रविवार, 31 अगस्त 2025

Varanasi K Dalmandi से निकलेगा कर्बला के शहीदों का साठे का जुलूस

अजाखाना शब्बीर और सफदर पुरानी अदालत में होगी मजलिस व निकलेगा अंतिम जुलूस

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). दालमंडी पुरानी अदालत से शब्बीर और सफदर के अज़ाखाने से 11 वे इमाम हसन अस्करी का ताबूत, अलम, दुल्दुल् और अमारी के साथ निकाला जाएगा। मौलना अब्बास इरशाद नकवी लखनऊ मजलिस को खिताब करेंगे तो अंजुमन हैदरी नोहाख्वानी व मातम करके जुलूस की अगवाई करेगी। 


शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि जुलूस के नई सड़क पहुंचने पर जंजीर और कमा के मातम से शहीदाने करबला को नजराने अकीदत पेश किया जाएगा। काली महल पहुंचने पर जुलूस ए अमारी के इस्तकबाल में मौलाना नदीम असगर तकरीर करेंगे, शोहरा कलाम पेश करेंगे। पितरकुंडा पर मौलाना कैसर अब्बास की तकरीर होगी। नई पोखरी पर अंजुमन ज़व्वादिया जुलूस का इस्तकबाल करेगी, यूसुफ मशहदी की तकरीर होगी। फातमान पर मौलाना तहज़ीबुल हसन इमाम ऐ जुमा वाराणसी अमरियो का परिचय कराएंगे। अलविदाई मजलिस को मौलाना सय्यद मोहम्मद अकील हुसैनी खिताब करेंगे। श्री हैदर ने बताया कि इस प्रकार 2 महीना 8 दिन तक चलने वाला मोहर्रम के मजलिस मातम के सिलसिले पर विराम लगेगा।

UP K Varanasi Main जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय हिंदी और उर्दू कार्यशाला

कार्यशाला में हिंदी-उर्दू भाषा में प्रशिक्षण, मूल्यांकन तथा प्रश्न-पत्र निर्माण पर हुई बातें 

Varanasi (dil India live). जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सारनाथ वाराणसी में तीन दिन तक चले हिंदी एवं उर्दू भाषा में प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन तथा प्रश्न-पत्र निर्माण पर प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का खूबसूरत माहौल में आज समापन हुआ। इस कार्यशाला में राष्ट्रीय परीक्षण सेवा भारत, भारतीय भाषा संस्थान मैसूर से आए हुए एनटीएस के सदस्यों

 डॉक्टर बीरेश कुमार, डॉक्टर अब्दुल हलीम, डॉक्टर गुलाम मोहिउद्दीन अंसारी, डॉक्टर पंकज द्विवेदी आदि शामिल रहे। कार्यशाला का शुभारंभ 28 अगस्त को डायट सारनाथ स्थित बुद्धा सभागार में डायट प्राचार्य डॉ उमेश कुमार शुक्ला द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। साथ ही साथ उर्दू भाषा के ज्ञाता के रूप में BHU के प्रोफेसर आफताब अहमद आफ़ाक़ी, डॉ मुशर्रफ अली एवं डॉ अनिल कुमार सिंह आदि ने गेस्ट लेक्चरर के रूप में संबोधन किया।


ज्ञात हो कि इस कार्यशाला में भारतीय भाषा संस्थान मैसूर की ओर से आयोजित वाराणसी के सभी 9 विकास खंड क्षेत्र से आए हुए हिंदी और उर्दू के 90 कार्यरत शिक्षकों को प्रश्न पत्र  निर्माण से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। 

