  पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।

शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021

पीरिएड में तेज दर्द हलके में न लें


रक्तश्राव ज्यादा हो तो न करें नज़रअंदाज

 • “एंडोमेट्रियोसिस"  का हो सकता है लक्षण

 • चिकित्सकीय सलाह, पोषक आहार व व्यायाम से दूर हो सकती है यह बीमारी 

 वाराणसी, 29 अक्टूबर (dil india)। 22 वर्ष की सरिता को पीरिएड के दौरान लगभग एक वर्ष से अधिक रक्तश्राव के साथ ही तेज दर्द होता था। तब वह मेडिकल स्टोर से दवाएं ले लेती थी, लेकिन उसकी तकलीफ बढ़ती गयी। स्थिति यह हो गयी कि पीरिएड के दौरान उसे इस कदर असहनीय दर्द होने लगा कि वह छटपटाने के साथ ही बेहोशी की स्थिति में आ जाती थी। जब उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उसे ‘एंडोमेट्रियोसिस’ बीमारी है जो अब दूसरे चरण में पहुंच चुकी है।

 पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस बीमारी से अधिकांश महिलाएं जूझती हैं। इस बीमारी की गंभीरता का पता न होने से अक्सर वह इसके उपचार में लापरवाही बरतती हैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में आने वाली 100 में दस महिलाएं इस रोग से पीड़ित होती हैं। खास तौर पर किशोरियों और युवतियां इस रोग से ज्यादा प्रभावित होती हैं। जिन महिलाओं का मासिक धर्म बंद हो जाता है, उनमें एंडोमेट्रियोसिस होने की आशंका कम होती है।

क्या है ‘एंडोमेट्रियोसिस ’

डा. रश्मि सिंह बताती हैं कि ‘एंडोमेट्रियोसिस ’ गर्भाशय से संबंधित समस्या है। इसमें गर्भाशय के अंदर के टिशू (ऊतक) बढ़कर गर्भाशय के बाहर निकलने और फैलने लगते हैं। ऐसी महिलाओं को जब जब पीरियड्स होते हैं तो खून गर्भाशय के बाहर गिरकर इकट्ठा होने लगता है। इस खून की वजह से सिस्ट या गांठें बढ़ने लगती हैं। साथ ही तकलीफ भी। उन्हें तेज दर्द होता है। खासतौर पर उनका मासिक चक्र जब आता है, तब दर्द और बढ़ जाता है। इस समस्या के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी कम हो सकती है। डा. रश्मि सिंह कहती हैं, इस रोग के लक्षण नजर आते ही तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ताकि समय रहते इसका उपचार हो  सके।

 ‘एंडोमेट्रियोसिस ’ के लक्षण 

पीरिएड के दौरान असामान्य रूप से रक्तश्राव और तेज दर्द

समय गुजरते जाने के साथ-साथ दर्द का बढ़ते जाना

अनियमित पीरिएड व यूरिन इंफेक्शन

थकान, चिड़चिड़ापन और कमजोरी

 ऐसे कर सकते हैं बचाव

डा. रश्मि सिंह बताती है कि एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर के बढ़ने से ‘एंडोमेट्रियोसिस’ होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को कम करके ‘एंडोमेट्रियोसिस’ होने की संभावना से बचाव किया जा सकता है। वह बताती हैं कि नियमित रूप से व्यायाम करने से भी एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम किया जा सकता है।  इसके अतिरिक्त कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। यदि चाय, कॉफी या अन्य कोई कैफीनयुक्त पदार्थ लेने की आदत है तो इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए। ऐसी महिलाओं को अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए और फाइबर व प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए।

गुरुवार, 28 अक्तूबर 2021

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मोहा मन



डेयर ने मनाया आज़ादी का अमृत महोत्सव 

वाराणसी 28 अक्टूबर (dil india)। डेयर संस्था की ओर से आज़ादी के अमृत महोत्सव का आयोजन आवासित बालिकाओं एवं संस्था द्वारा वाराणसी के प्रमुख रेलवे स्टेशनो पर किया गया। खास कर कैंट, सिटी स्टेशन, काशी, सारनाथ और बनारस पर चलाये जा रहे अनौपचारिक शिक्षा केन्द्र के बच्चों के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में उपरोक्त पॉचो सेन्टरोऔर संस्था की बालिकाओं को मिलाकर कुल 100 बच्चे उपस्थित थे। बच्चों द्वारा देश की आजादी, महिलाओं तथा बाल अधिकारो के ऊपर सांस्कृतिक रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

