बनारसी वस्त्र की कीमतों में भी हुई वृद्धि
- बुनकर सरदारों ने किया एलान
- बुनकर महापंचायत में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला
वाराणसी 14 नवंबर (dil india live)। कमरतोड़ महंगाई एवं बनारसी वस्त्र में उपयोग होने वाले जरी और धागों की कीमतों में भारी उछाल से गंभीर आर्थिक संकट एवं पलायन को मजबूर बुनकरों के सामूहिक हितों तथा बनारसी सनत के संरक्षण हेतु बुनकरों की मजदूरी एवं तैयार माल के दामों में वृद्धि की घोषणा आज मुत्तहिदा बुनकर बिरादराना तंजीम के सभी सरदार साहिबान की ओर से सामूहिक रूप से की गई तंजीम बाईसी के सरदार इकरामुद्दीन की अध्यक्षता में बुनकर कॉलोनी, नाटी इमली में आयोजित बुनकर पंचायत में बड़ी संख्या में बुनकरों ने भाग लिया जिसमें बुनकरों के पलायन को रोकने और बनारसी वस्त्र कला के संरक्षण के दृष्टिगत निम्न फैसले किए गए :
1-बेतहाशा महंगाई के मद्देनजर बुनकरों की मज़दूरी में 20% की त्वरित वृद्धि की जाए।
2-बनारसी साड़ी एवं वस्त्रों को स्थानीय एवं घरेलू बाजार में 25% की वृद्धि के साथ बिक्री की जाए।
3- तानी की जुड़ाई कारीगर के जिम्मे रहेगी ।
4-काम की बनवाई गिर्हस्ता के जिम्मे रहेगी।
5- पिछले कुछ दिनों में बुनकरों के साथ बड़े पैमाने पर ठगी के मामले सामने आए हैं जिसमें कुछ बाहरी लोग व्यापारी के भेष में यहां दुकानें खोलकर बुनकरों की बड़ी रकम लेकर रफू चक्कर हो जाते हैं। चूंकि आमतौर पर यहां उधार माल बेचने की प्रवृत्ति है इसलिए सभी बुनकर साथियों से अपील की जाती है कि वह किसी भी नई फर्म या अजनबी व्यक्ति को माल बेचने से पहले पूरी तरह से उस व्यक्ति की जांच परख कर लें और पूर्ण रूप से संतुष्ट होने पर ही माल बेचें। तंजीम बाईसी के सरदार इकरामुद्दीन, चौदहों के सरदार हाजी मकबूल हसन, पांचों के सरदार हाजी अली अहमद और सरदार हाजी जियाउल हसन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस बुनकर पंचायत में की गई सभी घोषणाओं का पंचायत में उपस्थित बुनकरों ने एक स्वर में समर्थन किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ कारी अताउल गफ्फार कासमी की तिलावत से हुआ। संचालन इशरत उस्मानी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक अब्दुल्लाह अंसारी ने किया। कार्यक्रम को मुख्य रूप से हाजी रियाजुद्दीन खान, यासीन फरीदी, मौलाना फैयाजुद्दीन कासमी, हाजी नूरुद्दीन, रमजान अली, हाफिज जमाल नोमानी, अखलाक अहमद महतो आदि ने संबोधित किया।
इस अवसर पर जैनुल हुदा, रमजान अली पार्षद, मौलाना अब्दुल अजीज, हाजी अब्दुल वहीद, हाजी नसीर अहमद, हाजी मोईनुद्दीन, मोहम्मद हनीफ, हाजी आफताब आलम मौलाना नईम, सरदार अब्दुल रहीम, मुनाउ सरदार आदि के अतिरिक्त बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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