प्रशिक्षण लेने वाले शिक्षकों में तीनों एस आर जी अखिलेश्वर गुप्ता, डॉ कंवर भगत सिंह, डॉ राजीव कुमार सिंह, डॉ  एहतेशामुल हक,अब्दुर्रहमान, शकील अहमद अंसारी, महबूब आलम, आमरा जमाल, सलमा जमाल, नीलम राय, रेखा वर्मा, इश्तियाक अंसारी, डॉ नज़मुस्सहर, नीलू त्रिपाठी,साजिदा बेगम, चिराग अंसारी, अशफाक अलम, करिश्मा आफरीन, सदरुद्दीन, नौशाद अहमद, शमा परवीन, मीना, सुल्ताना परवीन, नाहिद अंजुम, मुहम्मद रईस आदि के नाम प्रमुख है। आज समापन के अवसर पर सभी प्रतिभागियों को डायट प्राचार्य द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डायट उर्दू प्रवक्ता डॉक्टर नगमा परवीन एवं हरगोविंद पुरी ने अदा किया।


Eid Miladunnabi Main Bihar Government के कैबिनेट मंत्री ज़मा खान होंगे मुख्य अतिथि

नबी की पैदाइश का जश्न मनाने को मरकज़ी यौमुन्नबी कमेटी ने झोंकी ताकत 

निकलेगा जुलूस, 35 डायसों पर 60 अंजुमने पेश करेंगी कलाम 


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). दालमंडी स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाने में sunday को मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के सदर व सेक्रेटरी ने पत्रकारों से बातचीत की। प्रेसवार्ता में नबी की पैदाइश का जश्न मनाने और जुलूस निकालने का पूरा शिड्यूल मीडिया से साझा किया गया। इस दौरान जहां सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर नबी की पैदाइश का जश्न मनाने का ऐलान किया गया वहीं दालमंडी, चौक व बेनियाबाग इलाकों के जुलूस मार्ग की मरम्मत न होने पर चिंता जताई गई। 

इसके बाद ईद मिदुन्नबी (स.) मनाने को लेकर शहर के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के सदर (पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग उ०प्र० सरकार) हाजी सैय्यद शकील अहमद बबलू व सेक्रेटरी हाजी महमूद खान ने 4 व 5 सितम्बर को जश्ने ईद मिलादुन्नबी (स.) के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। बताया कि 4 सितम्बर की शाम कमेटी की तरफ से जुलूस जश्न ए ईद मिलादुन्नबी निकाला जाता है जो बेनियाबाग के पूर्वी छोर हड़हा मैदान से उठता है और सराय हड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श जायसी (लंगड़े हाफिज), फरान होटल, नई सड़क चौराहा, कुरैशाबाद, फाटक शेख सलीम आस्ताना रहीम शाह बाबा, भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खॉ मार्ग से होता हुआ नवाब युसूफ के कुएँ के पास (बेनियाबाग) मरकस के डायज पर पहुँच कर समाप्त होगा। जिसके बाद सरपरस्त मौलाना सूफी मोहम्मद ज़कीउल्लाह असदुल कादरी की तकरीर होगी। तकरीर के बाद नातिया मुकाबला होगा जिसमें बनारस व दीगर शहरों की अंजुमने हिस्सा लेंगी। मरकज़ी यौमुन्नबी कमेटी के अधिन मुकतलीफ नामों से सभी 35 डाइजो पर अंजुमने नातिया कलाम पढ़ेंगी। जिसके बाद बारहवीं रबीउल अव्वल 5 सितम्बर की शाम मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के संरक्षक और पदाधिकारीगण मरकज की दालमंडी स्थित नश्रगाह (ताज होटल) से अंजुमनों को ईनाम तकसीम करके उनकी हौसला अफजाई करेंगे।


अधिकारियों के साथ हुई बैठक 

 ईद मिदुन्नबी (स.) मनाने को लेकर शहर के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में कमेटी के सदर ने प्रशासनिक अधिकारियों से निवेदन किया कि कार्यक्रम से पूर्व क्षेत्र की साफ सफाई, सड़कों की मरम्मत व बिजली सम्बन्धित समस्याओं को हल किया जाये तथा कार्यक्रम के दिन ट्रैफिक व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखा जाये। 


सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आएं प्यारे नबी

कमेटी के सेक्रटरी हाजी महमूद खान ने बताया कि इस्लाम धर्म के अंतिम पैगम्बर हजरत मोहम्मद (स.) सारी दुनिया के लिये रहमत बनकर आये और मोहब्बत का पैगाम दिया। हम सब ने भी बनारस की गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मो के लोगों के साथ मिलकर इस यादगार जश्न को शानदार व खुबसूरत बनायेंगे। हम सभी से इस जश्न में शामिल होने की अपील करते हैं व साथ ही बताया कि इस जश्न में (4 सितम्बर को) कैबिनेट मंत्री बिहार सरकार ज़मा खान मुख्य अतिथि होंगे। अधिकारीगण ने सभी समस्याओं का निवारण करने का भरोसा दिया। 

ये संभालेंगे व्यवस्था 

प्रेसवार्ता में बताया गया कि कार्यक्रम की व्यवस्था मो. अबरार खान, मो. इमरान खान, शकील अहमद सिद्दीकी, आगा कमाल, रेयाज अहमद नूर, दिलशाद अहमद, वारिस बब्लू, हाजी समर खान, हाजी राशीद सिददीकी, राशिद सिद्दीकी, हाजी यासीन गुड्डू, हाजी एकबाल, सोहराब आलम, तौकीर अहमद, साजिद गुड्डू, फुरकान खान, अजहर अज्जू, जमाल जफर, मारुफ अली, सऊद खान, इम्तियाज अहमद, अली अख्तर, अशरफ अहमद (एड.), अब्दुल मन्नान, एस. जावेद, रजब अख्तर, खालिद सिद्दीकी, शकील अहमद जादूगर, हाजी जावेद, रेयाज छोटू बाबू नकाब, राशीद मार्शल व कमेटी के जिम्मेदार आदि लोग संभालेंगे।

शनिवार, 30 अगस्त 2025

UP K Varanasi Main बिजली कर्मियों को तीन माह से वेतन नहीं मिलने से आक्रोश

जब तक निजीकरण निरस्त नहीं होता बिजली कर्मियों का आंदोलन रहेगा जारी 

समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां हो वापस

सरफराज अहमद 

Varanasi (dil India live). बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 276 वें दिन भी बनारस के बिजली कर्मियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं की भांति व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

 कहा  कि निजीकरण किये जाने के लिए बिजली कर्मचारियों पर बड़े पैमाने पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के वापस न लिये जाने से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। संघर्ष समिति ने कहा कि कई हजार बिजली कर्मियों को 3 माह से वेतन नहीं दिया गया है जो पूरी तरह अमानवीय है। यह बिजली कर्मी तीन माह से वेतन न मिलने पर भी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं फिर भी उन्हें वेतन न देना उत्पीड़न की पराकाष्ठा है। विगत 9 माह से निजीकरण के विरोध में चल रहे बिजली कर्मियों के आंदोलन से खीझा हुआ प्रबंधन बड़े पैमाने पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां कर दमन पर उतर आया है। 

 


 वक्ताओ ने बताया कि हजारो  बिजली कर्मियों के तीन माह से वेतन रोकने के उपरांत भी बिजली के निजीकरण के विरुद्ध बिजलिकर्मियो का जोरदार विरोध प्रदर्शन जारी है साथ ही ये भी कहा कि उत्पीड़नात्मतक कार्यवाहिओ से निजीकरण स्वीकार नही करेगा बिजलीकर्मी।

      वक्ताओ ने कहा कि बिजली कर्मियों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया जाता और समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं होती।

           विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि फेसियल अटेंडेंस के नाम पर कई हजार बिजली कर्मचारियों को जून और जुलाई माह का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। अगस्त का महीना भी समाप्त हो रहा है और यदि इन बिजली कर्मचारियों को लगातार तीन माह तक वेतन नहीं दिया जाता तो यह बहुत ही गंभीर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही है और पूरी तरह अमानवीय है। 

     


वक्ताओ ने कहा कि निजीकरण के नाम पर मई के महीने में अत्यंत अल्प वेतनभोगी संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छटनी की गई थी। कई हजार संविदा कर्मी 55 वर्ष की आयु के नाम पर निकाले गए और कई हजार संविदा कर्मियों को डाउन साइजिंग करके हटा दिया गया। ध्यान रहे की संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाए जाने से विभिन्न जनपदों में प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

