गुरुवार, 21 नवंबर 2024

Hazrat Fatima की याद मजलिस, गूंजी अमन की दुआएं

मजलिसे, नोहाखवानी व मातम के बाद मांगी दुआएं 


Varanasi (dil India live)। जनाबे फातमा की शहादत की याद में जुमेरात को शहर भर में मजलिसे हुई। मजलिसों में नोहाखवानी व मातम के बाद दुआएं मांगी गई।
इस दौरान दरगाहों, इमामबाड़ों में लोगों का हुजूम उमड़ा। 
नबी की बेटी जनाबे फातेमा की शहादत पर शिया मुस्लिमों ने ग़म मनाकर उनकी मुसीबतों को याद करते हुए आंसुओं का नजराना पेश किया। दरगाहे फातमान में मजलिस को खिताब करते हुए हाजी सैयद फरमान हैदर ने कहा कि जनाबे फातमा का जीवन एक बेटी, एक पत्नी और एक मां के रूप में पूरी कायनात में एक मिसाल है। उन्होंने अपने किरदार से सारी दुनिया की औरतों को पैगाम दिया के माता पिता की सेवा , शौहर के साथ जीवन बिताना, तथा बच्चों का पालन पोषण किस प्रकार किया जाए। हसन और हुसैन का नाम आज सारी दुनिया में हज़रत फातमा की परवरिश का एक जीता जागता नमूना है। शायर तफसीर जौनपुरी , नजाकत बनारसी , समर बनारसी ने कलाम पेश किए। साहब बनारसी, हैदर मौलाई, शब्बीर हुसैन और शाहीन हुसैन ने नोहा ख्वानी की। ऐसी ही शिवपुर, अर्द्ली बाजार, दोषीपुरा, कच्चीबाग, पठानी टोला, प्रहलाद घाट, मुकीमगंज, सदर इमामबाड़ा लाट सरैया, पड़ाव, रामनगर, शिवाला , बाजरडीहा, मदनपुरा, दालमंडी, नयी सड़क, लल्लापुरा आदि इलाकों में लोगों ने जनाबे फातमा की शहादत पर नोहाखवानी व मातम किया तथा देश में खुश हाली और अमन के लिए दुआएं की।

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