श्रद्धांजली सभा में बोलते हुए डा. सानंद सिंह ने डा. लाल को अपने पिता का अभिन्न मित्र बताते हुए संस्थान का अभिन्न हितैषी बताया। कहा कि डा. लाल एक कुशल चिकित्सक ही नहीं बल्कि समाज सेवक के रूप में भी विख्यात थे। उनकी रुचि हिंदी साहित्य में भी थी उन्होंने दर्जनों कविता की रचना भी की है।
शोक सभा में प्रसिद्ध समाज सेवी डा. केएन लाल के बेहद करीबी कौशलेंद्र ने डा. लाल के समाज में सहज पैठ को याद करते हुए कहा कि वे नितांत सरल प्रकृति के व्यक्तित्व थे। वे न केवल एक कुशल होमियोंपैथ चिकित्सक थे बल्कि एक मजे हुए कवि भी थे। वे अपने कविताओं की भाषा में शब्दो का प्रयोग बड़े सूझ बूझ के साथ करते थे।
श्रद्धांजली सभा में उपस्थित डा. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, डा. ऋचा राय, डा. संगीता मौर्य, डा. निरंजन, डा. राम चन्द्र दूबे, कामेश्वर दूबे, अमित रघुवंशी, दिग्विजय उपाध्याय ने डा. लाल के चित्र पर पुष्पांजलि देते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। अंत में सभी उपस्थित जन दो मिनट का मौन रखते हुए उनको श्रद्धांजली अर्पित की। श्रद्धांजली सभा का संचालन डिग्री कालेज के प्राचार्य डॉ. राम चन्द्र दूबे ने किया।
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