डेयर संस्था में आवासित बालिकाओं द्वारा मौत का दावत नामक नुक्कड नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में बाल संरक्षण अधिकारी वाराणसी निरूपमा सिंह, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय, सदस्य श्रीअखिलेश कुमार, और शीलचन्द्र किशोरी लाल आदि मौजूद थे। मुख्य अतिथियों द्वारा बच्चों एवं महिलाओं के अधिकार के बारे में बताकर बच्चों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में संस्था निदेशक फादर अभी ने सभी का स्वागत किया। शेल्टर होम अधीक्षिका सि. मंजु द्वारा उपस्थित सभी लोगो को धन्यवाद दिया गया।



स्पार्कलिंग स्टार द्वारा किये गये कार्यों का डिस्ट्रिक चेयरमैन ने किया मूल्यांकन


इनरव्हील चेयरमैन अर्चना वाजपेयी ने योजनाओं की ली जानकारी


वाराणसी27 अक्टूबर(dil india)। इनरव्हील क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी ने बुधवार को इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार विजिट किया। इस दौरान उन्होने क्लब द्वारा सत्र 2020-21 में सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों में किये गये प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करने के साथ आगामी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार के तत्वावधान में सिगरा स्थित एक होटल में एक समारोह का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम की शुरूआत क्लब डिस्ट्रिक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी एवं प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल को कालर पहनाने के साथ इनरव्हील प्रार्थना से हुई। जिसके बाद दीप प्रज्जवल एवं गणेश वन्दना किया गया। इसीक्रम में क्लब की सेक्रेटरी रोमा जादवानी ने क्लब द्वारा वर्ष पर्यन्त किये गये कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस सत्र में क्लब द्वारा सहयोग, पर्यावरण, स्वच्छता, शिक्षा, जल संवर्धन, सांस्कृति आदि विषयों को लेकर विविध कार्यक्रम आयोजित करते हुए उद्देश्य की ओर अग्रसर किया। प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल ने कहा कि क्लब ने आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से अगली पीढ़ी को भी जोड़ने का सफल प्रयास किया, ताकि उनमें भी सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं संस्कार की विरासत को आगे बढ़ाया जा सकें। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक से सरोकार जोड़ने का होना चाहिए।

क्लब की नयी सदस्याओं से सभी का परिचय कराया गया। इस मौके पर एक युवती की शादी में आर्थिक सहयोग करते हुए उपहार स्वरूप गृहस्ती के सामान दिया गया। ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करते हुए एक छात्रा को मोबाइल फोन एवं नन्हेमुन्हे बच्चों के अध्ययन के लिए स्टडी मेटेरियल प्रदान किया गया। मातृकृपा अनाथालय को सेविंग मशीन प्रदान गया। इस मौके पर इनरव्हील्स का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए होर्डिंग का लोकापर्ण डिस्ट्रीक चेयरमैन ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन वाइस प्रसिडेंट रूपिका अग्रवाल ने किया गया। इस मौके पर वर्तिका अग्रवाल, कृति अग्रवाल, हर्षिका अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, नेहा दास, पूजा, श्रेया अन्य क्लबों की अध्यक्ष व सचिव आदि मौजूद थी।

बुधवार, 27 अक्तूबर 2021

मिशन कर्मयोगी' के तहत लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में ट्रेनिंग कल से


मसूरी ट्रेनिंग पर जायेंगे पोस्टमास्टर जनरल 

वाराणसी 27 अक्टूबर (dil india)। भारत सरकार द्वारा वरिष्ठ सिविल सेवकों के प्रशिक्षण एवं प्रधानमंत्री के 'मिशन कर्मयोगी' योजना को मूर्त रूप देने के क्रम में वरिष्ठ अधिकारियों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसी हेतु भारतीय डाक सेवा के 2001 बैच के वरिष्ठ अधिकारी एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव का नाम भी चयनित किया गया है, जो लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में 28 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2021 तक एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेंगे। इसके साथ ही इसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से 'ग्लोबल एनर्जी एंड क्लाइमेट पॉलिसी' और अमेरिका के मेसाच्युएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 'लीडिंग फ्रॉम दि इमर्जिंग फ्यूचर' विषय पर भी अध्ययन करेंगे। 'दि कॉमन मिड-कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम, 2021-लीडिंग टू लर्न' के अंतर्गत आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण में वर्ष 2000 और 2001 बैच के आईएएस, आईपीएस एवं केंद्रीय सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। 

