आगमन का तीसरा रविवार यानी आनन्द का इतवार
चर्चेंज में जुटे मसीही हुई आराधना
वाराणसी (दिल इंडिया)। आगमन के तीसरे इतवार को चर्चेज़ में मसीही जुटे। सोशल डिस्टेंनसिंग के साथ चर्च में बाइबिल पाठ के साथ ही मसीही गीत फिज़ा में बुलंद हो रहे थे, इस दौरान, गीत अमन के राजकुमार तेरा हो अभिषेक...व, झूमो नाचो खुशी मनाओं यीशु पैदा हुआ...। इन गीतो को जब गायन मंडली ने पेश किया तो सभी मसीही एक स्वर से इसे गाते नज़र आये। फादर विजय शांतिराज, फादर राजा, पादरी आदित्य कुमार,पादरी सैम जोशुआ सिंह,, पादरी बेन जान, पादरी संजय दान, पादरी न्यूटन आदि पुरोहितो ने बनारस के विभिन्न चर्चेज़ में आराधना करायी। धर्म गुरुओं ने इस दौरान कहा कि इंसान जब तक इस संसार में है, खुशी तलाशता है। हम बीमार होने पर इलाज़ करवाते हैं, चोट लगने पर मरहम लगाते हैं। क्योंकि हम जीवन में खुशी, आनंद और उल्लास चाहते हैं, दुःख और दर्द नहीं चाहते। खुशी और आनंद के लिये इंसान सब कुछ करता है, मगर क्या सच्ची ख़ुशी हर किसी को मिलती है। नहीं मिलती, क्योंकि यह कोई पैसे से मिलने वाली चीज़ नहीं है। खुशियाँ कभी किसी दौलत वाले के घर से नदारद तो किसी कंगाल के घर में भरपूर होती है। क्योंकि आनंद ईश्वर का दिया उपहार है।
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