बाइसी के सरदार हुए सुपुर्दे-खाक
वाराणसी 11 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम को आज अर्रा स्थित उनके खानदानी कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक किया गया। इस मौके पर बाईसी तंजीम के कार्यवाहक सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा अपनी पूरी काबीना के साथ मिटटी में मौजूद थे। उन्होंने बताया की सरदार हाजी अब्दुल कलाम साहब ने बहुत ही कम समय में ही समाज में नेक कामो से लोकप्रियता हासिल कर ली थी। उसी का नतीजा था की आज उनकी मिटटी में हजारो हज़ार बुनकर अपना अपना कारोबार बन्द कर मिटटी में शामिल हुए। उनके चाहने वालो में हिन्दू-मुसिलम सभी बड़ी तादाद में सरदार साहब को मिटटी देने पहुचे हुए थे। नगर के तमाम गद्दीदार भी मिटटी में शामिल हुए। हाजी अब्दुल समद ने कहा कि कलाम साहब की भरपाई करपाना मुश्किल है वो बुनकर समाज की एक मज़बूत कड़ी थे जो आज हम सब को छोड़ कर चले गये।
जनाजे की नमाज़ सरदार साहब के बड़े पुत्र स्वालेह अंसारी ने पढ़ाया। और ये दुःख भरी खबर सुन कर पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा ने अपनी शोक संवेन्दना पेश की और उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार को सहन शक्ति प्रदान करे।
इनकी रही खास मौजूदगी
हाजी मंजूर, हाजी हाफिज नसीर, पूर्व विधायक अजय राय, पूर्व विधायक समद अंसारी, राघवेंद्र चौबे, सरदार मक़बूल हसन, सरदार हाशिम अंसारी, हैदर महतो, फैसल महतो, आसिफ अंसारी, परवेज़ अंसारी, सरदार अतिकुल्ला अंसारी, सरदार नूरुद्दीन, हाजी इश्तियाक, हाजी यासीन माइको, बाबूलाल किंग, अफ़रोज़ अंसारी, हाजी ओकास अंसारी, गुलशन अली, सीताराम केशरी, बेलाल अंसारी, हाजी बाबू, शमीम अंसारी, डा. एहतेशामुल हक, इदरीस अंसारी, रमजान अली, अतीक अंसारी, अनवारुल, किशन दीक्षित, कुरैशी, हाजी बाबू, हाजी महबूब अली, हाजी नेसार, हाजी अब्दुल रहीम, मो. हारुन हाजी यासीन अंसारी, रेयाज़ अहमद, मौलाना शकील, छोटक, सरदार मोईनुद्दीन, इशरत उस्मानी, तुफैल अंसारी, हाजी रहमतुल्ला सहित हजारो की तादाद में लोग मिटटी में शामिल हुए ।