शनिवार, 20 अगस्त 2022

Smil muniya ने मनाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी



Varanasi (dil india live). स्माइल मुनिया की ओर से रविन्द्र पुरी में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष मे गोविंदा आला रे कार्यक्रम  हर्ष  के वातावरण में सम्पन हुआ। इस दौरान स्माइल मुनिया की मेम्बर्स ने कृष्ण रूप, गोपी रूप में सज कर आई हुई थी। यहां कान्हा के जन्म, बालरूप का वर्णन करते हुए भजन गायन की प्रस्तुति नेे सभी का मन मोह लिया। 
 कार्यक्रम में जन्माष्टमी से संबंधित मजेदार गेम्स करवाए गए। संस्थापिका अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने पर्व की बधाई देते हरतालिका तीज की शुभकामना दी। इस अवसर पर कमजोर वर्ग की महिलाओं को साड़ी संग सुहागपिटारा दिया। संचालन संयोजिका निशा अग्रवाल ने किया, ममता तिवारी ने धन्यवाद दिया। चंद्रा शर्मा, नूतन रंजन, सुषमा, विनीता अग्रवाल, विनीता मेहरोत्रा, निधि मेहरोत्रा, अमृता शर्मा, लिपिका बोस, प्रीती जायसवाल, जयंती जायसवाल, शीला अग्रवाल इत्यादि बड़ी संख्या मे सदस्यों ने सहभागिता दर्ज करवाई।

Krishna Janmashtami की रही हर तरफ धूम





Varanasi (dil india live). शहर भर में धूमधाम से जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। इस पर्व पर मध्य रात्रि को भगवान श्री कृष्ण केे जन्म का उत्सव देखते ही बन रहा था। खासकर दुर्गाकुण्ड स्थित मणि मंदिर  विविध आयोजनों से चहकता रहा। जन्मोत्सव पर मणि मंदिर में प्रातः काल से ही  पूजन अर्चन प्रारंभ रहा। सर्वप्रथम ठाकुर जी का विशिष्ट श्रृंगार किया गया। उसके पश्चात विशाल नर्वदेश्वर शिवलिंग का भी श्रृंगार किया गया। सायंकाल स्थानीय कलाकारों द्वारा सोहर एवं बधाई गीतों का आयोजन किया गया। इसके अलावा स्थानीय विद्यालयों की छात्राओं द्वारा भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गयी। राजकीय बालिका इंटर कालेज की छात्राओं ने सर्वप्रथम सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गोपिराधा बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने आजादी के अमृत महोत्सव एवं कृष्ण रास पर आधारित नृत्य नाटिका की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इसके अलावा दुर्गाचरण बालिका इंटर कॉलेज, अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं ने भी प्रस्तुतियां दी।
इस अवसर पर सम्पूर्ण धर्मसंघ परिसर में फूल मालाओं से भव्य सजावट की गई थी। रात्रि में वृंदावन से आयी मण्डली द्वारा रासलीला भी प्रस्तुत किया गया। धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज ने सभी को आशीर्वचन दिया। पण्डित जगजीतन पाण्डेय ने कलाकारों का स्वागत किया। संचालन नवीन दुबे ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजमंगल पाण्डेय, शशि प्रभा पाण्डेय आदि शामिल रहे।

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

Education:खंड शिक्षा अधिकारी से मिलकर शिक्षकों ने समस्याएं गिनाई

चिरईगांव विकास खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता को सौंपा ज्ञापन

 Varanasi (dil india live). चिरईगांव विकास खंड के शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता से मिलकर गिरीश चंद्र यादव के नेतृत्व में अध्यापकगणों ने  चिरईगांव के समस्त अध्यापकों को देय उपार्जित अवकाश का अंकन सर्विस बुक में कराए जाने के लिए मांग पत्र सौंपा। इस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने त्वरित आदेश करते हुए शासनादेश के क्रम में पटल सहायक को सर्विस बुक में अंकन करने के लिए आदेशित किया ।