गौरतलब है कि 2 सितंबर 2020 को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'मिशन कर्मयोगी' योजना को मंजूरी दी गई थी। 'मिशन कर्मयोगी' का लक्ष्य भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर तैयार करना है। इस योजना के माध्यम से जहाँ प्रणाली में पारदर्शिता आएगी वहीं, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के दर्शन को भी सिविल सेवाओं और अन्य के सहयोग से फलीभूत किया जा सकेगा।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

देखिये कांग्रेस ने किसे दे दी शहर की कमान

मेंहदी हसन अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष


वाराणसी 26 अक्टूबर (dil india)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विधायक अजय कुमार लल्लू की संस्तुति पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने सैयद मेहंदी हसन आब्दी को वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

नवनियुक्त अध्यक्ष मेहंदी हसन ने शीर्ष नेतृत्व का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जिस विश्वास से मुझे यह जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने दी है मैं हर संभव प्रयास करूंगा कि निष्ठा, ईमानदारी और लगन से पार्टी को मजबूत करने के लिए अल्पसंख्यकों को कांग्रेस से जोड़ने का भरपूर प्रयास करूंगा। अध्यक्ष बनने पर पूर्व मंत्री अजय राय, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, ओकास अंसारी, हसन मेहंदी कब्बन शाहिद तौसीफ, शफक रिज़वी, स्वालेह अंसारी, तौफीक़ कुरैशी ने बधाई देते हुए कहा कि मेहदी हसन के अध्यक्ष कांग्रेस अल्पसंख्यक काफी मजबूत होगा।

प्रियंका के भरोसे कांग्रेस




कांग्रेस के बेस वोट पर सपा, बसपा, भाजपा का कब्जा

  • छह सीएम दिया फिर भी ब्राह्मण लीडरशीप नहीं
  • मुस्लिम बाबरी मस्जिद प्रकरण के लिए मानता है कांग्रेस को खलनायक
  • दलित-पिछड़े पहले ही हो चुके हैं कांग्रेस से दूर

वाराणसी 26 अक्टूबर (dil india)। सियासत में जब जाति समूहों का ट्रेंगल बनता है तब सरकार बनती है। कम से कम यूपी की सियासत तो यही कहानी बयां करती है। उत्तर प्रदेश की सियासत में जब मायावती ने कदम रखा तो केवल दलित वोटरों के बूते वो कुछ खास नहीं कर सकी। तब उन्होंने जाति समूहों का टेंगल बनाया, भाईचारा कमेटियों का गठन किया। मायावती ने मुस्लिम और ब्राहृाणों को एकजुट कर उनका 60 फीसदी वोट अपने पाले में कर बसपा की सरकार बना दी। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यादव वोटों को सहेजा, साथ में मुस्लिम और ब्राहमणों को अपने पाले में किया और यूपी की सियासत उनके कब्जे में हो गयी।


मायावती और मुलायम ने जिन वोटरों को अपने पाले में किया था वो किसी और का नहीं बल्कि कांग्रेस का ही परम्परागत वोट था। आज कांग्रेस अपने परम्परागत वोटरों को नहीं सहेज पा रही। नतीजतन यूपी की सियासत में जिस कांग्रेस ने 6 ब्राहमण मुख्यमंत्री दिये। जिसका 80 के दशक में जलवा होता था वो कांग्रेस तीन दशक तक यूपी में हाशिए पर पहुंच गयी। राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ मानते हैं कि परम्परागत वोटरों को सहेजने के लिए कांग्रेस ने कोई ठोस काम नहीं किया। एक के बाद एक पुराने नेता पार्टी छोड़कर जाते गये या फिर उपेक्षित होकर चुपचाप घर बैठ गये। धीरे-धीरे ब्राहमण लीडरशीप भी खत्म हो गयी इसका खामियाज़ा चुनाव दर-चुनाव हार के तौर पर भुगतना पड़ा। बेस वोट दूसरे दलों में चले जाने से 3 दशक तक कांगे्रस सत्ता के गलियारे से दूर रही। पार्टी का संगठन भी महज़ नाम का ही रह गया। जो पुराने नेता थे वो अपने को उपेक्षित देखकर खुद दूसरे दलो में चले गये या फिर चुपचाप बैठ गये। आज़ादी के पहले से कमलापति त्रिपाठी कुनबे का कांग्रेस में न सिर्फ दबदबा था बल्कि यूपी में कांग्रेस मतलब ही कमलपति तित्रपाठी कुनबा माना जाता था मगर हाल में ही इस कुनबे के चश्मो-चिरागं ललितेश पति त्रिपाठी ने अपनी उपेक्षा से परेशान होकर दल को छोड़ दिया। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा।  

