शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

श्री कृष्ण राय हृदेयश की जयंती



गाजीपुर 25 नवंबर (dil india live)। स्वतंत्रता सेनानी साहित्यकार पत्रकार सर्वोदय श्री कृष्ण राय हृदेयश की जयंती गौतम आश्रम हृदेयशपथ पर मनाई गई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी एवं का गोष्ठी आयोजित की गई विषय परिवर्तन करते हुए डॉक्टर रिचा राय ने कहा हृदेयश जी संस्कृत निष्ठ कवि थे संस्कृत प्रेम और मानवतावाद इनके जीवन और दर्शन में देखा जा सकता था गाजीपुर में नागरी प्रचारिणी सभा स्थापित करके जेल में पुरुषोत्तम दास टंडन को दिए वचन का पालन करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में अविस्मरणीय योगदान दिया इनकी पहली रचना 1935 ईस्वी में प्रकाशित हुई और अंतिम 1990 में लगभग दो दर्जन कृतियों आज भी प्रकाशन नाधीन है गाजीपुर का इतिहास भी है हिंदी भाषा के शुद्धिकरण के लिए हृदेयश जी का वैसा ही प्रयास था जैसा काशी के महावीर प्रसाद द्विवेदी का /हृदेयश जी बहुभाषी थे इन हिंदी संस्कृत बांग्ला अंग्रेजी फारसी उर्दू पर समान अधिकार था मुख्य वक्ता राम अवतार ने कहा स्वतंत्रता के संस्कार इन्हें अपने दादा संगम राय से विरासत में मिला था विद्यार्थी जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण इन्हें स्कूल से निकालने का ऑर्डर हुआ था । इनकी कुशलता को पर रखते हुए प्रिंसिपल एल राय ने जुर्माना भरकर इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया शिक्षक होने के कारण पुलिस की निगाह से बस्ती रहे विदेशी पत्रकारों के लिए निर्भीकता निष्पक्षता और ईमानदारी 3 गुण आवश्यक मानते थे। पत्रकारों के लिए सवाल लंबी होना आवश्यक मानते थे । नेशनल हेराल्ड आज सहित दर्जनों पत्रों के स्थानीय संवाददाता रहे उनकी दृष्टि में कोई मनुष्य बड़ा है ना होता सत्य सत्य महा प्रकाश शंख पुष्प और नवदीप चारों महाकाव्य सहित गाजीपुर का इतिहास भोजपुरी भाषा की पहली सतसई, जैसी बहुमूल्य की कृतियों की सृजना करके हिंदी साहित्य का संवर्धन किया है उनका प्रचार -प्रसार होना चाहिए उन पर स्वतंत्र पुस्तक आनी चाहिए। शोध होना चाहिए इसके बाद काव्य -पाठ आयोजन किया गया। वरिष्ठ कवि कामेश्वर द्विवेदी माई रचना सुनकर भावुक किया , अपनी अगली रचना "मुसलमान है न हिंदू है वक्त इंसान है के द्वारा इंसानियत का पाठ पढ़ाया /शायर अख्तर कलीम ने "नफरत को अब वतन से मिटाने की बात कर पहले का वफा की राह पर तू हो जा फिर आई ना किसी को दिखाने की बात कर, '' हास्य व्यंग शायर हंटर गाजीपुरी ने भाईचारे का संदेश देते हुए कहा लड़ाई झगड़े से क्या मिलेगा जो हो सके तो प्यार बांटो ''कार्यक्रम में समकालीन कवि सुरेश वर्मा पूर्व सभासद संजय वर्मा, श्रीमती गिरिजा राय, हिमांशु राय आदि उपस्थित रहे।

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