सोमवार, 10 मई 2021

ऐ मौला सब कुछ पहले सा कर दे...आमीन


आपसी सौहार्द व मदद का पैगाम है ईद- नबील हैदर

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। ईद का त्योहार सबको साथ लेकर चलने के लिए जाना जाता है। ईद सौहार्द की मिसाल वक्त वक्त पर पेश करती रही है।

उक्त बातें सैंयद नबील हैदर ने आज अर्दली बाजार में एक जलसे को खिताब करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ईद पर हर मुसलमान एक साथ नमाज़ पढ़ते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं। इस्लाम में जकात एक अहम पहलू है जिसमें हर मुसलमान को कुछ ना कुछ दान करने को कहा गया है। हिजरी कैलेंडर के शव्वाल महीने के पहले दिन इस त्यौहार को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह महीना चांद देखने के साथ शुरु होता है इस तरह रमजान आखरी दिन चांद देखने के बाद अगले दिन ईद मनाई जाती है। नबील ने कहा कि एक समय पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी इसी जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा कराया गया था।

इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हिजरी सवत 2 यानी 624 ई. में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया। नबील ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि पिछले साल और इस वर्ष में भी रमजान ईद कोरोना का भेंट चढ़ गया। उन्होंने रब से दुआ करते हुए कहा कि या रब इस मुसीबत से हम सब को निजात दे और पूर्व की भांति अमन चैन और सुकून की जिंदगी हम सब गुजरे, ऐ मौला सब कुछ पहले सा कर दे...आमीन।

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...