विश्व प्रसिद्ध कलाकारों की होगी लाइव प्रस्तुति
वाराणसी 22 नवंबर(dil india live)| पूरे एक साल के इंतज़ार के बाद, महिन्द्रा कबीरा फेस्टिवल 2021 एक बार फिर से श्रोताओं और कला प्रेमियों का स्वागत करने के लिए तैयार है। वैक्सीन का डबल डोज लगवा चुके श्रोताओं के साथ, ऐतिहासिक नगरी बनारस में, समयातीत नदी गंगा के किनारे, हम सब मिलकर फिर से संगीत, साहित्य और आख्यान के माध्यम से 15वीं सदी के रहस्यवादी कवि कबीर को याद करेंगे
26 से 28 नवंबर 2021 को आयोजित होने वाले फेस्टिवल में सीमित संख्या में केवल वही डेलीगेट और क्रू हिस्सा ले सकेंगे, जिनकी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, और वहां कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जायेगा। प्रोग्राम में शास्त्रीय और लोकसंगीत के साथ ही वार्ता, लाइव-आर्ट डेमोंस्ट्रेशन, कबीर के जीवन से जुड़ी जगह दिखातीं नौका की सैर, स्थानीय लजीज व्यंजन की बहार और सम्मोहित कर लेने वाली गंगा आरती प्रमुख होंगेद्य शहर के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण की व्यवस्था सिर्फ ‘सेफ’ होने की स्थिति में ही कराई जाएगी, लेकिन फिर भी हमारी कोशिश रहेगी कि आप इस ऐतिहासिक नगर को इसकी समग्रता में महसूस कर सकें।
महिन्द्रा ग्रुप के वाईस प्रेसिडेंट, हेड-कल्चरल आउटरीच, जय शाह ने फेस्टिवल के बारे में बात करते हुए कहा, “महिन्द्रा कबीरा फेस्टिवल 2021 आशा और उम्मीद के वादे के साथ वापस हाज़िर हैद्य ये बदलती हुई दुनिया में एक नई शुरुआत को दर्शाता है, वो दुनिया जिसे हम किसी भी तरह नज़रंदाज नहीं कर सकते। ऐसा संसार जो सहानुभूति और प्रेम से परिपूर्ण है, वो संसार जो कबीर के मन के करीब था। हमारी वापसी लचीलेपन और आगे बढ़ने पर जोर देती है, ये दोनों ही भावनाएं महिन्द्रा ग्रुप का सार हैं। प्राचीन ज्ञान व कला की नगरी, वाराणसी में लाइव परफोर्मेंस पेश करते हुए हम बेहद खुश हैं। वाराणसी महिन्द्रा कबीरा की पहचान है। हम अपने डेलीगेट्स और कलाकारों का स्वागत करते हैं, और एक सुरक्षित फेस्टिवल की उम्मीद करते हैं।”
फेस्टिवल में शामिल होने वाले विशिष्ट कलाकारों में शामिल हैंः सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी; हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली; हरदिल अजीज गायिका निराली कार्तिक; हिंदुस्तानी सितार वादक पुरबायन चटर्जी; मलयालम प्लेबेक सिंगर गायत्री असोकन; कार्नाटिक सुर व वायलिन की बेमिसाल जोड़ी रंजनी गायत्री; हिन्दुस्तान के सबसे अजीज लोककवि जुम्मा खान; नायाब दास्तानगो और मुहर्रम (सोज़-ख्वानी) कला के इकलौते कलाकार अस्करी नकवी; हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की जानी-मानी शैली बनारस घराना के पंडित अनूप मिश्राद्य फेस्टिवल में जाने-माने थियेटर आर्टिस्ट, अदाकार और सांस्कृतिक कार्यकर्त्ता एम.के. रैना के सदाबहार नाटक “कबीरा खड़ा बाज़ार में” को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया जायेगा। इस नाटक को लिखा था भीष्म साहनी ने, जिसे अनेक दशकों से सराहा गया है। अनिर्बान घोष (बान जी) द्वारा प्रस्तुत और दास्तान लाइव द्वारा अभिनीत, इस संगीतमय रचना में एम.के. रैना के गीत और कबीर के काव्य का संयोजन देखने को मिलेगा। इनके अलावा फेस्टिवल को और जीवंत करने आ रहे हैं संगीतकार-कहानीकार-लेखक-फ़िल्मकार रमण अय्यर और शिक्षाविद, अध्यात्मिक मार्गदर्शक व शोधकर्ता उमेश कबीर। द आह्वान प्रोजेक्ट के कलाकार कबीर के विचारों पर एक फ्यूज़न कोलेब्रेटिव प्रस्तुत करेंगे। फेस्टिवल में कुछ युवा और प्रतिभाशाली कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे जैसे संतूर-वादक दिव्यांश श्रीवास्तव; संगीतकार और गायिका चिन्मयी त्रिपाठी; बहुमुखी प्रतिभा के धनी जोएल मुखर्जी; दिल्ली के पियानोवादक, गीतकार व निर्माता अनिरुद्ध वर्मा और अन्य। वाराणसी के ऐतिहासिक घाटों पर प्रसिद्ध कलाकारों के म्यूजिक सत्र, शहर की रोमांचक गलियों का भ्रमण, चर्चाएँ और संवाद, समयातीत नदी में नौका की मंत्रमुग्ध कर देने वाली सैर, वाराणसी की प्राचीन परम्पराओं से जुड़े लजीज व्यंजन का स्वाद आपको एक बेमिसाल अनुभव प्रदान करेगा।
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