       


उत्पीड़न के नाम पर कई हजार बिजली कर्मचारियों को सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन के विपरीत दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया। यहां तक कि महिला कर्मियों को मात्र इसलिए दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया कि वे संघर्ष समिति की कार्यालय समय के उपरान्त होने वाली मीटिंगों में आ रही थीं।

      सभा को सर्वश्री ई. मायाशंकर तिवारी, ई. एस.के. सिंह, ई. नीरज बिंद, अंकुर पाण्डेय, सतेंद्र सुमन, अरुण गुप्ता, नन्हे कुमार, सुशांत गौतम, एस.के. भूषण,योगेंद्र कुमार, बृजेश यादव, पंकज यादव, रंजीत कुमार, अनिल यादव, रमाकांत पटेल आदि ने संबोधित किया।

Education: VKM Varanasi Main ‘दुख‘ के प्रकार, कारण तथा प्रबंधन पर मनोवैज्ञानिक ने की चर्चा

छात्राओं ने प्रस्तुत किया लघु नाट्य 

ख्यातिलब्ध मनोवैज्ञानिक डाॅ. लक्ष्मण का हुआ व्याख्यान


Varanasi (dil India live). वसन्त कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी में शनिवार को मनोविज्ञान विभाग एवं मनस्विनी क्लब के द्वारा दुख से विकास तक विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण छात्राओं द्वारा किया गया लघुनाटक तथा वाराणसी के ख्यातिलब्ध मनोवैज्ञानिक डाॅ. लक्ष्मण यादव का व्याख्यान था। डाॅ. लक्ष्मण यादव ने अपने व्याख्यान में ‘दुख‘ के प्रकार, कारण तथा उसके प्रबंधन के विषय पर चर्चा की। उपयुक्त उदाहरणों के द्वारा दुख के वास्तविक एवं कल्पित कारणों को पहचानने और विभिन्न तकनीकों के द्वारा उनका प्रबंधन करने का व्यावहारिक प्रदर्शन एवं शिक्षण किया गया। सत्र का आरंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव द्वारा विषय प्रवर्तन से किया गया। अपने सारगर्भित वक्तव्य में प्राचार्या ने समाज में बढ़ती मानसिक समस्याओं के प्रति चिंता व्यक्त की तथा इनके प्रति जागरूकता फैलाने पर बल दिया। सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. शुभ्रा सिंहा ने किया। कार्यशाला में मनोविज्ञान विभाग से डाॅ. अंजूलता सिंह तथा डाॅ. राम प्रसाद सोनकर आदि उपस्थित थे। 



खेल दिवस का प्रतियोगिताओं संग समापन 

वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा में तीन दिवसीय राष्ट्रीय खेल दिवस का समापन 30 अगस्त को हुआ। समापन दिवस पर नींबू दौड़ का फाइनल राउंड, शतरंज तथा कैरम प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर खेल भावना और प्रतिस्पर्धात्मक कौशल का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक हैं और खेल जीवन में अनुशासन तथा टीम भावना का संचार करते हैं। यह आयोजन खेल समिति प्रभारी डॉ. विजय कुमार के निर्देशन में सम्पन्न हुआ, जिसमें समिति के अन्य सदस्यों डॉ. आशीष, डॉ. मनोज, डॉ आर पी सोनकर, डॉ. अखिलेश, डॉ. शशिकेश, डॉ. पूर्णिमा, डॉ. सुप्रिया, डॉ. दीक्षा एवं डॉ. सिमरन का भी सक्रिय सहयोग रहा।

Hazrat Muhammad ने Duniya में अपने अखलाख से Islam फैलाया


जुलुसे मोहम्मदी को लेकर बैठक इतवार को

जुलूस ए मोहम्मदी में उमड़े लोग (फाइल फोटो)