          इस मौके पर गिरीश चंद्र यादव, एहतेशामूल हक, बी एन यादव, जगदंबा प्रसाद तिवारी, कमलेश शर्मा, राजेश यादव, जावेद अहमद, हुसैन अहमद आरवी, राशिद अनवर, अश्विनी कुमार, गीता कुमारी दामिनी मिश्रा, ज्योति सिंह, बेबी फातिमा, राम राज भारती, जितेंद्र कुमार यादव, धर्मेंद्र कुमार सिंह कुशवाहा, कल्याण कृष्ण मौजूद थे।

treatment : बारिश के मौसम में रहें सतर्क,बच्चों की करें खास देखभाल

मच्छरदानी का करें प्रयोग,घर के पास रखें साफ–सफाई 

उल्टी-दस्त से बचाव के लिए पिलाएं साफ पानी व ओआरएस

बुखार होने पर डॉक्टर के उचित परामर्शानुसार दवा खिलायें


Varanasi (dil india live). बारिश के मौसम में बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह बीमार पड़ सकते हैं। इस मौसम में बच्चों को तीन तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पहला- सर्दी, खांसी, जुकाम एवं बुखार, दूसरा- उल्टी दस्त और बुखार तथा तीसरा- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा मच्छरजनित रोग। यह कहना है कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एस.पी. सिंह का। 

          उन्होंने बताया कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से बचाव के लिए बच्चों को बारिश के पानी से दूर रखें। अक्सर बच्चे बारिश में भीग जाते हैं जिससे ये बीमारियाँ पैदा होती हैं। उल्टी तथा दस्त से बचाव के लिए उन्होने बताया कि साफ पीने के पानी का प्रयोग करें तथा घर का बना हुआ ताजा खाना खिलायें, बासी खाना खिलाने से परहेज करें। बच्चे को बाजार की कोई भी खुली हुई चीज बिलकुल न खिलायें। छोटे बच्चे पर विशेष ध्यान देना है कि वह जमीन पर गिरी हुई कोई भी खाद्य सामग्री उठाकर न खाएं तथा बच्चों को खेलने के लिए ऐसे खिलौने दें, जो धुलकर साफ किया जा सके। 

मच्छरों से बचाएं 

डॉ एस.पी. सिंह ने बताया कि घर के आस-पास साफ–सफाई रखें तथा कहीं भी (कूलर, छत पर पड़े टायर, गमले, नारियल के खोल, टीन के डिब्बों आदि में) पानी न इकट्ठा होने दें, जिससे उसमें लार्वा न पनप सकें। बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएँ एवं कमरे में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर से बचने के लिए अन्य साधनों का भी उपयोग कर सकते हैं।   

उल्टी-दस्त से करें बचाव

 डॉ सिंह ने कहा कि घर में ओआरएस का पैकेट जरूर रखें, जिससे उल्टी-दस्त होने पर बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। उल्टी होने पर ओआरएस का घोल या अन्य पेय पदार्थ जैसे दाल का पानी, पतली दलिया तथा मांड थोड़ी-थोड़ी मात्रा में जल्दी-जल्दी देना सुनिश्चित करें, यदि बच्चा उल्टी करता भी है तो थोड़ा-थोड़ा ओआरएस का घोल तथा पेय पदार्थ देते रहें। ओआरएस के पैकेट दो तरह के होते हैं -  छोटा पैकेट 200 मिलीलीटर (एक गिलास) पानी में घोलना होता है तथा बड़ा पैकेट एक लीटर पानी में घोलना होता है। घोल बनाते समय, सही संयोजन आवश्यक है अन्यथा यह हानिकारक भी हो सकता है।   

विशेषज्ञ-चिकित्सक से लें सलाह

डॉ सिंह ने कहा कि बच्चे को बुखार होने पर डॉक्टर की उचित परामर्श के अनुसार दवा खिलायें। यदि घर में बुखार की दवा न हो तो बुखार आने पर सूती गीले कपड़े से शरीर को पोंछना, बुखार उतारने का एक उपयोगी तरीका है। कुछ बच्चों को बुखार आने पर कभी-कभी हल्का मिर्गी की तरह का दौरा पड  सकता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे को सुविधानुसार करवट पर लिटा दें और उसकी गर्दन को सीधा रखें। बुखार उतारने के लिए भीगे कपड़े से शरीर को पोंछे और चिकित्सक से उचित परामर्श लें। 

