बुधवार, 30 दिसंबर 2020

उर्दू में पहले की तरह वाराणसी लिखने की उठी मांग

कई सामाजिक संगठनों ने दिया निदेशक को ज्ञापन

वाराणसी (दिल इंडिया)। सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब ने पुरज़ोर मांग की है कि पूर्व की तरह कैंट स्टेशन की मुख्य बिल्डिंग में हिन्दी अंग्रेज़ी की तरह उर्दू में भी वाराणसी लिखा जाये। क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक के नेतृत्व में कई संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल वाराणसी जक्शन के निदेशक आनन्द मोहन से मिला और उन्हे ज्ञापन सौंपा। 
        प्रतिनिधिमंडल ने वाराणसी जंक्शन के निदेशक श्री आनंद मोहन से कहा कि पूर्व में 24 दिसंबर 2019 को एक ज्ञापन उर्दू का साइन बोर्ड पुनर्स्थापित करने के संबंध में दिया गया था, परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कैंट स्टेशन के मुख्य द्वार पर घड़ी के ठीक नीचे अभी तक उर्दू का साइन बोर्ड स्थापित नहीं हो सका है, जिससे उर्दू प्रेमियों में मायूसी छाई है जबकि हिंदी और अंग्रेजी का   साइन बोर्ड स्थापित हो चुका है, इसलिए वाराणसी के संगठनों ने मांग की है कि अति शीघ्र उर्दू भाषा के साइन बोर्ड को अपने पूर्व स्थान पर स्थापित करके तीनों भाषा के त्रिवेणी संगम और काशी की गंगा जमुनी तहजीब को अक्षु्ण रखा जा सके।
      ज्ञात हो कि रेलवे विभाग ने समस्त स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ उर्दू भाषा में भी स्टेशन का नाम साइन बोर्ड पर अंकित करने की परंपरा रखी है जिससे आम यात्रियों को सुविधा होती है। इस दौरान स्टेशन निदेशक आंनद मोहन ने बातों को बड़े ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि जल्द ही इस पर अमल किया जाएगा।
       प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, जमीअत उलमा जिला बनारस के सचिव इशरत उस्मानी, उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महा मंत्री मोहम्मद जफर अंसारी, आजाद हिंद रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष जुल्फिकार अली नक्शेबंद, मरियम फाउंडेशन के संस्थापक मोहम्मद शाहिद अंसारी,सुल्तान क्लब के सचिव जावेद अख्तर,अब्दुर्रहमान,हाफ़िज़ मुमताज़ अहमद इत्यादि थे।

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