गोपष्टमी को शंकराचार्य ने रवाना किए सभी प्रदेशों में गौप्रतिनिधि
Varanasi (dil India live)। गोपाष्टमी पर जगद्गुरु शंकराचार्य के नेतृत्व में भारत के 36 प्रदेशों के प्रभारियों की गो गोष्टी श्री विद्या मठ, केदारघाट, वाराणसी में सम्पन्न हुई। इस मौके पर शंकराचार्य जी ने गो पूजन करने के पश्चात धर्म सम्राट् यतिचक्रचूडामणि पूज्य करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में 1966 में हुए गौरक्षा आंदोलन को स्मरण कर के गोभक्त बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। जगद्गुरु शंकराचार्य ने वर्तमान संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में घोषित किया, जिसके अंतर्गत गो प्रतिष्ठा आंदोलन के अगले क्रम में अब जिला स्तर, विधानसभा स्तर पर गो ध्वज की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 36 प्रदेश के प्रभारियों को गो ध्वज प्रदान किए गए। इसी वर्ष 14 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रयागराज माघ मेले में 324 कुंडिय यज्ञ का आयोजन होना सुनिश्चित है जो निरंतर एक माह तक गौमाता की प्रतिष्ठा हेतु चलता रहेगा जिसमें सम्पूर्ण भारत से करोड़ों लोग सम्मिलित होंगे।
सांसदों के दरवाज़ों पर होगा धरना
गो गोष्टी में यह भी निश्चित किया गया कि सभी निर्वाचित सांसदों के दरवाजों पर गो सांसदों द्वारा ग्रीष्मकालीन सत्र से 15 दिन पूर्व धरना प्रदर्शन दिया जाएगा। धरना प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य निर्वाचित सांसदो से अपेक्षा की जाएगी कि स्वयं को गोभक्त या गोद्रोही घोषित करें। इसी गोवसंवत्सर के पूर्ण होने पूर्व 27 मार्च 2025 को वाराणसी में गो महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा जिसमें सम्पूर्ण भारत से 1.25 करोड़ गोभक्त सम्मिलित होंगे। इस अवसर पर सम्पूर्ण राष्ट्र के सनातनी गोभक्तो, गो प्रतिष्ठा हेतु सतत संघर्ष करने वाले आंदोलकारियों, गोरक्षकों को सम्मानित किया जाएगा तथा सम्पूर्ण भारत में कम से कम 33 करोड़ गो मतदाताओं को शपथ दिलाने का अभियान तेज किया जाएगा। ज्ञात हो कि संपूर्ण देश में अब तक लगभग 5 करोड़ सनातनी गो मतदाता के रूप में शपथ दिलाई गई है। गो प्रतिष्ठा आंदोलन द्वारा गोहत्या पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित हो , गौमाता राष्ट्रमाता के सम्मान से अलंकृत हो तब तक यह आंदोलन निरंतर चलता रहेगा तथा नित प्रतिदिन आंदोलन प्रखर होता जाएगा। अपने प्राणों की आहुति देकर भी गौमाता की रक्षा की प्रतिज्ञा का नाम ही गो प्रतिष्ठा आंदोलन है।
इस अवसर पर 36 प्रांतों से आए हुए गो प्रदेश प्रभारी सम्मिलित हुए। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि शंकराचार्य जी महाराज द्वारा रवाना किए गए सभी प्रदेशों में भेजे गए गौप्रतिनिधि में आंध्र प्रदेश से संजय सती, अरुणांचल प्रदेश से मनमोहन श्रीवास्तव, असम से रणजीत दास, बिहार से पीयूष तिवारी, छत्तीसगढ़ से ओम प्रकाश शर्मा, गोवा से किशन जयसवाल, गुजरात से हरीश चौहान, हरियाणा से जय किशन शर्मा, हिमांचल प्रदेश से सुनील ठाकुर, झारखंड से शिवाजी परमार, कर्नाटक से प्रवीण जैन, केरल से सुभाष हिंगोले, मध्य प्रदेश से महेंद्र भार्गव, महाराष्ट्र से नवनाथ दुधल, मणिपुर से अशोक सिंह, मेघालय से राजा सक्षम सिंह योगी, मिज़ोरम से हर्ष मिश्रा, नागालैंड से राजीव झा, उड़ीसा से चित प्रकाश ब्रह्मचारी, पंजाब से सुभाष मल्होत्रा, राजस्थान से बाबूलाल जाँगीर, सिक्किम से गौरव कुमार, तमिलनाडु से महेंद्र, तेलंगाना से महेंद्र तिवारी, त्रिपुरा से अमित चौहान, उत्तर प्रदेश से दयाशंकर दास, उत्तराखण्ड से विकास पाटनी, पश्चिम बंगाल से सोहम दास, चंडीगढ़ से राजेंद्र मिश्रा, जम्मू कश्मीर से दीपू रैना, लक्षद्वीप से आचार्य विजय प्रकाश, पुडुचेरी से अधवान, लद्दाख से गोपाल दास शामिल हैं।
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