अगर ठंड देकर बुखार आ रहा है मलेरिया हो सकता है, तो खून की जांच करायें तथा यथाशीघ्र इलाज करना सुनिश्चित करें। डेंगू बुखार में कुछ बच्चों की प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं, ऐसे में प्लेटलेट्स की जल्दी-जल्दी जांच कराना जरूरी होता है। जनपद के कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था है।

Sri krishna जन्माष्टमी आज:पूजन के लिए दिनभर में पांच मुहूर्त

जन्माष्टमी बना रही है इस बार आठ बड़े शुभ योग


Varanasi (dil india live). आज देश दुनिया में श्रीकृष्ण का 5249 वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। रात के आठवें मुहूर्त में भगवान Sri krishna का जन्म हुआ था। आज रात 12.05 के बाद 12:45 तक मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नाथद्वारा और इस्कॉन मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्म का पर्व मनाया जाएगा। लोग अपने घरों में भी इस समय कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। आधी रात के मुहूर्त के साथ ही पूजा के लिए दिनभर में कुल पांच मुहूर्त रहेंगे। 

सनातन पुरोहितों की मानें तो इस त्योहार पर आठ बड़े शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसा पिछले 400 सालों में नहीं हुआ। इसलिए ये जन्माष्टमी पर्व बहुत खास है।

गुरुवार, 18 अगस्त 2022

Accident: ट्रक की चपेट में आने से विकास भवनकर्मी बाइक सवार की मौत

बड़ागांव ब्लॉक में सेक्रेटरी पद पर हाल ही में हुआ था प्रमोशन


Rajkumar Gupta

Varanasi (dil india live). विकास भवन से अपने घर लौटते समय राजातालाब निवासी बाइक सवार मनोज केसरी 42 वर्ष की परमपुर रिंग रोड पर रात्रि में लगभग 9 बजे ट्रक की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गये। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने परिजनों को सूचना देते हुए एंबुलेंस से इलाज के लिए बीएचयू में स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया जहां पर इलाज के दौरान बुधवार रात को घायल मनोज केसरी की मौत हो गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक मनोज कुमार केसरी विकास भवन में बड़े बाबू के पद पर कार्यरत थे। 

हाल ही में बड़ागांव ब्लॉक में सेक्रेटरी पद पर प्रमोशन हुआ था। जिनका विकास भवन से वापस घर लौटते समय रिंग रोड पर ट्रक से एक्सीडेंट हो गया। मौत की सूचना मिलने पर पत्नी जानकी देवी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। मृतक को एक लड़का अभिषेक 18 तथा दो लड़की वंदना व ख़ुशी है। मृतक मनोज तीन भाईयो व एक बहन में सबसे बड़े थे।

बुधवार, 17 अगस्त 2022

Ganga का जलस्तर फिर लगा डराने

तेजी से बढ़ रही गंगा मुश्किल में काशीवासी



Varanasi (dil india live).गंगा का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है। गंगा केे बढ़ते जलस्तर ने काशीवासियों को डराना शुरू कर दिया है। गंगा नदी का जलस्तर 60 मिलीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जिससे गंगा के तटीय क्षेत्रों में लोगों को एक बार फिर बाढ़ का भय सताने लगा है। सेंट्रल वॉटर कमिशन जारी आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी में माँ गंगा का जलस्तर 64 मीटर को पार कर चुका है। जो निरंतर और बढ़ता जा रहा है। हालांकि माँ गंगा का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान 71.262 मीटर से काफी नीचे है। फिर भी वाराणसी के 84 घाटों ने आपस में अपना संपर्क तोड़ दिया है। जिससे घाटो के किनारे कथा वाचन करने वाले पुरोहित और फूल मालाओं की दुकान लगाने वाले दुकानदारों को भी अपने स्थान में परिवर्तन करना पड़ा है। वहीं बाढ़ की वजह से किसी भी संभावित खतरे को लेकर वाराणसी प्रशासन पूर्णतया मुस्तैद है।एनडीआरएफ और जल पुलिस द्वारा लगातार घाटों की निगरानी की जा रही है।