मुख्तार अंसारी का फर्जी पते पर अवैध असलहा प्रकरण में हुई सुनवाई
वाराणसी (सरफराज अहमद/दिल इंडिया लाइव)। यूपी के बाँदा जेल में बंद मऊ सदर के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का वजन 8 किलो घट गया है। वो बीमार भी रह रहे हैं। इसके बावजूद मुख्तार अंसारी को मानक के अनुसार जेल में सुविधा नहीं मिल रही है। यह आरोप मुख्तार अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने लगाया है। दरोगा सिंह ने मीडिया को बताया कि विधायक मुख्तार अंसारी के लेटर पैड द्वारा असलहे के मामले में आज कोर्ट द्वारा सुनवाई की गई जिसमें अगली तारीख 21 मई माननीय कोर्ट द्वारा दी गई। वही दरोगा सिंह ने अपने मुवक्किल का दुखड़ा रोते हुए मीडिया को बताया कि हमारे मुवक्किल एक विधायक है और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के मानक के अनुसार जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वो नहीं दी जा रही है। जिसके चलते हमारे मुवक्किल मुख्तार अंसारी की तबियत खराब हो गई जिससे उनका वजन बांदा जेल में चालीस दिनों में 8 किलो घट गया है। उन्हें सोने से लेकर अन्य जरूरत की चीजें माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में फिर एक बार कोर्ट से गुजारिश की गई है कि हमारे मुवक्किल को नियमानुसार जरूरी सुविधा मुहैया कराई जाए।
Bahubali lost 8 kg, staying ill
Hearing of Mukhtar Ansari on fake address in illegal case
Varanasi (Sarfaraz Ahmed / Dil India Live). Bahubali MLA Mukhtar Ansari has lost 8 kg in Mau Sadar in UP's Banda Jail. They are also living ill. Despite this, Mukhtar Ansari is not getting the facility in jail as per the standard. This charge has been made by Mukhtar Ansari's lawyer Daroga Singh. Daroga Singh told the media that the letter pad of MLA Mukhtar Ansari was heard by the court today in the case of Ashalhe, in which the next date was given by the Honorable Court on 21 May.The same Daroga Singh, while crying out the grief of his client, told the media that our client is an MLA and he is not being given the facilities that he should get as per the Supreme Court standard. Due to which the health of our client Mukhtar Ansari deteriorated due to which his weight in Banda jail has reduced by 8 kg in forty days. They are not being provided with other essential items from gold as per the guidelines of the Hon'ble Supreme Court. In such a situation, the court has once again been requested That our client be provided with the necessary facility as per rules.
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