Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे 8 दिवसीय कला एवं मानविकी में रिसर्च मेथडोलॉजी पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन उर्दू में तहक़ीक़ के उसूल-ओ-जवावित विषय पर व्याख्यान हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की प्रोफेसर शबनम हमीद ने उर्दू विषय मे शोध की आवश्यक पहलुओं पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उर्दू भाषा मे भी शोधार्थी सिर्फ डिग्री या स्कॉलरशिप के लिए शोध ना करे बल्कि समाज के सामने कुछ नया लाए। बीए की पढ़ाई के दौरान से ही उन्हें तहक़ीक़ की अहमियत बतानी होगी, ताकि उनकी परवरिश एक अच्छे शोधार्थी की तरह ही हो। उन्होंने कहा कि शोध में सच की तलाश करना चाहिए और ईमानदारी से विषय मे नई बात पैदा करने का जुनून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध के दौरान जो रुकावटें आती है उससे घबराने की जरूरत नही है बल्कि उससे निकलने का रास्ता बनाने की दिशा में बढ़ना चाहिए।शोध का कार्य सिर्फ खूबियां गिनाना ही नही है बल्कि कमियों को भी उजागर करना चाहिए। अंत मे उन्होंने शोधार्थियों को पुस्तकालय का नियमित दौरा, फील्ड विजिट ये सब जरूरी कदम है जिससे शोध की गुणवत्ता में सुधार आता है।
अतिथि का स्वागत रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसोदिया ने किया। संचालन उर्दू विभाग की डॉ. तमन्ना शाहीन तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्री लाल ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. सतीश कुमार सिंह, डॉ. राकेश कुमार राम, डॉ. संगीता जैन, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. रामेंद्र
सिंह, डॉ. बंदना बाल चंदनानी, डॉ. समीर कुमार पाठक आदि शामिल रहे। कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के 50 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए l
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