सोमवार, 1 नवंबर 2021

नृत्य की घटाओं संग बरसे सरगम के मोती

अर्द्धनारीश्वर नृत्य ने मोहा सभी का मन

  •  नवसाधना का रंगारंग सत्रारम्भ समारोह 2021-22



वाराणसी (dil india)। संगीत की स्वर लहरियों से समग्र मानव विकास को प्राप्त किया जा सकता है। साधना के दम पर ही प्रकृति और पुरुष के तत्व को आत्मसात किया जा सकता है। ये बाते  शिवपुर स्थित नवसाधना कला केन्द्र के बीपीए और एमपीए के सत्र 2021-22 के शुभारम्भ के सुअवसर पर मुख्य अतिथि वाराणसी धर्मप्रान्त के धर्माचार्य बिशप यूजीन जोसेफ ने कही। उन्होंने सभी युवा कलासाधकों को आंतरिक शक्ति विकसित करने की नसीहत दीं और कहा कि सफलता के लिए कठोर परिश्रम को जीवन का सूत्र बना कर आगे बढ़ना चाहिए।

प्रो. गोविंद वर्मा ने भगवद्गीता से श्लोक गान और सुष्मिता ने पवित्र बाइबिल से पाठ किया। मुख्य अतिथि ने गुरुजन व कलासाधकों के साथ दीप प्रज्ज्वलन किया। इस बीच नवसाधना कला केन्द्र के कामिनी मोहन पाण्डेय ने मुख्य अतिथि बिशप यूजीन जोसफ का स्वागत किया। साहित्यकार डॉ. रामसुधार सिंह ने कलासाधकों से कलाकार के रुप में अपनी पहचान बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी को मानव कल्याण के लिए कार्य करते रहना चाहिए।

बीपीए के कलासाधकों द्वारा राग अहिर भैरव में भजन ‘हरि तुम भक्तन के प्रतिपाल आय पड़ा हूँ, शरण तिहारे’ गाया तो सभी भक्ति के भाव से भर गए। भजन का संयोजन गोविन्द वर्मा ने किया। इसे अभिषेक, मोहित, निशी, विनोद, मोनोलिता, मनीष, आदर्श, पियूष, सुजाता ने प्रस्तुत किया। तबले पर प्रो. राकेश एडविन ने और हारमोनियम पर लक्ष्मण ने संगत किया।

बीपीए द्वितीय वर्ष के कलासाधकों ने पुष्पांजलि नृत्य प्रस्तुत कर ईश्वर को आमंत्रित किया और पुष्प सुमन अर्पित कर भावांजलि दीं। सभी ने नृत्य के द्वारा ईश्वर और गुरु के ज्योतिर्मय स्वरुप को वंदन किया। बीपीए चतुर्थ वर्ष के कलासाधकों ने तिल्लाना प्रस्तुत कर ढेरों तालियां बटोरीं।

इसके बाद ‘मोहे लागी लगन गुरु चरणन की...’ भजन के बोलो को आदर्श, निशी, सुजाता, पियूष ने प्रस्तुत किया। तबला पर प्रो. राकेश एडविन और हारमोनियम पर लक्ष्मण ने संगत किया।


नृत्य की अगली प्रस्तुति एमए की कलासाधिका करिश्मा केसरी और सुष्मिता खाल्खो की रहीं। दोनों ने अर्द्धनारीश्वर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। प्रकृति और पुरुष के संगम की आध्यात्मिक भावना से सभी भावविभोर हो गए। कलासाधिकाओं के पद संचालन और शिव पार्वती के एकल मुद्राओं ने सृष्टि को एकाकार कर दिया।

इस मौके पर उपप्राचार्य सिस्टर रोज़ली, सिस्टर मंजू, फादर सुनील मथाइस, फादर सी.आर. जस्टी, फादर जैकब, गोविंद वर्मा, कामिनी मोहन, राकेश एडविन, ए. रॉबिन, नेहा केसरी, रोस्मा रुबा, स्वाति उपाध्याय समेत कला केन्द्र के सभी कलासाधक उपस्थित रहे। मंच संचालन ज्योति व एलिशा ने किया। धन्यवाद प्रो.नेहा केसरी ने ज्ञापित किया।


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