दरअसल सूबे में 80 के दशक तक अधिकांश समय कांग्रेस की ही सरकारें रही है। कांग्रेस ने 6 ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए। 25 जून 1988 को नारायण दत्त तिवारी तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वो 5 दिसम्बर 1989 तक  इस पद पर थे। तिवारी कांग्रेस के यूपी में आखिरी सीएम थे। उसके बाद कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं बना। यूपी में वर्तमान में ब्राह्मणों की अनुमानित संख्या तकरीबन 8-10 फीसद है। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने ब्राह्मण नेता को सीएम के रूप में पेश करने की अंदरखाने में तैयारी चल रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ब्राह्मणों के मुद्दे हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।फिर क्या वजह है कि दूसरे दलों में घुटन महसूस करने वाला ब्राह्मण कांग्रेस से नहीं जुड़ पा रहा है? यह एक अहम सवाल है जिसका जवाब किसी के पास फिलहाल नहीं है। अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी मिशन 2022 में क्या गुल खिला पाती हैं।

औरंगाबाद हाउस की उपेक्षा

पिछले दिनों प्रियंका बनारस में थी। वो औरंगाबाद हाउस नहीं गयी, और न ही वहां से कोई उनकी रैली में आया। देश की आज़ादी के बाद से पहली बार ऐसा हुआ। सियासदां मानते हैं कि अगर प्रियंका वहां चली जाती तो बात बन जाती मगर वो नहीं गयीं। 

टीएमसी में ललितेश की इंट्री

कमलापति त्रिपाठी के चश्मो चिराग ललितेशपति ने आखिरकार टीएमसी ज्वाइन कर लिया। वो पिता राजेशपति त्रिपाठी के साथ ममता बैनर्जी से मिले और टीएमसी की सदस्यता ले ली।

प्रियंका पर ही भरोसा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के यूपी का प्रभारी बनाये जाने के बाद पार्टी किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा में ज़रूर बनी हुई है। खासकर कानून व्यवस्था, उत्पीड़न और किसानों के मुद्दे पर तो वो लगातार आंदोलन कर रही है मगर राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रियंका जो कर रही है उससे कांग्रेस चर्चा में आयी है मगर जब तक बेस वोट को सहेजने के लिए कांग्रेस में कोई ठोस प्रयास नहीं होगा तब तक कांग्रेस कम से कम यूपी में कोई कमाल नहीं कर पायेगी। आखिर अकेली प्रियंका पर कितना भरोसा किया जा सकता है। 

जाने विशेषज्ञ की राय 

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ डा. मो. आरिफ कहते हैं कि प्रियंका ने हाल के वर्षो में कांग्रेस में नयी जान फूंकी है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।  हां ज़रूरत है कि मुहल्ले-मुहल्ले टीम बनाकर बेस वोट वापस पाने के लिए युद्धस्तर पर कांग्रेस को काम करना होगा। ठीक वैसे जिस तरह से आम आदमी पार्टी के लोग वोटर्स के बीच जाकर काम कर रहे हैं। वो कहते हैं कि कभी कभी बड़े को छोटे से भी नसीहत लेनी पड़ती है। आप से यहां अगर नसीहत ली जाये तो कोई बुरा नहीं है। डा. आरिफ कहते हैं कि भाजपा का अगर कोई ठोस विकल्प है तो वो आज भी कांग्रेस ही है।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...