मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

रमज़ान का पैग़ाम-14 (27-04-2021)


आओ खुशी मनाओ, ये जश्न है 
जन्नत के सरदार’ का

वाराणसी (दिल इंडिया ल़इव)। रमज़ान का चांद होते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है और जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते हैं। यह भी रमज़ान की खासियत है कि इसमें नबी-ए-करीम (स.) के बड़े नवासे जन्नत के सरदारशेरे खुदा मौला अली व बीबी फातेमा के साहबज़ादे इमाम हसन की पैदाइश 15 रमज़ान सन् हिजरी को मदीना मुनव्वरा में हुई थी। यही वजह है कि जन्नत के सरदार का हम जश्न मनाते हैं। 

ऐसे ही मुकद्दस रमज़ान की 21 तारीख को ही मुश्किलकुशा हजरत मौला अली की मस्जिदें कुफा में शहादत हुई थी। हज़रत अली काबा में पैदा हुए और मस्जिद में शहीद हुए। मुश्किलकुशा हजरत अली फरमाते हैं कि जब रोज़ेदार इफ्तार के वक्त दुआ करता है तो वो ज़रुर कुबुल होती है और रोज़ा जिस्म की ज़कात है। परवरदिगार फरमाता है कि माहे रमज़ान कितना बरकतों और रहमतो का महीना है इसका अंदाजा बंदा इसी से लगा ले कि इस महीने में हमने दुनिया की सबसे मुकद्दस किताब कुरान मजीद नाज़िल फरमाया है। 

छठवें इमाम ज़ाफर सादिक ने फरमाया कि जिन चीज़ों से रोज़ा टूटता है उसमें झूठगीबतचुगलखोरीदो मोमिन के बीच लड़ाई करानाकिसी के लिए गलत नज़र रखनाझूठी कसम खाना शामिल है। रोज़ा तकवे का सबब और अल्लाह की नज़दीकी हासिल करने का ज़रिया है। रोज़ा जहन्नुम से बचाने की ढाल है और जन्नत में दाखिले का ज़रिया है। ऐ अल्लाह तू हम सबको सही राह दिखा। परवरदिगार हम सबको रमज़ान के रोज़े रखने की तौफीक दे और रोज़े की कामयाबी पर सभी को ईद की खुशियां दे...आमीन 

              सैयद फरमान हैदर

       {प्रवक्ताशिया जामा मस्जिद वाराणसी}

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