Varanasi (dil India live). मरकजी दावते इस्लामी जुलूस-ए मोहम्मदी कमेटी की बैठक मगरिब की नमाज के बाद इतवार को खजूर वाली मस्जिद नयी सड़क में होने वाली है। कमेटी ने इस जुलूस को अमन और शांति के साथ निकालने के लिए विभिन्न मुहल्लों के उलेमा, जुलूस के ओहदेदारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया है।

उस दौर में न तो इंटरनेट था और न ही बुलेट ट्रेन और प्लेन, फिर भी नबी ने दुनिया के हर कोने में इस्लाम पहुंचा दिया। उस पैग़म्बरे इस्लाम की यौमे पैदाइश की आज खुशियां पूरी दुनिया मनाने जा रहा है।

गौरतलब हो कि पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स.) की यौमे पैदाइश (जन्मदिन) पर यह जुलूस परम्पराओं के साथ नबी के जश्न में नात, सलाम और कलाम पेश करते हुए तकरीबन तीन दशक से निकलता चला आ रहा है। जुलूस के संबंध में मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने बताया कि यह जुलूस दुनिया में अमन का पैग़ाम देने का जरिया है। जुलूस यह बताता है कि अरब की सरजमीं पर जब गुमराहियत आम थी, आदमी आदमी का दुश्मन था, लड़की की पैदाइश पर जिंदा लड़कियों को जमीन के सुपुर्द कर दिया जाता था, चारों ओर बुराई ही बुराई थी। ऐसे दौर में सुबह सादिक के वक्त अरब की सरजमीं पर आमीना बीबी के घर प्यारे नबी की पैदाइश हुई। 

नबी ने अरब ही नहीं समूची दुनिया में अपने अखलाख से इस्लाम फैलाया। उस दौर में न तो इंटरनेट था और न ही बुलेट ट्रेन और प्लेन फिर भी नबी ने दुनिया के हर कोने में इस्लाम पहुंचा दिया। उस पैग़म्बरे इस्लाम की यौमे पैदाइश की आज खुशियां पूरी दुनिया मनाएं जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। रबीउल अव्वल का चांद निकलने के बाद से ही मोमिनीन ने इस्लामी झंडा लगा दिया है। यह संकेत है कि आमीना बीबी के लाल हज़रत मुहम्मद (से.) की पैदाइश का दिन 12 रबीउल अव्वल का दिन नजदीक है।

Sport: मेजर ध्यानचंद महान खिलाड़ी ही नहीं बल्कि अनुशासन और देशभक्ति के प्रतीक थे

मेजर ध्यानचंद की स्मृति में गुरुनानक इंग्लिश स्कूल में रोमांचक खेलों का प्रदर्शन 

Varanasi (dil India live). हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती और राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में गुरुनानक इंग्लिश स्कूल प्रांगण में आज उत्साहपूर्ण बास्केटबॉल मैच और बॉलीबॉल मैच का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में खेल के प्रति भावना को बढ़ावा देना और मेजर ध्यानचंद के अतुलनीय योगदान को याद करना था।

मैच का शुभारंभ विद्यालय की  निदेशक महोदय एवं प्रधानाचार्य द्वारा मेजर ध्यानचंद के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "मेजर ध्यानचंद न केवल एक महान खिलाड़ी थे, बल्कि वे अनुशासन, लगन और देशभक्ति के भी प्रतीक थे। हमारा प्रयास है कि हम अपने विद्यार्थियों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करें और खेल को शिक्षा का एक अभिन्न अंग बनाएं।"इंटर हाउस मैचों में सीनियर्स में बास्केटबॉल  मैच का फ़ाइनल विद्यालय की दो प्रमुख टीमों, '[टीम नेताजी ]' और '[टीम रमन]', के बीच खेलागया। दोनों ही टीमों ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया, कड़े मुकाबले के बाद, '[टीम नेताजी]' ने [स्कोर] से मैच में जीत हासिल की।  सब जूनियर  में- फ़ाइनल मैच रमन  और टैगोर टीम के बीच  हुआ जिसमें  रमन टीम ने जीत हासिल की । विजेता टीम को प्रधानाचार्य द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे, जिन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।



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