ये कहानी है नन्हें रोजेदार की (12-05-2021)
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। हजारों साल नर्गिस अपनी बे नूरी पे रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा...। यह लाइन इस मासूम बच्चे पर बहुत ही ठीक बैठती है। जो एक रमज़ान से अब तक पूरा रोज़ा रखने में कामयाब रहा हैं। फिरोज आलम के लख्ते जिगर इस नन्हें रोजेदार ने लोगों के दिलों को जीत लिया। इतनी कम उम्र में पूरे एक माह का रोज़ा रख कर नमाज़ की पाबंदी के साथ दुआ का भी एहतमाम करता है।
काज़ी सादुल्लाह पूरा के रहने वाले 8 साल का यासीन, गुलिस्तां इंग्लिश स्कूल में दर्जा एक में पढ़ता है। कोरोना काल में भी पढ़ाई घर पर करने से नहीं भा
गता, मां बाप के लाख मना करने पर पिछले 2 वर्ष से पूरे माह का रोज़ा रखता चला आ रहा है।15 घंटा दिन भर भूखा प्यासा रहकर अपने मासूम हाथों से खुदा से दुआ मांगता है कि इस वबाई कोरोना मर्ज को ऐ अल्लाह हमारे मुल्क से दूर कर दे और सभी को सेहत व तंदुरुस्ती दे, हमे इल्म की रौशनी से मालामाल कर दे...आमीन।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें