भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग का किया मानर्मदन
वाराणसी 09 नवंबर (dil india live)। तुलसीघाट पर सोमवार को शाम के 4 बजते ही भगवान श्री कृष्ण जब अपने सखाओं संग कंदुक खेलना शुरू किया तो वातावरण कृष्ण की भक्ति में गोते लगाने लगा।लीला प्रसंग के अनुसार यमुना में गई गेंद को निकालने के लिए कृष्ण कदंब की डाल पर चढ़कर नदी में कूद गए और कुछ क्षण में ही कालिया नाग के फन पर सवार होकर बाहर आये,लोगों को दर्शन दिए तो वहां उमड़ा जनसैलाब कृष्ण की इस लीला को देख आत्मविभोर हो गया। इस दौरान हर -हर महादेव की गूंज, डमरू की गड़गड़ाहट आरती और भजन से पूरा वातावरण गूंज उठा। तुलसीघाट पर सैकड़ों साल पुरानी नागनथैया लीला कल फिर जीवंत हो उठी। कोरोना काल में इस लक्खा मेले के सकुशल आयोजन ने काशी की धार्मिक परम्परा के निर्वहन की एक मिशाल पेश की।3 बजते ही लीला स्थल पर लोगों के आने का क्रम शुरू हुआ महज एक घँटे में अस्सी,तुलसीघाट, रीवा घाट पर भीड़ से भर गयी। नाव,बजड़े पर सवार होकर लोग लीला देखने पहुँचे।संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो विशम्भर नाथ मिश्र और विजय नाथ मिश्रा ने भगवान श्री कृष्ण को माला पहनाया एवं परम्परागत रूप से बजड़े पर सवार महाराज काशी नरेश के प्रतिनिधि अनंत नारायण सिंह ने भी कान्हा को माला पहनाया। मेले सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी और गंगा में एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवान तैनात किए गए थे।3 बजे से ही लीला स्थल की ओर जाने वाले सभी मार्गो पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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