Varanasi (dil India live)। आज से नहाय खाय के साथ लोक आस्था का पर्व छठ का आगाज़ हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के प्रथम दिवस यानि कि आज नहाय खाय है। इस दिन लौकी की सब्जी, चने का दाल और चावल (भात) खाने का महत्व है। इसको बनाने से लेकर खाने तक हर जगह शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह लोकपर्व शुक्रवार 8 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर सम्पन्न होगा। मशहूर ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि छठ पर्व एकमात्र ऐसा सुअवसर है जहां उगते सूर्य के साथ-साथ अस्त होते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है। छठ पूजा सूर्य, प्रकृति, जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है। पार्वती का छठा रूप भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को त्योहार की देवी के रूप में पूजा जाता है।
जानिए नहाए खाय का मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है। इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करती हैं। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है। भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करने की परम्परा हैं। लोक आस्था का पर्व छठ पूजा की शुरूआत आज नहाय खाय से हो है। इसके बाद 06 नवंबर को खरना, 07 नवंबर को सायंकालीन अर्घ्यदान और 08 को प्रातःकालीन अर्घ्य के बाद पारण होगा। इसके साथ ही इस महापर्व का समापन भी होगा।
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