मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

डा. अंबेडकर संविधान निर्माता

वंचितों के हित रक्षक थे डा.अम्बेडकर : डॉ. मोहम्मद आरिफ

वाराणसी (दिल इंडिया)। डॉ अम्बेडकर विभिन्न विषयों के ज्ञाता, आधुनिक लोकतंत्र के निर्माता, मानवतावादी व वंचितों के हितों के रक्षक थे। जिसका स्पष्ट रूप उनके व्दारा लिखित संविधान में दिखाई देता है। अपने एक महत्वपूर्ण भाषण में डॉ.अम्बेडकर बड़ी ही बेवाकी से कहते है कि संविधान कितना भी अच्छा हो अगर उसे लागू करने वाले अच्छे नही होंगे तो वह अपना मूल्य खो देगा। इससे यह स्पष्ट होती है कि हमें योग्य लोगों का चयन करके संसद, विधान सभाओं में भेजना चाहिए। ये बातें डॉ. अम्बेडकर प्रबुध्द मंच, के तत्वावधान में ग्राम सभा हिनौली, मुग़लसराय में डॉ. अम्बेडकर के 565 वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित विचारगोष्ठी व सम्यक सम्मान समारोह में श्री डी. आर. महिला डिग्री कालेज, वाराणसी के प्राचार्य डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहीं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी डीडीयू रेल मंडल दिनेश चंद्रा ने कहा कि डॉ अम्बेडकर न केवल एक विधिवेत्ता थे बल्कि वे एक सफल अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, योग्य शिक्षक, राजनीतिशास्त्री, समाज वैज्ञानिक, भी थे। उनकी प्रतिभा बहुमुखी थी। जिस पर हमे गर्व होना चाहिए। आज हमारा समाज जिस प्रकार से गलत चीजों में लिप्त है जैसे नशाखोरी, कामचोरी, आपसी वैमनस्य आदि, बाबा साहब के विचारों से सीख लेकर सही रास्ते पर चलते हुए जीवन को सार्थक बनाने की पहल कारना चाहिए। विशेष रूप से युवाओं को इस काम में आगे आना होगा।

इनका हुआ सम्मान

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में लगभग 50 युवाओं को सम्यक सम्मान 2020 से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंच के जिला अध्यक्ष व युवा नेता गोविन्द लाल ‘पंकज’ ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का प्रारंभ त्रिशरण व पंचशील से हुआ।

इस अवसर पर विशेष रूप से हरिओम आनन्द, श्यामलाल शास्त्री, डॉ मनोज त्यागी, राजेश राज, अभिषेक इंजीनियर, महेंद्र प्रताप, घनश्यामदास भारती, जियाउद्दीन अंसारी, अविनाश लखन रनित भारती, नरेंद्र गुरु




आदि लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता श्यामलाल शास्त्री, धन्यवाद अभषेक इंजीनियर व संचालन सुरेश कुमार अकेला ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...